Panchwa Stambh
Author:
Jayjeet Jyoti AklechaPublisher:
Mandrake PublicationsLanguage:
HindiCategory:
Humour0 Reviews
Price: ₹ 159.2
₹
199
Unavailable
नए प्रयोगों का साहस व्यंग्य बहुत लिखा जा रहा है, पर क्या सच में व्यंग्य बहुत लिखा जा रहा है? व्यंग्य के नाम पर झऊआ भर के शब्द ठेलने का प्रचलन इतना ज़्यादा हो गया है कि अब वही व्यंग्य बहुतायत में हैं। व्यंग्य में नए प्रयोगों की क्षमता, साहस और विवेक अब विकट तरह से अनुपस्थित दिखता है। जयजीत अकलेचा उन बहुत कम व्यंग्यकारों में है, जिनके पास व्यंग्य के नए प्रयोगों की क्षमता, साहस और विवेक सब है। 'पाँचवा स्तंभ' में जयजीत जो कुछ रचते हैं, उसका एक सिरा पत्रकारिता से और दूसरा सिरा साहित्य से जुड़ता है। इस व्यंग्य संग्रह में एक बहुत सशक्त रचना है- 'नो वन किल्ड कोविड पेशेंट'। इन पंक्तियों पर ध्यान दीजिए- 'सरकार ने संसद में बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में कोई भी व्यक्ति ऑक्सीजन की कमी से नहीं मरा। कल इंजेक्शन की कमी से कोई ना मरेगा, तो स्साला आदमी मरेगा कैसे?' इसी तरह नीरो की ऐतिहासिक बंसी से इंटरव्यू भी एक विशिष्ट प्रयोग है।फ़ॉर्म और कथ्य के स्तर पर नवोन्मेष रचनात्मक कामों में ज़रूरी है। एक ही ढर्रे पर कही गई बात अपनी अर्थवत्ता खोती जाती है। हम सब व्यंग्यकारों को जयजीत से सीखना चाहिए कि नए-नए फॉर्म में अपनी बात कैसे रखी जाए। -आलोक पुराणिक (नए प्रयोगों के अग्रणी व्यंग्यकार )
ISBN: 9789390540853
Pages: 146
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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