
Ek Karore Ki Botal
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
127
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
254 mins
Book Description
ज़िन्दगी एक फूल होती है जो मुरझा जाती है; ज़िन्दगी एक पत्थर होती है और घिस जाती है; ज़िन्दगी लोहा होती है और जंग खा जाती है; ज़िन्दगी आँसू होती है और गिर जाती है; ज़िन्दगी महक होती है और बिखर जाती है; ज़िन्दगी समन्दर होती है और...“यही है कृश्न चंदर की जादुई क़लम, जिसने जीवन की भयावह सचाइयों को अत्यन्त रोमैंटिक लहज़े में पेश किया है।</p> <p>'एक करोड़ की बोतल' उनका एक महत्त्वपूर्ण उपन्यास है, जिसमें उन्होंने नारी के समस्त कोमल मनोभावों एवं उसकी आन्तरिक पीड़ा को मार्मिक अभिव्यक्ति दी है। एक कुशल कथाकार के नाते उनकी लेखनी ने बहुत सफलता के साथ सेक्स, रोमांस, धनाभाव और माया-लोक की सम-विषम परिस्थितियों में फँसे अपने मुख्य पात्रों को इस बात की पूरी स्वतंत्रता दी है कि वे अपने-आपको पाठक के सामने स्वयं उपस्थित करें।</p> <p>वास्तव में कृश्न चंदर का यह उपन्यास मानव-मन की दुर्बलताओं का दर्पण तो है ही, इसमें सामाजिक विघटन एवं कुंठा से उत्पन्न वे घिनौने प्रसंग भी हैं, जो हमें चिन्तन के नए छोरों तक ले जाकर रचनात्मक पुनर्रचना के लिए प्रेरित भी करते हैं।