Bharatiya Bhasha Mein High Court Ki Vakalat

Bharatiya Bhasha Mein High Court Ki Vakalat

Authors(s):

Anoop Baranwal

Language:

Hindi

Pages:

216

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

432 mins

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Book Description

भारतीय संविधान को लागू किए जाने के समय हमारे संविधान-निर्माताओं ने उम्मीद जताई थी कि ‘पाँच वर्ष बीतते-बीतते हिन्दी-राज्यों के हाईकोर्ट पूरी तरह हिन्दी में काम करना आरम्भ कर देंगे’ लेकिन संविधान-निर्माताओं द्वारा संकल्पित उस पाँच वर्ष की अवधि के 69 वर्ष बाद भी हम इस लक्ष्य से बहुत दूर हैं। ‘भारतीय भाषा में हाईकोर्ट की वकालत’ पुस्तक इस कठोर सचाई को रेखांकित करती है और इस लक्ष्य को यथाशीघ्र हासिल करने का एक व्यावहारिक मार्ग प्रस्तावित करती है। इस पुस्तक में हाईकोर्ट में दाखिल होने वाले इक्कीस अलग-अलग तरह के प्रचलित मुकदमों और दर्जनों प्रार्थना-पत्रों के बारे में बताया गया है। साथ ही उनका हिन्दी में मसौदा तैयार करने के तरीके भी दिए गए हैं। सिविल एवं आपराधिक क्षेत्र से सम्बन्धित जनहित याचिका हो या रिट याचिका, अपील हो या निगरानी या निरीक्षण याचिका, 482 हो या जमानत या अवमानना, ऐसे सभी मुकदमों के संलग्न मसौदे कि हिन्दी में भी मुकदमा तैयार करना आसान है। यह कृति, उस हीनभावना को दूर करती है, जो हम हाईकोर्ट में अपनी ही भाषाओं यथा, हिन्दी, पंजाबी, गुजराती, मराठी, बांग्ला, उड़िया, असमिया, तमिल, कन्नड़, तेलुगु, मलयालम इत्यादि के प्रति महसूस करते हैं और जिसके कारण हम आजादी के 75 वर्ष बाद आज भी न्यायालयों में अंग्रेजी की भाषाई अधीनता में अपना कर्मजीवन जीने के आदती-से हो गए हैं।

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