
Bhartiya Sanskriti Aur Sex
Author:
Geetesh SharmaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction0 Reviews
Price: ₹ 159.2
₹
199
Available
जहाँ तक 'हिन्दू संस्कृति' का प्रश्न है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पुरोधाओं ने जिस रूप में इसकी व्याख्या की, पहले भी लिखा जा चुका है कि वह बहुत ही संकुचित और विकृत व्याख्या है, जो लोगों में इस संस्कृति के प्रति एक भ्रम पैदा करती है। जिन विद्वानों ने वास्तविकता पर आधारित तथ्यपरक व्याख्या की, उनको यह कहकर सिरे से ख़ारिज कर दिया गया कि उन पर पश्चिम के विद्वानों का प्रभाव है और वे एकांगी दृष्टि से संस्कृति को देखते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि वेदों से प्रारम्भ कर भारतीय संस्कृति का समग्र रूप मनुष्य की समस्त जीवन-शैली के अच्छे-बुरे पक्ष को ज़ाहिर करता है, जो समय के अनुसार बदलती रही है।
हमारे देश में एक प्रचलन यह भी रहा है कि हम प्राचीन धार्मिक ग्रन्थों पर तिलक-चंदन चढ़ाते हैं, उनकी पूजा करते हैं, पर उन्हें पढ़ते नहीं हैं। पढ़ते तो संस्कृति के नाम पर जो दुष्प्रचार किया जाता रहा है, वह सम्भव नहीं था।
ISBN: 9789388933087
Pages: 104
Avg Reading Time: 3 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Door Need Ke Pakshi
- Author Name:
Jai Prakash Pandey
- Book Type:
- Description: दूर नीड़ के पक्षी' जय प्रकाश पांडेय का प्रथम कहानी-संग्रह है, जिसमें पच्चीस कहानियाँ संकलित हैं। सभी कहानियों का विषय पृथक्-पृथक् है। इन कहानियों में लेखक ने हिंदी साहित्य के कुछ अनछुए विषयों को चुना है। 'दूर नीड़ के पक्षी ' पुस्तक की प्रतिनिधि रचना है, जिसमें टूटते, पारिवारिक नाते-रिश्ते और संस्कारों के बदलाव की आहट है। अरमान, पुनर्विवाह, जीवन-संघर्ष, रेत का साम्राज्य जैसी कहानियाँ मानव-मन की अनेक परतों को प्रतिबिंबित करती हैं। यंत्रवत् बाजार व्यवस्था, प्लेटिनम जुबली, बर्थ नंबर पच्चीस, आवास जैसी कहानियाँ वर्तमान सामाजिक परिस्थितियों को उसके वास्तविक स्वरूप में उजागर करती हैं। अधूरा समर्पण, बिंदास और बदलाव जैसी कहानियों में स्त्री-पुरुषों की ग्रंथियों, उनके संबंधों, परंपप और बदलते परिवेश की बयार को महसूस करने की कोशिश है। लाल अंगारे और दाखिला कहानी में मध्यम वर्ग की छोटी-छोटी खुशियों के लिए जीवन-रूपी सागर में डूबने-उतारने का सजीव और मार्मिक चित्रण है। कहानी-संग्रह की सभी कहानियों में समाज और व्यक्ति के बीच हिचकोले खाता जीवन अपने विविध रूपों और अनेकानेक विरोधाभासों में रूपायित हुआ है। हर आयु वर्ग के पाठकों के लिए एक पठनीय एवं मनोरंजक कहानी-संग्रह ।
Kya Aap IIT CRACK Karna Chahate Hain
- Author Name:
Vivek Pandey +1
- Book Type:
- Description: "दो आईआईटियन आई.आई.टी. में सफलता दिलानेवाले 100 टिप्स और ट्रिक्स का जादू लेकर आए हैं। उनका एक ही मंत्र है ‘होशियारी भरा काम कड़ी मेहनत को पीछे छोड़ देगा।’ यह न केवल फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के सवालों के बारे में सबकुछ बताता है, बल्कि उन समस्याओं को भी दूर करता है, जिन्हें लेकर छात्र चिंता में डूबे रहते हैं और समझ नहीं पाते कि किससे पूछें— • रात को देर तक जागनेवाले बनाम सुबह जल्दी उठनेवाले • 11वीं क्लास में आपको क्या करना है? • किसी फॉर्मूले को याद करने के लिए 84 बार लिखना • डब्लू.डब्लू.ई.-स्टाइल वाले कार्ड के इस्तेमाल से पढ़ाई को मजेदार बनाना • कलर-कोड वाले नोटबुक • लैब के प्रयोगों से ज्यादा-से-ज्यादा फायदा उठाना अगर ट्यूटोरियल और टेक्स्टबुक प्रोफेसर हैं, तो यह पुस्तक ऐसा चालाक दोस्त है, जो आपको क्लासरूम के बाहर मिलता है और आप उससे अपने सारे सवाल पूछ लेते हैं।"
