Lautati Dopaharein

Lautati Dopaharein

Authors(s):

Sonnet Mondal

Language:

Hindi

Pages:

116

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

232 mins

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Book Description

सॉनेट मंडल अंग्रेजी कविता और साहित्य के सुपरिचित नाम हैं। हिन्दी में यह उनका पहला कविता-संग्रह है। लौटती दोपहरें&nbsp; की कविताएँ पढ़कर लगेगा कि ये एक ध्यानस्थ मस्तिष्क से प्रसूत रचनाएँ हैं। एक मन जो पूर्ण एकाग्रता की एक सीधी रेखा पर स्वयं को, अपने बहुत निकट से प्रसरित होकर ब्रह्मांड के छोर तक जाते समय को, अपने अतीत को और उस बीते, लेकिन कहीं अब भी ठहरे हुए काल में फॉसिल्स की तरह जमी स्मृतियों को बहुत ललक से देखता है।</p> <p>वे कहते हैं—‘समय मेरी अदृश्य छाया है/उजाले में अदृश्य/नंगी आँखों से छिपी/सहज-बोध के लिए खुली।’ इस समय को पकड़ने और इन कविताओं के अन्तस तक पहुँचने के लिए हमें एक समतल अहसास के रास्ते पर चलना होता है। उनके कवि ने अपनी हर पद-चाप को ध्यान से सुना है, और बहुत करीने से कविता में निथारा है।

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