Kaliyug Sarvashreshtha Hai
Author:
Mahayogi Swami Buddha PuriPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Humour0 Reviews
Price: ₹ 200
₹
250
Available
"सृष्टि के विकास क्रम में चार युगों का चक्र चलता है—सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, कलियुग। प्रत्येक युग में धर्म का कुछ हृस होते-होते कलियुग में अधर्म अपने चरम पर पहुँच जाता है। कलियुग के बाद सतयुग का प्रादुर्भाव होता है, पर कैसे? क्या रहस्य है? अधर्म की वृद्धि से एकदम धर्मयुक्त सतयुग का कैसे प्रादुर्भाव होता है? इसमें क्या रहस्य है? कौन सा ईश्वरीय विधान छुपा हुआ है और उसका कलियुग में रहते हुए ही किन साधनाओं द्वारा प्रकट होना संभव है?
शास्त्र कहते हैं कि कलियुग के बाद पुनः धर्मयुग अर्थात् सतयुग आएगा ही। इतना ही नहीं, महाभारत तथा अनेक पुराणों में लिखा है कि कलियुग सर्वश्रेष्ठ है। यह पुस्तक एक ओर शास्त्रों के इन गंभीर रहस्यों को अत्यंत सरल भाषा में और उपयुक्त प्रमाणों तथा युक्तियों के माध्यम से स्पष्ट करती है तो दूसरी ओर बताती है कि
कलियुग के अवगुणों से कैसे बचना है और गुणों को कैसे धारण करना है?
ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र—इन वर्णों का क्या महत्त्व है?
जीवन का लक्ष्य क्या है और उसकी प्राप्ति हेतु किन स्तरों को पार करना होता है?
धर्म का वास्तविक स्वरूप क्या है? उत्तरोत्तर धर्म की व्यापकता में साधक की चेतना का प्रवेश कैसे संभव है?
"
ISBN: 9789355210753
Pages: 144
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Gudgudate Sawal-Jawab
- Author Name:
J.P.S. Jolly
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Common Man Meets The Mantri
- Author Name:
R K Laxman
- Rating:
- Book Type:

- Description: A collection of gems by our best-loved cartoonist, R.K. Laxman From financial crises to the woes of householders, from political instability to rampant corruption, these cartoons capture the entire gamut of contemporary Indian experience. Hilarious and thought-provoking at the same time, this is a treasure house of humour from one of the most striking voices commenting on Indian sociopolitical life today.
Sarthak Vyagya Ka Yatri : Prem Janmejai
- Author Name:
Sudha Om Dhingra +1
- Book Type:

- Description: Book
Dummy Book - Autobiography (MK Gandhi)
- Author Name:
Dummy User For Test
- Rating:
- Book Type:



- Description: PLEASE DO NOT PURCHASE THIS BOOK. THIS IS DUMMY BOOK FOR APP STORE TESTS
Fake Encounter
- Author Name:
Mukesh Kumar
- Book Type:

- Description: This book has no description
BIJALI KE JHATKE
- Author Name:
Shivshankar Mishra
- Book Type:

- Description: असंगतियाँ जब जीवन और समाज में स्थान और अधिकार पाने लगें, विडंबनाएँ जब दिखती हुई होकर भी पकड़ में नहीं आएँ, अन्याय जब परंपराएँ बनाने लगें, दुःख जब अपने प्रतिरोध के उपायों से वंचित किए जाएँ, जब व्यवस्था अपने विद्रूप में ही स्थापित हो ले, तब बनता है व्यंग्य।...व्यंग्य का एक बड़ा पाठक-वर्ग है, एक बड़ा बाजार है। लेकिन यहीं से उसकी असली समस्या भी शुरू होती है। यहीं से व्यंग्य में बाजार-पक्षीय विचलन बनने लगते हैं और परिणाम होता है कि व्यंग्य का वह पाठ कुल मिलाकर एक मनोरंजक राइट-अप बनकर रह जाता है; उसका उद्देश्य वही हो जाता है, उसकी सीमा भी वही होती है।... मैंने यही अनुभव किया है कि व्यंग्य देश-काल-जीवन की एक अप्रत्याशित और अवांछित स्थिति, सिचुएशन है, जो किसी भी तरह का हो सकता है, किसी भी तरह के भाषा-शिल्प में हो सकता है। फिर भी, एक बात तय है कि वह न तो कोई मात्र हास्य-उत्पादक रचना होगी, न ही ललित-विनोदिनी।... चूँकि मेरा ज्यादा रचनात्मक जुड़ाव काव्य की तरफ रहा, इसलिए सहज ही ऐसा हुआ कि मेरी कविताओं में, गजलों में और दूसरे रूपों में व्यंग्य को अधिक नियमित ढंग से जगह मिली। और—जब कभी कोई अनुभव-विषय दीर्घकालिक रूप से प्रेरता-उद्वेलता रहा तो गद्य में भी लिखा। यहाँ ये एक साथ संकलित हैं। इन का स्वभाव भी मेरे स्वभाव में ही बना है। इनकी भाषा, शिल्प और शैली भी मेरे अभ्यासोंकेहीअनुरूपहैं। (‘लेखक का वक्तव्य’ से)
Halke-Phulke
- Author Name:
Pradeep Choubey
- Book Type:

- Description: हल्के-फुल्के में दीर्घकाय रचनाएँ चंद ही हैं, ये मजाक की संजीदगी को परत-दर-परत, आहिस्ता-आहिस्ता उघाड़ती हैं। इनमें ‘भुखमरे’ और ‘साठवाँ’ खास तवज्जुह की डिमांड करती हैं। व्यक्तिगत त्रासदी किस तरह अनुभूति की गहराई में उमड़-घुमड़कर सामुदायिक विडंबना को रूपाकर दे सकती है, इसका उम्दा नमूना। और अंत में, दो बिल्कुल अलग तरह की रचनाओं का जिक्र न करना नाइनसाफी होगी। ये दोनों हिंदुस्तानी सिनेमा के प्रति उनके गहरे लगाव और समझ की नायाब मिसाल हैं। एक, हिंदी फिल्म संगीत के स्वर्णकालीन जादूगर ओ.पी. नैयर का इंटरव्यू यह ‘अहा! जिंदगी’ के अक्तूबर 2006 के अंक में प्रकाशित हुआ था। संयोग की विडंबना कि जनवरी 2007 में नैयर साहब का इंतकाल हुआ। यह उनकी जिंदगी का आखिरी इंटरव्यू है, जो उनकी पर्सनैलिटी के मानिंद ही बिंदास है। सिने-संगीत का वह करिश्मासाज संगीतकार, जिसने सार्वकालिक मानी जानेवाली गायिका भारत-रत्न लता मंगेशकर की आवाज का कभी इस्तेमाल नहीं किया। तब भी स्वर्ण युग में अपनी यश-पताका फहराकर दिखाई। दूसरी रचना है छह दशक पूर्व प्रदर्शित हुई राजकपूर निर्मित विलक्षण कृति ‘जागते रहो’ की रसमय मीमांसा। यह रचना ‘प्रगतिशील वसुधा’ के फिल्म-विशेषांक हेतु उनसे लिखवाने का सुयोग मुझे ही हासिल हुआ था। वहाँ वे कृति के मार्मिक विश्लेषण के साथ ही कृतिकार और समूचे सिनेमा से अपने अंतरंग लगाव का बेहद दिलचस्प, बेबाक बयान करने से भी नहीं चूकते। मुझे यकीन है कि रसिक पाठक इस पुरकशिश किताब का भरपूर लुत्फ उठाएँगे। —प्रह्लाद अग्रवाल सतना, 15 अगस्त, 2017
Mile Latth Mera Tumhra
- Author Name:
Rajiv Taneja
- Book Type:

- Description: humour
Meri Dus Rachnayen Lalitya Lalit
- Author Name:
Lalitya Lalit
- Book Type:

- Description: Book
Panchwa Stambh
- Author Name:
Jayjeet Jyoti Aklecha
- Book Type:

- Description: नए प्रयोगों का साहस व्यंग्य बहुत लिखा जा रहा है, पर क्या सच में व्यंग्य बहुत लिखा जा रहा है? व्यंग्य के नाम पर झऊआ भर के शब्द ठेलने का प्रचलन इतना ज़्यादा हो गया है कि अब वही व्यंग्य बहुतायत में हैं। व्यंग्य में नए प्रयोगों की क्षमता, साहस और विवेक अब विकट तरह से अनुपस्थित दिखता है। जयजीत अकलेचा उन बहुत कम व्यंग्यकारों में है, जिनके पास व्यंग्य के नए प्रयोगों की क्षमता, साहस और विवेक सब है। 'पाँचवा स्तंभ' में जयजीत जो कुछ रचते हैं, उसका एक सिरा पत्रकारिता से और दूसरा सिरा साहित्य से जुड़ता है। इस व्यंग्य संग्रह में एक बहुत सशक्त रचना है- 'नो वन किल्ड कोविड पेशेंट'। इन पंक्तियों पर ध्यान दीजिए- 'सरकार ने संसद में बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में कोई भी व्यक्ति ऑक्सीजन की कमी से नहीं मरा। कल इंजेक्शन की कमी से कोई ना मरेगा, तो स्साला आदमी मरेगा कैसे?' इसी तरह नीरो की ऐतिहासिक बंसी से इंटरव्यू भी एक विशिष्ट प्रयोग है।फ़ॉर्म और कथ्य के स्तर पर नवोन्मेष रचनात्मक कामों में ज़रूरी है। एक ही ढर्रे पर कही गई बात अपनी अर्थवत्ता खोती जाती है। हम सब व्यंग्यकारों को जयजीत से सीखना चाहिए कि नए-नए फॉर्म में अपनी बात कैसे रखी जाए। -आलोक पुराणिक (नए प्रयोगों के अग्रणी व्यंग्यकार )
Gulistan
- Author Name:
Shiekh Saadi
- Book Type:

- Description: बहार का मौसम था। ख़ूबसूरत बाग़ से मेरा दोस्त गुले-लाला, रेहान, सुम्बुल, ज़मीरान जैसे तरह-तरह के फूलों से दामन भर रहा था। मैंने उससे कहा- ‘‘बाग़ के फूल हमेशा बाक़ी नहीं रहते और बहार का ज़माना वफ़ादार नहीं होता। जो चीज़ फ़ानी हो, वह दिल लगाने के क़ाबिल नहीं।’’ दोस्त ने पूछा- ‘‘फिर क्या तरीक़ा है?’’ मैंने कहा- ‘‘मैं लोगों की कुशादगी और सहूलत के लिए ‘गुलिस्ताँ’ की किताब लिख सकता हूँ। खि़ज़ा (पतझड़) की हवाओं को इसके पन्नों पर ग़ल्बा हासिल नहीं होगा और ज़माने की गर्दिश इसकी बहार को कभी पतझड़ में न बदल सकेगी। फूलों से भरी थाली तेरे किस काम आएगी? मेरे ‘गुलिस्ताँ’ से एक वरक़ (पन्ना) ले जा। फूल तो कुछ दिनों में मुरझा जाएंगे लेकिन यह ‘गुलिस्ताँ’ हमेशा तरो-ताज़ा रहेगी।’’ वादे के मुताबिक़ मैंने उसी दिन इस किताब के दो बाब (अध्याय) लिख दिये ताकि अच्छी ज़िंदगी बसर करने और बोलचाल के आदाब में लोगों के काम आ सके। हासिले-क़लाम यह कि अभी मौसमे-बहार बाक़ी ही था कि किताब ‘गुलिस्ताँ’ वक़्त पर पूरी हो गई।’’ - शेख़ सादी
Vyangya Ke Nepathey
- Author Name:
Prem Janmejay
- Book Type:

- Description: Book
Family Buisness Ki Sachchaiyan
- Author Name:
Rajendra Jain
- Book Type:

- Description: This book has no description
Dj Pe Mor Nacha
- Author Name:
Kamlesh Pandey
- Book Type:

- Description: This book has no description
Vyangya Saptak Dr. Gyan Chaturvedi
- Author Name:
Dr. Gyan Chaturvedi
- Book Type:

- Description: Book
Ek Sham Hari Ghas Par
- Author Name:
Kamlanath
- Book Type:

- Description: This book has no description
Fursatiye
- Author Name:
Mukesh Nema
- Book Type:

- Description: सब चौसठ की एक बरसती रात में दस सितंबर को मैं केसली जिला सागर में पैदा हुआ। केसली में इसलिये पैदा हुआ क्योंकि पिताजी सरकार की नौकरी कर रहे थे। बाद में वे नौकरी बदल कर खंडवा चले गये तो स्कूली शिक्षा-दीक्षा खंडवा मे हुई। पिताजी की देखा-देखी पढ़ने में दिलचस्पी जगी। बचपन की हर शाम खंडवा में माणिक्य वाचनालय में गुज़री किताबें पढ़ने के अलावा कुछ किया ही नहीं मैंने। कॉलेज की पढ़ाई नरसिंहपुर मे हुई और तेईस साल में सरकारी अफ्रसर हो गया। आजकल एडीशनल कमिश्रर एक्साइज़ म.प्र. हूँ और जीवन ठीक-ठीक बीत रहा है। आमतौर पर एक बार सरकार की नौकरी पा जाने के बाद आप निकाले नहीं जाते। आपको अपनी रोटी की चिंता करना नहीं होती, ऐसे में सरकारी नौकरी अच्छी छोकरी दिलवाती है। जिंदगी सुख से बीतती है। आप वह सब कुछ कर सकते हैं, जो आप करना चाहते हैं। सरकारी नौकरी के इन तमाम फ़ायदों के मज़े लूटने के बावजूद मैंने जीवन भर उतनी ही नौकरी की हमेशा, जितने में काम चल जाये। आप कम काम करते हैं तो कम ग़लतियाँ करते हैं और कम ग़लतियाँ करने वाला सरकारी आदमी हमेशा सुखी बना रहता है। कम काम करने का एक फ़ायदा और है। आपके पास वक़्त की। कमी नहीं होती। मैंने इस वक़्त का इस्तेमाल घूमने-फिरने, दुनिया और लोगों को समझने के अलावा फेसबुक पर लिखने-पढ़ने में किया। 'साहबनामा' व्यंग्य-संग्रह और 'तुम्हारी हँसी सदानीरा' काव्य संग्रह के बाद मेरी तीसरी किताब है यह। यह भी फुरसत के वक़्त में की गई लिखा-पढ़ी का ही नतीजा है। मैं उम्मीद करता हूँ, इसे आप पढ़ेंगे और यह आपको पसंद आयेगी।
Common Man Watches Cricket
- Author Name:
R K Laxman
- Book Type:

- Description: From financial crises to the woes of householders, from political instability to rampant corruption, Laxman's cartoons capture the entire gamut of contemporary Indian experience. Hilarious and thought-provoking at the same time, this is a treasure house of humour from one of the most striking voices commenting on Indian socio-political life today. This is a revised edition of the original published in 1998.
Neki Kar Thane Jaa
- Author Name:
Ibraheem Jalees
- Rating:
- Book Type:

- Description: This Books doesn’t have a description
Common Man Tackles Corruption
- Author Name:
R K Laxman
- Rating:
- Book Type:

- Description: The Common Man Tackles Corruption
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...