Super Child
- Author Name:
Rohit Mehra (Irs)
- Book Type:
- Description: हम सभी चाहते हैं कि हमारे बच्चे जीवन में अच्छे से अच्छा करें। ‘आप अपने बच्चे को एक सुपर चाइल्ड बना सकते हैं।’ हाँ, आपने बिल्कुल ठीक सुना। श्रेष्ठ आदतें ऐसी होती हैं, जो आपके बच्चे को सच में सुपर चाइल्ड बना सकती हैं। हमारे बच्चों की आदतें, उनके कौशल और उनकी नैतिक वैल्यू अच्छी होनी चाहिए, जिनका इस्तेमाल वे अपने आपको एक सुपर चाइल्ड बनाने में और अपनी सच्ची प्रतिभा को दिखाने में कर सकते हैं। यह पुस्तक इसी विषय पर आधारित है। ऐसी 52 आदतें हैं, जो साल के 52 सप्ताह की ही तरह हैं। एक बच्चा हर सप्ताह एक अच्छी आदत ग्रहण कर सकता है और साल के अंत तक उसकी ये 52 आदतें ऐसी होंगी, जो निश्चित रूप से उसे सुपर चाइल्ड बना देंगी। इस पुस्तक में व्यवहार, शिष्टाचार, आदतों और मूल्यों पर अलग-अलग अध्याय हैं। हर बच्चे में इनका होना जरूरी है, तभी वह जिंदगी में जैसा बनना चाहता है, वैसा बन सकता है। ये ऐसी 52 आदतें हैं, जो बच्चे की जिंदगी के सभी पहलुओं का खयाल रखती हैं, चाहे उसकी सेहत हो, स्वच्छता या फिर उसकी फिटनेस, उसके शौक और उसके उद्देश्य, उसकी धारणाएँ, उसके निजी और पारिवारिक मूल्य। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद बच्चों के साथ-साथ उसके माता-पिता भी जीवन में उसके इरादों और उद्देश्यों को पूरा करने में उसकी मदद कर सकते हैं।
Kavita Mein Jantantra
- Author Name:
Apoorvanand
- Book Type:
- Description: कविता स्वभावतः ही लोकतांत्रिक मूल्यों की पैरोकार होती है, वह उनकी तरफ़ हमारा ध्यान भी खींचती है, उनकी कमी को रेखांकित भी करती है, और कई बार नए मूल्यों, नई समझदारी, एक ज़्यादा महीन संवेदना की ओर भी लेकर जाती है। कविता उन परिस्थितियों की गहरी आलोचना भी करती है, जो व्यक्ति की, मनुष्य की स्वतंत्रता के विरुद्ध हैं, और इस तरह लोकतंत्र के भविष्य के लिए ख़तरा पैदा करती है। ‘कविता में जनतंत्र’ पुस्तक में कुछ कविताओं के पाठ के साथ भारतीय जनतंत्र की वर्तमान दशा और दिशा पर चिन्तन किया गया है, यह समझने की कोशिश की गई है कि एक देश और एक समाज के रूप में बहैसियत एक जनतंत्र हमने क्या खोया और क्या पाया है, और इस समय हम कहाँ हैं? ग़ौरतलब है कि इन टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में 2024 का लोकसभा चुनाव है, यह वह समय था जब हम जनतंत्र और बहुमत को आमने-सामने खड़ा पा रहे थे; स्वतंत्रता और सर्वसमावेशी उदारता के पक्षधर आशंकित थे, और अल्पसंख्यक भयभीत। जिन कविताओं के बहाने यह गहन जनतंत्र-चर्चा संभव हुई है उनमें नागार्जुन, रघुवीर सहाय, धूमिल, श्रीकान्त वर्मा, विजयदेव नारायण साही, केदारनाथ सिंह, जैसे वरिष्ठों से लेकर अनुज लुगुन, अदनान कफ़ील दरवेश और जसिंता केरकेट्टा तक कई महत्त्वपूर्ण रचनाकारों की कविताएँ शामिल हैं। अत्यन्त समीचीन यह पुस्तक कविता को पढ़ने की एक नई पद्धति तो हमें देती ही है, एक विचार, एक शासन-पद्धति और एक सम्भावना के रूप में जनतंत्र की परिभाषा, उसकी आधारभूत शर्तों, चुनौतियों और प्रतिबद्धताओं पर सोचना भी सिखाती है।
Bharatnama
- Author Name:
Sunil Khilnani
- Book Type:
