Ghanmala : Aacharya Kunwar Chandraprakash Singh Ke Geet

Ghanmala : Aacharya Kunwar Chandraprakash Singh Ke Geet

Language:

Hindi

Pages:

190

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

380 mins

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Book Description

'घनमाला' महाकवि कुँवर चन्द्रप्रकाश सिंह की काव्य-साधना का अन्तिम गीत-संग्रह है। इस गीत-संग्रह का प्रकाशन भारत की स्वतन्त्रता के अमृत महोत्सव वर्ष में किया जा रहा है। इसमें कुल 150 गीत संकलित हैं। इन 150 गीतों में 75 गीत प्रायः सन् 1978 ई. के बाद रचे गए हैं। इन गीतों में छायावाद युग के गीतों के वही भाव मिलेंगे जो छायावाद के उत्कर्ष काल में रचे गए गीतों में मिलते हैं। इसीलिए कुँवर जी को छायावाद का अन्तिम कवि माना है और उनके शताब्दी न्यासी कवि व्यक्तित्व में जीवन के अन्तिम क्षणों तक छायावादी भाव-भूमि को सन्निहित देखकर उन्हें छायावाद के उन्नायक कवि की उपाधि से अलंकृत किया है।<br>इस गीत-संग्रह को दो खंडों में विभक्त किया गया है। पहले खंड में सन् 1978 ई. के बाद रचे गीत संकलित हैं और दूसरे खंड में छायावाद के उत्कर्ष काल में रचे गए गीत हैं। इस संकलन के दूसरे खंड में छायावाद के उत्कर्षकाल के गीत इसलिए संकलित किए गए हैं, जिससे पाठक पहले खंड तथा दूसरे खंड के गीतों को पढ़कर यह समझ सकें कि कुँवर जी की काव्य-साधना में छायावाद की अनुभूति तथा अभिव्यक्ति का सम्पूर्ण काव्य-वैभव आदि से अन्त तक समान रूप से विद्यमान है।

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