JTPTCCE JSSC Primary Recruitment Exam Intermediate Bachelors Degree Assistant Teacher Hindi Paper-III : प्राथमिक शिक्षक भरती परीक्षा इंटरमीडिएट एवं स्नातक परीक्षा सहायक आचार्य
Author:
Team PrabhatPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 420
₹
525
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789354884078
Pages: 552
Avg Reading Time: 18 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Dr. Hedgewar : Vyakti Evam Vichar
- Author Name:
Dr. Prakash Tripathi
- Book Type:

- Description: डॉ हेडगेवार ने अपने को छिपाकर रखा था। उनके कार्य ने उनको उजागर किया। आज डॉ. हेडगेवार हममें जीवित हैं, हम उनकी नाद परंपरा के वंशधर हैं। हम उनके विचारों को स्वीकार कर आगे बढ़ाने का अपनी-अपनी शक्ति भर प्रयास कर रहे हैं । डॉ. हेडगेवार हम में, आप में जीवित हैं। डॉ. हेडगेवार बड़े विलक्षण व्यक्ति थे। उनमें क्रांतिकारी चेतना बचपन से ही थी । उन्होंने मौलिकता का एक विशेष अनुसंधान किया था। डॉ. हेडगेवार ने संघ को कोई संप्रदाय नहीं बनाया, कोई मठ नहीं बनाया। डॉक्टरजी ने हमें बताया कि मनुष्य प्रधान है । मनुष्य आएगा तो मनुष्य के साथ उसको सारी क्षमता आएगी। उसको शक्ति आएगी, उसका पैसा आएगा, उसका चिंतन आएगा, उसकी बुद्धि आएगी । कोई भी चीज मनुष्य छोड़कर तो आएगी नहीं। आज के अर्थप्रधान युग में अर्थ को चुनौती देते हुए इतना बड़ा संगठन खड़ा हो सकता है, उसके द्वारा सहज भाव से आत्मीयता से एक सामाजिक समन्वय हो सकता है, शक्तिसंपन्न हो सकती है, इसको प्रमाणित किया है डॉ. हेडगेवार के जीवन ने । इसलिए आज भी हम उनका स्मरण करते रहते हैं । जिस मिट्टी को डॉक्टरजी ने छआ, वह इस्पात बन गया। साधारण लोग, अपेक्षाकृत कम पढ़े-लिखे लोग, अपेक्षाकृत मौन रहनेवाले लोग, उनको भी उन्होंने फौलाद बना दिया। --आचार्य विष्णुकांत शास्त्री
Main Radhakrishnan Bol Raha Hoon
- Author Name:
Jaishri
- Book Type:

- Description: "डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत एक आस्थावान् राष्ट्र-सेवक थे। इसके साथ ही वे सभी धर्मों और धर्मावलंबियों के प्रति समान आदरभाव रखते थे। वे स्वभाव से अत्यंत विनम्र और धैर्यशील थे। डॉ. राधाकृष्णन एक उच्चकोटि के दार्शनिक, मूर्धन्य लेखक एवं राष्ट्रीय विचारों के ओजस्वी प्रवक्ता थे। उन्होंने दर्शन एवं संस्कृति पर अनेक ग्रंथों की रचना की। यों तो डॉ. राधाकृष्णन का मूलरूप एक शिक्षक का ही था, परंतु एक उच्चकोटि के लेखक और दर्शनशास्त्र के व्याख्याता के रूप में उन्हें अधिक ख्याति मिली। ऐसे महान् दार्शनिक, विचारक, चिंतक व शिक्षाशास्त्रा् के प्रेरक विचारों का संकलन अवश्य ही हमारा मार्ग प्रशस्त करेगा। "
IAS Crack Code
- Author Name:
Mukesh Kumar, Ias
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
"कितने गाजी आए कितने गाजी गए" Kitne Ghazi Aaye, Kitne Ghazi Gaye (Hindi Version) Book In Hindi
- Author Name:
Lt Gen. K.J.S. ‘Tiny’ Dhillon
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Upanyaskar Ka Safarnama
- Author Name:
Udyan Vajpeyi
- Book Type:

- Description: “शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी इस समय न सिर्फ़ उर्दू बल्कि समूचे भारतीय साहित्य में एक बड़ी और आकर्षक हस्ती हैं। उनमें गहरी विद्वत्ता और अथक सृजनशीलता का जो संयोग है, वह अनोखा है। अपनी पारम्परिक बहुलता, जो कई बार आधुनिकता की झोंक में इकहरी देखी-समझी जाने लगती है, इस चिन्तक-लेखक के यहाँ जीवन्त गतिशीलता में प्रगट होती है। उनके संवाद से हमारी स्थिति के, हमारी सांस्कृतिक धरोहर के ऐसे कई पहलू सामने आते हैं जिन्हें हम भूल गए हैं। किसी उर्दू लेखक का हिन्दी में शायद यह सबसे लम्बा संवाद है। रज़ा पुस्तक माला में इस अनूठी और कई सिम्तों को रोशन करती बातचीत को पुस्तकाकार प्रस्तुत करते हमें हर्ष है।" —अशोक वाजपेयी
Dr. A.P.J. Abdul Kalam
- Author Name:
Sachin Sinhal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Jansampark Ke Vividh Ayam
- Author Name:
Bhalchandra Joshi
- Book Type:

-
Description:
प्रस्तुत पुस्तक में जनसम्पर्क की परिचयात्मक अवधारणा एवं विकास के साथ-साथ सैद्धान्तिक पक्ष पर भी प्रकाश डाला गया है। जनसम्पर्क की सबसे महत्त्वपूर्ण कड़ी जनसम्पर्क के ‘जन’ होते हैं। पुस्तक में जनसम्पर्क जनों को विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट किया गया है। विभिन्न क्षेत्रों में जनसम्पर्क की संगठनात्मक संरचना पर भी प्रकाश डाला गया है। जनसम्पर्क के उपकरणों के प्रभावी उपयोग को भी पुस्तक में समाहित किया गया है। जनसम्पर्क के महत्त्वपूर्ण उपकरण विज्ञापन को भी पृथक् अध्यायों में स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है। विदेशों में हो रही जनसम्पर्क गतिविधियों को भी रेखांकित किया गया है। पारस्परिक विधाओं के साथ-साथ सोशल मीडिया जैसे आधुनिक माध्यमों को जनसम्पर्क हेतु उपयोग करने के विभिन्न तरीक़ों का भी इस पुस्तक में समावेश किया गया है, इसके साथ-साथ कुछ प्रमुख केस स्टडी एवं जनसम्पर्क में प्रयुक्त होनेवाली शब्दावलियों के माध्यम से भी जनसम्पर्क गतिविधियों को समझने का प्रयास है।
जनसम्पर्क के क्षेत्र में रुचि रखनेवाले पाठकों के लिए एक उत्कृष्ट पुस्तक हिन्दी भाषा में उपलब्ध हो रही है। मैं पूर्ण विश्वास से कह सकता हूँ कि यह पुस्तक सुधी पाठकों को जनसम्पर्क का सम्पूर्ण परिचय देने के साथ-साथ जनसम्पर्क के कौशलों को सिखाने में सहायक सिद्ध होगी।
—प्राक्कथन से
K.R. Malkani Hindu-Muslim Dialogue
- Author Name:
Ed. Mahesh Chandra Sharma
- Book Type:

- Description: The BJP believes in the unity of the Hindustan Peninsula and the equality of all its people. It stands for “Justice for all and appeasement of none”. It welcomes diversity so long as it does not destroy our overall unity. It invites the people of India, Pakistan and Bangladesh to get over the trauma of the last fifty years, and draw on the historic experience of preceding centuries to weave a new and happier pattern of life in the Hindustan Peninsula. After all the hullabaloo about riots, most of the Hindus and Muslims are living in peace and amity most of the time. India and Pakistan, with all their hostility, have never fought for more than two weeks at a time. (Iran and Iraq bled each other for eight long years!) Even in the year of Partition, the best singers in Har Mandir, Amritsar, were Muslims. The men, who built the ‘samadhi’ of Dr. Hedgewar, the founder of RSS, in Nagpur, were Muslims. With all our diversities, we in the Hindustan Peninsula are One People, whatever the number of states. We can, and must, live in peace and amity. — from this book
Pankhheen
- Author Name:
Smt. Kamla Mishra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ruskin Bond Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Ruskin Bond
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hind Swaraj Aur Naya Manvantar
- Author Name:
S.S. Pandharipande
- Book Type:

