Jahaj Ka Panchhi
Author:
Ilachandra JoshiPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 240
₹
300
Available
इलाचन्द्र जोशी हिन्दी के अत्यन्त प्रतिष्ठित उपन्यासकार थे। उनके प्राय: सभी उपन्यासों का गठन हमारे मध्यवर्गीय समाज के जिन पात्रों के आधार पर हुआ है, वे मनोवैज्ञानिक सार्थकता के लिए सर्वथा अद्वितीय है। ‘जहाज़ का पक्षी’ एक ऐसे मध्यवर्गीय नवयुवक के परिस्थिति-प्रताड़ित जीवन की कहानी है, जो कलकत्ता के विषमताजनित घेरे में फँसकर इधर-उधर भटकने को विवश हो जाता है, किन्तु उसकी बौद्धिक चेतना उसे रह-रहकर नित-नूतन पथ अपनाने को प्रेरित करती है। ऐसा कौन-सा काम है, जो उसने अपने अन्तस की सन्तुष्टि के लिए न अपनाया हो। जीवन की उदात्तता का पक्षपाती होते हुए भी वह ‘जहाज़ का पंछी’ के समान इत-उत भटककर फिर अपने उसी उद्दिष्ट पथ का राही बन जाता है, जिसे अपनाने की साध वह अपने अन्तर्मन में सँजोए हुए <br />था।</p>
<p>‘जहाज़ का पंछी’ में आज के सुशिक्षित किन्तु महत्त्वाकांक्षी तथा बौद्धिक चेतना से आक्रान्त बहुत से नवयुवक अपनी ही जीवनकथा अंकित पाएँगे। यह एक दर्पण है, जिसमें हम अपने तरुण वर्ग और नागरिक जीवन की झाँकी पा सकते हैं।
ISBN: 9788180313127
Pages: 332
Avg Reading Time: 11 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: "कहा गया है—एक सेहत हजार नियामत। अच्छा स्वास्थ्य किसी वरदान से कम नहीं है। स्वास्थ्य अच्छा रखने के लिए हमें ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जो हमें रोगी बनाए, अर्थात् हमें ‘इलाज से बेहतर बचाव’ की नीति का पालन करना चाहिए। लेकिन आज के विषम माहौल में कोई-न-कोई रोग, व्याधि हमें जब-तब आकर घेर लेती है—तब हम क्या करें? तब इस पुस्तक की मदद लें, जिसमें पूरे परिवार को स्वस्थ रखने के सटीक उपाय दिए गए हैं। साथ ही यह भी बताया गया है कि हम सुदीर्घ-स्वस्थ जीवन कैसे पा सकते हैं। यह आपको ऐसे सरल घरेलू उपाय बताती है कि आप उन्हें स्वयं आजमाकर स्वस्थ परिवार, समाज और देश का निर्माण कर सकते हैं। सामान्य रोगों और उनके उपचार की पूरी जानकारी सरलता से समझी और अपनाई जा सकनेवाली विधि से बताई गई है। पूरे परिवार के सुदीर्घ-स्वस्थ जीवन के लिए एक प्रामाणिक और व्यावहारिक ‘फैमिली हैल्थ गाइड’। "
Mizoram Ki Lokkathayen
- Author Name:
Prof. Yashwant Singh
- Book Type:

- Description: पूर्वोत्तर भारत में सैकड़ों जनजातियाँ अपनी सामाजिक, सांस्कृतिक एवं भाषाई विविधताओं के साथ लंबे समय से निवास करती आ रही हैं। इन जातियों के रहन-सहन, तौर-तरीके, विश्वासों में उतना ही भेद है, जितना पूर्वोत्तर भारत एवं शेष भारत में। यहाँ की जनजातियों का कोई प्राचीन लिखित साहित्य, लिखित इतिहास एवं लिखित साक्ष्य प्राप्त नहीं होता है। प्राचीन काल से इन जनजातियों के पास लोक-साहित्य सृजन की एक समृद्ध परंपरा रही है। प्राचीन काल से ये लोक-साहित्य सृजित, विकसित, हस्तांतरित होते हुए मौखिक परंपरा में आज तक चले आ रहे हैं। इन जनजातियों के प्राचीन सामाजिक जीवन, सांस्कृतिक तौर-तरीके, रहन-सहन, खान-पान, पहनावा-ओढ़ावा, धार्मिक विश्वासों आदि के बारे में जानने के आज ये एक सशक्त माध्यम हैं। मिजो जनजातियों के पास भी प्राचीन लोक-साहित्य और लोककथाओं का एक बहुमूल्य खजाना है, जो उनके प्राचीन सामाजिक जीवन, सांस्कृतिक तौर-तरीके, रहन-सहन, खान-पान, पहनावा-ओढ़ावा, धार्मिक विश्वासों आदि के बारे में जानने का आज एक सशक्त माध्यम हैं। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर इन मिजो लोककथाओं का संकलन प्रस्तुत है, ताकि पाठक वहाँ की लोक-संस्कृति, परंपराओं और मान्यताओं को जान सकें।
Mahabhoj
- Author Name:
Mannu Bhandari
- Rating:
- Book Type:

