Listen to a Sample
Swarg Ka Antim Utaar
Author:
Lakshmi SharmaPublisher:
Shivna PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Mythology1 Reviews
Price: ₹ 120
₹
150
Available
यह लक्ष्मी शर्मा का दूसरा उपन्यास है, उनका पहला उपन्यास भी बहुत चर्चित रहा था। अमीरी और ग़रीबी के बीच की खाई, मानव मन के गहरे में पैठे हुए लालच और उन सब के बीच कहीं-कहीं बची हुई संवदेनशीलता को यह उपन्यास बहुत ख़ूबसूरती के साथ रेखांकित करता है। यह कहानी केवल छिगन की कहानी नहीं है, बल्कि छिगन के बहाने यह उस करुणा को तलाश करने की कहानी है, जो करुणा भारत की आत्मा में बसती है।
ISBN: 9788194426622
Pages: 120
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Delightful Novella (Volume-3)
- Author Name:
Dr.Sanjay Rout
- Book Type:

- Description: Delightful Novella (Volume-3) is the first book in a series of four novellas that follows the adventures of a young woman named Delightful. She's an aspiring writer who's trying to find her way in the world, and she has some big decisions to make about what kind of life she wants to live.Delightful is also a very interesting character because she has autism--which means that she has difficulty communicating with others and understanding social cues. This makes her vulnerable when it comes to making friends and finding love, but it also means that she can be very observant about people's behavior and learn things about others that they may not even realize they're doing!
Sabhyata Aur Sanskriti Ki Rochak Kahaniyan "सभ्यता और संस्कृति की रोचक कहानियाँ" Book | Hindi Translation of The Stories We Tell
- Author Name:
Devdutt Pattanaik
- Book Type:

- Description: वर्तमान काल के प्रसिद्ध पौराणिक विशेषज्ञ देवदत्त पट्टनायक ने इक्कीसवीं सदी में हमारे जीवन को समझाने के लिए भारत के मिथकों और किंवदंतियों के समृद्ध खजाने से शानदार कहानियाँ प्रस्तुत की हैं। कहानियों को विभिन्न विषयों में बाँटा गया है, जैसे अप्सरा, जो प्राचीन ग्रंथों में महिलाओं के निरूपण पर चिंतन है; कर्म, न्याय, और हड़पना या आदान-प्रदान, जो दर्शाती हैं कि कैसे प्राचीन शास्त्रों ने न्याय के हमारे आधुनिक आदर्शों को आकार दिया है; असीम, बिना किसी शर्त का प्रेम, जो उस समानता की खोज करता है, जो दो प्रेमियों के बीच मौजूद होना चाहिए; और देव तथा असुर, जो दर्शाती है कि कैसे सही और गलत का द्विगुण काले और सफेद जितना स्पष्ट नहीं है। लेखक के वेबकास्ट ‘टीटाइम टेल्ज’ से उत्पन्न कहानियों का यह संग्रह उनकी अनूठी शैली में लिखा गया है और पौराणिकता हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करती है, इस पर प्रकाश डालता है।
Vachanbadha
- Author Name:
Vaibhav Kumbhar
- Book Type:

- Description: Masterpeice romantic marathi novel
Main Janak Nandini
- Author Name:
Asha Prabhat
- Book Type:

- Description: भारतीय मानस का अर्थ केवल पढ़े-लिखे शिक्षितों का मानस नहीं है, उसका मूल अभिप्राय है—लोक मानस। इस लोक मानस की भारतीयता का लक्षण है—काल के आदिहीन, अन्तहीन प्रवाह की भावना...। जनमानस में आज तक सीता का मूक (मौन) स्वरूप ही विद्यमान है। सौम्यस्वरूपा आज्ञाकारी पुत्री का, जो बिना तर्क-वितर्क या प्रतिरोध किए पिता का प्रण पूर्ण करने हेतु या पुत्र-धर्म के निर्वाह हेतु उस किसी भी पुरुष के गले में वरमाला डाल देती, जो शिव के विशाल पिनाक पर प्रत्यंचा का सन्धान कर देता। उस समर्पिता, सहधर्मिणी या सह-गामिनी पत्नी का जो सहजभाव से सारा राज्य सुख तथा वैभव त्यागकर पति राम की अनुगामिनी बनकर उनके संग चल देती है चुनौती-भरे वन्य जीवन के दु:खों को अपनाने। सीता के चरित पर अनेक ग्रन्थ लिखे गए हैं, अधिकांश में उन्हें जगजननी, शक्तिस्वरूपा या देवी मानकर पूजनीया बनाया गया। किन्तु मानवी मानकर उनके मर्म के अन्तस्थल तक पहुँचने...उनके मर्म की थाह लेने की चेष्टा न के बराबर की गई। उनके प्रति किए गए राम के सारे निर्णय को उनकी मौन स्वीकृति मानकर राम की महानता, मर्यादा तथा उत्तमता को और महिमामंडित किया गया। क्या वास्तव में ऐसा था? क्या सीता के पास अपने प्रति किए जा रहे अविचार के प्रति प्रतिरोध के स्वर का अभाव था? अपने जीवन-जनित अभीष्ट अपने कर्मों में निहित कर जीती सीता क्या मात्र पाषाण प्रतिमा थीं? क्या उनका अन्तस संवेदनशून्य था या उन्हें हर्ष-विषाद तथा शोक-सन्ताप नहीं व्याप्तता था? और क्या हर स्थिति-परिस्थिति को उन्होंने सहज स्वीकार लिया था, शिरोधार्य कर लिया था बिना प्रतिवाद किए? यह उपन्यास ऐसे ही अनेक प्रश्नों का सन्धान है।
Raqqasa
- Author Name:
Anshu Pradhan
- Book Type:

- Description: novels
Durga
- Author Name:
Wonder House
- Rating:
- Book Type:

- Description: This delightful collection of stories from Indian mythology introduces young readers to our enriching and ancient culture and wisdom.
Shwet Yodha
- Author Name:
Jyoti Jain
- Book Type:

- Description: Description Awaited
Savitrichi Shabari
- Author Name:
Sangeeta Mulay +1
- Book Type:

- Description: खेड्यातील, सर्वहारा वर्गातील, दलित, काळ्या वर्णाची एक मुलगी. शिक्षणासाठी शहरात येते. पण वर्ग, वर्ण, भाषा, गबाळा पोशाख यामुळे तिला पदोपदी भेदभावाचा सामना करावा लागतो. परक्या शहरात कुणी मार्गदर्शक नसतो ना जिवाभावाचा आधार असतो. तरीही ती नेटानं शहरात राहते, शिक्षण घेते आणि एके दिवशी ‘सावित्रीची शबरी' म्हणून नवी ओळख निर्माण करते. कोण आहे ही मुलगी? तिला बेदखल करणाऱ्या शहरी वातावरणात ती तगून कशी राहते? खेडवळपणाच्या मागासलेल्या कोषातून बाहेर पडत फुलपाखराप्रमाणे स्वच्छंदपणे बागडण्यासाठी लागणारं बळ तिला कुठून मिळतं? याचा उत्कट मागोवा घेणारी ही कहाणी आपल्यातल्या माणसाला जागवणारी आहे.
Zindagi Ki Sabse Sard Raat
- Author Name:
Krishn Bihari
- Book Type:

- Description: Book
Safar Me Dhoop Bahut Thee
- Author Name:
Jyoti Thakur
- Book Type:

- Description: Book
Shribharat Vijaya
- Author Name:
Acharya Sohanlal Ramrang
- Book Type:

- Description: श्री भरत विजय महर्षि वाल्मीकि के अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम राघवेंद्र के लौकिक जीवनकाल की अंतिम घटना है। कथानक वर्णन में केकय देश आततायी गंधर्वों के कारण अनेक संकटों से ग्रस्त हो गया। इनसे मुक्ति पाने के लिए अयोध्या नरेश श्रीराम से प्रार्थना की गई। केकय देश को गंधर्वों के आतंक से मुक्त करने के लिए श्री भरत के सेनापतित्व में अयोध्या से विशाल चतुरंगिणी सेना चली। इस सैन्याभियान में उनके दोनों पुत्र तक्ष एवं पुष्कल भी साथ थे। सिंधु नद के पार गंधर्वों से भयंकर युद्ध छिड़ गया, निरंतर सात दिनों तक लोक विलयंक युद्ध होता रहा। किंतु किसी प्रकार विजय-प्राप्ति की स्थिति न आती देखकर श्री भरत ने मृत्युदेव के प्रलयंकारी सेवर्कास्त्र का प्रयोग कर तीन करोड़ गंधर्वों का संहार कर डाला। पाँच वर्ष पश्चात् श्री भरत अयोध्या लौटे। ये पाँच क्यों लगे? इसी का उत्तर अन्यान्य शास्त्रों के आधार पर देने का जो प्रयत्न किया गया, वही ‘श्री भरत विजय’ है। श्रीरामकथा के इस अल्पज्ञान प्रसंग की प्रस्तुति ही श्री भरत विजय के रूप में यह कृति है। __________________________________________ विषय सूची अनुच्छेद—पृष्ट समर्पण—5 प्रणामांजलि—7 श्रीरामकालीन भूगोल——9 श्रीराम कथा का एक विलुप्तप्राय अध्याय : श्रीभरत विजय—11 श्रीभरत विजय के पात्र—43 मार्गदर्शक ग्रंथ एवं कृतियाँ—47 आशीर्वचन—51
Hanukiah Ari Hogada Deepa 1939-2015
- Author Name:
Vittal Shenoy
- Book Type:

- Description: DESCRIPTION AWAITED
War of the Tribes
- Author Name:
Darius C. Modi
- Rating:
- Book Type:

- Description: The first book of the four-book Lasgalan Series How do you create the perfect team? Do you bring the strongest people in, and hope they work together with little training? Or do you bring in a variation of people and make sure they work together, whether they want to or not? Here, in the first book of the Lasgalan Series, War of the Tribes, you see seemingly ordinary teenagers grouped together and whisked off to work hard and fast. From birth, they are hardwired for battle and whether they like it or not, they have to go above and beyond their limits, time and time again. This is just the start for them. Knowing that they have to face a person who made even a God quiver, they know what sacrifices they have to make so that the job is finished cleanly. What makes a team? The easy work, or the despair, pain that they undergo? Magic, blood, gore, powers beyond their comprehension and brute force are some of the facets that shape this team to get it to what it needs to be. Unexpected twists shape the morale of the team, without them realizing it.
Dekh Loon To Chaloon
- Author Name:
Sameer Lal
- Book Type:

- Description: This book has no description
Uttara
- Author Name:
Supreeth K N
- Book Type:

- Description: Novel based on seeking answers for fundamental question. ಉತ್ತರ’ ಸುಪ್ರೀತ್ ಕೆ.ಎನ್ ಅವರ ಕಾದಂಬರಿ. ಕನ್ನಡದ ಭರವಸೆಯ ಕಾದಂಬರಿಕಾರರಲ್ಲಿ ಒಬ್ಬರಾದ ಸುಪ್ರೀತ್ ತಮ್ಮ ಪ್ರತಿ ಕೃತಿಯನ್ನೂ ಅಧ್ಯಾತ್ಮದ ಅಡಿಪಾಯದಲ್ಲೇ ರಚಿಸಿದರೂ, ಪ್ರತಿ ಕೃತಿಯಲ್ಲೂ ಅಧ್ಯಾತ್ಮದ ಬೇರೆ ಬೇರೆ ಆಯಾಮಗಳನ್ನು ಪರಿಚಯಿಸುತ್ತಾರೆ. ಈ ‘ಉತ್ತರ’ ಕಾದಂಬರಿಯ ಮೂಲ ವಸ್ತು 'ನೋವು'. ಕಥನಾಯಕ ಸ್ಕಂದ ನೋವಿನ ಪರಿಸ್ಥಿತಿಯೊಂದರಲ್ಲಿ ಸಿಲುಕಿದಾಗ, ಮನುಷ್ಯನಿಗೆ ನೋವು ಯಾಕೆ ಕಾಡುತ್ತದೆ? ನೋವಿನ ಮೂಲವೇನು? ನಮ್ಮನ್ನು ಕಾಡುವ ನೋವಿನಿಂದ ಹೇಗೆ ಹೊರಬರಬೇಕು? ಎನ್ನುವಂತಹ ಮೂಲಭೂತ ಪ್ರಶ್ನೆಗಳನ್ನು ಕೇಳಿಕೊಂಡು ಅದಕ್ಕೆ ಉತ್ತರ ಹುಡುಕುತ್ತಾ ಆಶ್ರಮವೊಂದಕ್ಕೆ ತೆರಳಿ ಅಲ್ಲಿ ಅಧ್ಯಾತ್ಮ ಸಾಧನೆಗಳನ್ನು ಮಾಡುತ್ತಾ ತನ್ನ ನೋವಿನ ಮೂಲ ಹುಡುಕುತ್ತಾನೆ. ಉತ್ತರ ಹುಡುಕುವ ಈ ಹಾದಿಯಲ್ಲಿ ಕರ್ಮ ಸಿದ್ಧಾಂತಗಳ ಹಲವು ಮಜಲುಗಳ ಪರಿಚಯವು ಆಗುತ್ತದೆ.
Shatrughna Charit
- Author Name:
Ravindra Shukla 'Ravi'
- Book Type:

- Description: ईश्वर के अंशावतार शत्रुघ्न के समग्र व्यक्तित्व को उद्घाटित करने वाली यह कृति विश्व के साहित्याकाश की प्रथम एवं मौलिक कृति है। इस ग्रंथ में जहाँ ईश्वर अंश अवतार श्री शत्रुघ्न के अकथनीय कर्मयोग का अवतरण है, वहीं श्रीरामचरित मानस एवं वाल्मीकि रामायण के विवादित प्रसंगों की भी सही व्याख्या का अवतरण हुआ है। सनातन संस्कृति की वैदिक अवधारणाओं से लेकर संबंधित उपलब्ध सभी महनीय शास्त्रों का नवनीत इस ग्रंथ में प्रभु की कृपा से समाहित हुआ है। पावन श्रीरामचरित मानस और वाल्मीकि के संदर्भों और अंतर्निहित साक्ष्यों को आधार बनाकर ही इस ग्रंथ की रचना हुई है। अतः मूल तो वही ग्रंथ है, किंतु यह पावन ‘श्री शत्रुघ्न चरित’ महाकाव्य इन दोनों ग्रंथों का ज्योतिवाह अर्थात् प्रकाश-स्तंभ है। भारतीय अजेय चिंतनधारा को विकृत करने के आशय से की गई गलत व्याख्याओं को भी यथासंभव सही अर्थों में प्रस्तुत करने का कार्य इस ग्रंथ में हुआ है।
Shivar
- Author Name:
Vijay Dhondiram Jadhav
- Book Type:

