Ve Aankhen
Author:
Bimal MitraPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 159.2
₹
199
Available
इस संसार में कोई भी ऐसा नहीं है जो पूरे विश्वास के साथ कह सके<strong>, </strong>कि वह सुखी है। जो ऐसा कहता है<strong>, </strong>वह या तो जान-बूझकर झूठ बोलता है या फिर उसे समझ ही नहीं है कि सुख क्या होता है।</p>
<p>इस कथा-पुस्तक की केन्द्रीय विषयवस्तु यही है। अविनाश दा की कविताओं से शब्द की महत्ता का पाठ पढ़कर कथानायक जीवन की कथा कहने बैठता है जिसमें उसके पास-पड़ोस से लेकर दिल्ली-मुम्बई तक फैले पात्रों के दु:ख-कर्म शामिल हैं। इतिहास जिस तरह आगे बढ़ता है<strong>, </strong>आदमी का जीवन भी छोटे रूप में उसी तरह ऊपर-नीचे होता हुआ बढ़ता रहता है। उसमें तरह-तरह के बदलाव आते हैं<strong>, </strong>कई बार तो ऐसे कि कुछ अन्तराल के बाद उनसे मिलो तो जैसे पहचानना ही मुश्किल हो जाता है।</p>
<p>अलग-अलग कथा-सूत्रों के माध्यम से बिमल मित्र यहाँ जीवन और साहित्य के रिश्ते पर<strong>, </strong>मनुष्य की विचित्र नियति पर<strong>, </strong>समाज के मुखौटों पर अलग-अलग कोणों से दृष्टिपात करते हैं। अविनाश दा<strong>, </strong>सत्य सुन्दर और मिसेज राय<strong>, </strong>अशेष दत्त<strong>, </strong>मुकुल राय जैसे पात्रों की इन कहानियों में जीवन के कई चित्र ऐसे हैं जो इस संसार के प्रति प्रेम भी जगाते हैं<strong>, </strong>मोह भी और वितृष्णा भी।
ISBN: 9788180316081
Pages: 175
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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