And It Happened : Because Every Moment Of Life Has It's Reason
Author:
Shreya DuttaPublisher:
Author'S Ink PublicationsLanguage:
EnglishCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 191.25
₹
225
Available
Meet br>Simran Kapoor, the girl who can make the dullest day bright. Meet Daniel Xavier Hudson a boy whose path you don’t want to cross ever. Two persons who seems Poles apart but are forced to confront their fears and their demons. And suddenly they find that they are more similar to each other than they thought. Together they have to fight against all odds in a journey to find them and find true love along the way or they will lose and perish in the hands of divine powers we call fate. So the question is can destiny be changed? Can they play and win a game we call life?.
ISBN: 9789385137938
Pages: 200
Avg Reading Time: 3 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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Description:
फणीश्वरनाथ रेणु ने अपने उपन्यास ‘मैला आँचल’ (1953) की भूमिका में पहली बार आंचलिकता की धारणा का विशेष उल्लेख किया था, किन्तु कथा-साहित्य में आंचलिकता की स्थापना पहली बार ‘देहाती दुनिया’ (1926) के लेखन-प्रकाशन के साथ हुई, यह सर्वमान्य है।
हालाँकि यह उपन्यास आज से लगभग नौ दशक पूर्व लिखा गया था किन्तु इसमें वर्णित गाँव की यथातथ्य संस्कृति एवं सभ्यता की झाँकी आज भी उतनी ही सटीक है, जितनी पहले थी। ठेठ देहाती शैली इस उपन्यास की विशिष्टता है, जो गाँव की फटेहाली और विकृतियों यथा—जादू-टोना, अन्धविश्वास आदि का चित्रण करती हैं। ‘देहाती दुनिया’ गाँव के भोले-भाले लोगों पर पुलिसिया ज़ुल्मो-सितम की भी कहानी कहती है।
इस उपन्यास में सबसे रोचक और मनभावन प्रसंग है बचपन की चुहलबाज़ी का। इसमें एक ओर अपने इकलौते लाडले के लिए माँ के निश्छल प्रेम की झाँकी है तो दूसरी ओर अपने बेटे के भविष्य को लेकर पिता की चिन्ता भी व्यक्त हुई है।
Beetiaap Beetiaap
- Author Name:
Vipin Kumar Agarwal
- Book Type:

- Description: ‘बीतीआप बीतीआप’ एक नए ढंग का उपन्यास है। भाषा और शैली के नवोन्मेषी प्रयोग के माध्यम से यह एक रचनाशील व्यक्ति की कहानी बताता है। इलाहाबाद की साहित्यिक पृष्ठभूमि में नायक की सफल कवि बनने की आकांक्षा उसे प्रेम और जीवन की विचित्र परिस्थितियों में ले जाती है, जहाँ वह निराला के सार्वभौमिक भाव का साक्षात्कार करता है। लेकिन इस बीच वह अपने परिवेश, अपने जीवन और उससे जुड़े लोगों की कहानियाँ भी बताता चलता है। विपिन कुमार अग्रवाल की विशेषता है कि दैनिक जीवन की साधारण घटनाओं को भी वे अपने भाषा-चातुर्य तथा कल्पना द्वारा विशेष अर्थ से भर देते हैं। भाषिक प्रयोग, परिस्थिति वर्णन और व्यक्तियों के चित्र खींचने की शैली इस उपन्यास को प्रयोगधर्मिता के एक भिन्न स्तर पर ले जाती है।
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