Friend Boyfriend Jaisa
Author:
Sachin TyagiPublisher:
FlyDreams PublicationsLanguage:
HindiCategory:
Contemporary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 119.2
₹
149
Available
बहुत दिनों बाद भी जब दोस्त से बात हो तो फिर से वही लहज़ा, वही शरारत सूझ जाती है। ऐसी ही थी मेरी वो दोस्त। लोग तो कहते हैं कि एक लड़का और लड़की फ़्रेंन्ड्स नहीं हो सकते, लेकिन हमारे दिल में क्या है? हम एक दूसरे के लिए क्या सोचते हैं ? ये मायने रखता है। न कि ये समाज हमें किस नज़र से देखता है और हमारे बारे में क्या सोचता है। ये सब बेमानी है। अगर हमारा मिलना एक इत्तफाक था तो बिछड़कर फिर मिल जाना खुशकिस्मती थी। हमारे आज के हालात में चाहे कितना भी बदलाव आया हो, लेकिन आज भी हम वही जिंदादिल दोस्त हैं, जो कल थे, जो आज हैं और हमेशा रहेंगे। पढ़िए, किशन और अन्वी की प्यारी सी दोस्ती की कहानी!
ISBN: 9788194642909
Pages: 143
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 11-18
Country of Origin: India
Recommended For You
Is Shahar Mein Ik Shahar Tha
- Author Name:
Jaya Jadwani
- Book Type:

- Description: विभाजन भारतीय उपमहाद्वीप का ऐसा दारुण जख़्म है जो न जाने कितने दिलों के भीतर मुसलसल टीस रहा है। जया जादवानी का उपन्यास ‘इस शहर में इक शहर था’ विभाजित सिन्ध और उसके लोगों की कसक और पीड़ा का आख्यान है। यह एक जगह से उजड़ और बिखर कर दूसरी जगहों पर जड़ें जमाने की संघर्ष भरी दास्तान भी है जहाँ ऊपरी तौर पर भले ही सब कुछ सहज लगता हो पर उनकी रूह का एक हिस्सा कहीं बहुत पीछे के शहर में फंसा रह गया है। अपनी रूह के इसी गुम हिस्से की तलाश में उपन्यास का वाचक ‘नन्द’ कराची पहुँचता है जहाँ से उसे शिकारपुर जाना है, जहाँ जाने की उसे अनुमति नहीं है। जहाँ उसे अपने ही जैसे बिखरे हुए लोगों से मिलना है, जिन्हें उसकी तलाश में इस तरह से मददगार होना है जैसे वे अपनी ही मदद कर रहे हों। शिकारपुर—जहाँ उसका बचपन बीता है, जहाँ से निकलकर वह बम्बई में रहते हुए दुनिया भर में भटक रहा है। यह स्मृति में धँसी हुई एक ऐसी विलक्षण यात्रा है जहाँ एक बूढ़ा आईने के सामने अपने आपसे सिन्धी में बतिया रहा है; कोई बरसों बाद मिली एक बूढ़ी औरत के साथ रोटी खाते हुए उसकी गोद में रो रहा है, वह श्मशान जहाँ नन्द के लोग जलाए गए, वह गलियाँ जहाँ वे चले, उनमें ठहरते और चलते हुए नन्द अपने पुरखों के तलवों का दुख-दर्द जी रहा है। जहाँ से अपने बचपन के प्यार की एक झलक भर देखकर बिना कुछ कहे वह वापस चला आता है कि बार-बार आने की एक वजह यह भी बनी रहे।
Rudade Safar
- Author Name:
Pankaj Subeer
- Rating:
- Book Type:

