J.N.U. Mein Namvar Singh
Author:
Suman KeshariPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Biographies-and-autobiographies0 Reviews
Price: ₹ 556
₹
695
Available
‘जे.एन.यू. में नामवर सिंह’ दरअसल स्वयं जे.एन.यू. वासियों की अपनी गाथा है—अपने को उस स्वप्नदर्शी विश्वविद्यालय से जोड़ने की—उसे निरन्तर सुरक्षित रखने और बनाते जाने की अपनी दास्तान...</p>
<p>इसमें पुरानी यादें भी हैं, कसक भी है और ख़ुशी भी। ख़ुशी उस यूनिवर्सिटी से जुड़ने की जो न केवल अध्ययन—अध्यापन और शोध में निरन्तर नए प्रयोग कर रही थी, बल्कि जो अपनी</p>
<p>ईंट-कंकरीट की इमारतों के प्रकृति के साथ संयोजन में भी अनूठापन रच रही थी।</p>
<p>जिस समय जे.एन.यू. की इमारतें अरावली की पहाड़ियों पर उभर रही थीं, उस समय यूँ तो पर्यावरण की रक्षा पर इतना बल न था—पर वह यूनिवर्सिटी ही क्या जो भविष्योन्मुखी न हो—जो परम्परा से जुड़ती और उससे संवाद न करती हो—जो सर्वहितकारी और जीवन्त न हो...</p>
<p>तो जे.एन.यू. स्मृति भी है और प्रकृति भी...
ISBN: 9788126717880
Pages: 263
Avg Reading Time: 9 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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- Description: A Hindu, to sum up the conclusions arrived at, is he who looks upon the land that extends from Sindhu to Sindhu, from the Indus to the seas, as the land of his forefathers, his pitrabhu, who inherited the blood of that race whose first discernible source is traced to the Vedic Saptasindhus, which, on its onward march, assimilated much that was incorporated and ennobling. The Hindus, who inherited and claimed as their own the culture of that race, as expressed chiefly in their common classic language, Sanskrit, and represented by a common history, a common literature, art and architecture, law and jurisprudence, rites and rituals, ceremonies and sacraments, fairs and festivals, and who, above all, address this land, this Sindhustan, as their punyabhu, as the holy land, the land of their saints and seers, of godmen and gurus, the land of piety and pilgrimage. These are the essentials of Hindutva – a common rashtra, a common jaati, and a common sanskriti. All these essentials could best be summed up by stating in brief that they are Hindu to whom Sindhustan is not only a pitrabhu but also a punyabhu. —Excerpts from this book This classic and unique book, Hindu Rashtra Darshan by Swatantrayaveer Savarkar, gives the true meaning and correct picture of the Hindu Rashtra, wherein everyone living on the land this side of Indus river is a Hindu by culture, by values and not by the religion in its narrow definition. The book is divided in three major parts—First part is Hindu Pad-Padshahi, Second is Hindu Rashtra Darshan and third part is Essentials of Hindutva. It is a must read book for all Bharatiyas.
Madam Bhikaji Cama
- Author Name:
Rachna Bhola 'Yamini'
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