Katra Bi Arzooo
Author:
Rahi Masoom RazaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 239.2
₹
299
Available
‘कटरा बी आर्जू’ एक मामूली कटरे की कहानी होते हुए भी लगभग पूरे देश की कहनी है—अपने समय की कहानी है। यह उन 'गूँगी बस्तियों' के 'गूँगे लोगों' की कहानी है जहाँ 'उजाले' का कहीं नामो-निशान तक नहीं है। ऐसी बस्तियाँ शहर इलाहाबाद में ही नहीं, हर बड़े शहर में हैं—दिलों में छिपे अँधेरे कोनों की तरह। और हर अँधेरा जैसे अपने भीतर रोशनी का सपना पालता है, वैसे ही बिल्लो और देशराज भी एक सपना पालते हुए बड़े होते हैं—अपना एक घर होने का सपना। सपने को सच बनाने के लिए उन्हें जी-तोड़ संघर्ष करना पड़ता है और जब कामयाबी हासिल होने को होती है तो बुलडोजर उसे चकनाचूर कर जाता है—अँधेरा, अँधेरा ही रह जाता है।</p>
<p>इस उपन्यास की कथा इमरजेंसी से पहले की पृष्ठभूमि में शुरू होती है और ‘जनता’ के उदय पर आकर ख़त्म होती है। कथाकार का उद्देश्य सिर्फ़ कहानी कहना है, अपनी बातें आरोपित करना नहीं। वह तटस्थ भाव से उन यातनामय स्थितियों का चित्रण करता है, जिनमें दर्द का अहसास मिट जाता है—दर्द ही दवा बन जाता है। दर्द केवल बिल्लो और देशराज का नहीं; प्रेमा नारायण, शम्सू मियाँ, भोलू पहलवान, इतवारी बाबा, बाबूराम, आशाराम वग़ैरह के भी अपने-अपने दर्द हैं जो अपनी हद पर पहुँचकर अपनी अर्थवत्ता खो देते हैं। इमरजेंसी के दौरान ऊपरी तबके के स्वार्थी तत्त्वों ने कैसा अंधेर मचाया, स्थानीय नेताशाही और नौकरशाही कैसे खुलकर खेली तथा आम आदमी का यह विश्वास कैसे टूटा कि ‘इमरजेंसी से ग़रीब आदमी का भला भया है’—ये सारी वास्तविकताएँ पूरी प्रभावकता और सहजता के साथ इस उपन्यास में उभरकर आई हैं। वस्तुतः इस असरदार कृति के द्वारा राही मासूम रज़ा की तीखी और सधी हुई क़लम की श्रेष्ठता एक बार फिर प्रमाणित हुई है।
ISBN: 9788126720163
Pages: 234
Avg Reading Time: 8 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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Manimala
- Author Name:
Ilachandra Joshi
- Book Type:

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Description:
पं. इलाचन्द्र जोशी की रचनात्मक प्रतिभा से परिचित लोग यह भली-भाँति जानते हैं कि पाठ-सम्मोहन को वे उपन्यास का सर्वश्रेष्ठ गुण मानते हैं। सिर्फ़ मनोरंजन ही नहीं वरन् उत्सुकता, चमत्कार और कहानी कहने की मनोरंजक प्रक्रिया पर वे विशेष ध्यान देते हैं।
‘मणिमाला’ नामक इस उपन्यास में उनकी रचना-प्रकृति के सारे गुण एक साथ विद्यमान हैं। अपने आस-पास के जीवन से बिलकुल अलग, दूर मसूरी के एक होटल में वे एक दूसरे आदमी द्वारा सुनी हुई कहानी को लिपिबद्ध करके पाठक की उत्सुकता को जाग्रत करते हैं और एक जिप्सी लड़की को उपन्यास का मुख्य पात्र बनाकर उपन्यास को एक ऐसा आयाम देते हैं कि पाठक साँस बाँधकर ‘आगे क्या हुआ’ सोचता हुआ उपन्यास समाप्त कर देता है।
हिन्दी उपन्यास को लोकप्रिय बनाने में जिन उपन्यासकारों की भूमिका है, उसमें जोशी जी का नाम सर्वोपरि है और उनके अनेक महत्त्वपूर्ण उपन्यासों में ‘मणिमाला’ उनकी रचनाशीलता के समस्त गुणों का आईना है।
Our Dharma Between Us
- Author Name:
Pratik Sharma
- Book Type:

- Description: Every love story has two endings, either the lovers meet or they don’t. The journey between the commencement and conclusion is different for everyone, and that’s your original story.Joy deep Singh, a Sikh in his twenty-six, starts working as teacher and does voluntary service with his dad. A day comes when he comes across Pratik, a friend from his school. They meet after 4 years in the school.Being parted for a long time, they start discussing their old days. However, the name of Meenakshi drags joy deep into some thick and thin memories of his life.Being in a live-in relationship for five years, and separating later, joy illustrates his heart-rending story to Pratik. How much does a thread of a Hindu and a turban of a Sikh matters in a marriage if love is the biggest dharma?.
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