Ek Chuhe Ki Maut
Author:
BadiuzzamanPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 200
₹
250
Available
एक लम्बा-चौड़ा चूहाख़ाना और अनगिनत चूहेमार। छोटे, बड़े और फिर और बड़े। ठौर-ठौर चूहेमार प्रस्ताव, चूहेमार योजनाएँ और चूहेमार कार्यक्रम। जगह-जगह ज़िन्दा-मुर्दा चूहों का अम्बार, हाहाकार। कटे-फटे अंगों और सड़ रही लाशों की असह्य दुर्गन्ध। फिर भी अबाध चूहेमारी— प्रतिभा, योग्यता और कार्यक्षमता का एकमात्र प्रमाण, जन-कल्याण का एकमात्र रास्ता। मजबूर हैं एक-दूसरे के मातहत चूहे मारते चूहेमार; अभिशप्त, भयभीत और नियतिबद्ध हैं चूहेमारी के लिए; अन्यथा उन्हें ख़ुद चूहों में बदल जाना होगा— मर जाना होगा एक चूहे की मौत!</p>
<p>वस्तुतः सुपरिचित हिन्दी कथाकार बदीउज़्ज़माँ का यह बहुचर्चित उपन्यास फ़ंतासी के माध्यम से एक ऐसी समाज-व्यवस्था का चित्रण करता है जो पूरी तरह मानव-विरोधी है और जिसमें मानवीय गरिमा तथा मानव-अस्तित्व दोनों मूल्यहीन हो चुके हैं। फ़ंतासी के बावजूद लेखक ने स्थितियों का जैसा वास्तविक चित्रण किया है उससे हम अपने समय, समाज और व्यवस्था-तंत्र को साफ़ तौर पर देख और महसूस कर सकते हैं।
ISBN: 9789395737272
Pages: 184
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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Markandey
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- Description: 'अग्निबीज' में प्रस्तुत कथा-योजना का समय स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद का है। उत्तर भारत के सामाजिक-राजनैतिक जीवन और यहाँ की असह्य वर्ण व्यवस्था का उस पर प्रभाव इस उपन्यास का मुख्य विचार तत्व है। इसी कारण इसके नायक तीन ऐसे पात्र बनाए गए हैं जो अल्पवय हैं और पिछड़ी तथा निचली जातियों से आते हैं। श्यामा, जो एक विक्षिप्त स्वतंत्रता सेनानी की कन्या है, इन बाल पात्रों में सर्वाधिक जागृत है। श्यामा के पिता को, स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान पुलिस की लाठियों और यातनाओं गूँगा बना दिया है। उनका भाई उनकी कृति और त्याग का पूरा फ़ायदा उठाता है और राजनीति तथा सामाजिक जीवन में निरन्तर लन्द-फन्द करके एक महत्त्वपूर्ण कांग्रेस नेता बन जाता है। 'अग्निबीज' का सत्य उत्तर भारत के ग्रामीण जीवन का ऐसा मुखर सत्य है जिसके कारण उच्च जातियों के बुद्धजीवियों और आलोचकों ने इस उपन्यास के विचार तत्व को एक रूप तले दबाने का प्रयत्न किया लेकिन इसके व्यापक प्रभाव को रोक पाना, उनके लिए सम्भव नहीं हो पाया। उपन्यास सारे देश में पढ़ा एवं सराहा गया और उसे अनेक विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रमों में पढ़ा रहे हैं। 'अग्निबीज’ की मुख्य उपलब्धि उसमें वर्णित उत्तर भारत के गाँवों का सामाजिक जीवन है। पिछड़ी जातियों और हरिजनों के दुःखद और यातनामय जीवन की जैसी झाँकी 'अग्निबीज' में चित्रित है, उसका दर्शन प्रेमचन्द को छोड़कर किसी अन्य कथाकार के यहाँ उपलब्ध नहीं है। ख़ुशी की बात तो यह है कि ‘अग्निबीज’ का सत्य स्वतंत्रता प्राप्ति के इतने वर्षों बाद पुन: उजागर हो रहा है। समाज के उपेक्षित वर्ण जागृत होकर देश की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने सामाजिक-राजनीतिक जीवन में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है।