- Description: मन्नू भंडारी का ‘महाभोज’ उपन्यास इस धारणा को तोड़ता है कि महिलाएँ या तो घर-परिवार के बारे में लिखती हैं, या अपनी भावनाओं की दुनिया में ही जीती-मरती हैं। ‘महाभोज’ विद्रोह का राजनैतिक उपन्यास है। जनतंत्र में साधारण जन की जगह कहाँ है? राजनीति और नौकरशाही के सूत्रधारों ने सारे ताने-बाने को इस तरह उलझा दिया है कि वह जनता को फाँसने और घोटने का जाल बनकर रह गया है। इस जाल की हर कड़ी ‘महाभोज’ के दा साहब की उँगलियों के इशारों पर सिमटती और खुलती है। हर सूत्र के वे कुशल संचालक हैं। उनकी सरपरस्ती में राजनीति के खोटे सिक्के समाज चला रहे हैं—खरे सिक्के एक तरफ़ फेंक दिए गए हैं। ‘महाभोज’ उपन्यास भ्रष्ट भारतीय राजनीति के नग्न यथार्थ को प्रस्तुत करता है। अनेक देशी-विदेशी भाषाओं में इस महत्त्वपूर्ण उपन्यास के अनुवाद हुए हैं और ‘महाभोज’ नाटक तो दर्जनों भाषाओं में सैकड़ों बार मंचित होता रहा है। ‘नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा’ (दिल्ली) द्वारा मंचित ‘महाभोज’ नाटक राष्ट्रीय नाट्य-मंडल की गौरवशाली प्रस्तुतियों में अविस्मरणीय है। हिन्दी के सजग पाठक के लिए अनिवार्य उपन्यास है ‘महाभोज’।
Professor Shanku Ke Karname
- Author Name:
Satyajit Ray
- Book Type:

- Description: प्रोफ़ेसर शंकू कौन है? बस, इतना ही पता चलता है कि वे एक वैज्ञानिक हैं, विश्वविख्यात वैज्ञानिक। कुछ लोग कहते हैं कि उन्होंने शायद किसी भीषण प्रयोग में अपने प्राण गँवा दिए हैं। इधर यह भी सुनने में आया है कि वे किसी अपरिचित अंचल में छुपकर अपने काम में लगे हुए हैं, समय आने पर प्रकट हो जाएँगे। प्रोफ़ेसर शंकू की प्रत्येक डायरी में कुछ-न-कुछ ऐसी विचित्र जानकारियाँ अंकित हैं जो हमें रोमांचित करती हैं। ये कहानियाँ सच्ची हैं या झूठी, सम्भव हैं या असम्भव—इसका निर्णय आप स्वयं पढ़कर कर लें। रोचक शैली में लिखा गया सत्यजित राय का बहुचर्चित-बहुप्रशंसित उपन्यास है—‘प्रोफ़ेसर शंकू के कारनामे’।
Cadence
- Author Name:
Parul Tyagi
- Book Type:

- Description: Hindi Poetry Book
Ramblings of A Lunatic
- Author Name:
Somya Matta
- Book Type:

- Description: Somya Matta is a fulltime lunatic and a part time student. She's only recently become an adult. She hates writing in the third person but is doing it right now for your sake. All she knows in her life is to sing badly, write mediocrely, and drink hot beverages quite greedily.
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