J.N.U. Mein Namvar Singh
Author:
Suman KeshariPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Biographies-and-autobiographies0 Reviews
Price: ₹ 556
₹
695
Available
‘जे.एन.यू. में नामवर सिंह’ दरअसल स्वयं जे.एन.यू. वासियों की अपनी गाथा है—अपने को उस स्वप्नदर्शी विश्वविद्यालय से जोड़ने की—उसे निरन्तर सुरक्षित रखने और बनाते जाने की अपनी दास्तान...</p>
<p>इसमें पुरानी यादें भी हैं, कसक भी है और ख़ुशी भी। ख़ुशी उस यूनिवर्सिटी से जुड़ने की जो न केवल अध्ययन—अध्यापन और शोध में निरन्तर नए प्रयोग कर रही थी, बल्कि जो अपनी</p>
<p>ईंट-कंकरीट की इमारतों के प्रकृति के साथ संयोजन में भी अनूठापन रच रही थी।</p>
<p>जिस समय जे.एन.यू. की इमारतें अरावली की पहाड़ियों पर उभर रही थीं, उस समय यूँ तो पर्यावरण की रक्षा पर इतना बल न था—पर वह यूनिवर्सिटी ही क्या जो भविष्योन्मुखी न हो—जो परम्परा से जुड़ती और उससे संवाद न करती हो—जो सर्वहितकारी और जीवन्त न हो...</p>
<p>तो जे.एन.यू. स्मृति भी है और प्रकृति भी...
ISBN: 9788126717880
Pages: 263
Avg Reading Time: 9 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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कथाकार और उपन्यासकार के रूप में शिवानी की लेखनी ने स्तरीयता और लोकप्रियता की खाई को पाटते हुए एक नई ज़मीन बनाई थी, जहाँ हर वर्ग और हर रुचि के पाठक सहज भाव से विचरण कर सकते थे। उन्होंने मानवीय संवेदनाओं और सम्बन्धगत भावनाओं की इतने बारीक और महीन ढंग से पुनर्रचना की कि वे अपने समय में सबसे ज़्यादा पढ़े जानेवाले लेखकों में एक होकर रहीं।
कहानी, उपन्यास के अलावा शिवानी ने संस्मरण और रेखाचित्र आदि विधाओं में भी बराबर लेखन किया। अपने सम्पर्क में आए व्यक्तियों को उन्होंने क़रीब से देखा, कभी लेखक की निगाह से तो कभी मनुष्य की निगाह से, और इस तरह उनके भरे-पूरे चित्रों को शब्दों में उकेरा और कलाकृति बना दिया।
‘जालक’ शिवानी के अन्तर्दृष्टिपूर्ण संस्मरणों का संग्रह है जिसमें उन्होंने अपने परिचय के दायरे में आए विभिन्न लोगों और घटनाओं के बहाने से अपनी संवेदना और अनुभवों को स्वर दिया है।
आशा है, शिवानी के कथा-साहित्य के पाठकों को उनकी ये रचनाएँ भी पसन्द आएँगी।
Awarn Mahila Constable Ki Diary
- Author Name:
Neerja Madhav
- Book Type:

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उपन्यास के क्षेत्र में नीरजा माधव असाधारण सिद्धि-सम्पन्न लेखिका हैं। उनकी विचार-विदग्धता, भाव-प्रवणता, अनछुए विषयों का वैविध्य उन्हें अपने समय के अन्य रचनाकारों से अलग रेखांकित करता है। उनके एक-एक शब्द में एक संस्कृति, जीवन-शैली अथवा सुख-दु:ख की आकृति सिमटी होती है जिसे दृष्टि-ओझल करते ही कथा-सूत्र के छूट जाने का भय होता है। यहाँ पर वे उन लेखकों से बिलकुल भिन्न हैं जो एक ही दृश्य के लम्बे, उबाऊ और शब्दों के