- Description: आज के भारत की राजनीति का संभवतः सर्वश्रेष्ठ गैरऔपन्यासिक परिचय...-माइकल फुट, इवनिंग स्टैण्डर्ड भारत और उसकी समसामयिक परिस्थितियों पर कोई और किताब ही इससे अधिक गहनता के साथ बेहतर रौशनी डाल सके | - इयान जैक, ऑब्जर्वर इस शानदार किताब का मकसद कोई भविष्यवाणी करने के बजाय यह बताना है कि भारत अपनी मौजूदा हैसियत तक कैसे पहुँचा और उसका अंतर्निहित विचार कैसे विकसित हुआ | यह किताब आजादी के पचास साल बाद भारत की खूबियों और खामियों की तरफ इशारा करती है...उत्कृष्ट बौद्धिकता से समपन्न यह पुस्तक करीब ढाई सौ पृष्ठों में आधुनिक भारत की कई जटिलताओं की शिनाख्त करते हुए उनके उद्घाटन और व्याख्या में सफल होती है...इसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है |-डेविड गिलमूर, इंडिपेंडेंट ऑन सन्डे यह पुस्तक भारतीय राष्ट्र की परिभाषाओं को उजागर करती है...सभी तरह के रोमानी संस्कृतिवादियों और धार्मिक कट्टरपंथियों की दलीलों को कुशलता से परास्त कर देती है |- इयान वरुपा, न्यूयार्क रिव्यु ऑव बुक्स
Jambudweepe Bharatkhande
- Author Name:
Dr. Mayank Murari
- Book Type:
- Description: भारतीय चिंतन में कल्प की अवधारणा का समय के साथ-साथ व्योम, यानी देश के हिसाब से भी विचार किया गया है। पृथ्वी के द्वारा सूर्य का परिभ्रमण करने से संवत्सर काल बनता है। इसी प्रकार जब सूर्य अपनी आकाशगंगा का चक्कर लगाता है तो उसका एक चक्र पूरा होने के समयखंड को मन्वंतर कहा जाता है। इस प्रकार आकाशगंगा भी इस ब्रह्मांड में किसी ध्रुवतारे या सप्तर्षि या अन्य तारे का चक्कर लगाती है, उसके एक चक्कर की गणना को ही कल्प कहा गया। हमारा सौरमंडल आकाशगंगा के बाहरी इलाके में स्थित है और उसके केंद्र की परिक्रमा कर रहा है। इसे एक परिक्रमा पूरी करने में लगभग 22.5 से 25 करोड़ वर्ष लग जाते हैं। —इसी पुस्तक से भारतीय जीवन में देश और काल है। काल के साथ गति है और गति के संग जीवनदर्शन जुड़ा है। यह बात ही भारत को विशिष्ट बनाती है। कालचक्र, युगचक्र, ऋतुचक्र, धर्मचक्र, भाग्यचक्र और कर्मचक्र के विधान भारतीय सांस्कृतिक चेतना में समाए हुए हैं। सनातन के माहात्म्य, भारतीय चिंतन की वैज्ञानिकता और भारतीय जीवन-मूल्यों की पुनर्स्थापना करती विचारोत्तेजक पठनीय कृति।
Prayojanmulak Hindi : Prayog Aur Prakriti
- Author Name:
Manoj Pandey
- Book Type:
- Description: हिन्दी को राजभाषा बनाने के पीछे संकल्पना यह थी कि हिन्दी देश में संप्रेषण और संवाद की मुख्य भाषा बने, राजकाज का प्रधान माध्यम बने और महज कार्यालयीन व्यवहार तक सीमित न रहे, बल्कि देशवासियों के बीच संपर्क का सेतु बने। संवैधानिक स्वीकृति मिलने के पहले से ही हिन्दी इस दिशा में प्रयत्नशील थी, परंतु आजादी के बाद निश्चित रूप से उसके कदम तेजी से आगे बढ़े। सरकारी प्रयास भी सहायक बने। विगत कुछ दशकों से हिन्दी साहित्यानुशीलन ही नहीं, बल्कि जीविकोपार्जन की भाषा के रूप में देश के मानस-पटल पर अंकित हुई है। परिणामस्वरूप उसका अर्थ, स्वरूप और व्यवहार-क्षेत्र भी व्यापक हुआ है। धीरे-धीरे पाठ्यक्रमों में भी यह आवश्यकता महसूस की गई कि हिन्दी को उसकी भाषिक प्रयुक्तियों के आधार पर पढ़ा-पढ़ाया जाए। अनुवाद, जनसंचार, वाणिज्य, व्यवसाय, कम्प्यूटर, सोशल मीडिया आदि विविध क्षेत्रों में आज हिन्दी की सशक्त उपस्थिति को देखते हुए हिन्दी शिक्षण के प्रयोजनपरक पक्षों के शिक्षण-प्रशिक्षण की नितांत आवश्यकता है। यह पुस्तक इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए हिन्दी के प्रयोजनमूलक पक्षों की प्रकृति को समझने का एक प्रयास है।
Guntavnuk Darala Mahit Asayalacha Havya Ashya Sharebajarachya Yuktichya Goshti
- Author Name:
Swaminathan Annamalai +1
- Book Type:
- Description: शेअर बाजारात नवोदित आणि अनुभवी असलेल्यांसाठीही हे पुस्तक आहे. भारतीय शेअर बाजाराबद्दल फारशा माहीत नसलेल्या गोष्टी लेखकाने अत्यंत सोप्या, तरीही रोचक पद्धतीने सांगितलेल्या आहेत.’ - फिरोज व्ही. आर. वैश्विक सेवाप्रमुख, उपाध्यक्ष ‘एस.ए.पी.’ आणि इंडिया इन्क्ल्यूजन फाउंडेशनचे संस्थापक हे पुस्तक तुम्ही का वाचायला हवे? हे पुस्तक वाचून झाल्यानंतर तुम्हाला खालील गोष्टींबद्दल समजेल : 1. शेअर बाजार जितका वेळ चालू असतो तितका वेळ संगणकासमोर बसला नाहीत, तरीही पैसे कमावता येतात. 2. भरपूर नफा मिळवून देणारे शेअर्स पटकन ओळखून आपला फायदा करून घेता येतो. 3. शेअर बाजारात ज्या शेअर्सचे व्यवहार आता होत नाहीत अशा अ-सूचीबद्ध शेअर्सची हाताळणी. 4. भीडभाड न बाळगता ऑप्शन्स विकून टाकणे आणि नफ्याची टक्केवारी वाढवणे. 5. आयपीओबद्दल आणि आयपीओकरिता पैसे कसे उभे करावेत याबद्दल माहिती. 6. कागदी शेअर्सचे रूपांतरण इलेक्ट्रॉनिक शेअर्समध्ये (डिमटेरिअलायझेशन) कसे करावे. 7. बीईईएस (इशएड) म्हणजे काय, तो गुंतवणुकीचा जोखीममुक्त पर्याय आहे का? 8. स्टॉक स्क्रीनर्सशी ओळख. 9. शेअर बाजाराला कोणत्या प्रकारच्या घोटाळ्यांमुळे फटका बसू शकतो. 10. हिंदू अविभक्त कुटुंबाची (कणऋ) स्थापना करून आयकर वाचवता येऊ शकतो. Guntavnuk Darala Mahit Asayalacha Havya Ashya Sharebajarachya Yuktichya Goshti - Swaminathan Annamalai गुंतवणूकदाराला माहित असायलाच हव्या अश्या शेअरबाजारच्या युक्तीच्या गोष्टी - स्वामिनाथन अन्नामलाई
The Prophet
- Author Name:
Khalil Gibran
- Book Type:
- Description: मोहब्बत तुम्हारे सिर पर ताज रखती है और तुम्हें सूली पर भी चढ़ा देती है।’’ ‘‘मोहब्बत अपने अलावा तुम्हें कुछ नहीं देती और मोहब्बत अपने अलावा तुमसे कुछ नहीं लेती।’’ ‘‘तुम्हें क़ानून बनाने और उसे लागू करने में कितना मज़ा आता है; लेकिन इससे भी ज़्यादा ख़ुशी तुम्हें उस वक़्त होती है जब तुम उसे तोड़ते हो।’’ ‘‘और अगर कोई ख़ौफ़ है, जिसे तुम मिटाना चाहते हो तो उसकी जगह तुम्हारे अपने ही दिल में है, न कि उस शख़्स के वजूद में, जिससे तुम डर रहे हो।’’ ‘‘हमेशा यही होता आया है कि मोहब्बत अपनी गहराई से बेख़बर रहती है, यहाँ तक कि जुदाई की घड़ी आ जाये।’’
Kathghare Mein Loktantra
- Author Name:
Arundhati Roy
- Book Type:
-
Description:
अपने जनवादी सरोकारों और ठोस तथ्यपरक तार्किक गद्य के बल पर अरुन्धति रॉय ने आज एक प्रखर चिन्तक और सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अपना ख़ास मुक़ाम हासिल कर लिया है। उनके सरोकारों का अन्दाज़ा उनके चर्चित उपन्यास, ‘मामूली चीज़ों का देवता’ ही से होने लगा था, लेकिन इसे उनकी सामाजिक प्रतिबद्धता की निशानी ही माना जाएगा कि अपने विचारों और सरोकारों को और व्यापक रूप से अभिव्यक्त करने के लिए, अरुन्धति रॉय ने अपने पाठकों की उम्मीदों को झुठलाते हुए, कथा की विधा का नहीं, बल्कि वैचारिक गद्य का माध्यम चुना और चूँकि वे स्वानुभूत सत्य पर विश्वास करती हैं, उन्होंने न सिर्फ़ नर्मदा आन्दोलन के बारे में अत्यन्त विचारोत्तेजक लेख प्रकाशित किया, बल्कि उस आन्दोलन में सक्रिय तौर पर शिरकत भी की। यही सिलसिला आगे परमाणु प्रसंग, अमरीका की एकाधिपत्यवादी नीतियों और ऐसे ही दूसरे ज्वलन्त विषयों पर लिखे गए लेखों की शक्ल में सामने आया।
‘कठघरे में लोकतंत्र’ इसी सिलसिले की अगली कड़ी है। इस पुस्तक में संकलित लेखों में अरुन्धति रॉय ने आम जनता पर राज्य-तंत्र के दमन और उत्पीड़न का जायज़ा लिया है, चाहे वह हिन्दुस्तान में हो या तुर्की में या फिर अमरीका में। जैसा कि इस किताब के शीर्षक से साफ़ है, ये सारे लेख ऐसी तमाम कार्रवाइयों पर सवाल उठाते हैं जिनके चलते लोकतंत्र–यानी जनता द्वारा जनता के लिए जनता का शासन–मुट्ठी-भर सत्ताधारियों का बँधुआ बन जाता है।