- Description: “कसली कसली तणनाशकं मारत्याती. ते मारलेल्या जमिनीवरनं नुसतं चाललं तर अंगाचा आगडोंब हुतूय, मग जमिनीनं ते कसं सोसायचं. जमिनीतली किडामुंगी सगळं मरून जातंय. एवढा तिच्यावर अत्याचार केल्यावर ती कशी पिकणार. काजळाच्या वडीसारखं शिवार आता खरूज आलेल्या माणसासारखं दिसाय लागलंय. ढेकूळ तोंडात टाकला तर खराट घोट लागतूय. सगळ्या वावरावर पांढराधोट मिठाचा थर तवंग आल्यासारखा दिसतूय. अजून एखादं वरीस कसं तरी शिवार दम काढील; पण त्येच्या म्होरं ह्येच्यात काय पीक यील असं मला वाटत न्हाई. पिकायचं बंद झालं, की मग बसा बोंबलत. ईख खाऊन मरा, न्हाई तर झोळ्या घेवून भीक मागत फिरा. आपल्या डोळ्यादेखत शिवाराचं झालेलं हे वाटुळं बघण्यापरास चाटशिरी मराण आल्यालं चांगलं.” एका बाजूला रानशिवाराशी जडलेलं श्रद्धाविश्व आणि दुसऱ्या बाजूला आधुनिक विकासाच्या नावाखाली सुरू असणाऱ्या बदलांमुळे लयाला चाललेलं रानवैभव अशा कात्रीत सापडलेला प्रत्येक शेतकरी अशी मरणाची भाषा बोलतो. ‘शिवार'मधले अण्णा-आप्पाही त्याला अपवाद नाहीत... शेतकऱ्याला बागाईतदार अशी ओळख देणाऱ्या ऊसशेतीने निर्माण केलेल्या प्रश्नांचा चौफेर वेध घेणारी आणि या प्रश्नांच्या कचाट्यात सापडलेल्या शेतकऱ्याची हतबलता मांडणारी कादंबरी. शेतीच्या भांडवलीकरणातून झालेल्या शेतकऱ्याच्या कोंडीचा ग्रामजीवनावरील दूरगामी परिणाम समजून घेण्यासाठी वाचलीच पाहिजे अशी कादंबरी. शिवार | विजय धोंडीराम जाधव Shivar | Vijay Dhondiram Jadhav
Vaya Gurgaon
- Author Name:
Dushyant
- Book Type:

- Description: सुमन ने कहा कि कर दी ना सीधी सट्ट जाटोंवाली बात! महेंद्र ने कहा– क्यों जची नहीं क्या, सुमन ने कहा– जाटणी हूं, जी में आ जाए तो क्या नी जचे। और ना जचे तो भगवान भी नहीं जचा सके। वैसे बात तो सयाणी करी है। सोचने दो महेंद्र सिहाग जी। वैसे, गोदारों का जवाईं बनने का सुख भी आसानी से नहीं मिलता। –इसी उपन्यास से
Rushyashrunga
- Author Name:
Harisha Hagalawadi
- Book Type:

- Description: ತಿಗೆ ಬೆನ್ನುಡಿ ಬರೆದಿರುವ ನಾಗರಾಜ ವಸ್ತಾರೆ ಅವರು “ಈ ಬೆಂಗಳೂರು ನಿನ್ನನ್ನು ಕಾಡಿರುವಷ್ಟೇ- ಬಹುಶಃ ಇನ್ನೂ ಹೆಚ್ಚು, ನನ್ನನ್ನು ಕೆಣಕಿರುವುದು ಹೌದು. ಆದರೆ, ಇನ್ನೂ ಮದುವಣಿಗನಾಗದ ಅವಸ್ಥೆಯಲ್ಲಿರುವ ನೀನು, ನಿನ್ನಂಥವರು ಕಾಣುವ ಈ ಶಹರ, ಶಾಹರಿಕತೆ ನನ್ನಲ್ಲಿ ಬೆರಗು ಹುಟ್ಟಿಸುತ್ತದೆ. ಉದ್ಯೋಗದೊಡನೆ ದುಡ್ಡು ಕೊಡುವ ಈ ಊರು ಜೀವನಕ್ಕೊಂದು ಕ್ರಮವನ್ನೂ ಕೊಡುತ್ತದೆನ್ನುವ ನಿನ್ನ ಮಾತಿಗೆ ಸಲಾಮು. ಇಷ್ಟಿದ್ದೂ, `ಇದು ಅರ್ಥವಾಗದ ಯಕ್ಷಿಣಿ' ಅಂತನ್ನುವುದು ನಿನ್ನದೇ ಇನ್ನೊಂದು ಮಾತು. ಇಲ್ಲಿನ ಬದುಕನ್ನು ಜೇನುಗೂಡು, ರೇಶ್ಮೆಗೂಡುಗಳಂತೆ ಗ್ರಹಿಸಿರುವುದು ಇಷ್ಟವಾದ ಇನ್ನೊಂದು ಸಂಗತಿ. ಏನೇ ಇರಲಿ, ನಿನ್ನ ಗ್ರಹಿಕೆ ನಿನ್ನ ಕಾಣ್ಕೆ. ಆದರೆ, ನಿನ್ನ ನೋಟವನ್ನು ಸಾರ್ವತ್ರಿಕ-ಸಾರ್ವಕಾಲಿಕ ಸಂಗತಿಯೆಂಬಂತೆ ಮನ್ನಣೆಗಿಡುತ್ತೀಯಲ್ಲ, ಅದು ಇಷ್ಟವಾಗದಿದ್ದರೂ, ನಿನ್ನ ಎದೆಗಾರಿಕೆಗೆ ಜೈ. ವಯಸ್ಸಿಗೆ ತಕ್ಕ ಲಂಪಟತನಕ್ಕೆ ಚೌಕಟ್ಟು ಹಾಕುವ ನಿನ್ನ ಹುಂಬತನಕ್ಕೆ ತುಸು ಇರುಸುಮುರುಸಾಯಿತಾದರೂ ಇದು ನಿನ್ನ ಮೆಥಡೆಂದು ಸುಮ್ಮನಾಗಿದ್ದೇನೆ. ಇನ್ನು, ನಿನ್ನ ಋಷ್ಯಶೃಂಗ-ತೆಯ ಬಗ್ಗೆ ಕಡೆಯಲ್ಲಿ ಹೇಳಿದ್ದು ಮನಸ್ಸು ನಾಟಿತು. ಬಹುಶಃ, ಇದು ನಮ್ಮೆಲ್ಲರ ಋಷ್ಯಶೃಂಗ-ತೆಯೂ ಹೌದು. `ವಿ ಸ್ಟಾರ್ಟ್ ಕನ್ಸ್ಯೂಮಿಂಗ್ ವಾಟೆವರ್ ಕಮ್ಸ್ ಇನ್ ಅವರ್ ವೇ...' ಅನ್ನುವ ಮಾತಿನ ಹಿಂದೆಯೇ, ಪರಾವರ್ತಿತ ರಿಫ್ಲೆಕ್ಸಿನಂತೆ ಅನಿಸಿದ್ದು- `ವಾಟ್ ಇಫ್ ಇಟ್ ಕನ್ಸ್ಯೂಮ್ಸ್ ದಿ ಸೆಲ್ಫ್?' ಅನ್ನೋದು. ಹೋಪ್ ದಟ್ ವೋಂಟ್ ಹ್ಯಾಪನ್. ಅಂಡ್, ಯೂ ವೋಂಟ್ ಲೆಟ್ ದಟ್ ಹ್ಯಾಪನ್. ಒಂದಷ್ಟು ಚಿಯರುಗಳು” ಎಂದಿದ್ದಾರೆ.
The Seven Tears of God
- Author Name:
Prasann Sharma
- Rating:
- Book Type:

- Description: What happens when a human is suddenly chosen and reaches an isolated island? Far from everyone he knew, with other species, he fears? Species he disgusted and species he didn’t even know existed? Join Sir Antonio de Iden III, a Nobel Aristocrat, who sets out on an adventure after being chosen by a golden coin that allows him to ask God to grant him one wish. One wish to change his past, future or anything that he wants. He soon realises that he is not the only one chosen by the mysterious coin, leading him to a secluded island along with other chosen ones from different species – beasts, elves, demons and more. Welcome to a world full of desires, sins, curses, dreams, and how one wish can be the hardest choice ever. Will their wishes lead them one step towards their destinies? Or will it change their destiny forever?
Customer Reviews
0 out of 5
Performance
5 out of 5
Book
Be the first to write a review...