
Diyasalai
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
420
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
840 mins
Book Description
‘दियासलाई’ नोबेल शान्ति पुरस्कार से सम्मानित और भारत समेत पूरे विश्व में बच्चों के प्रति संवेदना को एक आवश्यक लोकतांत्रिक मूल्य के रूप में स्थापित करनेवाले कैलाश सत्यार्थी की आत्मकथा है। अपनी इस आत्मकथा में वे हमें अपने संघर्षपूर्ण जीवन की कथा भी बताते हैं और अपने उन प्रयासों की भी जानकारी देते हैं जो उन्होंने भारत और विश्व-भर के बच्चों की मुक्ति और कल्याण के लिए किए। वे ही थे जिन्हें ‘ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर’ जैसे महा-आन्दोलन का विचार आया और जिसके तहत उन्होंने दुनिया के 186 देशों की यात्रा करते हुए लाखों बच्चों से सम्पर्क किया और उन्हें आजादी के विचार से अवगत कराया।शिक्षा के लिए भी उन्होंने विश्व-स्तर पर कैम्पेन चलाया। अपने मानवीय और सामाजिक कार्यों के लिए उन्हें अनेकों बार पुरस्कृत भी किया गया लेकिन अपना वास्तविक पुरस्कार वे उन बच्चों की मुस्कराहट को मानते हैं, जो उन्होंने हर ओर से निराश और समाज के क्षुद्र स्वार्थों की भेंट चढ़े बच्चों को दी। सहज और सम्प्रेषणीय भाषा में लिखी हुई उनकी यह आत्मकथा हमें प्रेरित भी करती है, संवेदनशील भी बनाती है और उन भीषण तथ्यों से भी परिचित कराती है जाे हमारे सामने दुनिया के विराट नक़्शे पर बिलखते बच्चों का पता देते हैं।