अपनी बेबाक मगर तार्किक शैली में अरुन्धति रॉय ने तीखे और ज़रूरी सवाल उठाए हैं, जो नए विचारों ही को नहीं, नई सक्रियता को भी प्रेरित करेंगे। और यह सच्चे लोकतंत्र के प्रति अरुन्धति की अडिग निष्ठा का सबूत हैं।
–नीलाभ
Aadivasi Darshan
- Author Name:
Amrita Priyanka Ekka +3
- Book Type:
- Description: सभ्यता और संस्कृति के स्तर पर किसी भी समुदाय की जीवनीशक्ति मूलत: उस समुदाय के दार्शनिक चिन्तन में निहित होती है। जिज्ञासा इस चिन्तन का बीज है और कल्पना उसके अँखुआने के लिए आवश्यक जल। इस तरह जो यात्रा आरम्भ होती है वह दर्शन के दायरे में तब प्रवेश करती है जब कल्पना और कल्पनाशक्ति से आगे बुद्धि और विवेक प्रधान हो जाते हैं, तब अज्ञात की गुत्थी खोलने में अलौकिक माध्यमों का परित्याग कर दिया जाता है और अनुभव को तथ्यों की जाँच और व्याख्या का आधार बनाया जाता है। इस मामले में आदिवासी समुदाय भी अपवाद नहीं है। लेकिन दर्शन सम्बन्धी विचार-विमर्शों में आदिवासी समुदायों का सन्दर्भ अब तक प्राय: अनुपस्थित रहा है, जबकि पृथ्वी के प्राचीनतम बाशिन्दों के रूप में वे आदि जिज्ञासु और आदि चिन्तक रहे हैं। उनकी एक सुचिन्तित दर्शन-परम्परा है, जो उनके धर्म—जिन्हें आदि धर्म, सनातन धर्म, गोंडी धर्म, पूयेम धर्म जैसी कई संज्ञाओं से जाना जाता है—सम्बन्धी धारणाओं में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। यह जरूर है कि इतर समुदायों के विपरीत आदिवासी समुदायों का दार्शनिक चिन्तन वाचिक रूप में ही रहा है। यह हिन्दी में किंचित पहली पुस्तक है जिसमें आदिवासी दर्शन के बुनियादी तत्त्वों का परिचय और विवेचन प्रस्तुत किया गया है। भारत के विभिन्न भागों-अनेक आदिवासी समुदायों के दर्शन-चिन्तन, सृष्टि-कथा, तत्त्व मीमांसा, सत्ता-मीमांसा, ज्ञान-मीमांसा आदि विषयक विचारोत्तेजक सामग्री इस पुस्तक में संकलित की गई है। इसकी एक उल्लेखनीय विशेषता यह है कि इसमें आदिवासी दर्शन को प्रस्तुत करने वाले विद्धानों में गैर आदिवासी और विदेशी विद्वान भी शामिल हैं जिनके अनुभव, अध्ययन और चिन्तन-मनन ने इस विषय को व्यापकता प्रदान की है। संक्षेप में, इतर समुदायों की तरह मनुष्य या ईश्वर केन्द्रित न होकर प्रकृति केन्द्रित आदिवासी दार्शनिक चिन्तन के विविध पहलुओं को सामने लाने वाली यह कृति निश्चय ही पाठक को एक नई दृष्टि प्रदान करेगी।
Chalen Gaon Ki Ore
- Author Name:
M.D. Mishra 'Anand'
- Book Type:
- Description: कहानियाँ अंतर्मन की वेदनाओं, समाज में फैली कुरीतियों, अंधविश्वास और अन्याय तथा राग-द्वेष को उजागर करते हुए सचेत करती हैं, सही मार्ग प्रशस्त करती हैं। हमारा देश कृषि प्रधान और ग्रामों का समूह है। इसमें निवास करनेवाला वर्ग प्रारंभ से ही शोषित रहा है। किसानों की स्थिति दयनीय रही और आज भी है। पहले से ग्राम्य जीवन में बहुत बदलाव आए हैं। किसानों और खेतिहर मजदूरों की स्थिति सुधारने के लिए शासन द्वारा अनेक योजनाएँ चलाकर उनके उत्थान के प्रयास किए जा रहे हैं, किंतु बुनियादी परिवर्तन नहीं हो पा रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि नीचे से ऊपर शासन और प्रशासन जिन भावनाओं के साथ योजनाएँ बनाते हैं, उनका क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। लालची और भ्रष्ट लोगों की जो शृंखला बनी हुई है, उसको तोड़ पाना कठिन हो रहा है। वे प्रत्येक मार्ग में अवरोध और अड़ंगे लगाने के विकल्प ढूँढ़ लेते हैं। तू डाल-डाल, मैं पात-पात—इसी साँप-सीढ़ी के खेल में कृषक, मजदूर तथा असहाय वर्ग फँसे हुए हैं। उनके द्वारा भोगे जा रहे यथार्थ का चित्रण ग्राम्य जीवन की इन कहानियों में समाहित है। ग्रामीण परिवेश और देहात में किसान एवं आम जन को होने वाली कठिनाइयों, विसंगतियों, ज्यादतियों एवं उत्पीड़न को कहानियों के माध्यम से सामने लानेवाला यह कहानी-संग्रह ‘चलें गाँव की ओर’ रोचक-मनोरंजक तो है ही, पाठकों के मन को उद्वेलित करनेवाला भी है।