- Description: ‘हिन्द स्वराज और नया मन्वन्तर’ पुस्तक अतीत की घटनाओं अथवा भविष्य की आशाओं पर ध्यान केन्द्रित करने के बजाय सीधे वर्तमान में ‘हिन्द स्वराज’ की जाँच करती है और उसकी उपयोगिता और व्यापकता पर जोर देती है। मनुष्य एक बुद्धिमान प्राणी है, इस धारणा पर आधारित पश्चिमी सभ्यता ने मनुष्य की अन्तर्निहित बौद्धिक क्षमताओं को कुन्द कर दिया है और एक ‘उपभोक्ता’ के रूप में मनुष्य की वास्तविक पहचान को चुनौती दी है। मनुष्य आज उपभोग के इस जलते कुंड में अपना कुछ भी स्वाहा कर देने को उद्धत है। ऐसे अवसरों पर, गांधी जैसे धार्मिक सन्त का यज्ञ-मंडप में खड़ा होना और इस विनाश-सत्र को समाप्त करने का आह्वान करना वह मूल प्रेरणा है जो किसी को ‘हिन्द स्वराज’ पढ़ने के बाद अपने अन्तर में महसूस करना चाहिए; पांढरीपांडे की इस किताब को पढ़ने के बाद वह मूल प्रेरणा आसानी से महसूस होती है। हम जानते हैं कि गांधी-विचार के प्रमुख टिप्पणीकार महाराष्ट्र में हुए। विनोबा भावे, नं. द. जावड़ेकर, दादा धर्माधिकारी आदि की इस समृद्ध परम्परा में प्रो. सु. श्री. पांढरीपांडे भी शामिल हैं। मुझे विश्वास है कि वे इस परम्परा को और समृद्ध करेंगे और उनकी यह कृति पाठकों के विचार जगत में सार्थक और सकारात्मक हस्तक्षेप करेगी। —डॉ. सदानन्द मोरे
Paninikaleen Bharatvarsh पाणिनिकालीन भारतवर्ष | Cultural Study of Ashtadhyaya Book In Hindi
- Author Name:
Vasudev Sharan Agarwal
- Book Type:

- Description: पाणिनिकालीन भारतवर्ष आचार्य वासुदेवशरण अग्रवाल की अक्षय कीर्ति का स्वर्णकलश है। पाणिनि-संबंधी उनकी पहली कृति है--'पाणिनि ऐज सोर्स ऑफ इंडियन हिस्टरी '। डॉ. राधाकुमुद मुखर्जी के निर्देशन में लिखित यह उनका शोधप्रबंध है, जिसके लिए लखनऊ विश्वविद्यालय ने उन्हें सन् 1941 में पी-एच.डी. उपाधि प्रदान की थी। पाणिनि संबंधी उनके द्वारा संवर्द्धित रूप में पुनः प्रस्तुत दूसरा ग्रंथ-रत्न है--' इंडिया ऐज नोन टू पाणिनि '। इस पर सन् 1946 में लखनऊ विश्वविद्यालय ने ही उन्हें डी.लिटू. की उपाधि से विभूषित किया। उनके परीक्षकों में डॉ. राधाकुमुद मुखर्जी के अतिरिक्त महामहोपाध्याय डॉ. आर. शाम शास्त्री और प्रो. विधुशेखर भट्टाचार्य भी थे। वासुदेवजी ने द्वादश वर्षपर्यत संस्कृत भाषा और 'पाणिनीय अष्टाध्यायी ' का सम्यक् अध्ययन किया था । इसलिए वे पाणिनि के सूत्रों की व्याख्या में इतनी गहरी पैठ बना सके और भारत के इतिहास का स्वर्णिम पृष्ठ हमारे लिए उद्घाटित कर सके । उन्होंने एक बार पुन: इन दोनों कृतियों की सामग्री का उपयोग करते हुए हिंदी में एक सर्वथा नई कृति 'पाणिनिकालीन भारतवर्ष ' की रचना की, जो न केवल दोनों कृतियों का समाहार है, बल्कि अधिक पूर्णतर है। मातृभाषा हिंदी की अनुपम सेवा के साथ ही हिंदी-भाषियों पर उनका यह अतिशय अनुग्रह और उपकार है। प्राचीन बृहत्तर भारत की प्रामाणिक तस्वीर के लिए डॉ. अग्रवाल का यह ग्रंथ अनिवार्य है। इसमें पाणिनि और उनके शास्त्र के अतिरिक्त तत्कालीन भारत के भूगोल, सामाजिक जीवन, आर्थिक दशा, प्राचीन जनपद, राज्यतंत्र एवं शासन, शिक्षा और साहित्य, धर्म एवं दर्शन आदि सभी का विस्तार सहित विवरण और विवेचन है। यह भारतमाता के चरणों में अर्पित उनकी अनूठी श्रद्धांजलि और राष्ट्रभक्ति का अमिट अभिलेख है।
1000 Jharkhand Prashnottari
- Author Name:
Sanjay Kumar Dwivedi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Guliver Ki Yatrayen
- Author Name:
Sachin Kumar
- Book Type:

- Description: No Description Available for this Book
Chronicle Of A Corona Warrior
- Author Name:
Ramesh Pokhriyal ‘Nishank’
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
How to Own Your Own Mind
- Author Name:
Napoleon Hill
- Rating:
- Book Type:

- Description: Napoleon Hill's timeless classic, Think and Grow Rich, is the best-read self-help book of the twentieth century. Not so well known is how Hill earned his livelihood before he wrote: "Think and Grow Rich". Another classic work of Dr Hill is "How to Own Your Mind", which shows the way to stabilise your mind and achieve success in life. As Dr Hill repeatedly emphasised, action is critical to success. But you must think before you act, or your efforts will be wasted. These timeless chapters about the importance of thought before action will prove very instructive in helping you attain your own Definite Major Purpose. To do so, you must learn how to own your mind, and this book will tell you how to do it.
Kamayani (Raj)
- Author Name:
Jaishankar Prasad
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dictionary of Economics (Financial Education Frequently Used Terms in Economics)
- Author Name:
A. Sulthan
- Book Type:

- Description: Awaiting description
Bahaav
- Author Name:
Himanshu Dwivedi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Pt. Deendayal Upadhyaya
- Author Name:
Mahesh Chandra Sharma
- Book Type:

- Description: ‘‘हमारी राष्ट्रीयता का आधार ‘भारत माता’ हैं, केवल भारत नहीं। माता शब्द हटा दीजिए तो भारत केवल जमीन का एक टुकड़ा मात्र रह जाएगा। इस भूमि का और हमारा ममत्व तब आता है, जब माता वाला संबंध जुड़ता है। कोई भी भूमि तब तक देश नहीं कहला सकती, जब तक कि उसमें किसी जाति का मातृक ममत्व, यानी ऐसा ममत्व, जैसा पुत्र का माता के प्रति होता है, न हो। वही देशभक्ति है, तथापि देशभक्ति का मतलब जमीन के टुकड़े के साथ प्रेम होना मात्र नहीं है, अन्यथा कई पशु-पक्षी भी तो अपने घर से बहुत प्रेम करते हैं। साँप अपना बिल नहीं छोड़ता, शेर माँद में ही निवास करता है, पक्षी अपने घोेंसले में रोज लौट आते हैं, किंतु वे देशभक्त हैं, ऐसा नहीं कहा जा सकता। मानव भी जहाँ रहता है, वहाँ से उसका कुछ-न-कुछ लगाव हो ही जाता है, फिर भी इतने मात्र से देशभक्ति नहीं आती। उन लोगों का प्रेम ही देशभक्ति कही जाएगी जो देश में एक जन के नाते संबद्ध हैं। पुत्र रूप एक जन और माता रूप भूमि के मिलन से ही देश की सृष्टि होती है। वही देशभक्ति है, जो अमर है।’’ —पं. दीनदयाल उपाध्याय
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...