Srijan Ka Rasayan
- Author Name:
Shivmurti
- Book Type:

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Description:
रचना किसी विस्मय से कम नहीं है। शब्दों में जैसे एक समूचा संसार साकार हो उठता है। रचनाकार स्वयं इस रहस्य से अभिभूत रहता है कि कैसे अतीत का कोई क्षण भाषा में कौंध उठता है। स्मृति के अपार विस्तार में शब्द, स्पर्श, रूप, रस व गन्ध के असंख्य अनुभवों में से कब कौन सृजन का सहयात्री बन जाए, कहना कठिन है।
वरिष्ठ कथाकार शिवमूर्ति के गद्य का अनूठा आयाम उद्घाटित करती पुस्तक ‘सृजन का रसायन’ संस्मरण के शिल्प में उनकी रचना-प्रक्रिया को रेखांकित करती है। शिवमूर्ति का जीवन अनुभवों का भंडार है। गाँव और गाँव-जवार के जाने कितने चरित्र उनके लेखन का अभिन्न अंग बन चुके हैं। जिस कथारस व दृश्यधर्मिता के साथ ठेठ देसी अन्दाज़ में वे वृत्तान्त साधते हैं, वह अद्भुत है। गाँव के छोटे-छोटे विवरणों के अलावा जियावन दरजी, डाकू नरेश, धन्नू बाबा, संतोषी काका और जुल्म का विरोध करनेवाला जंगू—सब पुस्तक के पृष्ठों पर जाग उठते हैं।
शिवमूर्ति ने माता-पिता, परिवार, रिश्तेदारों और गाढ़े समय के साथियों को कृतज्ञ आत्मीयता के साथ याद किया है। बकरी चराते, अन्य श्रम साध्य काम करते, मेले में मजमा लगाते हुए वे किस तरह सफलता की राह पर आगे बढ़े, किस तरह सर्जना के संसार में विकसित हुए, प्रतिष्ठा प्राप्त की, इसका वर्णन अत्यन्त पठनीय है।
स्त्रियाँ ‘सृजन का रसायन’ की आत्मा हैं। माँ, नानी, पत्नी, परदेसिन मइया, जग्गू बहू, मनी बहू आदि अनेक चरित्र। और हाँ, ‘पितु मातु सहायक स्वामि सखा’ सरीखी शिवकुमारी। शिवमूर्ति और शिवकुमारी के विचित्र सम्बन्धों पर हिन्दी साहित्य में कौतूहल मिश्रित बहुत कुछ कहा-लिखा गया है। शिवमूर्ति इस पुस्तक में इस रिश्ते की दास्तान बयान करते हैं। जीवनानुभवों के साथ साहित्य के अनेक प्रश्नों के संवाद करती यह पुस्तक सचमुच अनूठी है।
Peeli Aandhi
- Author Name:
Prabha Khetan
- Book Type:

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Description:
प्रभा खेतान ने अपने विशिष्ट लेखकीय साहस के साथ स्त्री की सिर्फ़ बाहरी नहीं, उसकी निहायत निजी, आन्तरिक और गोपनीय परतों को भी अपनी रचनाओं में खोला है। उनके यहाँ पुरानी औरत ख़ुद अपने हाथों से अपना सिर काटने वाली और फीनिक्स की तरह पुनः-पुन: अपनी ही आग से एक नए रूप में जन्म लेनेवाली औरत होती है। ‘पीली आँधी’ में तीन-तीन पीढ़ियों की औरतें हैं जो कोई सौ-डेढ़ सौ साल की यात्रा करते हुए, अपनी-अपनी बात कहते हुए हमारे आज तक पहुँचती हैं। शिक्षा, निरन्तर परिवर्तनशील परिवेश के दबाव और बंगाल की सामाजिक जागरूकता के बीच प्रभा खेतान अपने जीवन का चुनाव स्वयं, अपनी तरह से करना चाहती हैं—वह स्वयं अपने आर्थिक स्रोतों की खोज करती है और इस प्रक्रिया में भयावह मानसिक-भावनात्मक रूपान्तरणों से दो-चार होती है। नई-नई चुनौतियों की रचना करने और उन्हें साहसपूर्वक झेलनेवाली इसी औरत की अक्कासी इस उपन्यास में है।
A Rogue's Love Diary
- Author Name:
Krish Gangadharan
- Book Type:

- Description: Staring at more than ten years of prison time for attempted manslaughter, Dr Chandran Ramachandran’s life was all but finished. At least, the victim and the witnesses were sure about that. They hoped that the monster would get beaten up by the prison inmates and die in there, like the street mongrel that he was. Chandru was doing himself no favours by choosing to remain silent in court. Awaiting his sentence, he reflected on the verses of Kahlil Gibran: “The river cannot go back. Nobody can go back. To go back is impossible in existence. ” The son of docile, orthodox, middle-class parents, and the grandson of a holy priest, Chandru did not lead the life that was expected of him, nor was he meant for the end that loomed large. Sixteen years ago, he was a University topper, a champion chess player, an expert swimmer, and a Bravery Award recipient. But all that had been frittered away in hurt, grief, anger, jealousy, and debauchery. A spurned love had turned him into a selfish, deceitful, immoral and ruthless rogue. He connived his way to money, success, sex, and a marriage, only to lose everything in his chosen path of self-destruction. But every loss is a harbinger of a gain, and Chandru was redeemed by the grace of the divine. Yet, the paths to redemption are seldom smooth. The demons from the past return to haunt Chandru. What if everything he had believed turned out to be lies? What if the truths that were buried are more dangerous than the lies that had ruined him? What if it all unravels? Will Chandru be able to save those who love him? Will Chandru unleash the rogue in him, one last time, for love? In the ending, will the beginning lie? Join the rogue in his incredible journey of love, guilt, deviousness, duplicity, and unbridled perversion as it unveils in the pages of his stolen diary – A Rogue’s Love Diary.
Dantkatha
- Author Name:
Abdul Bismillah
- Book Type:

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Description:
बहुचर्चित कथाकार अब्दुल बिस्मिल्लाह की क़लम से लिखा गया यह एक अद् भुत उपन्यास है। अद्भुत इस अर्थ में कि इसकी समूची संरचना उपन्यास के प्रचलित मुहावरे से एकदम अलग है। इसमें मनुष्य की कहानी है या मुर्ग़े की अथवा दोनों की, यह जिज्ञासा लगातार महसूस होती है, हालाँकि यह न तो फंतासी है, न कोई प्रतीक-कथा।
कथा-नायक है एक मुर्ग़ा, जो मनुष्य की हत्यारी नीयत को भाँपकर अपनी प्राण-रक्षा के लिए एक नाबदान में घुस जाता है। लेकिन हुआ क्या? यह तो अब नाबदान से भी बाहर निकलना मुश्किल है। ऐसे में वह लगातार सोचता है : अपने बारे में, अपनी जाति के बारे में। और सिर्फ़ सोचता ही नहीं, दम घोंट देनेवाले उस माहौल से बाहर निकलने के लिए जूझता भी है। लगातार लड़ता है भूख और चारों ओर मँडराती मौत से, क्योंकि वह ज़िन्दा रहना चाहता है और चाहता है कि मृत्यु भी अगर हो तो स्वाभाविक, मनुष्य के हाथों हलाल होकर नहीं। इस प्रकार यह उपन्यास नाबदान में फँसे एक मुर्ग़े के बहाने पूरी धरती पर व्याप्त भय, असुरक्षा और आतंक तथा इनके बीच जीवन-संघर्ष करते प्राणी की स्थिति का बेजोड़ शब्दचित्र प्रस्तुत करता है। लेकिन मनुष्य और मुर्ग़े के अन्तःसम्बन्धों की व्याख्या-भर नहीं है यह, बल्कि मुर्ग़ों-मुर्ग़ियों का रहन-सहन, उनकी आदतें, उनके प्रेम-प्रसंग, उनकी आकांक्षाएँ, यानी सम्पूर्ण जीवन-पद्धति यहाँ पेन्ट हुई है। शायद यही कारण है कि 'दंतकथा’ में हर वर्ग का पाठक अपने-अपने ढंग से कथारस और मूल्यों की तलाश कर सकता है।