Amrai
- Author Name:
Padma Sachdev
- Book Type:
- Description: साक्षात्कार विधा में पद्मा सचदेव का विशिष्ट स्थान है। ‘दीवानखाना’ और ‘मितवाघर’ के बाद देश की कला-संस्कृति के विभिन्न क्षेत्रों की कद्दावर हस्तियों से लिए गए साक्षात्कारों की यह पुस्तक ‘अमराई’ भी साक्षात्कार विधा के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। इसमें असमिया की इंदिरा गोस्वामी का एकदम अल्हड़, सादा लेकिन विशिष्ट जीवन है तो कुर्रतुल-ऐन-हैदर द्वारा देखा और जिया गया तत्कालीन मुस्लिम समाज भी है। नामवर जी के जीवन के अनूठे प्रसंग हैं तो कवि केदारनाथ सिंह के भीतर बहती नदी भी है। वयोवृद्ध, लेकिन बाल-सुलभ कौतुक से भरे त्रिलोचन हैं तो डॉ. भारती, इस्मत आपा तथा दूसरे कई भूले-बिसरे लोगों के संस्मरण भी हैं। श्रीमती ललिता शास्त्री के मन का कजरी गूँथते हुए अछूता कोना भी है तो डोगरी के पंतजी का गाँव भी है। कुल मिलाकर ‘अमराई’ के बीच बिछे तख्तपोश पर आप देश के कई विशिष्ट और साधारण लोगों को बैठा पाएँगे।
DHARMADVANDVA
- Author Name:
Shabnam Gupta
- Book Type:
- Description: धर्मद्वद्वं एक रोचक काल्पनिक कथानक है। जिस समय में भारतवर्ष पांडवों और कौरवों के दो पालों में बँटता दिख रहा था, उस समय में एक ऐसा आचार्य था जो किसी राजवंश के नहीं, देश के सर्वोपरि होने की बात करता था। जब धर्म अपने नियत खूटे में बँधा हुआ था, तब वो उसकी सीमा रेखा के आगे जाकर, एक नई परिभाषा लिखता था जहाँ धर्म और विवेक का संगम होता है । जिस परिवेश में स्त्री को वस्तु की तरह पाँच भाइयों में बाँट दिया गया था, उसी परिवेश में वह स्त्री शिक्षा और सशक्तिकरण का पाठ पढ़ाता था। जब समाज, वर्ण और वर्ग में बँटा हुआ था, तब वो जन्म नहीं, कर्म से मनुष्य की पहचान बनाने में क्रियार्थ था। ये उस काल्पनिक आचार्य की कहानी है, जिसका नाम वासू था। भारतीय पौराणिक आख्यान पर केंद्रित मर्मस्पर्शी तथा पठनीय कृति, जो आपको जीवन के आदर्श और मानवमूल्यों से परिचय कराएगी
Hamara Sanskritik Chintan
- Author Name:
Suresh Bhayyaji Joshi
- Book Type:
- Description: "मृत्युंजय भारत क्या होता है? मृत्युंजय भारत वह वास्तविक रूप से सारे दुनिया को सही दिशा देनेवाला, कभी भी समाप्त न होनेवाला, ऐसा अगर कोई राष्ट्र है तो वह भारत राष्ट्र है। इसका कई प्रकार के शब्दों में वर्णन किया गया है। भारत का चिंतन क्या है, विकास के संदर्भ में हमारी सोच क्या है, एक बात ध्यान में आती है कि सभी ने केंद्र में किसे रखा है? विकास का विचार करते हैं तो सभी ने मनुष्य को केंद्र में रखा है। जब हम सुख-समृद्धि, समाधान की बात करते हैं, तो उसमें व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह, यह उसके केंद्र में, उसके चिंतन में मौजूद है। उसके विकास की कोई सीमा ही नहीं है, वह असीमित है। हम भूमि की पूजा करते हैं, हम नदियों की पूजा करते हैं, हम भवायु के रूप में भगवान् की पूजा करते हैं, हम पेड़-पौधों की पूजा करते हैं। यह क्या है सब। पागलपन नहीं है। इस पूजा भाव के साथ हमारे यहाँ संस्कार देने की बात आती है कि इनकी बड़ी कृपा है हमारे ऊपर।"
