Stree : Yaunikta Banam Aadhyatmikta
Author:
Pramila K.P.Publisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 316
₹
395
Available
हिन्दी में विमर्श-ग्रन्थों की दुर्दशा का एक कारण आत्ममन्थन की जगह आत्मश्लाघा का होना है। छोटे-बड़े मंचों पर बड़ी-बड़ी बातें अवश्य की जाती हैं, पर रूढ़ियों में जकड़े व्यक्ति की नीयत उसकी देह-भाषा और बातचीत से ज़ाहिर हो ही जाती है। हिन्दी में उपलब्ध ज़्यादातर विमर्श-ग्रन्थों का यही द्वन्द्व है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति-केन्द्रित अनुभवों से ऊपर उठकर समष्टि मनुष्य के व्यापक हित की ओर ध्यान केन्द्रित करने की ज़रूरत है।
आज प्रचलित सभी विमर्शों में स्त्री-विमर्श अपने सर्वव्यापी वैचारिक महत्त्व के कारण सबसे महत्त्वपूर्ण है। इसका ताल्लुक़ संसार की आधी आबादी से है। वह आबादी जिसकी रचनात्मकता के सक्रिय योगदान से यह दुनिया अभी तक वंचित रही आई है; और जिसके योगदान को रेखांकित करने की कोई प्रविधि पुरुष की मनीषा ने अभी तक ईजाद नहीं की। आज के स्त्री-विमर्श का यह दायित्व है कि वह सभी वर्गों के लोगों की चेतना को इस दिशा में संवेदित करे। स्त्री-विमर्श का सचेतन प्रयास होना चाहिए कि सांस्कृतिक जन-जीवन को समग्रता के साथ ग्रहण कर समष्टि चिन्तन को व्यापक रूप दिया जाए। प्रस्तुत किताब इसी प्रयास को महत्ता के साथ रेखांकित करती है।
यह किताब स्पष्ट करती है कि स्त्री-विमर्श के साथ मनुष्य-जीवन के सभी पक्षों व विषयों का उचित समायोजन हो, क्योंकि स्त्री-पक्ष और स्त्री-चिन्तन का सतत पुनर्वाचन एक ऐतिहासिक ज़रूरत है। विज्ञान और संचार-क्रान्ति की सम्भावनाओं में डूबते-उतराते ‘सांस्कृतिक-जनजीवन’ के समक्ष यह किताब स्त्री-विमर्श की राह को प्रशस्त तो करती ही है, साथ ही यह उम्मीद भी करती है कि ख़ुद के साथ समस्त जीवों की संवेदनात्मक तपिश व वैचारिक उधेड़बुन से उपजे कुछ तथ्य सामने आएँ, ताकि स्त्री-विमर्श को नव-अन्तरानुशासिक मार्ग से आगे बढ़ाया जा सके। इसमें सन्देह नहीं कि समकालीन स्त्री-चिन्तन, लिंग-संवेदना, स्त्री-प्रकृति, स्त्री-यौनिकता, देह-विमर्श, सांस्कृतिक संक्रमण, सिनेमा आदि विषयों के समायोजन में हिन्दी में यह पहला प्रयास है।
ISBN: 9788126719129
Pages: 261
Avg Reading Time: 9 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Bharat Mein Panchayati Raaj
- Author Name:
Pramod Kumar Agrawal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Artharth
- Author Name:
Anshuman Tiwari
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Agnipankhi
- Author Name:
Surya Bala
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bhopal Gas Trasadi Ka Sach
- Author Name:
Moti Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Seengawale Gadhe
- Author Name:
Prem Janmejay
- Book Type:

- Description: प्रेम जनमेजय से मिलकर, बात कर, कभी नहीं लगता कि ये व्यंग्य विधा की राह के पहुँचे हुए मुसाफिर हैं। ऐसा ही श्रीलाल शुक्लजी के साथ था। वे कभी बातचीत में व्यंग्य नामक हथियार का इस्तेमाल नहीं करते थे। ये ऐसे व्यंग्य-गुरु हैं, जो अपनी तिरछी नजर पर मृदुता, मस्ती और मितभाषिता का चश्मा लगाए रहते हैं। कुछ लोगों का खयाल है कि व्यंग्य लेखक एक किस्म के कार्टूनकार होते हैं, जिन्हें सारी दुनिया आँकी-बाँकी दिखाई देती है। एकदम गलत धारणा है यह। जैसे कविता, कहानी, उपन्यास नाटक और निबंध, साहित्य की विधाएँ हैं, वैसे ही व्यंग्य तथा हास्य, व्यंग्य की विधाएँ हैं। कमजोर हाथों में पडक़र ये विद्रूप और फूहड़ हँसी-ठट्ठा का रूप लेती होंगी, लेकिन प्रेम जनमेजय उन इलाकों में जाते ही नहीं हैं। वे हरिशंकर परसाई, शरद जोशी और श्रीलाल शुक्ल की परंपरा में व्यंग्य विधा में संलग्न हैं। उनके लिए व्यंग्य एक गंभीर कार्य और चिंतन है, जिससे वे समाज की विसंगतियों और समय के अंतर्विरोधों पर रोशनी डाल सकें। परिवर्तन काल सुविधा के साथ-साथ सक्रांति काल भी लाता है। प्रेम जनमेजय ने बहुत समझदारी और गहन अध्ययन से अपनी साहित्य-विधा चुनी है। व्यंग्य विधा पर चाहे जितना हमला किया जाए, सब जानते हैं कि बिना व्यंग्य-विनोद के कोई भी रचना पठनीय नहीं हो सकती। प्रेमजी में एक कथातत्त्व समानांतर चलता है। इसी कथा-जाल में वे धीरे से अपना काम कर जाते हैं। —ममता कालिया
Pt. Shyamnarayan Pandey Granthawali (Set of Volumes 1, 2, 3 & 4)
- Author Name:
Purusharth Singh::Dr Anjana Singh Sengar::Dr Seema Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
ARCHIMEDES
- Author Name:
Nandini Saraf
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Chintan Karo, Chinta Nahin
- Author Name:
Swami Vivekanand
- Book Type:

- Description: भारतीय सांस्कृतिक पुनर्जागरण की वैश्विक आध्यात्मिक विभूति स्वामी विवेकानंद शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में मंत्रमुग्ध करनेवाले अपने भाषणों के बाद बहुत प्रसिद्ध हो गए थे। उनके शक्तिशाली शब्दों ने दुनिया भर के लोगों को प्रेरित किया है। उन्होंने मानव कल्याण और समाजहित के लिए जो सूत्र बताए, वे आज भी प्रासंगिक हैं। उनकी प्रभावी और ओजस्वी वाणी, प्रखर चिंतन व संवेदनशीलता ने मानवता को समता और समभाव का संदेश दिया। उनके शब्दों में अद्भुत और अप्रतिम सकारात्मकता थी, जो श्रोताओं को प्रेरित करती थी और साथ ही आत्मावलोकन के लिए प्रेरित भी । प्रस्तुत पुस्तक में स्वामी विवेकानंद द्वारा दिए गए सबसे उत्कृष्ट और प्रभावी भाषणों में से केवल पच्चीस संगृहीत हैं, जो कालजयी और सार्वकालिक हैं। स्वामी विवेकानंद के श्रीमुख से निःसृत ये शब्दरल हमारे जीवन को दिशा देने और सार्थकता प्राप्त करने की कुंजी हैं। स्वतंत्र होने का साहस करें, जहाँ तक आपके विचार जाते हैं, जाने का साहस करें और उसे अपने जीवन में उतारने का साहस करें। --स्वामी विवेकानंद
Ramvilas Sharma Ke Patra
- Author Name:
Ramvilas Sharma
- Book Type:

- Description: लेखकों और कलाकारों के पत्रों में एक विशेष क़िस्म की ऊष्मा होती है। कारण कि वे अपने समय को न सिर्फ़ गहराई से देखते हैं, बल्कि उस पर एक विशेष नज़रिये से विचार भी करते हैं। इस पुस्तक में रामविलास शर्मा द्वारा लिखे गए पत्रों को खोजकर संकलित किया गया है। रामविलास जी हिन्दी आलोचना के बड़े स्तम्भ रहे हैं, और आज भी हैं। उन्होंने भाषा तथा साहित्य पर विपुल लेखन किया। इन पत्रों में हमें उनका एक अलग और बहुत आत्मीय रूप दिखाई देता है। उनके पत्रों को लेकर कुछ पुस्तकें पहले भी प्रकाशित हो चुकी हैं लेकिन उनमें उनके लिखे पत्र कम ही हैं। उन्हें लिखे गए पत्रों की संख्या ज़्यादा है। उनके लिखे पत्रों को एक ज़िल्द में उपलब्ध कराने की मंशा ही इस पुस्तक की वजह बनी। इन पत्रों को प्राप्त करने के लिए सम्बन्धित लोगों से पत्र-व्यवहार से लेकर साहित्यिक पत्रिकाओं में विज्ञापन तक दिए गए। इसके अलावा भी हर सम्भावित व्यक्ति से सम्पर्क किया गया, तब जाकर यह सामग्री एकत्र हो पाई। इन पत्रों में रामविलास जी की सहज संवेदना तो दिखाई देती ही है, पत्र पाने वालों की दैनन्दिन समस्याओं के प्रति गम्भीर सहानुभूति भी दृष्टिगोचर होती है। रामविलास जी की साहित्येतर रुचियों की जानकारी भी हमें इनसे मिलती है। कहने की ज़रूरत नहीं कि यह एक दस्तावेज़ी और संग्रहणीय पुस्तक है।
My Transportation for Life
- Author Name:
Vinayak Damodar Savarkar
- Book Type:

- Description: The story is told. The curtain has been brought down on it. Two life sentences have been run. And I have brought my recollections of them within the cover of this book. They are narrated in brief and put together within the narrowest. When I came into this world, God sent me here, possibly on a sort of life sentence. It was the span of life allotted to me by time to stay in this "prison-house of life". This story is a chapter of the book of life, a long story that has not yet ended. You can finish reading the book in a day, while I had to live it for 14 long years of transportation. And if the story is so tiresome, unendurable and disgusting to you, how much must have been the living of it for me! Every moment of those 14 years in that jail has been an agony of the soul and the body to me and to my fellow convicts in that jail. It was not only fatiguing, unbearable and futile to us; it was equally or more excruciating to them than to me. And it is only that you may know it and feel the fatigue, the disgust and the pain of it as we have thought it that I have chosen to write it for you. - Excerpts from this book This is the story of Swatantrayaveer Vinayak Damodar Savarkar, a great revolutionary, politician, poet and seer who tried to free India from the British yoke! British policy was to torture and persecute the political prisoners/revolutionaries so that they would reveal the names of all their colleagues or go mad or commit suicide. My Transportation for Life is a firsthand story of the sufferings and humiliation of an inmate of the infamous Cellular Jail of Andamans, the legendary Kala Paani. The physical tortures inside the high walls were made all the more insufferable by the sickening attitude of the men who mattered - the native leaders back home. This is a running commentary on the prevalent political conditions in India and a treatise for students of revolution. It is a burning story of all Tapasvis who were transported to Andaman.
Geography quiz book
- Author Name:
Sachin Singhal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BIHAR KA AADHUNIK ITIHAS
- Author Name:
PARDUMAN SINGH
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Apana Paraya
- Author Name:
Ramesh Pokhriyal 'Nishank'
- Book Type:

- Description: "अपना पराया एक सामाजिक उपन्यास है, जिसमें सुप्रसिद्ध उपन्यासकार डॉ. रमेश पोखरियाल ‘िनशंक’ बड़े कौशल से पर्वतीय अभावमय जीवन, सामाजिक विसंगतियों, अनमेल विवाह, विधवा-समस्या, सास-बहू-संबंध, वर्तमान शहरी प्रभाव, शिक्षा-स्वास्थ्य-िबजली-पानी-सड़क आदि और अन्य कई ग्रामीण समस्याओं का चित्रण कर उनका समाधान पाठक के ऊपर छोड़ देते हैं। कुछ समस्याओं-शैक्षिक आत्मनिर्भरता, संशोधित घराट योजना आदि का वह समाधान भी प्रस्तुत करते हैं। उपन्यास मानवीय संबंधों और संवेदनाओं को उजागर करने में समर्थ है। आत्मीयता, विश्वास, आस्था और स्नेह-प्रेम के भाव पराए को भी अपना बना लेते हैं और इनके अभाव में अपना भी पराया-सा लगता है। ग्रामीण मुहावरेदार और लोकोक्तिपरक वाक्य- रचना उपन्यास के आंचलिक वैशिष्ट्य को सामने लाती है। पहाड़ के रीति-िरवाज एवं सांस्कृतिक जीवन-मूल्यों का दिग्दर्शन कराता एक मर्मस्पर्शी, संवेदनशील उपन्यास! "
Oonchi Udaan Ki Ore
- Author Name:
Dr. Ram Buxani
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Australiya Ki Pratinidhi Kahaniyan "ऑस्ट्रेलिया की प्रतिनिधि कहानियाँ" Book In Hindi
- Author Name:
Rita Kaushal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ek Aur Madhushala
- Author Name:
Dr. Suresh Prasad
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Prashikshan Kala
- Author Name:
Mahendra Nath Chaturvedi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Paramparagat Sanskriti aur Adhunikta ka Sangam AUSTRIA
- Author Name:
Ramesh Pokhriyal 'Nishank'
- Book Type:

- Description: ऑस्ट्रिया अत्यधिक औद्योगीकृत, विकसित और समृद्धि के हिसाब से दुनिया के शीर्षतम देशों में शुमार है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और उसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत देखने लायक है। यहाँ के नागरिकों द्वारा अपनी संस्कृति, अपनी परंपराओं, रीति-रिवाजों का उच्च सम्मान किया जाता है। ऑस्ट्रिया एक समृद्ध, स्थिर और संपन्न देश है। चाहे पर्यावरण की रक्षा हो, चाहे अपनी पुरानी स्थापत्य कला का संरक्षण हो, चाहे जरूरतमंद शरणार्थियों की सहायता की बात हो, महिलाओं के सम्मान का विषय हो, धार्मिक स्वतंत्रता हो या फिर विदेशियों के प्रति प्रेम-आदर का भाव हो, ऑस्ट्रिया की बात ही अलग है। ऑस्ट्रिया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है ही, साथ ही इसे शास्त्रीय संगीत के बड़े केंद्र के रूप में जाना जाता है। एक गतिशील अर्थव्यवस्था, विदेशी व्यापार के बड़े केंद्र, आधुनिक औद्योगिक राष्ट्र होने के अलावा यह यूरोप के सबसे नवोन्मेषी देशों में से एक है। यह पुस्तक संक्षेप में ऑस्ट्रिया की संस्कृति, अर्थव्यवस्था, रीति-रिवाज, इतिहास, भूगोल से लेकर वहाँ के पर्यटक स्थलों, शैक्षिक तंत्र, धार्मिक विविधता, भाषा, जैवविविधता, राजनीतिक व्यवस्था की जानकारी सहज ही उपलब्ध कराती है।
Chanakya Aur Jeene Ki Kala
- Author Name:
Bakul Bakshi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kahani : Aaj
- Author Name:
Hariyash Rai
- Book Type:

- Description: Criticism
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...