Jab Dharti Nagme Gayegi
Author:
Sahir LudhianviPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Poetry0 Reviews
Price: ₹ 399.2
₹
499
Available
साहिर लुधियानवी के फ़िल्मी गीतों का अपना एक अलग मेयार है। उनके गीतों से हम हर मौक़े के लिए गीत चुन सकते हैं—चाहे प्रेम का इज़हार हो या जुदाई का ग़म, ईश्वर के समक्ष पीड़ा का बयान हो या फिर हास्य-व्यंग्य की धार। उनसे हम अपने दिल की कैफ़ियत को बख़ूबी बखान कर सकते हैं।</p>
<p>बचपन में पिता के घर से बेघर होने की त्रासदी, माँ के साथ पिता के अमानवीय बर्ताव आदि ने किशोर साहिर के अन्दर जो अवसाद का मवाद भरा था; उसने उनके पूरे जीवन को प्रभावित किया और आगे चलकर शब्दों में आकार लिया। उनके आधे-अधूरे प्रेम की पीड़ा ने भी उनके शब्दों को प्राण तथा क़लम को ख़ूबी बख़्शी, जिससे वे समाज की विसंगतियों और जीवन-जनित हर पहलू को ख़ूबसूरती व बेबाकी से उभार सके। यह साहिर की क़लम की ताक़त ही है कि फ़िल्मी नग़्मों का उनका यह संकलन संगीत के सहारे के बिना भी अपने पाठ में अपनी अदबी गुणवत्ता का क़ायल बना लेने का माद्दा रखता है।
ISBN: 9789389598667
Pages: 480
Avg Reading Time: 16 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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