BABULAL MARMU ADIVASI
- Author Name:
Dr. R. K. Nirad
- Book Type:
- Description: यह पुस्तक संताली के प्रख्यात लेखक, कवि, समालोचक और भाषाविद् बाबूलाल मुर्मू “आदिवासी ' के जीवन, व्यक्तित्व और कृतित्व को समग्रता से प्रस्तुत करती है । 15 अध्यायों में विभाजित इस पुस्तक में उनके साहित्यिक जीवन, गद्य-पद्य साहित्य के विविध आयामों, उनके साहित्य को विशेषता, उन्हें मिले सम्मान एवं पुरस्कार तथा उनको प्रकाशित-अप्रकाशित पुस्तकों की गहन जानकारी समायोजित है। बाबूलाल मुर्मू "आदिवासी ' का संताली भाषा-साहित्य को समृद्ध करने में महत्त्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने संताली लोकगीतों का संग्रह, संताल में साहित्य सृजन तथा भाषा एवं संस्कृति आदि विषयों पर भरपूर लेखन किया। वे संताली पत्रिका 'होड़ सोम्बाद' के संपादक रहे। 1966 से 2004 तक उनकी 23 पुस्तकें प्रकाशित हुई, जबकि 13 पुस्तकें अप्रकाशित हैं। विश्वभारती, शांति निकेतन सहित झारखंड और पश्चिम बंगाल के कई विश्वविद्यालयों के स्नातक एवं स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रमों में उनकी रचनाएँ सम्मिलित हैं, किंतु उनके जीवन, व्यक्तित्व और कृतित्व पर समग्रता से जानकारी देनेवाली पुस्तक का अभाव था। डॉ. आर. के. नीरद की यह पुस्तक इस अभाव को दूर करती है। बाबूलाल मुर्मू ' आदिवासी ' पर अब तक जिलने कार्य हुए हैं, उन सभी को इस पुस्तक में समायोजित करने का प्रयत्न किया गया है। यह पुस्तक इस दृष्टि से भी महत्त्वपूर्व है कि इसमें संताली संस्कृति, कला, मिथकों और परंपराओं का दिद्वत्तापूर्ण विश्लेषण- विवेचन किया गया है।
Vivah
- Author Name:
Devdutt Pattanaik
- Book Type:
- Description: ‘विवाह' - पुराणांचे अभ्यासक श्री.देवदत्त पट्टनायक यांच्या या पुस्तकातून भारतीय विवाहांच्या अनेक कथा आपल्या भेटीला येतात. त्यांनी या कथा वेद, पुराणे, तमिळ आणि संस्कृत साहित्य, तसंच विविध प्रदेशातल्या अभिजात, लोक आणि आदिवासी जमातीच्या साहित्याचा अभ्यास करून जमवल्या आहेत. त्यांना हे साहित्य कधी लिखित तर कधी मौखिक स्वरूपात उपलब्ध झालं. विवाहाबाबतच्या भारतीय परंपरा, रीतिरिवाज आणि श्रद्धा यांच्यामधली विविधता आणि प्रवाहितता स्पष्ट करण्यासाठी त्यांनी तीन लाख चौ. मी. भारतीय भूभागाचा आणि तीन हजार वर्षांहूनही अतिशय प्राचीन असलेल्या अशा इतिहासाचा धांडोळा घेतला आहे. Vivah | Devdutt Pattanaik Translated By : Amita Naidu विवाह | देवदत्त पट्टनायक अनुवाद : अमिता नायडू
Bahas Ke Muddey
- Author Name:
Shriprakash Mishra
- Book Type:
-
Description:
इस पुस्तक में आजकल चल रहे बहस के मुद्दों पर लेख संकलित है। ये मुद्दे लम्बे समय से बने रहे हैं, किन्तु केन्द्र में अभी आए हैं। 2014 से पहले राजनीति पर समाज हावी रहता था, उसके बाद समाज पर राजनीति हावी हो गई है। इसका आरम्भ आपातकाल के दौरान ही हो गया था पर वर्चस्व अब बना है। जब समाज हावी था, तब समाजवाद निश्चित अर्थव्यवस्था, धर्मनिरपेक्षता, समानता, स्वतंत्रता, दलितवाद, पिछड़ावाद, आदिवासी विमर्श, स्त्रीवाद आदि का बोलबाला था। (इसमें आदिवासी विमर्श का पूरा विकास नहीं हो पाया था, अब हो रहा है।) अयोध्या की घटना के बाद सांस्कृतिक राष्ट्रवाद आया और उससे जुड़े तमाम दीगर मुद्दे। अब माना जाने लगा है कि कोई एक बात वर्चस्व बनाकर चल सकती है तो वह है ‘हिन्दुत्व’। उसके लिए निर्वचन और उत्तर सत्य का सहारा लिया जा रहा है। भुला दिया जा रहा है कि इस बहुलता वाले देश में कोई बात देशकाल-परिस्थिति के अनुसार प्रमुख तो हो सकती है, ‘डॉमिनेंट’ नहीं।
