Edwina Aur Nehru
Author:
Catherine ClementPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Historical-fiction0 Reviews
Price: ₹ 399.2
₹
499
Available
‘नेहरू और एडविना’ के चरित्रों को केन्द्र में रखकर लिखा गया यह ऐतिहासिक उपन्यास तथ्य और कल्पना के अद्भुत मेल से रचा गया है। जो घटित हुआ वह तो सत्य है ही, लेकिन जो घटित नहीं हुआ, वह भी इसलिए एक हद तक सच्चा है क्योंकि उसका घटित होना काफ़ी हद तक सम्भव था।
फ़्रांसीसी पाठकों को ध्यान में रखकर लिखी गई यह प्रेम कहानी भारतीय जनमानस को भी उसी रूप में उद्वेलित करेगी, इसमें सन्देह नहीं। भारत के इतिहास में बीसवीं शताब्दी की सबसे महत्त्वपूर्ण घटना 1947 का राजनीतिक विभाजन है। यह उपन्यास, इस घटना के अभिकर्ता तमाम महत्त्वपूर्ण पात्रों के भीतर झाँककर इसके कारणों और प्रभावों की दास्तान कहने का प्रयास करता है, और इस तरह दृश्य के अदृश्य सूत्रों का उद्घाटन करता है।
सार्वजनिक के भीतर जो कुछ निजी है, वही उसका अन्त:सूत्र भी है, और अपनी मर्मस्पर्शिता में कहीं अधिक प्रभावी भी। इन्हीं अन्त:सूत्रों को उनकी मार्मिक संवेदनीयता के साथ ग्रहण कर इस उपन्यास का कथात्मक ताना-बाना बुना गया है।
घटनाएँ प्राय: जानी-सुनी हैं—एक अर्थ में पूर्व परिचित। यही स्थिति पात्रों की है—जाने-माने, साहसी, प्रतापी, योद्धाओं का एक पूरा संसार। पर इन सबने मिलकर जो इतिहास रचा उसमें कौन, कहाँ, कितना टूटा-जुड़ा, बना-बिगड़ा, वह घटनाओं का नहीं संवेदनाओं का इतिहास है । एक बिन्दु ऐसा होता है जो बाहर और भीतर के तनाव का सन्धि-स्थल रचता है, जहाँ अक्सर जो बहुत अन्तरंग है, निजी है उसके अतिक्रमण की अनन्त साधना से बहिरंग की रचना होती है ।
इसी बिन्दु को पकड़ने की कोशिश है इस उपन्यास में। समय के दो महत्त्वपूर्ण पात्रों की केन्द्रीयता से उठकर समय को फिर से रचने की उसकी घटनात्मकता में नहीं, मार्मिकता में।
ISBN: 9788126712892
Pages: 445
Avg Reading Time: 15 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Ravana’S Lanka
- Author Name:
Sunela Jayewardene
- Rating:
- Book Type:

- Description: The story of the kingdom that Ravana had ruled lay over the island like a fading, antique map. The edges of the story were frayed and there were lines disconnected by time, but the landscape it traced, exists. Demonized as he was after his death, the reign of King Ravana of Lanka, and his ancestors, the powerful Mayuranga, has long been obscured and shrouded in myth. Once, their kingdom is believed to have reached beyond the shores of the island, capturing lands across the seas—a kingdom of that magnitude was never seen again on Lanka. In a bid to shed light on this lost era, Sunela Jayewardene travelled through Sri Lanka, and listened to the storytellers and poets, researched Sri Lanka’s folklore, sifted through race and religion . . . to stitch together a history of a forgotten landscape. This remarkable, vivid book is the story Sunela learnt of King Ravana and the kingdom that he lost.
A Shimla Affair
- Author Name:
Srishti Chaudhary
- Book Type:

- Description: …the future of India may lie in unexpected hands. In 1940, Shimla, British India. Nalini Mistry longs for a life beyond the four walls of her home; however, reality is different. Nalini and her two older sisters―Noor and Afreen―run the Royal Hotel Shimla, an opulent establishment serving British high society. But when an underground revolutionary group asks them to aid a murderous conspiracy during the hotel’s Summer Jubilee Ball, they find themselves thrust headfirst into a dangerous game of lies. It doesn’t help that Nalini finds herself falling for Charles Nayler, a British officer— a man who sees her like nobody else. As the night of the ball approaches, the sisters are drawn into a web of hidden agendas, shifting alliances, and impossible choices―where nothing is what it seems, and the price of freedom may be everything. A Shimla Affair follows the story of three women attempting to change the course of Indian independence―for love, duty, and revenge.
Thengphakhri Tehsildar Kee Tambewali Talwar
- Author Name:
Indira Goswami
- Book Type:

