Bolna To Hai

Bolna To Hai

Authors(s):

Sheetla Mishra

Language:

Hindi

Pages:

312

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

624 mins

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Book Description

यदि हमसे कहा जाए कि बोलिए मत, चुप रहिए तो हम कितनी देर तक चुप रह सकते हैं? और चुप होते ही हम पाएँगे कि हमारे अधिकांश काम भी ठप हो गए हैं। यानी, बोलना तो है ही। बोले बिना किसी का काम चलता नहीं। नींद के बाद बचे समय पर ज़रा ग़ौर कीजिए, पाएँगे कि ज़्यादातर वक़्त (75 प्रतिशत से भी ज़्यादा) हम, या तो, बोल रहे हैं या सुन रहे हैं। ज़रा सोचिए, कि जिस काम पर सबसे ज़्यादा समय ख़र्च कर रहे हों, यदि उसे बेहतर कर लें तो हमारे जीवन का अधिकांश भी बेहतर हो जाएगा। यानी, अपने बोलने और सुनने को बेहतर बनाना, जीवन को ठीक करने जैसा काम होगा, क्या नहीं?</p> <p>दरअसल, चार मौलिक विधाएँ हैं—बोलना, सुनना, लिखना, पढ़ना। इनमें से लिखने-पढ़ने की तो हम औपचारिक शिक्षा पाते हैं, लेकिन बोलना-सुनना, आश्चर्यजनक रूप से, सिर्फ़ नक़ल और अनुकरण के हवाले हैं। बोलना-सुनना औपचारिक तरीक़े से सीखा और सुधारा जा सकता है, और इसी की पहली सीढ़ी है यह पुस्तक।

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