
Katauti
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
99
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
198 mins
Book Description
निलय उपाध्याय का कविता–संग्रह ‘कटौती’ आज लिखी जा रही कविता के समूचे परिदृश्य में एक नई काव्य–सम्भावना से भरपूर किसी महत्त्वपूर्ण दिशासूचक, सृजनात्मक परिघटना की तरह उपस्थित है। पिछले कुछ वर्षों से महत्त्वपूर्ण हो उठे महानगर के काव्य–वर्चस्व को एक नितान्त वरिष्ठ काव्य–सामर्थ्य और भिन्न काव्य–संरचना के माध्यम से चुनौती देती ये कविताएँ हमें अनुभवों के उस दैनिक संसार में सीधे ले जाकर खड़ा करती हैं, जहाँ ध्वंस और निर्माण, विनाश और संरक्षण, हिंसा और करुणा के अब तक कविता में अनुपस्थित अनेक रूप अपनी समूची गतिमयता, टकराहटों, विकट अन्तर्द्वन्द्वों और अलक्षित आयामों के साथ उपस्थित हैं।</p> <p>‘कटौती’ की ये कविताएँ हम तक हमारे अपने समय के उस वर्तमान की दुर्लभ और अलभ्य सूचनाओं को पहुँचाकर एक साथ स्तब्ध और सचेत करने का कठिन प्रयत्न करती हैं, जिस वर्तमान को इसी दौर की अन्य कविताएँ या तो अतीत की तरह देखने की आदी हो चुकी हैं, या फिर उसे ‘लोक अनुभव’ मानकर स्वयं उस महानगरी ‘फोक’ ग्रन्थि का उदाहरण बन जाती हैं, जो एक तरफ़ सरलतावादी प्रगीतात्मकता और दूसरी तरफ़ ‘प्रकृतिवादी’ नॉस्टेल्जिया के प्रचलित विन्यासों और सर्व–स्वीकृत काव्योक्तियों में पिछले लम्बे अरसे से अपरिचित होकर भी सम्मानित बनी हुई है। निलय उपाध्याय की ये कविताएँ एक अद्भुत निस्संगता, निस्पृहता, रचनात्मक कौशल और विरल तल्लीनता के साथ, एक नई और सहजात काव्याभिव्यक्ति के द्वारा इस ‘सम्मानित’ को चुपचाप अपदस्थ करती हैं।