- Description: यह उपन्यास जिस भूमि पर लिखा और तराशा गया है, उसकी आधे हिस्से की सूखी और आधे हिस्से की गीली माटी है। दोनों हिस्सों को एकसाथ लेकर चलना, जिससे कोई हिस्सा कमज़ोर न पड़े, लेखन कौशल का कमाल होता है। मज़बूती से पकड़ कर उपन्यास पाठक को जब अन्त तक ले जाता है, पाठक भौंचक्का रह जाता है। अंत में सिहर उठता है। विज्ञान और चिकित्सा जैसे शुष्क विषय और रिश्ते तथा संबंधों जैसे भावुक विषय को लेकर उपन्यास रचा गया है। दो विपरीत विषयों का तानाबाना बुन कर पंकज सुबीर ने पिता और पुत्री के रिश्ते पर एक खूबसूरत उपन्यास लिखा है। माँ पर तो काफी लिखा गया है, पर पिता पर बहुत कम। पंकज ने बखूबी पिता- पुत्री की भावनाओं का चित्रण किया है। चिकित्सा विज्ञान में एनॉटामी पर भी खूब शोध से लिखा है। उपन्यास में लेखक ने एनॉटामी, रिश्तों और भावनाओं के ऐसे पैटर्न डाले हैं, कि सबने मिल कर उपन्यास को विशाल बना दिया है। हिंदी साहित्य को चिकित्सा विज्ञान में एनॉटामी पर लिखा गया यह उपन्यास नायाब तोहफ़ा है।
The Analyst - Unsung Hero
- Author Name:
Manu.D
- Book Type:

- Description: In the year 2000 the under cover agent Uday and his code name was Shabaz who gave the tip to the Srivastav the RAW Chief about the blast that happened in the syria was not accident incident and that day there was similar incident happened in India. In the Present day Kulkarni the Cheif of IAT who got a toip from Undercover Agent that there will be lot of attacks will happen in India. RAW approved the mission and gave the order to Kulkarni and his team to lead the mission Gaurav the Analyst in the IAT unit, during a normal routine he come across the account of Saifaz who is the money launder for all terrorist group and organisation. Gaurav get nervous about that account and he thought something bigger will happen. So, he must protect the country from the threat and to fight against it. In the mean time he solves his personal problems.
Shantanukulnandan - Award Winning Novel
- Author Name:
Purabi Bormudoi +1
- Book Type:

- Description: शान्तनुकुलनन्दन - पुरस्कृत असमिया उपन्यास अति ग़हिरो भावपूर्ण र जीवन्त भाषाशैलीमा रचिएको ऐतिहासिक कथानक हो। अनादि अनंतकालसम्म प्रवाहित महानदी ब्रह्मपुत्र को जीवन रेखा महामुनि शान्तनु र भार्गव परशुरामको जीवन संग जोडेर संपूर्ण भारतीय भाषा-कृष्टि, धर्म-संस्कृति यस्को उद्भव अनी विकास सम्म मननशील शास्त्र सम्मत इतिहासपरक दस्तावेज भन्न मिल्दछ। प्राचीन भारतमा किरातहरुको, आर्यहरुको उपस्थिति प्रवजन, यवनहारूको व्यावसायिक परिभ्रमणले भारतको उत्तर-दक्षिण पूर्व-पश्चिम सबै दिशा र परिवर्तनशील समयको बदलिदो दिशा र दशालाइ शान्तनुकुलनन्दनले समेटेको छायस्को भाषिक उच्चतपूर्वक मर्यादापूर्ण कथनभड़गीले पाठकलाई स्वत समाहित गराउछ।
Mati ke Log Sone ki Naiya
- Author Name:
Mayanand Mishra
- Book Type:

- Description: कास और झौआ कोसी के सर्व-सुलभ वरदान हैं, पानी और मछली की तरह। जब घर में अन्न नहीं और जेब में नगदी नहीं, तब भी हीतलाल और रमेसर जैसे लोग कुछ बोझे कास काट-बेचकर मड़ुआ-मक्के और नमक का जुगाड़ कर लेते हैं। ये माटी के लोग हैं जिनके लिये नावें सोने से भी बढ़कर हैं। सस्ते श्रम की तरह इनके जीवन में सहज प्रेम कोसी के कास-झौए की तरह ही सुलभ और जीवन का सहारा है। नाच-गाने में ये अपनी तकलीफ भूल-बिसर कर निरस से जीवन में रस घोलते हुए कठिन संघर्ष में लगे रहते हैं। कोसी के कठिन जीवन-संघर्ष के बीच अनूपी और हीतलाल जैसे चरित्रों का प्रेम इस उपन्यास की अद्भुत विशेषता है। अनूपी जैसी एक स्त्री जो पति हीतलाल का घर छोड़ नथुनी पान वाले के यहाँ रहने चली गई है, उस स्त्री के प्रेम की गहराई और उसके साथ हीतलाल का सम्मानपूर्ण जुड़ाव स्त्री-विमर्श के नये दौर में भी दुर्लभ है। इन सरल हृदयी लोगों के बीच दो सौ मन धान के 'अगों' रूप में दान-दक्षिणा पर नज़र गड़ाए नेता और अफसर का गज़ब सांकेतिक बिम्ब है। रस-सिद्ध प्रवाहमयी भाषा के धनी प्रसिद्ध उपन्यासकार मायानंद मिश्र का चमत्कार इस उपन्यास में अपने चरम पर है। यही कारण है कि प्रथम प्रकाशन के 56 वर्ष बाद भी इस उपन्यास के प्रति पाठकीय आकर्षण बरकरार है।
Khonta Aa Chidai
- Author Name:
Mayanand Mishra
- Book Type:

- Description: Maithili Novel
Beghar Ankhen
- Author Name:
Tejendra Sharma
- Book Type:

- Description: Description Awaited
Samandar
- Author Name:
Milind Bokil
- Book Type:

- Description: Novel
Vaishaka (The Tale of Lakka)
- Author Name:
Chaduranga +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: The novel Vaishaka-(The Tale of Lakka) is a hit stodgy and incident—heavy in its weave. Yet in its blending of the complexity of detail and vitality of theme, in its delightfully graphic depiction of village Karnataka and finally in its suggestion that there is a Way out of the claustrophobia of caste, it contributes to Kannada and Indian literature.
Ghar-Bahar
- Author Name:
Rabindranath Thakur
- Book Type:

- Description: आधुनिक सन्दर्भ में मानव-चरित्र के आभ्यन्तर जगत के गहन रहस्यों के उद्घाटन के साथ ही यह उपन्यास भारत के स्वाधीनता आन्दोलन में स्वदेशी के उभार तथा उस काल में राष्ट्रवाद की उभरती प्रवृत्ति का विशेष रूप से बेलाग विश्लेषण करता है। वह काल, पहले से चली आती लीक से हटकर अपने सृजन की व्याकुलता लिये हुए था, जिसमें स्त्री और पुरुष, दोनों ही अन्तर्बाह्य जीवन-व्यवहार से जुड़े प्रश्नों के उत्तर खोजना चाहते थे, लेकिन उनके सामने कोई स्पष्ट मार्ग नहीं था। इस विवशता ने उपन्यास को आद्यन्त तनाव से भरे रखा है। दूसरी ओर रवीन्द्रनाथ स्वयं बहुत कठोर यथार्थ की जमीन पर खड़े होकर स्वाधीनता आन्दोलन को देख रहे थे। उन्हें स्वदेशी और राष्ट्रवाद के सम्बन्ध में अपने स्वतंत्र दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है, जिसके लिए वे अन्ध राष्ट्रवादियों की आलोचना का शिकार होते रहे हैं। ‘घर-बाहर’ इन दोनों ही सन्दर्भों में उनके चिन्तन व तर्कों को प्रस्तुत करता है।
Ajanta Ki Rajkumari
- Author Name:
Sourabh Sharma
- Book Type:

- Description: अजंता की गुफाओं ने भारत के क्लासिकल समाज को ज्यों का त्यों अपने भीतर सहेज लिया है। अजंता अपने भीतर आश्चर्य लोक है। अपने सुंदर समय की स्मृतियों को सहेजने का विचार जब राजपुरुषों के मन में आया होगा तो इस अद्भुत गैलरी का निर्माण हुआ होगा। इसका निर्माण भी उतना ही रहस्यमयी और रोचक होगा जितनी ये गुफाएं हैं। संभवतः राजा ने इसके निर्माण के लिए एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट बुलवाया होगा। चित्रकारों का चुनाव किया होगा और चित्रों का भी। इतने गहरे भावों को सृजित कराने वाले आश्रयदाताओं की भावभूमि भी गहन होगी। इनकी कहानियों पर एक कथा रचने का प्रयास है अजंता की राजकुमारी।
Kaath Ka Ullu
- Author Name:
Pallavi Prasad
- Rating:
- Book Type:

- Description: ‘काठ का उल्लू’ को ‘दोआबा’ पत्रिका में प्रकाशित करते हुए, सम्पादकीय के अन्तर्गत एक महत्त्वपूर्ण टिप्पणी की गई थी कि यह उपन्यास अपनी थीम के कारण पाठकों के बीच लोकप्रिय होगा। प्रश्न उठता है कि इस उपन्यास की ‘थीम’ है क्या? निःसन्देह इसका उत्तर एक शब्द में नहीं दिया जा सकता है। ‘काठ के उल्लू’ की थीम के कई स्तर हैं जो प्याज के छिलके की भाँति परत दर परत खुलते चले जाते हैं। सपनों में पलती नौकरशाही, अभिजात्य वर्ग की ढँकी-छुपी सच्चाई, स्याह-सफेद के बीच खिलवाड़ करती राजनीति... और एक सामान्य-सी लड़की को ‘दलित इकाई’ के रूप में बदल देने की चतुराई। अर्थात इस उपन्यास में हमारे समाज के इतने रंग हैं कि उन सबको मिला कर यदि ‘रंगामेज़ी’ शैली में कोई चित्र बनाया जाए तो वह बदरंग ही होगा, आकर्षक भले हो। जाहिर है कि यह एक जटिल यथार्थ है, जिसे एक छोटे से उपन्यास में व्यक्त कर देना आसान काम नहीं था। मगर, पल्लवी प्रसाद ने उसे बखूबी कर दिखाया है। इस उपन्यास में कई अन्य यथार्थ भी दर्ज हैं। जैसे गाँवों का ‘आधुनिक’ हो जाना, हर व्यक्ति का लगभग ‘आम आदमी’ हो जाना और अन्ततः कृष्णकान्त जैसे महत्वाकांक्षी व्यक्ति का ‘काठ का उल्लू’ बन जाना। उल्लू का पसन्दीदा समय ‘अँधेरा’ पूरे उपन्यास में आदि से अन्त तक छाया हुआ है। मगर लेखिका ने उसमें भी रोशनी की एक ‘झिरी’ देख ली है। वह है एक बूढ़ी स्त्री जो गाँव में रहती है और जो किसी की माँ है, किसी की दादी तो किसी की परदादी। वास्तव में इस ‘झिरी’ ने ही इस उपन्यास को वह सार्थकता बख्शी है, जो उसका मूल उदेश्य प्रतीत होती है। पल्लवी प्रसाद का यह उपन्यास ऐसे समय में आया है जबकि अभिजात्य वर्ग में ही नहीं बल्कि सामान्य जीवन में भी पारिवारिक सम्बन्धों की दीवारें दरक रही हैं। इसलिए इस उपन्यास का अपना अलग ही महत्त्व है। —अब्दुल बिस्मिल्लाह
Chhinnmool
- Author Name:
Pushpita Awasthi
- Book Type:

- Description: Novel
Tumhari Auqat Kya Hai
- Author Name:
Piyush Mishra
- Rating:
- Book Type:

- Description: पीयूष मिश्रा जब मंच पर होते हैं तो वहाँ उनके अलावा सिर्फ़ उनका आवेग दिखता है। जिन लोगों ने उन्हें मंडी हाउस में एकल करते देखा है, वे ऊर्जा के उस वलय को आज भी उसी तरह गतिमान देख पाते होंगे। अपने गीत, अपने संगीत, अपनी देह और अपनी कला में आकंठ एकमेक एक सम्पूर्ण अभिनेता! अब वे फिल्में कर रहे हैं, गीत लिख रहे हैं, संगीत रच रहे हैं; और यह उनकी आत्मकथा है जिसे उन्होंने उपन्यास की तर्ज पर लिखा है। और लिखा नहीं; जैसे शब्दों को चित्रों के रूप में आँका है। इसमें सब कुछ उतना ही ‘परफ़ेक्ट’ है जितने बतौर अभिनेता वे स्वयं। न अतिरिक्त कोई शब्द, न कोई ऐसा वाक्य जो उस दृश्य को और सजीव न करता हो। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक ‘अनयूजुअल’—से परिवार में जन्मा एक बच्चा चरण-दर-चरण अपने भीतर छिपी असाधारणता का अन्वेषण करता है; और क़स्बाई मध्यवर्गीयता की कुंठित और करुण बाधाओं को पार करते हुए धीरे-धीरे अपने भीतर के कलाकार के सामने आ खड़ा होता है। अपने आत्म के सम्मुख जिससे उसे ताज़िन्दगी जूझना है; अपने उन डरों के समक्ष जिनसे डरना उतना ज़रूरी नहीं, जितना उन्हें समझना है। इस आत्मकथात्मक उपन्यास का नायक हैमलेट, यानी संताप त्रिवेदी यानी पीयूष मिश्रा यह काम अपनी ख़ुद की कीमत पर करता है। यह आत्मकथा जितनी बाहर की कहानी बताती है—ग्वालियर, दिल्ली, एनएसडी, मुम्बई, साथी कलाकारों आदि की—उससे ज़्यादा भीतर की कहानी बताती है, जिसे ऐसी गोचर दृश्यावली में पिरोया गया जो कभी-कभी ही हो पाता है। इसमें हम दिल्ली के थिएटर जगत, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय और मुम्बई की फ़िल्मी दुनिया के कई सुखद-दुखद पहलुओं को देखते हैं; एक अभिनेता के निर्माण की आन्तरिक यात्रा को भी। और एक संवेदनशील रचनात्मक मानस के भटकावों-विचलनों-आशंकाओं को भी। लेकिन सबसे बड़ी उपलब्धि इस किताब की इसका गद्य है। पीयूष मिश्रा की कहन यहाँ अपने उरूज़ पर है। पठनीयता के लगातार संकरे होते हिन्दी परिसर में यह गद्य खिली धूप-सा महसूस होता है।
Digant Ki Oar
- Author Name:
Bipin Bihari Mishra
- Book Type:

-
Description:
उम्र की ढलती साँझ में अपने गाँव में, अपने लोगों के बीच, अपने घर में रहने की इच्छा हरेक मनुष्य की होती है। ‘अपना घर’! कितना प्यारा शब्द है यह। लेकिन क्या सबको नसीब होता है। घर बनाने और बसाने में कितनी मुश्किलें आती हैं, यह किसी भी मध्यवित्त व्यक्ति का सबसे तल्ख़ और संजीदा अनुभव होता है।
‘दिगन्त की ओर’ इन्हीं अनुभवों का प्रवाहपूर्ण भाषा में औपन्यासिक विस्तार है। यह जीवन और समाज की विडम्बनाओं और विद्रूपताओं पर तो प्रकाश डालता ही है, जीवन–संध्या में बुजुर्गों की उपेक्षाओं और उम्मीदों को भी रेखांकित करता है। ओड़िया भाषा के इस महत्त्वपूर्ण उपन्यास का सुजाता शिवेन द्वारा किया सर्जनात्मक अनुवाद निश्चय ही हिन्दी पाठकों को रुचिकर और पठनीय लगेगा, ऐसा हमारा विश्वास है।
Khamosh Aawazen
- Author Name:
Saiyed Asad Mehdi
- Book Type:

- Description: Book
Door Desh Ke Parinde
- Author Name:
Anamika
- Book Type:

- Description: यह आवश्यक नहीं कि स्त्री-पुरुष का सम्बन्ध नर-मादा का ही हो; एक स्तर ऊपर उठकर वह दो व्यक्तियों, दो मनुष्यों, दो सखाओं का भी हो सकता है। सार्वजनिक स्पेस में एक स्वस्थ सन्तुलन भी तभी साधा जा सकता है जब सम्बन्धों में एक अहैतुक सजगता मौजूद रहे, और स्त्री की सहज सकारात्मकता इसमें निर्णायक भूमिका निभा सकती है। ‘दूर देश के परिन्दे’ उपन्यास बीसवीं सदी में, स्वतंत्रता-प्राप्ति के आसपास के वर्षों में दीप्तिमान ऐसे विश्व-प्रसिद्ध लोगों के जीवन में आईं स्त्रियों की कथा कहता है जो अपने समय की स्त्रियों के विशेष प्रिय रहे; कुछ था उनमें जिसके चलते स्त्री-मन उन्हें उम्मीद से देखता था कि उनकी अगुवाई में जो समाज बनेगा उसमें धैर्य, ममता, सहिष्णुता और त्याग जैसे गुण स्त्री और पुरुष दोनों में बराबर बँटेगे; दोनों साहचर्य का एक अधिक सृजनात्मक मॉडल विकसित करेंगे। टैगोर, निराला, गांधी, रोमां रोलां आदि इनमें से कुछ थे। कई स्त्रियाँ इनके जीवन में आयीं, विवाद भी उठे। इनका ज्यादा त्रास तो स्त्रियों ने ही अनुभव किया जिसके विवरण इस उपन्यास के दृश्यबन्धों और संवादों में अनुस्यूत हैं। उपन्यास का पहला खंड निराला पर केन्द्रित है जहाँ नायिका उनकी अपनी ही बेटी सरोज है; दूसरे खंड की नायिका है ज्याँ क्रिस्तोफ की माँ डोरोथी जिनके विषय में कल्पना की गई है कि वे रोमां रोलां की केयरटेकर टाइपिस्ट थीं, तीसरे खंड की नायिकाएँ गांधी के ब्रह्मचर्य-विषयक प्रयोगों की साक्षी और सहचर रहीं मीरा बेन और कस्तूरबा हैं। चौथे खंड के केन्द्र में है भारत में ग्रामोफ़ोन की प्रथम गायिका गौहर जान और पाँचवाँ खंड समर्पित है टैगोर की प्रेरणा कही जाने वाली रानू को। यहाँ वे सब अपनी कथा कहती हैं और दोस्त-समाज की इस संकल्पना को बल देती हैं कि जिस आत्म-परिवर्तन की उम्मीद स्त्रियाँ पुरुषों से करती रही हैं, संसार के सुदीर्घ, स्थायी और ऊर्ध्वमुखी बदलाव के लिए भी वह एक आधारभूत शर्त है।
Maaya : A Tryst With Self
- Author Name:
Minal Arora
- Book Type:

- Description: Maaya – A tryst with self, is the story Maaya, who, through her love for a man, Rahul, took on an incredible journey within, where she understood and experienced love in its purest, truest form. When Maaya first met Rahul, he touched a part of her soul that she had suppressed long ago in order to become the perfect girl for the love of her life, Kunal, whom she was engaged to. As Rahul and Maaya realised their feelings for each other, they also realised the futility of it all. A few days of togetherness was all they enjoyed before they accepted that they weren’t meant to be. Maaya gracefully let go of him to marry Kunal and have her happily ever after. Little did she expect that he would show up again in her life, at a point where she had separated from Kunal after six years of marriage, and her pursuit for his love would lead her to see love in a light she had never seen it in before. She never knew her inner journey was awaiting to be unleashed. She goes through ecstasy, joy, grief, failure, misery and sadness due to the love she longs to have in her life. On the road she travels to re-unite with her twin-soul, unexpectedly leads her to becoming a spiritual healer, the experience of which, opened her up to an infinite horizon where she not only found love, but found herself. Maaya is the essence of human experience through a woman, beyond time, which began with her loving someone so intensely that she dissolved in whom she loved and then finding herself through what followed. The book carries deep revelations about soul mate and twin-soul relationships including how they have been a source to spiritual upliftment for both the twins and how they can prove instrumental in transcending the limitations of each other. Time and again these lovers meet and part, giving each other an experience so intense that it leaves each in a state where they have no choice but to look within for the void they experience while the other isn’t around. The book carries deeper experiential understanding of what the need for love might bring one to experience. It is a tryst with self-facilitated through the twin. Maaya is a journey deep within, all the way to the sub-conscious and exploring long lost memories from past lives and beyond. In her desperation to be loved by Rahul, Maaya travels into her several past lives, encounters herself as love, as sadness, as betrayal, as grief, as loss, as failure and yet realizes that all these were mere experiences transient in nature and they only led her to loving herself and believing in herself even more in this moment. Minal Arora, as a past life therapist and mentor has held the hand of many in their journey within, to explore the explored dimensions of their being, to understand how the soul operates out of human consciousness and how relationships, both good and bad, play a vital role in learning our lessons. All relationships are important, but this book is focused on how the relationship with a twin-soul can allow one to be revealed deep secrets or mysteries of the universe to live a more powerful
Allah Ho Ram
- Author Name:
Sachchidanand Sachchu
- Book Type:

- Description: सब संप्रदायक अपन-अपन देवता छै। ककरो अल्लाह, ककरो राम। एक दोसरा सँ छत्तीसक आँकड़ा! मुदा कहियो एना बुझल जाइ छलै, 'अल्लाह मे राम छै आ राम मे अल्लाह' तेँ अल्लाह हो राम! सहज ग्रामीण अंत:चेतना मे व्याप्त अध्यात्म केँ जीवन-मूल्यक रूप मे लैत आजादी सँ पहिने जुआन होइत पीढ़ी आ आजादीक बादक क्रमश: वर्तमान रुढि़, वैमनस्यक बीच जुआन भेल आजुक पीढ़ी केँ अनायासे तुलनात्मक रूप मे देखै अइ उपन्यासकार आ सविस्तार ओकर कथा कहै अइ। तेँ एहि क्षेत्रक सांस्कृतिक परिवर्तन (सम्यक सँ उन्मादी दिस उन्मुख)क तटस्थ निरूपण संग एक टा ऐतिहासिक दस्तावेज बनि क' प्रस्तुत होइत अइ उपन्यास 'अल्लाह हो राम'। उपन्यासक यात्रा प्राय: सत्तरि-अस्सी बरखक छै। आजादी सँ पहिनेक समय-समाज सँ उपन्यास शुरू होइत छै। एहि विस्तृत अवधिक काल-कथा, एहि अवधि मे बदलैत मनुक्खक कथा, एहन सहज रूप मे गुंफित जे बेसीकाल लोक-कथाक सहोदर बुझाइए। कथा मे कथा, समयक कथा, चरित्रक कथा। सब के सब अपना तरहक रीयल लाइफ कैरेक्टर, अपन (उन्नत कि मलिन) मूल्यक संग जीवंत। आजादीक लड़ाइ, बँटवाराक दाह-दंश-दाग, सुखाड़क डाँग, बाढि़क मूंगरा-मारि, राजनीतिक दखलंदाजीक बीज आ उत्सव-त्योहारक संगहि स्त्रीक स्थिति आ उत्पीडऩ...सब किछु सहज-स्वाभाविक... टाइम-ट्रेन (काल रथ) पर यात्रा करै सन। खास क' पार्टीशन आ वृहत मुस्लिम समाज पर मिथिला-मैथिलीक परिप्रेक्ष्य मे ई पहिल उपन्यास थिक। मुखर सामाजिक सरोकार आ कथा कहबाक आकर्षक शिल्पक संग, उपन्यास 'अल्लाह हो राम' उत्तम रचनाक श्रेणी मे प्रमुख स्थान राखत। एक तरहें मैथिली उपन्यासक एक टा मीलक पाथर सिद्ध हैत, से विश्वास अछि। —कुणाल
Ye Dag Dag Ujala…
- Author Name:
Prakash Kant
- Book Type:

- Description: Novel
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...