Arthashastra Shabdakosh
Publisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Academics-and-references0 Reviews
Price: ₹ 200
₹
250
Available
देश की हिंदी पट्टी के विद्यार्थियों एवं प्रतियोगी छात्रों के लिए कठिन माने जानेवाले विषय ‘अर्थशास्त्र’ पर हिंदी भाषा में अच्छी पुस्तकों की कमी हमेशा से रही है। अर्थशास्त्र एवं भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़ी शब्दावलियों की एक सामान्य समझ आम पाठक को हो सके, इसी सोच केसाथ यह पुस्तक लिखी गई है।
इस पुस्तक में अंग्रेजी वर्णमाला क्रम के अनुसार ‘आर्थिक शब्दावलियों’ की बहुत ही आसान एवं साधारण शब्दों में उदाहरण सहित व्याख्या की गई है, जिसे कोई भी आम पाठक समझ सकता है। यह पुस्तक कॉलेज एवं विश्वविद्यालय के छात्रों से लेकर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करनेवाले छात्रों के लिए भी अत्यंत उपयोगी साबित होगी।
ISBN: 9789355712691
Pages: 160
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Yayavar Shabdashilpi Pt. Banarsidas Chaturvedi
- Author Name:
Shri Ashutosh Chaturvedi
- Book Type:

- Description: This book has no description
Computer V Soochana Prodyogiki Shabdkosh
- Author Name:
Vinod Kumar Mishra
- Book Type:

-
Description:
यह निर्विवाद रूप से सत्य है कि अंग्रेज़ी अब एक अन्तरराष्ट्रीय भाषा बन चुकी है। फ़्रेंच, स्पेनिश आदि भाषाएँ जो कभी अंग्रेज़ी का मुक़ाबला किया करती थीं, अब कोसों पीछे रह गई हैं। इसी तरह सम्पूर्ण भारत में हिन्दी अब एकमात्र सम्पर्क भाषा है और वह वास्तव में राष्ट्रभाषा का रूप ले चुकी है। वर्ष 2011 की जनगणना के आँकड़ों के अनुसार आज भारत में अंग्रेज़ी (टूटी-फूटी ही सही) जानने-समझने व बोलनेवालों की संख्या मात्र बारह करोड़ है जबकि हिन्दी जानने-समझने, बोलने वालों की संख्या 55-56 करोड़ से अधिक है। अन्य भाषा-भाषियों की शिक्षा के लिए जो त्रिभाषा फार्मूला अपनाया गया था, वह भी रंग लाया है। आज लगभग 18 करोड़ लोग तीन भाषाएँ जैसे— बांग्ला, मराठी, उर्दू आदि बोलते-समझते हैं।
कम्प्यूटर व सूचना प्रौद्योगिकी आज प्रमुख व आधार विषय हैं। इनका अध्ययन व प्रयोग अच्छी नौकरी या व्यवसाय की गारंटी है। आज भारतीय सॉफ़्टवेयर विशेषज्ञों ने पूरे विश्व में झंडा गाड़ रखा है। अन्य विषयों के अध्ययन व प्रयोग में भी कम्प्यूटरों व सूचना प्रौद्योगिकी का भरपूर उपयोग होता है। हालाँकि भारत के बड़े क्षेत्र में बिजली का भारी अभाव है पर फिर भी कम्प्यूटर व सूचना प्रौद्योगिकी की पहुँच दूर-दूर तक बढ़ रही है। इससे कार्य पद्धति वैज्ञानिक हो रही है और पारदर्शिता भी आ रही है। ‘कम्प्यूटर व सूचना प्रौद्योगिकी शब्दकोश’ इस दिशा में एक विनम्र प्रयास है। इसका मूल उद्देश्य है अपनी भाषा में शिक्षा ग्रहण करनेवालों के लिए उच्च शिक्षा प्राप्ति हेतु एक बफर के रूप में कार्य करना। इस शब्दकोश के माध्यम से कम्प्यूटर व सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रयुक्त शब्दों व शब्दावलियों के बारे में पर्याप्त समझ विकसित हो जाएगी जिससे वे आगे की शिक्षा अंग्रेज़ी या किसी अन्य भाषा के माध्यम से ग्रहण कर पाएँगे।
Tankman (Hindi Translation of The Burning Chaffees)
- Author Name:
Brig. B.S. Mehta
- Book Type:

- Description: सन 1947 तक गैर-लड़ाकू करार दिए गए और भारतीय सेना में योद्धाओं के रूप में शामिल होने से वंचित अदर इंडियन क्लासिक्स (ओ.आई.सी. ), घुड़सवार सेना के सी स्क्वाड्रन का हिस्सा थे। महत्त्वाकांक्षी पीटी-76 उभयचर टैंकों से सुसज्जित होने के कारण उन्हें पूर्वी पाकिस्तान से आनेवाले खतरे का मुकाबला करने के लिए महत्त्वपूर्ण बोयरा इलाके के पास कबोदक नदी को पार करने का निर्देश दिया गया। 21 नवंबर, 1971 को पाकिस्तानी सेना के जो उम्दा फौजी थे और डींगें हाँकते थे कि एक पाकिस्तानी सैनिक तीन भारतीय सैनिकों के बराबर है, गरीबपुर में उनका टैंक बनाम टैंक के मुकाबले से पाला पड़ा। एक ही झटके में चौदह अमेरिकी एम-24 चाफी टैंक वाली तीन (अलग-अलग) बख्तरबंद स्क्वाड्रन पूरी तरह तबाह कर दी गईं और पैदल सैनिकों की दो बटालियन बुरी तरह रौंद दी गईं। वहीं दो पीटी-76 टैंकों के नुकसान के बदले तीन साब्रे एफ-86 जेट मार गिराए गए। भारतीयों और मुक्ति वाहिनी को सबक सिखाने के लिए जनरल एएके नियाजी ने जिस सबसे बड़े हमले की योजना बनाई थी, वह धुआँ-धुआँ हो गई । 45वीं घुड़सवार सेना ने भारतीय इतिहास में एक नया अध्याय लिख दिया था। 300 से 700 मीटर के इलाके में लड़ी गई लड़ाई ने एक स्क्वाड्रन के हाथों दूसरी स्क्वाड्रन की पूरी तबाही की एक अद्भुत मिसाल कायम की। इसने अजेय होने के पाकिस्तानी भ्रम को तोड़ दिया और जनरल याहया खान समेत उनके जनरलों की मंडली में खलबली मचा दी । सातवाँ बेड़ा जब तक बंगाल की खाड़ी में दाखिल होता, तब तक पाकिस्तान के 93,000 सैनिक मित्र वाहिनी (भारत-बांग्लादेश की संयुक्त सेना) के आगे आत्मसमर्पण कर चुके थे, और बांग्लादेश आजाद हो चुका था।
The Analysis Of Mind (Pb)
- Author Name:
Bertrand Russell
- Book Type:

- Description: This book doesn’t have description
Prashasnik Kosh (Hindi-Angreji)
- Author Name:
Hardev Bahari
- Book Type:

-
Description:
यह कोश सरकारी काम करनेवालों और सरकार से पत्राचार करनेवालों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।
इस कोश की विशेषताएँ हैं कि इसमें केन्द्रीय और प्रादेशिक राज्यों द्वारा प्रयुक्त या प्रयुक्तव्य शब्दों और प्रयोगों का भरपूर संकलन है। वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग एवं अन्य सरकारी विभागों द्वारा स्वीकृत शब्दावली भी दी गई है। बहुअर्थी शब्दों के अर्थों का अलग-अलग संख्या देकर स्पष्टीकरण किया गया है। इसके साथ ही उपसर्गों और प्रत्ययों का भी सोदाहरण कोश के कलेवर में संकलित किया गया है।
निस्सन्देह हमेशा महत्त्वपूर्ण बनी रहनेवाली एक कोश-कृति।
Student English-Hindi Dictionary
- Author Name:
Dwarka Prasad
- Book Type:

-
Description:
राजकमल विद्यार्थी अंग्रेज़ी-हिन्दी कोश को विद्यार्थियों, छात्रों तथा दैनिक जीवन में अंग्रेज़ी शब्दावली की आवश्यकता महसूस करनेवाले पाठकों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। शब्दों का चयन करते समय इस बात पर ख़ास ध्यान दिया गया है कि इसमें उन तमाम शब्दों को समाहित कर लिया जाए, जिनका व्यवहार स्कूलों-विद्यालयों की पाठ्य-पुस्तकों तथा रोज़मर्रा जीवन में आमतौर पर तथा बहुतायत से होता है, ताकि कोश का कलेवर संक्षिप्त व सुविधाजनक रहे एवं इसकी उपयोगिता भी कम न हो।
अंग्रेज़ी भाषा आज जिस प्रकार हमारे सामाजिक, आर्थिक व मीडिया जगत का अभिन्न हिस्सा हो गई है, उससे यह अनिवार्य हो चला है कि प्रत्येक व्यक्ति अंग्रेज़ी शब्दावली से परिचित हो। हमें आशा है कि इस आवश्यकता के मद्देनज़र यह कोश उपयोगी सिद्ध होगा। विद्वान कोशकारों ने अंग्रेज़ी शब्दों के हिन्दी में प्रचलित सरल तथा विविध अर्थों को समाहित किया है तथा अलग-अलग स्थितियों व सन्दर्भों में उनका प्रयोग भी प्रस्तुत किया है।
UP PRATHAMIK VID. SAHAYAK ADH. BHARTI PARIKSH-NEW
- Author Name:
Shashi Bhushan Verma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Hawa Ka Jhonka Thi Vah
- Author Name:
Anita Rashmi
- Book Type:

- Description: “अरे मीनवा! इतनी रात को यहाँ?” वह लगभग मुझे धक्का देती हुई अंदर घुसी थी, मेरे लॉन की धूल को अपने पाँवों के साथ लेकर। “क्या बात है मीना, इतनी घबराई हुई क्यों हो? तुम्हारा हसबैंड तो ठीक है या बच्चे?” प्रश्नों की बौछार झेलती मीना तन का भार न झेल सकी थी। जमीन पर धम से बैठ गई थी। तब मैंने देखा कि... तब तक वह कह चुकी थी, ”दीदी, हम मार देलि। मार दिए उसको...।” “किसको?” “ऊ हरामी को। आय रहे हमर मरद मन के मारे, आउर हमके बेइज्जत करे... बस, सब झमेला खतमे कर देलि।” उसकी खिचड़ी भाषा पर ध्यान नहीं था मेरा, जो वह अब प्राय: बोलने लगी थी। मैं उसके हाथ में लहू से लाल हँसुआ को देखती रह गई थी—किंकर्तव्यविमूढ़! —इसी संग्रह से
CTET/TETs Solved Papers (2023-2011) Paper-2 (Class 6 - 8) Samajik Adhyayan/Samajik Vigyan (Social Study / Social Science)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Computer Awareness
- Author Name:
Rajesh Garg
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bhartiya Vanya Praniyon ke Sanrakshit Kshetro ka Vishvkosh
- Author Name:
Shivkumar Tiwari
- Book Type:

-
Description:
अधोलिखित 9 प्रमुख विशेषताओं से युक्त प्रस्तुत विश्वकोश भारतीय संरक्षित क्षेत्रों के पर्यावरण एवं प्राणिजात के सम्बन्ध में सम्पूर्ण जानकारी देनेवाला न केवल हिन्दी वरन् अन्य देशी भाषाओं में भी प्रकाशित अब तक का सबसे अधिक वैज्ञानिक सन्दर्भ-ग्रन्थ है। विश्वकोश की नौ प्रमुख विशेषताएँ : 1. संरक्षित क्षेत्रों के माध्यम से भारतीय पर्यावरण एवं प्राणिजात की सर्वांगीण प्रस्तुति करनेवाला भारतीय परम्परा एवं हिन्दी भाषा में लिखा गया भारतीय भाषाओं का अनूठा ग्रन्थ। 2. विश्वकोश की वैश्विक अवधारणा के अनुकूल ग्रन्थ का संयोजन एवं विषयवस्तु की प्रस्तुति। 3. विश्वकोश में अपेक्षित ‘जानकारी की सम्पूर्णता’ का पूरा प्रयास, सभी वर्गों के संरक्षित (क्षेत्रों अभयारण्यों, राष्ट्रीय उद्यान, टाइगर रिजर्व, बायोस्फियर रिजर्व, रामसर साइट्स इत्यादि) में से प्रतिनिधि संरक्षित क्षेत्रों का न केवल उल्लेख अपितु उनकी विशिष्टताओं का विवेचन भी। 4. संरक्षित क्षेत्रों के सभी वैज्ञानिक पक्षों का सरल सुबोध भाषा में विवेचन। विश्वकोश में विज्ञानों के ये तथ्य संकलित हैं (i) इकोलॉजी पारिस्थितिकी, (ii) इथोलॉजी (व्यवहार विज्ञान), (iii) वर्गिकी (टैक्सानामी),
(iv) लताजी (जीवविज्ञान), (v). आर्निथोलॉजी (पक्षीविज्ञान), (vi) ज्योग्राफ़ी (भूगोल), (vii) जियोलॉजी (भूगर्भ विज्ञान), (viii) पेलिअन्टोलॉजी (पूरा विज्ञान-जीवाश्म विज्ञान तथा) (ix) बाटनी (वनस्पति विज्ञान)।
5. संरक्षित क्षेत्रों को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में समझने के लिए आवश्यक मानचित्र दिए गए हैं। 6. संरक्षित क्षेत्रों के इतिहास और वर्तमान की विस्तृत जानकारियाँ विश्वकोश में संकलित हैं। आवश्यक स्थलों पर सन्दर्भ-ग्रन्थों का भी उल्लेख है। 7. विश्वकोश में संरक्षित क्षेत्रों की समकालीन घटनाओं और स्थिति को निरपेक्षता से प्रस्तुत किया गया है। तथ्यों की पुष्टि के लिए स्रोत को उद्धृत किया गया है। अंग्रेज़ी भाषा के स्रोतों को उद्धृत किया गया है। 8. विश्वकोश में पूरी तरह से हिन्दी भाषा का प्रयोग किया गया है अन्य भाषाएँ प्रमुख पाठ से अलग हाशिये पर या परिशिष्ट में ही देखी जा सकती हैं। परिशिष्ट में आधारभूत अध्ययन सामग्री की क्रमबद्ध सूचियाँ हैं। 9. विश्वकोश में प्रारम्भ से अन्त तक पठनीयता को बनाए रखा गया है। विश्वकोश की अनेक टिप्पणियाँ एवं आलेख स्वतंत्र रूप से पठनीय हैं।
Sahyadri Ki Chattanen
- Author Name:
Acharya Chatursen
- Book Type:

- Description: रात बहुत अँधेरी थी। रास्ता पहाड़ी और ऊबड़-खाबड़ था। आकाश पर बदली छाई हुई थी और अभी कुछ देर पूर्व जोर की वर्षा हो चुकी थी। जब जोर की हवा से वृक्ष और बड़ी-बड़ी घास साँय-साँय करती थी, तब जंगल का सन्नाटा और भी भयानक मालूम होता था। इस समय उस जंगल में दो घुड़सवार बढ़े चले जा रहे थे। दोनों के घोड़े खूब मजबूत थे, पर वे पसीने से लथपथ थे। घोड़े पग-पग पर ठोकरें खाते थे, पर उन्हें ऐसे बीहड़ रास्तों में, ऐसे संकट के समय, अपने स्वामी को ले जाने का अभ्यास था। सवार भी असाधारण, धेर्यवान् और वीर पुरुष थे। वे चुपचाप चल रहे थे। घोड़ों की टापों और उनकी प्रगति से कमर में लटकती हुई उनकी तलवारों और बरछों की खर-खराहट उस सनन्नाटे के आलम में एक भयपूर्ण रव उत्पन्न कर रही थी।
Kahani Jammu-Kashmir Ki
- Author Name:
Col. Ajay K Raina
- Book Type:

- Description: "कश्मीर-जम्मू और कश्मीर है' से 'मकबूल शेरवानी ने कश्मीर को बचाया', 'डोगराओं ने कश्मीरियों पर अत्याचार किया', 'विलय के दस्तावेज पर कभी हस्ताक्षर नहीं किए गए' से लेकर 'कश्मीरी अलग हैं और एक विशेष सुलूक के हकदार हैं', बहुत से आख्यान—झूठे और विश्वास करने लायक, दोनों कई दशकों से जम्मू-कश्मीर के बारे में राजनीतिक और अकादमिक बातचीत के केंद्र बिंदु रहे हैं। इस काम में ऐसे आख्यानों पर जानबूझ कर एक नजर डाली गई है, क्योंकि ये हमारे इतिहास की सबसे महत्त्वपूर्ण अवधि से संबंधित हैं और जम्मू-कश्मीर के लोगों के मन-मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं। किंतु कई समीक्षक आज भी भुलावे और भ्रमित मनस्थिति में हैं। यह पुस्तक उन लोगों की मदद कर सकती है, जो हमारे देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में कुछ आख्यानों का मजमून खोजने के लिए घूम रहे हैं। आशा है कि जो पाठक इस पुस्तक को पढेंग़े, उनके पास इसमें निहित मुद्दों के बारे में अपना विचार बदलने के कारण होंगे; यदि कोई भी बदलाव, होगा तो, वह इस पुस्तक में प्रस्तुत किए जा रहे तर्क की कसौटी पर होगा।"
Dastak Khayalon Ki
- Author Name:
Ashish Agrawal ‘Vajood’
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
ZINDAGI BULA RAHI HAI
- Author Name:
Smt. Preeti Shenoy
- Book Type:

- Description: Description of the book is awaited.
Chhayavadi Kavya-Kosh
- Author Name:
Suchita Verma +1
- Book Type:

-
Description:
छायावाद हिन्दी कविता का एक समृद्ध कालखंड है। प्रसाद, निराला, पंत और महादेवी की इस दौर की कविताओं से प्रविष्टियाँ लेकर इस कोश का निर्माण किया गया है। शब्द और पदबंध के साथ काव्य-पंक्तियाँ दी गयी हैं ताकि छायावादी काव्य-प्रयोगों को व्यवस्थित रूप दिया जा सके। शब्द और पदबंध के प्रासंगिक अर्थ-निर्धारण का प्रयास किया गया है ताकि काव्यार्थ की दिशा को समझने में मदद मिल सके। प्रयुक्त शब्द और पदबंध से जुड़ी काव्य-पंक्तियों के सन्दर्भों को रचनावली/ग्रंथावली की पृष्ठ संख्या के साथ दर्शाया गया है। यह भी दर्ज किया गया है कि काव्य-पंक्ति किस कविता या पुस्तक से ली गयी है।
छायावाद शतायु को प्राप्त कर चुका है। इसकी काव्य-भाषा आकर्षक भी है और शास्त्रीय भी! बदलते दौर में इस काव्य-भाषा को समझने के लिए काव्य-कोश की आवश्यकता बढ़ती जाएगी। छायावादी काव्य के पाठकों, अध्यापकों, विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए ‘छायावादी काव्य-कोश’ मददगार होगा।
कोश का निर्माण वर्णानुक्रम से तो किया ही जाता है, इस कोश में काव्य-प्रयोगों को यथासंभव कालानुक्रम से भी रखने का प्रयास किया गया है। छायावादी कवियों के काव्य-प्रयोगों को तुलनात्मक रूप से समझने की प्रभूत सामग्री यह कोश प्रदान करता है।
इस कोश की भूमिका और परिशिष्ट में कई तरह की सूचियाँ दी गयी हैं जिनकी मदद से छायावाद को नये ढंग से समझने में मदद मिलेगी।
Adhunik Vividh Kala Shabdsagar
- Author Name:
Roop Narayan Batham
- Book Type:

- Description: ‘आधुनिक विविध कला शब्दसागर’ तेईस आधुनिक सर्जनात्मक और व्यावसायिक कलाओं के सामान्य प्रचलित और महत्त्वपूर्ण शब्दों का संग्रह है। इसमें चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, नृत्य, नाटक, काव्य, फैशन, पाककला, गृहसज्जा, फोटोग्राफी, विज्ञान, फिल्म, टेलीविजन, संग्रहालय विज्ञान, पुरातत्त्व, अभिलेख, डिजाइन, शिल्प, सौन्दर्यशास्त्र, कला-समीक्षा, छापाकला आदि कलाओं से सम्बन्धित शब्द शामिल हैं। कोश के आरम्भिक पृष्ठों में सभी कला विषयों के शब्दों को अंग्रेजी के वर्णक्रमानुसार प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसका वर्गीकरण, उच्चारण, हिन्दी पर्याय तथा साधारण शब्दों में उसकी सामान्य व्याख्या प्रस्तुत की गई है। अनेक कम प्रचलित किन्तु महत्त्वपूर्ण शब्दों के साथ कई अन्य तत्सम्बन्धित शब्दों के भी अंग्रेजी समानार्थी शब्द दिये गए हैं ताकि पाठक सहजता से कोश में प्रयुक्त शब्दों के भाव समझ सकें। शब्दों के शुद्ध उच्चारण के सम्बन्ध में सदैव मतभेद रहा है, मुख्यतः विदेशी भाषाओं के सन्दर्भ में। इस समस्या के निदान के लिए इसमें विदेशी शब्दों के शुद्ध उच्चारण में एक व्यावहारिक समझौता किया गया है, जैसे— Colour के वास्तविक उच्चारण ‘कलअॅ’ के स्थान पर ‘कलर’ ही रखा है, इस प्रकार ‘अ’, (R) ‘र’ की ध्वनि से समझौता किया गया है। उसी तरह Art के शुद्ध उच्चारण में ‘आट’ के स्थान पर ‘आर्ट’ स्वीकारा है। नाटक के एक शब्द ‘Daddy’ के लिए ‘पितातुल्य’ प्रतिष्ठित ‘नाट्यकर्मी’ के साथ उर्दू के शब्द ‘उम्रदराज फनकार’ को भी लिया गया है। अंग्रेजी शब्दों के हिन्दी सुबोध पर्यायों के लिए विभिन्न भारतीय भाषाओं के बोलचाल से जुड़े अनेक शब्दों को स्वीकार किया गया है। जैसे—‘Dedicated Artist’ के लिए ‘जुझारू कलाकार’, ‘व्रती कलाकार’ आदि। शब्दों के अधिकाधिक पर्याय देने के प्रयास में उनके भावार्थ से जुड़े भाव को प्राथमिकता दी गई है। जैसे Design शब्द के 18 तो Aesthetics के 9 पर्याय दिये गए हैं। यह कोश कभी-कभार कला के किसी शब्द की जानकारी मात्र देने वाला कोश नहीं है, कला के विद्यार्थियों, कला प्रेमियों और जिज्ञासुओं के लिए महत्त्वपूर्ण पाठ है। भारत में बहुउपयोगी कलाओं के समग्र कोश की रचना का यह सम्भवतः पहला प्रयास है, अतः इसमें अनेक त्रुटियों और कमियाँ रह गई होंगी। मुझे आशा है कि सुधी-पाठक इसे और समृद्ध करने के लिए अपने बहुमूल्य सुझावों से हमें अवगत करायेंगे।
Uttar Pradesh Madhyamik Shiksha Seva Chayan Board Pravakta (PGT) Chayan Pareeksha, Hindi 12 Practice Sets (UPSESSB PGT Hindi)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vaishwik Prem Kahaniyan
- Author Name:
Sudha Om Dhingra
- Book Type:

- Description: Book
Nobel Puraskrit Bharatiya
- Author Name:
Arun Anand
- Book Type:

- Description: अल्फ्रेड नोबेल विश्वविख्यात आविष्कारक थे। उनका जीवन प्रेरक तथा अनुकरणीय है। जब वे अपने व्यवसाय के लिए यात्रा नहीं कर रहे होते थे, तब वे अपनी प्रयोगशाला में किसी-न-किसी नए आविष्कार की खोज में लगे रहते थे | विस्फोट की तकनीक के विकास में अल्फ्रेड ने अग्रणी भूमिका निभाई | इसके अतिरिक्त सिंथेटिक रबड़ और चमड़े तथा नकली रेशम जैसे कई प्रकार के पदार्थ एवं रसायनों को विकसित करने में उनकी उपलब्धि स्मरणीय है | अल्फ्रेड नोबेल का निधन 10 दिसंबर, 1896 को इटली के सैन रेमों में हुआ | जब उनकी वसीयत खोली गई तो हर कोई आश्चर्यचकित था । उन्होंने अपनी सारी संपत्ति को भौतिकी, रसायन, शरीर-क्रिया विज्ञान अथवा औषधि, साहित्य एवं शांति के लिए पुरस्कारों के नाम करने का निर्णय किया था | इसी क्रम में “नोबेल फाउंडेशन” की स्थापना हुई, जो अल्फ्रेड नोबेल द्वारा पुरस्कारों के लिए छोड़ी गई संपत्ति की वित्तीय देखभाल तथा नोबेल पुरस्कारों के वितरण का संयोजन भी करता है | नोबेल पुरस्कार की राशि लगभग सवा सात करोड़ रुपए है । किसी भी व्यक्ति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होना गर्व और गौरव की बात है | इस पुस्तक में ऐसे ही गौरवशाली भारतीय या भारतवंशियों के कृतित्व का परिचय संकलित है, जिनकी प्रतिभा और योग्यता का विश्वभर में जयघोष हुआ है ।हर भारतीय को गौरवान्वित करनेवाली अनुपम कृति |
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...