- Description: ‘थेंगफाखरी तहसीलदार की ताँबेवाली तलवार’ उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध में असम में बसी बोडो जनजाति की प्रथम महिला स्वतंत्रता सेनानी और ब्रिटिशकालीन भारत की पहली महिला तहसीलदार थेंगफाखरी के जीवन पर आधारित उपन्यास है। इन्दिरा गोस्वामी ने भारत के पूर्वोत्तर अंचल में प्रचलित जनश्रुतियों और उपलब्ध ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर, थेंगफाखरी के गुमनाम हो चुके असाधारण व्यक्तित्व को साकार किया है। जब असम में सामाजिक-राजनीतिक स्तर पर एक अस्पष्टता व्याप्त थी और अलग बोडोलैंड के लिए ‘डिवाइड असम फिफ्टी-फिफ्टी’ का नारा गूँज रहा था, वैसे समय में इन्दिरा ने यह उपन्यास लिखकर असमिया और बोडो संस्कृतियों और भाषाओं के मध्य प्रशंसनीय सेतुबन्धन किया। यह उपन्यास थेंगफाखरी के अदम्य साहस और भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन में निचले असम के बिजनी राज्य के महत्त्वपूर्ण योगदान से परिचित कराता है। औपनिवेशिक शासन के दौरान थेंगफाखरी का तहसीलदार के पद पर नियुक्त होना जहाँ महिला सशक्तीकरण की मिसाल पेश करता है, वहीं अंग्रेज़ों के विरुद्ध क्रान्तिकारी के रूप में थेंगफाखरी के रूपान्तरण से ब्रिटिश शासन की दमनकारी नीतियों का पर्दाफ़ाश भी करता है। उपन्यास में औपनिवेशिक शासन के दौरान असम के सुदूर गाँवों में बसे, सरकारी करों की भीषण मार झेलते ग़रीब किसानों की मानसिक-शारीरिक यंत्रणा मार्मिक ढंग से उजागर हुई है। इसमें सन्देह नहीं कि यह उपन्यास हिन्दी पाठकों को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक अल्पज्ञात अध्याय से रू-ब-रू कराएगा, बल्कि विविधता में एकता को अपनी राष्ट्रीय शक्ति मानने वाली भारतीय दृष्टि को और दृढ़ता प्रदान करेगा।
Chaurasi
- Author Name:
Dr. Ramesh Kumar Dubey
- Book Type:

- Description: बुंदेलखंड में लगभग एक सौ से भी अधिक गाँवों के क्षेत्र को पुराने समय में चौरासी के नाम से जाना जाता था, जिसमें कुछ उत्तर प्रदेश व कुछ मध्य प्रदेश के गाँव शामिल थे। इस कहानी में लेखक ने चौरासी क्षेत्र के ग्रामीण जीवन का चित्रण किया है, जो एक सत्य घटना पर आधारित है। कहानी में बुंदेलखंडी रीति-रिवाजों के बारे में बताया गया है। भैयालाल ने दोनों पुलिस वालों की बंदूकें छीनकर देवी और करण को पकड़ाईं और चिल्लाया, ‘‘बई के बाप सेठ, अब तोय नईं छोड़ हों।’’ किस प्रकार एक सीधा-सादा व्यक्ति पुलिस के बरताव के कारण बागी हो जाता है। इसका वर्णन पुस्तक में किया गया है।
Jab Jyoti Jagi
- Author Name:
Sukhdev Raj
- Book Type:

