Sath Chalte Hue (Rowing Together)

Sath Chalte Hue (Rowing Together)

Language:

Hindi

Pages:

180

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

360 mins

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Book Description

सहज प्रवाह में कई बार तो हवाओं के विरुद्ध भी<strong>, </strong>आगे बढ़ते<strong>, </strong>हम दोनों याद करते हैं कि इस संकलन की कविताओं को आकार देते हुए हमारा साथ कैसा रहा। लेकिन इस स्थिति से पहले हम अनुभव और भाषा की निजी धाराओं से भी गुज़रे। एक-दूसरे की कविताओं के अनुवाद की प्रक्रिया हमारे लिए जितनी प्रीतिकर श्रम थी<strong>,</strong> उतनी ही नैसर्गिक भी। किसी के मन में यह जिज्ञासा हो सकती है कि हमने अपने रचनात्मक लेखन के बजाय अनुवाद करने की बात क्यों सोची <strong>? </strong>उसका उत्तर तनिक भी मुश्किल नहीं है। भाषा की सरहदें गलने-पिघलने लगती हैं जब कविता का अनुभव आसानी से एक-दूसरे तक पहुँच रहा हो। हमारी कविताओं ने यह भी तय किया कि वे एक-दूसरे की हो लें और एक अन्य भाषा में ख़ुद को कहें। हमने सिर्फ़ उनकी एक कामना को सुना<strong>, </strong>शायद यह देखने-जानने के लिए भी<strong>, </strong>कि किस तरह अनूदित कविताएँ एक बार फिर ‘मौलिक’ हो जाती हैं<strong>, </strong>कुछ खोकर या शायद कुछ हासिल करके भिन्नता पाती हुईं।</p> <p>—सुकृता

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