इधर सरकार बदलने के बाद जो बहस के मुद्दे पीछे चले गए थे, वे फिर केन्द्र में आ गए हैं और कुछ नए मुद्दे उभर आए हैं। ऐसे ही नौ मुद्दे, जैसे हिन्दुइज्म, हिन्दुत्व, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, सामाजिक अभियंत्रण, उत्तर सत्य का प्रभाव, विकास का गुजरात मॉडल, जनजातीय विमर्श का आधार वग़ैरह की चर्चा इस पुस्तक में है। वहाँ जो तर्क-वितर्क रखे गए हैं, वे पाठकों को प्रबुद्ध तो करेंगे ही, अपना पक्ष चुनने में भी मदद करेंगे। उम्मीद है, यह पुस्तक प्रबुद्ध और सामान्य दोनों ही तरह के पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
Chetna Hero English
- Author Name:
Mission Chetna
- Book Type:
- Description: Chetna is a movement to recognise, appreciate and support goodness in the world. Living up to its mission of ‘Spreading Goodness’ and with the aim of inspiring many to follow goodness in life, the Chetna honours men and women across India, who are brave enough to go against the flow and reach out to help other individuals and families in need. These men and women are recognised as Chetna Heroes. Chetna Heroes are those people who have chosen to speak up through their deeds. None of them began their activities for social good as a broad-based, well-planned and well-funded programme. They simply responded to silent cries for help of people they came into contact with and they did not stop after answering the first cry. These Chetna Heroes continued to ask themselves—“What more can I do?”, “Who else needs this type of assistance?” The answers to these questions shaped their lives into the stories of inspiration that they are today. Chetna is presenting this Coffee Table Book—CHETNA HEROES—To appreciate applaud the dedication and selfless service of these great human beings. We believe that the stories of ‘Chetna Heroes’ will inspire many to follow suit, in embracing and supporting goodness. This very thought is the basis of publishing this Coffee Table Book.
Pais Paryavaransanvadacha
- Author Name:
Santosh Shintre
- Book Type:
- Description: हे पुस्तक सजग, सर्वसामान्य वाचकांसमोर भारतीय निसर्ग-पर्यावरण आणि त्यातील आर्थिक, सामाजिक, राजकीय गुंतागुंत सविस्तर उलगडते.पर्यावरण क्षेत्रात सक्रिय व्यक्ती/संस्था/समूहांना आजवर पडलेल्या बहुतांश अनुत्तरित प्रश्नांची समर्पक उत्तरे देणारे; निव्वळ ‘झाडे लावा, वाघ वाचवा' ह्यांच्यापलीकडे असणारा पर्यावरण प्रश्नांवरील उपायांबाबतचा संवाद-आवाका भारतीय संदर्भ घेऊन समजवणारे आणि इथल्या पर्यावरण समस्या निवारण्यासाठी आवश्यक संवादाच्या दिशा अचूक दर्शवणारे हे पुस्तक आहे.पर्यावरणसंवादाचे सामाजिक न्याय, विज्ञान, समाजशास्त्र, व्यवस्थापन, राज्यशास्त्र, मानसशास्त्र, तंत्रज्ञान, विक्री-कौशल्ये या अन्य विद्याशाखांशी गहिरे नाते असते. हे पुस्तक ते विस्तृत रीतीने दर्शवते. संबंधित विषयांच्या अभ्यासकांना, अध्यापकांना, संशोधकांना या आंतरविद्याशाखीय अभ्यासक्षेत्रातील भावी अभ्यास-संशोधनाचे थांबे, हे पुस्तक स्पष्ट करते. पैस पर्यावरणसंवादाचा | संतोष शिंत्रे Pais Paryavaransanvadacha I Santosh Shintre
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Logout to Rachnaye

Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.