- Description: भारतीय स्वाधीनता-आन्दोलन में बिना किसी प्रकार की सुयश-प्राप्ति की कामना किए हँसते-हँसते फाँसी के तख़्ते पर झूल जानेवाले मृत्युंजयी वीरों के बलिदान का सर्वाधिक महत्त्व रहा है। उन वीरों को जितनी प्रतिष्ठा और सम्मान प्राप्त होना चाहिए था, उसकी उपेक्षा एवं अवहेलना सत्ता-लोलुप स्वार्थियों ने सदैव ही की है। यदि उन वीरों की नि:स्वार्थ मातृ-भूमि-सेवा का अनुकरण किया गया होता तो भारतीय जनता आज स्वर्ग-सुख का उपभोग निस्सन्देह करती होती। पराधीनता के समय जो भी क्रान्तिकारी साहित्य उपलब्ध था उसे भारतीय युवक बड़े उत्साह से पढ़ते थे; इसीलिए तत्कालीन युवकों में देश के प्रति नि:स्वार्थ सेवा की सच्ची लगन थी। आज भारतीय जनता, विशेषतः युवकों में सुषुप्त त्याग और सेवा की भावना को जाग्रत करने के लिए उन क्रान्तिकारी वीरों के इतिहास के पठन-पाठन की अत्यधिक आवश्यकता है। भारतीय क्रान्तिकारियों के सम्बन्ध में अभी तक बहुत कम लिखा गया है। इन क्रान्तिकारियों के सम्बन्ध में पुस्तक लिखने का कार्य अत्यन्त कठिन है क्योंकि सभी क्रान्तिकारी अपने कार्य-कलापों को एकदम गुप्त रखते थे, उनके निकटतम सहयोगी भी उनकी बहुत सी बातों से अपरिचित रहते थे। प्रस्तुत पुस्तक अमर शहीद स्व. चन्द्रशेखर आज़ाद और भगवतीचरण बोहरा के अत्यन्त विश्वासपात्र, क्रान्तिकारी आन्दोलन में निरन्तर कार्य करनेवाले भाई सुखदेव राज जी ने लिखी है। अस्तु, पुस्तक की उपादेयता निर्विवाद है।
Hasanpur Ke Ram
- Author Name:
Dr. Parshuram Gupt
- Book Type:

- Description: अंतर्वस्तु यह उपन्यास एक ऐसे राजवंश से संबंधित है, जो सम्राट् पृथ्वीराज चौहान केवंशज रहे। पानीपत की पहली लड़ाई के दौरान परिस्थितिवश उन्हें इसलाम स्वीकार करना पड़ा, लेकिन सगोत्रियों तथा अपने पूर्वजों के संस्कारों पर उनकी आस्था यथावत् बनी रही; ठीक वैसे ही, जैसे इंडोनेशिया के निवासी पंथ बदलने के बाद भी अपने पूर्वजों की संस्कृति पर आज भी आस्था रखते हैं। रामकथा लगभग संपूर्ण एशिया की आस्था का केंद्र रही है और आज भी इसमें इस पूरे क्षेत्र को एकता केसूत्र में पिरोने की अद्भुत क्षमता है। अयोध्या में भव्य राम-मंदिर के निर्माण ने इस आस्था को और अधिक बलवती किया है। ‘पंथ बदलने पर भी हम अपनी संस्कृति से बँधे रहते हैं’ यह भाव इस ऐतिहासिक उपन्यासका प्राण-तत्त्व है। यह ऐतिहासिक उपन्यास अपने तरीके से भारतीय संस्कृति की जिजीविषा की अनूठी कहानी एक अनूठे अंदाज में प्रस्तुत करता है। यह कहानी खंड-खंड से प्रचंड शक्ति बनने की कहानी है। यह अंधकार को चीरकर प्रकाश का नया सूरज उगाने की कहानी है। यह अनेक रोचक ऐतिहासिक तथ्यों का उद्घाटन भी करता है, जो भारतीय इतिहास को नए दृष्टिकोण से देखने का कुतूहल पैदा करता है। यह अनेक उलझी हुई समस्याओं के समाधान के रास्ते भी सुझाता है।
Treta
- Author Name:
Ashish Prakash
- Rating:
- Book Type:

- Description: त्रेतायुग की अनसुनी कहानियां त्रेता युग द्वापर से पहले क्यों आया, क्या है वाल्मीकि रामायण और तुलसी के मानस में अन्तर, कैसे हैं लक्ष्मण राम से भी अधिक महान योद्धा, कैसे शत्रुघ्न सा भाई मिलना मुश्किल है, क्या है हनुमान जी की अष्टसिद्धियां। इस तरह के अनेक प्रश्नों का उत्तर ले के आ गई है आशीष प्रकाश की किताब "त्रेता"।
Ek Kishori Ki Diary
- Author Name:
Anne Frank
- Book Type:

- Description: अने फ़्रांक की लिखी 'एक किशोरी की डायरी' विश्व की श्रेष्ठ कृतियों में गिनी जाती है। जर्मनी में जन्मी अने ने यह ‘डायरी’ 1942 से 1944 के दौरान लिखी। इसमें युद्ध के बाद जर्मन क़ब्ज़े के दौरान डच लोगों की पीड़ा का आँखों-देखा विवरण है। एक 15 वर्षीय किशोरी ने समाज की उथल-पुथल और अपने मन की कशमकश को बहुत ही ईमानदारी से व्यक्त किया है। जन्मदिन के उपहार स्वरूप मिली एक डायरी को जिस समय उन्होंने अपना सच्चा मित्र बनाया था, उस समय ख़ुद उन्होंने भी कल्पना नहीं की होगी कि एक दिन यह डायरी विश्व की महानतम कृतियों में शुमार होगी। डायरी की प्रविष्टियों में जहाँ स्कूल की बातें हैं, तो सहेलियों की ईर्ष्या, मनपसन्द खिलौनों की चाह, छुट्टियों में बिताए समय के साथ देश में तेज़ी से बदलते हालात का भी वर्णन है। कैसे जर्मनी में रहनेवाले यहूदियों की ज़िन्दगी एक सनक-भर से जहन्नुम हो गई थी, लेकिन जीने की उत्कट इच्छा आख़िरी समय तक भी हार मानने को तैयार नहीं हुई। अने का बाल-मन कहीं न कहीं मानता है कि एक दिन सब सही हो जाएगा और वो वापस अपने परिवार के साथ एक सामान्य जीवन जी पाएगी। एक किशोरी की यह मार्मिक डायरी सिर्फ़ उसी की न रहकर सीधे पाठक के दिल में घर कर जाती है।
Clarinda (Rare Book Series)
- Author Name:
A. Madhaviah +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: Clarinda written in English is a novel set in the mid-18th century. The story is based on a historical figure, a real Clarinda, the widow of a Maratha Brahmin, who had been one of the King's servants in Tanjore, and after her husband's death became theconcubine of an English oficer of the name Lyttleton. She asked Rev. Schwartz to baptize her when he visited Palayamkottai. He refused, however, because of her 'irregular union'. Some years laterm after her husband's death, she was accepted into the chruch. From these bare facts, Madhaviah creates a fictionlized early life of Clarinda as she grows up in the principality of Tanjore. The imagined story of this unusual woman, who gradually takes control of her life, gives Madhaviah the opportunity to work out some of his favourite themes: woman's education, the question of sati and widow re-marriage and the encounter between Hinduism and Christianity. The cross cultural, inter-religious relationship which is at the heart of the novel is unusual and profoundly interesting.
Gulara Begum
- Author Name:
Sharad Pagare
- Book Type:

- Description: "रुचि बराबर क़ायम रहती है, जो सफलता का बड़ा प्रमाण है। ऐतिहासिक विषय के साथ न्याय किया गया है, उपन्यास की माँग को निबाहते हुए भी। यह क्षमता रचना से सिद्ध होती है।" ~जैनेन्द्र कुमार "किसी अच्छी रचना का पहला गुण सम्प्रेषणीयता होती है, वह इसमें है। निरन्तर आगे पढ़ते रहने की उत्सुकता बनी रहती है। उस युग का वातावरण प्रामाणिक लगता है। कहानी का ढंग आकर्षक है। जो चरित्र निर्मित हुए हैं, वे भी विश्वसनीय लगते हैं। अबू-छंगी, इनू-सलमा की कहानियाँ अधिक प्रामाणिक बन गई हैं। चरित्र की दृष्टि से सलमा सर्वोत्तम है। पढ़ने में मन रमता है। कहानी कहने के ढंग से रोचकता बढ़ गई है।" ~विष्णु प्रभाकर "उपन्यास के बुनने में बड़ा परिश्रम किया है। और इसकी अन्तर-कथाओं के ताने-बाने बड़े कौशल से तैयार किए गए हैं। भाषा को भी सँवारा है।" ~शिवमंगलसिंह ‘सुमन’
Main
- Author Name:
Bimal Mitra
- Book Type:

- Description: विमल मित्र का यह प्रयोगधर्मी उपन्यास ‘मैं’ हमारे समय के राजनीतिक एवं सामाजिक यथार्थ को परत-दर-परत सामने लाता है। स्वतंत्रता-पूर्व और पश्चात् की स्थितियों के जो चित्र इस कृति में मौजूद हैं, वे अपने आपमें ऐतिहासिक तथ्य हैं। इसमें एक तरफ़ दिगम्बर व नुटु का जीवन-संघर्ष है तो दूसरी ओर ज्योतिर्मय सेन का अन्तर्द्वन्द्व। यह अन्तर्द्वन्द्व साधारण जन का अन्तर्द्वन्द्व भी है जो सही व ग़लत के बीच अक्सर अनिर्णय का शिकार होकर यथास्थितिवादी बना रहता है। दो पुरुष और एक इतर प्राणी को केन्द्र मानकर चलती इसकी कथा अपने परिवेश से असंपृक्त नहीं रहती। इसमें एक ओर मानवीय प्रेम, अस्मिता तथा स्वतंत्रता का संघर्ष है तो दूसरी ओर व्यवस्था का निरंकुश अमानवीय चरित्र उद्घाटित होता है। कुल मिलाकर तीन प्राणियों को केन्द्र मानकर चलने के बावजूद यह कृति आत्मकथात्मक न होकर बीसवीं शताब्दी के भारत की महागाथा है। विविध आयामी यथार्थ चरित्रों के माध्यम से विमल मित्र एक ऐसा संसार रचते हैं, जिसमें प्रेम और वितृष्णा एक साथ उत्पन्न होते हैं।
Jalianwala Bagh Ki Karahein : Pratibandhit Hindi Sahitya
- Author Name:
Rajwanti Mann
- Book Type:

