Gyan Aur Karm
Author:
Vishnukant ShastriPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Language-linguistics0 Reviews
Price: ₹ 716
₹
895
Available
...ईशावास्योपनिषद् अपने लघु कलेवर में अर्थ का विस्तृत आकाश समेटे हुए है।...सन्तों का आश्वासन है कि गुरु कृपा से पिपीलिका भी विहंगम मार्ग की अधिकारिणी हो जाती है। ईशावास्य को प्रवचन-यात्रा के प्रतिपाद में मुझे अपने गुरु ब्रह्मीभूत स्वामी अखंडानन्द सरस्वती की कृपा के सम्बल का अनुभव होता रहा, तभी तो यह वाचिक परिक्रमा पूरी हो सकी।...इस पुस्तक में जो भी है, वह गुरु जी की तथा शंकर, रामानुज, विनोबा सदृश अन्य पूर्वाचार्यों की कृपा का सुफल है...।
ISBN: 9788180313103
Pages: 280
Avg Reading Time: 9 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: भारत और चीन के बीच अप्रैल 2020 से लेकर फरवरी 2021 के बीच एल.ए.सी. पर सैनिकों का आमना-सामना हुआ। करीब 10 महीने तक जंग जैसे हालात बने रहे। यह पुस्तक इस तनातनी का सबसे प्रामाणिक ब्योरा लेकर आई है। यह आधिकारिक स्तर पर दिए गए वक्तव्यों, सैन्य तैनाती से जुड़े शीर्ष अधिकारियों और संसद् से लेकर राजनीतिक बैठकों तक के विचार-विमर्श का विवरण पेश करती है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया के अलावा चीनी समकालीन अध्ययन केंद्र के प्रमुख ले. जनरल एस. एल. नरसिंहन ने इस पुस्तक में योगदान दिया है। यह पुस्तक एल.ए.सी. पर तनातनी शुरू होने से पहले की सच्चाई, गलवान की खूनी रात और कैलाश रेंज पर भारतीय सेना की तैनाती का बहुत सटीक विवरण देती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा विदेश मंत्री एस. जयशंकर की कूटनीति और सैन्य नीति को भी इसमें बेबाकी से पेश किया गया है। कई मायनों में यह पुस्तक भारत-चीन के बीच सैन्य संबंधों का संग्रहणीय दस्तावेज है।
Shesh-Ashesh
- Author Name:
Gajanan Madhav Muktibodh
- Book Type:

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Description:
मुक्तिबोध स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी कविता और साहित्य-चिन्तन का वह स्तम्भ हैं जो पिछले कई दशकों से हमारे आदर्श भी बने रहे हैं और चुनौती भी। उन्होंने जो रचा, वह हमें पुनः-पुनः पाठ के लिए आमंत्रित करता है और रचने की प्रक्रिया को लेकर जो कहा, वह एक निर्देशिका की तरह हमारे अन्तःस्तल में रच-बस गया है।
‘शेष-अशेष’ मुक्तिबोध की उन विविध रचनाओं का संकलन है जो उनकी रचनावली के प्रकाशन के उपरान्त प्राप्त हुई हैं। इन रचनाओं में कविता, कहानी, निबन्ध, समीक्षा, पत्र और सिने-समीक्षा तक शामिल हैं। मुक्तिबोध उन लेखकों में नहीं थे जो अपनी लिखी चिन्दियों को भी सँभालकर रखते हैं, वे अपनी रचनाओं को लेकर घोर संकोच और निस्पृहता के लिए जाने जाते हैं। यही कारण है कि उनकी रचनाओं की तलाश एक मुश्किल काम है।
इस संकलन में शामिल मुक्तिबोध की विविधवर्णी रचनाएँ जिनमें कविता और समीक्षा से लेकर फ़िल्म रिव्यू तक शामिल हैं, उनकी रचनात्मकता के कुछ और आयामों को सामने लाती हैं, और हमें अपने उस प्रिय मनुष्य के कुछ और भीतर ले जाती हैं।
Dushyant Kumar Ki Ghazlon Ka Rachna Vidhan
- Author Name:
Mithilesh Wamankar
- Book Type:

- Description: This book has no description
Dilli Mein Uninde
- Author Name:
Gagan Gill
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Description:
गगन गिल की ये गद्य रचनाएँ एक ठोस वस्तुजगत, एक साकार संसार को अपने भीतर की छायाओं में पकड़ना है। यथार्थ की चेतना और स्मृति का संसार—इन दो पाटों के बीच बहती हुई अनुभव-धारा जो कुछ किनारे पर छोड़ जाती है, गगन गिल उसे बड़े जतन से समेटकर अपनी रचनाओं में लाती हैं—मोती, पत्थर, जलजीव—जो भी उनके हाथ का स्पर्श पाता है, जग उठता है। यह एक कवि का स्वप्निल गद्य न होकर गद्य के भीतर से उसकी काव्यात्मक संभावनाओं को उजागर करना है...कविता की आँच में तपकर गगन गिल की ये गद्य रचनाएँ एक अलग तरह की ऊष्मा और ऐंद्रिक स्वप्नमयता प्राप्त करती हैं।
दिल्ली का उनींदा ऑटोवाला जो कहता है कि मैं जब धुएँ में साँस लेता हूँ तो मेरा भीतर तक सिकुड़ जाता है। कैलोंग की निस्तब्ध पहाड़ियाँ और वह उदास भिक्षु जिसकी भिक्षु बनने की इच्छा न थी, श्रीनगर का वह ट्रक ड्राइवर जो कहता है कि मेरा दिल जल गया है; भिक्षु, गोम्पा, मठ, बुद्ध और समूचे पाठ में तैरता अकंप बौद्ध-भाव जो पूछता है कि क्या समस्त मानवता एक-दूसरे से इसीलिए नहीं चिमटी है कि वह डरी हुई है! यह सब इस पुस्तक को एक विशिष्ट परिपक्वता देता है।
‘दिल्ली में उनींदे’ डायरी, नोट्स, यात्राओं, यात्राओं में मिले लोगों की स्मृतियों का एक अनूठा संचयन है।
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