Chhal
- Author Name:
Achala Nagar
- Book Type:

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Description:
रेडियो नाटक, फ़िल्मों और धारावाहिक आदि माध्यमों की विख्यात सृजनकर्मी अचला नागर का यह पहला उपन्यास है। इस उपन्यास में उन्होंने परिवार और व्यवसाय की एक सहयोगी संरचना को आधार बनाते हुए एक ओर पीढ़ियों के संघर्ष को रेखांकित किया है, तो दूसरी तरफ़ विश्वास और भरोसे पर जीवित शाश्वत मूल्यों को प्रतिष्ठित किया है।
कथा के केन्द्र में एक व्यवसायी परिवार है जिसने व्यवसाय का एक सहयोग-आधारित ढाँचा खड़ा किया है, जहाँ व्यवसाय के सब फ़ैसले सहयोगियों की राय से लिए जाते हैं, लेकिन नई पीढ़ी के कुछ लोगों को यह तरीक़ा बहुत रास नहीं आता जिसका परिणाम परस्पर छल, अविश्वास और पारिवारिक मूल्यों के विघटन में होता है। लेकिन जल्दी ही उन्हें अपनी भूल का अहसास होता है, और परिवार तथा परस्पर सौहार्द के जिस ढाँचे पर ग्रहण लगने लगा था, वह वापस अपनी आभा पा लेता है।
उपन्यास की विशेषता इसका कथा-रस है जो इधर के उपन्यासों में अक्सर देखने को नहीं मिलता। बिना किसी चमत्कारी प्रयोग के कथाकार ने सरल ढंग से अपनी कहानी कहते हुए अपने यथार्थ पात्रों को साकार और जीवित कर दिया है।
Aapda Prabandhan
- Author Name:
Shiv Gopal Mishra
- Book Type:

- Description: "आपदा प्रबंधन-शिवगोपाल मिश्र ‘आपदा’ (Disaster) एक ऐसी असामान्य घटना है, जो सीमित अवधि के लिए आती है, किंतु किसी भूभाग या देश की अर्थव्यवस्था को छिन्न-छिन्न कर देती है। अव्यवस्थित तंत्र के बल पर आपदाओं का सामना नहीं किया जा सकता। पिछले कई दशकों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपदा प्रबंधन के प्रयास किए जाते रहे हैं। संप्रति आपदा प्रबंधन बहुआयामी व्यवस्था बन चुकी है, जो अधुनातन प्रौद्योगिकी की सहायता लेकर कम-से-कम समय में आपदाओं की पूर्व सूचना, चेतावनी, बचाव, राहत, पुनर्वास आदि के साधन जुटाती है। वर्तमान युग में आपदा प्रबंधन की महत्ता सर्वस्वीकृत है। अब तक हिंदी में ‘आपदा प्रबंधन’ पर कोई पुस्तक उपलब्ध नहीं थी, अत: चित्रों से सुसज्जित यह पुस्तक इस अभाव की पूर्ति है। पुस्तक को तीन खंडों में विभाजित किया गया है। प्रथम खंड में आपदा प्रबंधन की सैद्धांतिक विवेचना है। दूसरे खंड में विविध प्राकृतिक आपदाओं का विवरण तथा दृष्टांत रूप में उनके प्रबंधन का वर्णन है। तृतीय खंड में मानवकृत आपदाओं का विवरण तथा उनका प्रबंधन बताया गया है। अंत में परिशिष्ट खंड में विविध सूचनाप्रद सामग्री संगृहीत है। हिंदी पारिभाषिक शब्दों के अंग्रेजी पर्यायों की सूची भी दी गई है। आशा है, पाठकों के लिए यह पुस्तक जानकारीपरक, रोचक एवं मार्गदर्शन करने वाली सिद्ध होगी। "
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