- Description: ग़ुलामी के दौरान पंजाब पर अकल्पनीय अत्याचार के प्रतिवाद में रचित तथा ब्रिटिश शासन द्वारा प्रतिबन्धित और ज़ब्त रचनाएँ ‘जलियाँवाला बाग़ की कराहें’ पुस्तक जलियाँवाला बाग़ के नरसंहार की अतिशय वेदना और अंग्रेज़ी जुल्मों की व्यथा-कथा है जिसे हिन्दुस्तानियों ने अपनी आत्मा पर झेला, अपनी आँखों से देखा और साहित्यकारों ने अपनी क़लम से उकेरा। यह जनता का, जनता के द्वारा और जनता के लिए लिखा गया साहित्य है जो एक सदी तक अन्वेषकों की नज़रों से लगभग छिपा रहा। इन रचनाकारों ने अंग्रेज़ी राज की प्रताड़नाएँ सहते हुए औपनिवेशिक काल की त्रासद स्थितियों को कलमबद्ध किया। रचनाएँ मौखिक यात्रा करती हुईं जन-चेतना के उद्देश्य तक पहुँचती रहीं। पुस्तक में कुल नौ अध्याय हैं जिनमें जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड के बाद रचित वे नाटक, कविताएँ, दोहे, ठुमरी, लावणी, क़व्वाली, ग़ज़ल आदि सम्मिलित हैं जो अलग-अलग पुस्तिकाओं में प्रकाशित हुईं। लगभग सभी विधाओं में रचित यह साहित्य जलियाँवाला बाग़ की पृष्ठभूमि से लेकर हर छोटी-बड़ी घटना, अंग्रेज़ों की क्रूरता, जुल्म और यातनाओं, लोगों की बेबसी, लाचारी, सामाजिक दशा-दुर्दशा का निर्भीक और वास्तविक विवरण प्रस्तुत करता है तो दूसरी तरफ़ साहस से उठ खड़े होने का आह्वान भी करता है। इनमें नृशंस हत्याओं के साथ-साथ हरे-भरे पेड़-पौधों की उखड़ी-जली छालों, घास चरती हुईं गाय-भैंसों का चरते-चरते मारे जाना, तोते, कोयल और मैना आदि पक्षियों तक का भी गोलियों से डरकर मरने का मार्मिक चित्रण है। इन रचनाओं की सत्यता पर कोई सन्देह इसलिए नहीं किया जा सकता कि आधिकारिक ऐतिहासिक दस्तावेज़ों में भी किसी न किसी रूप में इनका ज़िक्र है और इतिहास की पुस्तकों में भी इन्हें प्राय: उसी रूप में अभिव्यक्त किया गया है।
Debku ek Prem Katha
- Author Name:
Murari Sharma
- Book Type:

- Description: देबकू-जिंदू की यह प्रेम कहानी आज से महज सौ साल पहले की है। जैसा कि उपन्यासकार मुरारी शर्मा ने उपन्यास की पृष्ठभूमि स्पष्ट करते हुए लिखा है कि यह अनूठी प्रेम कहानी प्रथम विश्वयुद्ध के आस-पास की कहानी है। मण्डी रियासत के मुख्यालय से महज बीस-बाईस किलोमीटर की दूरी पर स्थित नगरोटा गाँव से शुरू हुई यह प्रेम गाथा मण्डी नगर में सिमट कर रह गई। इस उपन्यास की विशेषता यह है कि इस प्रेमगाथा में वर्णित स्थानों व भवनों के अवशेषों से लेखक रूबरू हुआ है। बहुत से ऐसे व्यक्तियों से सम्पर्क साधने में सफल रहा है जो देबकू-जिंदू की इस प्रेम कहानी के तथ्यों की प्रामाणिकता को तस्दीक करते हैं। मुरारी शर्मा एक स्थापित वरिष्ठ कथाकार हैं, कहानी बुनने की कला में सिद्धहस्त। इन्होंने उपन्यास की पाठकीय रोचकता में कोई कमी नहीं आने दी है। सहज और सरल पात्रानुकूल भाषा-शैली उपन्यास की जीवंतता को बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ती। निश्चय ही लोक में प्रचलित एक अनूठी प्रेमकथा पर आधारित यह उपन्यास हिंदी साहित्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। —विजय विशाल
Badass Begums
- Author Name:
Anoushka Jain
- Book Type:

- Description: History rarely highlights the formidable Mughal begums who boldly navigated imperial courts, brokered powerful deals, reshaped Delhi's skyline, created private spaces for women, fought battles, and resisted patriarchy - all from behind the purdah. In Badass Begums, Anoushka Jain introduces you to ten Mughal-era women whose lives were filled with ambition, romance, intrigue, and fierce resilience. Jahanara Begum, Shah Jahan's favorite daughter who designed Chandni Chowk; her sister, the fiery Roshanara Begum, who schemed with Aurangzeb to take over her father's empire; the indomitable Begum Samru, a tawaif-turned-ruler who led her own army into battles; Maham Anga and Mubarak Begum, whose counsel rivaled that of chief ministers; and the steadfast Qudsia Begum, who built riverfront gardens only to see them battered by rebellions - these stories come alive through a captivating narrative and walking tour maps of the places they inhabited or curated. Based on meticulous research and written with warmth, Badass Begums offers an eye-opening journey through the breathtaking legacies still hidden in Delhi’s by-lanes.
Chhaha Swarnim Pristha
- Author Name:
Vinayak Damodar Savarkar
- Book Type:

- Description: भारतीय वाड.मय में सावरकर साहित्य का महत्त्वपूर्ण स्थान है। मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए प्राण हथेली पर रखकर जूझनेवाले महान् क्रांतिकारी; जातिभेद, अस्पृश्यता, अंधश्रद्धा जैसी सामाजिक बुराइयों को समूल नष्ट करने का आग्रह रखनेवाले स्वातंत्र्यवीर सावरकर ने इस ग्रंथ में भारतीय इतिहास पर विहंगम दृष्टि डाली है। विद्वानों में सावरकर लिखित इतिहास जितना प्रामाणिक और निष्पक्ष माना गया है उतना अन्य लेखकों का नहीं। प्रस्तुत ग्रंथ ‘छह स्वर्णिम पृष्ठ’ में हिंदू राष्ट्र के इतिहास का प्रथम स्वर्णिम पृष्ठ है यवन-विजेता सम्राट् चंद्रगुप्त की राजमुद्रा से अंकित पृष्ठ, यवनांतक सम्राट् पुष्यमित्र की राजमुद्रा से अंकित पृष्ठ भारतीय इतिहास का द्वितीय स्वर्णिम पृष्ठ, सम्राट् विक्रमादित्य की राजमुद्रा से अंकित पृष्ठ इतिहास का तृतीय स्वर्णिम पृष्ठ है। हूणांतक राजा यशोधर्मा के पराक्रम से उद्दीप्त पृष्ठ इतिहास का चतुर्थ स्वर्णिम पृष्ठ, मुसलिम शासकों के साथ निरंतर चलते संघर्ष और उसमें मराठों द्वारा मुसलिम सत्ता के अंत को हिंदू इतिहास का पंचम स्वर्णिम पृष्ठ कह सकते हैं और अंतिम स्वर्णिम पृष्ठ है अंग्रेजी सत्ता को उखाड़कर स्वातंत्र्य प्राप्त करना। विश्वास है, क्रांतिवीर सावरकर के पूर्व ग्रंथों की भाँति इस ग्रंथ का भी भरपूर स्वागत होगा। सुधी पाठक भारतीय इतिहास का सम्यक् रूप में अध्ययन कर इतिहास के अनेक अनछुए पहलुओं और घटनाओं से परिचित होंगे।
Rogues and Rajas: Dark Tales for Tumultuous Times
- Author Name:
S.V. Iyer
- Rating:
- Book Type:

- Description: THE OLD STORIES TEACH US HOW SOME CONQUER TEMPTATION, SIDESTEP MISFORTUNE AND RISE ABOVE THEMSELVES. AND HOW SOME LOSE THEIR DISPUTE WITH THE DEVIL... A prince so reviled that he is determined to become the monster everyone calls him. A queen who crushes every challenger who dares to rise. A craftsman who uses his divine talents to steal from the state treasury. An executioner whose paradisiacal garden veils macabre designs. Be it king or knave, queen or slave, minister or minion, the barbaric instinct that might is right echoes and re-echoes across lifetimes. Dramatically revealing the gambles, betrayals and plots of fierce and ferocious rulers of ancient India – from Ashoka of Magadha to Shashanka of Bengal and from Didda of Kashmir to Peruvalathan of Tamilakam – and of commonfolk no less menacing, these are tales of an age when intrigue was rife and offence was the first defence. Gripping and intense, Rogues and Rajas opens a rare window to a shadowy past, eloquently exposing the underside of the soul and questioning how far we have come today.
Pratyancha
- Author Name:
Sanjeev
- Book Type:

- Description: ‘प्रत्यंचा’ एक युगप्रवर्तक राजा की जीवनगाथा है जिन्हें कोई लोकराजा कहता, कोई राजर्षि तो कोई सनकी। प्रारम्भ में उन्हें भी गुमान रहा कि वे छत्रपति हैं, क्षत्रिय कुलावतंस... लेकिन जिस दिन उन्हीं के अधीनस्थ एक पुरोहित ने उनका गर्व खर्व कर दिया कि तुम शूद्र हो, सिर्फ शूद्र, वे आसमान से सीधे जमीन पर आ गए। तुर्रा यह कि अधिसंख्य विप्र वर्ग भी उसी पतित पुरोहित के पक्ष में खड़ा था। फिर तो राजा ने उठा लिया अपना अमोघ अस्त्र! यह लड़ाई दूसरी लड़ाइयों से ज्यादा विकट और उलझी हुई थी। प्रकट युद्ध में शत्रु सामने होता है, लेकिन यहाँ वह घर-परिवार और सदियों-सहस्राब्दियों से व्यक्ति—व्यक्ति के मन-मस्तिष्क तक में समाया हुआ था। जब एक राजा के साथ वे ऐसा कर सकते हैं तो सामान्य जन की क्या बिसात! शाहूजी का जीवन खुद को और समाज को वर्गविहीन और जातिविहीन करने तथा सबको सामाजिक न्याय दिलाने के सतत संघर्ष का साक्ष्य है। उन्होंने अपनी त्रासदी को एक मुहूर्त और व्यक्तिमात्र में न देखकर पूरी शास्त्रीय और सांस्कृतिक परम्परा में देखा और इस सामूहिक त्रासदी की मर्मान्तक घुटन और पीड़ा को सामूहिक मुक्ति में बदलने की जिद के तहत उलटे नियमों को उलटकर जाति-उच्छेद और सामाजिक परिवर्तन का बीड़ा उठाया। प्रत्यंचा अर्थात दोतरफा तनावों के बीच लक्ष्य का सन्धान! प्रत्यंचा अर्थात पराक्रम और प्रहार की प्रदीप्त दास्तान! प्रत्यंचा अर्थात दुर्दम्य प्रत्याख्यान का अभिनव आख्यान!
Singh Senapati
- Author Name:
Rahul Sankrityayan
- Book Type:

- Description: राहुल सांकृत्यायन के ऐतिहासिक उपन्यासों में ‘सिंह सेनापति’ का विशेष स्थान है। इसमें उस वैशाली की ढाई हजार साल पूर्व की ऐतिहासिक गाथा को लिपिबद्ध किया गया है, जिसे गणतंत्र की जननी माना जाता है। इस उपन्यास में राहुल दिखलाते है कि गणतांत्रिक अथवा प्रजातांत्रिक शासन व्यवस्था से भारत का परिचय हजारों साल पहले हो चुका था। वैशाली के निवासियों ने, आज से ढाई हजार वर्ष पूर्व अपने लिए गणतांत्रिक व्यवस्था का आविष्कार कर लिया था और उसको सफलतापूर्वक संचालित किया था। ऐतिहासिक तथ्यों के जरिये वे इस कथा को न सिर्फ जीवन्तता बल्कि प्रामाणिकता भी प्रदान करते हैं। उपन्यास की कथा युद्ध और प्रेम का आधार लेकर आगे बढ़ती है, जिसमें तत्कालीन युग और जीवन को सूक्ष्मता से चित्रित किया गया है। साथ ही उस समय के सामाजिक-सांस्कृतिक-नैतिक मूल्यबोधों के बीच स्त्रियों की आजादी, बराबरी, भाई-चारा आदि को विशेष रूप से रेखांकित किया गया है। परिणामत: यह कृति अपने ऐतिहासिक परिधि को लाँघकर सार्वकालिक प्रासंगिकता प्राप्त कर लेती है।
Those Fifteen Days
- Author Name:
Prashant Pole
- Book Type:

- Description: The future of every character, every person during those 15 days was different...very different...! in thinking, in working style, in behaviour, and in everything...! Those fifteen days taught us alot... We saw Nehru ready to unfurl the Union Jack in India at the behest of Mountbatten. On the same day and at the same time when Gandhiji was telling the refugees in Lahore, if Lahore is falling to death, you should face death with a smile, the chief of Rashtriya Swayamsevak Sangh—Guruji was giving the mantra of ‘getting inspiration from King Dahir, unite and live with courage’ just 800 miles away from Gandhiji, at Hyderabad (Sindh). At a time when Congress president’s wife Sucheta Kripalani was telling Sindhi women in Karachi that ‘Muslim goons tease you because of your make-up and low-cut blouses’, Mavashi Kelkar of Rashtra Sevika Samiti, was trying to make Hindu women empowered and strong while becoming cultured, at Karachi. While the Hindu workers of the Congress were trying to flee from Punjab and Sindh to India, the RSS Swayamsevaks were risking their lives to protect the Hindus and Sikhs and bring them safely to India. This book describes the happenings in 15 days, before India got the Independence, in an interesting manner.
An Account of the Maithil Marriage
- Author Name:
Pt. Bhavnath Jha
- Book Type:

- Description: Maharajadhiraja Rameshwar Singh (16 January 1860 – 3 July 1929) was the 21st ruler of the Khandawala dynasty of Darbhanga in the Mithila region from 1898 till his death. On the one hand, he was a scholar of Indian scriptures and worshiper of divine powers, on the other hand, he was proficient in the English language and an efficient administrator. As the president of Bharat Dharma Mahamandal, he propagated Sanatan Dharma all over India and strengthened it socially and religiously. For the promotion of education in Mithila as well as social political awakening, he established a press and started a newspaper Mithila Mihir. Many important books were published under his supervision. Maharaj Rameshwar Singh established many factories for economic development and played an important role in the establishment of Kashi Hindu University. The ruins of the grand palace of Rajnagar in the present Madhubani district and many grand temples in that complex remind us of his glory. He was made a Knight Commander of the Order of the Indian Empire (KCIE) and was promoted to a Knight Grand Commander (GCIE) and a Knight Commander of the Order of the British Empire, Civil Division (KBE).
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...
एडविना और नेहरू एक ऐतिहासिक कृति है जो पंडित जवाहरलाल नेहरू और लेडी एडविना माउंटबेटन के बीच के जटिल, संवेदनशील और बहुचर्चित संबंधों को गहराई से टटोलती है। यह पुस्तक केवल राजनीतिक इतिहास नहीं है, बल्कि सत्ता, भावनाओं और व्यक्तिगत समीकरणों के बीच की महीन रेखाओं को भी उजागर करती है।
कथानक भारत के स्वतंत्रता-पूर्व और स्वतंत्रता-कालीन दौर की पृष्ठभूमि में विकसित होता है, जहाँ सत्ता के केंद्र में बैठे लोग भी निजी द्वंद्वों और मानवीय कमजोरियों से अछूते नहीं थे। यह पुस्तक पाठक को उस समय के राजनीतिक माहौल, औपनिवेशिक भारत, और नेतृत्व के मानवीय पक्ष से रूबरू कराती है।
एडविना और नेहरू उन पाठकों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है जो इतिहास को केवल घटनाओं के रूप में नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों के रूप में पढ़ना चाहते हैं।
यह पुस्तक किस विषय पर आधारित है?
यह पुस्तक जवाहरलाल नेहरू और लेडी एडविना माउंटबेटन के संबंधों को ऐतिहासिक और मानवीय दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है, जिसमें राजनीति, सत्ता और निजी भावनाओं का गहरा अंतर्संबंध दिखाया गया है।
क्या यह पुस्तक ऐतिहासिक तथ्य पर आधारित है?
हाँ, यह पुस्तक ऐतिहासिक घटनाओं, पत्रों और प्रलेखों पर आधारित है, हालांकि इसे कथात्मक शैली में प्रस्तुत किया गया है ताकि पाठक इतिहास को सहज रूप से समझ सकें।
क्या यह पुस्तक केवल इतिहास के छात्रों के लिए है?
नहीं। यह पुस्तक सामान्य पाठकों, इतिहास प्रेमियों और हिंदी साहित्य के पाठकों—सभी के लिए उपयुक्त है। इसे पढ़ने के लिए अकादमिक पृष्ठभूमि आवश्यक नहीं है।
इस पुस्तक को अन्य ऐतिहासिक उपन्यासों से अलग क्या बनाता है?
यह पुस्तक सत्ता के केंद्र में बैठे व्यक्तियों के मानवीय पक्ष पर केंद्रित है। यह केवल राजनीतिक निर्णयों की बात नहीं करती, बल्कि भावनाओं, संबंधों और व्यक्तिगत संघर्षों को भी सामने लाती है।