मकड़जाल में पाठकों को उलझाए रखने का व्यापार करते हैं। नीरजा माधव के उपन्यासों में अपने युग की व्यापक बेचैनी, वेदना और सार्थक प्रतिक्रिया की अभिव्यक्ति दिखलाई पड़ती है। दलित-विमर्श और स्त्री-विमर्श के प्रचलित मुहावरों से बिलकुल पृथक् वे अपना मुहावरा स्वयं गढ़ती हैं और इस प्रकार अपनी राह भी। कुछ क्षण के लिए शिराओं में झनझनाहट पैदा करनेवाला साहित्य देने के पक्ष में वे कभी नहीं रहीं। इस उपन्यास की भूमिका में भी वे लिखती हैं—‘साहित्य का लक्ष्य मनुष्य के भीतर प्रेम, संयम, समर्पण और त्याग की उदात्त भावनाओं को जाग्रत करना है। ऐसे में यदि साहित्यकार भी मनुष्य की आदिम प्रवृत्ति को ही उत्तेजित करने का व्यापार करने लगेगा तो यह सृजन तो नहीं ही हुआ।’
एक अनछुए विषय पर लिखा गया अप्रतिम और पठनीय उपन्यास है : ‘अवर्ण महिला कान्स्टेबल की डायरी’।
आस्था पर हमलों और धार्मिक संघर्षों का इतिहास प्राचीन होते हुए भी नित नए विकृत रूपों में समाज को प्रभावित कर रहा है। ऐसे ही एक प्राचीन धार्मिक स्थल की सुरक्षा में लगी अवर्ण महिला कान्स्टेबल अपनी कर्तव्यनिष्ठा का निर्वहन करते हुए आसपास के परिवेश को अपनी पैनी दृष्टि से देखती है और इतिहास तथा वर्तमान की अपनी व्याख्या करती है। नायिकाप्रधान यह उपन्यास अतीत की विसंगतियों के साथ वर्तमान में भी जड़ें जमाए अनेक कुंठाओं एवं आग्रहों के साथ दलित-विमर्श के कई अनछुए पक्षों को रेखांकित करता चलता है।
Jannayak Ho Chi Minh Aur Bharat
- Author Name:
Geetesh Sharma
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मानवता के इतिहास में ऐसे व्यक्ति विरल हैं जिन्होंने देशकाल की सीमाओं का अतिक्रमण कर समूचे विश्व को प्रेरित-प्रभावित किया है। ‘वियतनाम जनतांत्रिक गणतंत्र’ का महास्वप्न साकार करनेवाले जननायक हो चि मिन्ह ऐसे ही महान व्यक्ति थे। हो चि मिन्ह का नाम आज पूरे विश्व में समता-न्याय-स्वतंत्रता के लिए अनथक संघर्ष करनेवाले जनयोद्धा के रूप में आदर के साथ लिया जाता है। वस्तुतः हो के विषय में जानना व उनके व्यक्तित्व और विचारों का विश्लेषण करना प्रत्येक सचेत व्यक्ति के लिए अनिवार्य है। ‘जननायक हो चि मिन्ह और भारत’ पुस्तक में प्रबुद्ध लेखक गीतेश शर्मा ने हो के जीवन का प्रामाणिक परिचय देते हुए उनके अविस्मरणीय योगदान को रेखांकित किया है! लेखक के अनुसार, ‘भारत में हो चि मिन्ह की प्रशस्ति तो बहुत की गई, उनकी याद में कसीदे पढ़े गए, पर हो के दर्शन, उनकी जीवन-शैली, सिद्धन्तों-आदर्शों पर न तो कोई गम्भीर पुस्तक आई, न ही उन्हें सही परिप्रेक्ष्य में समझने की गम्भीर चेष्टा की गई।’
प्रस्तुत पुस्तक हो को समझने का एक गम्भीर उपक्रम है। हो का भारत के साथ भी एक अद्भुत सम्बन्ध रहा है। जनोन्मुख राजनीति करनेवालों, बुद्धिजीवियों व ज़िम्मेदार पाठकों के मन में हो की स्मृतियाँ जीवन्त हैं। गीतेश शर्मा ने हो और भारत के वैचारिक रिश्तों का प्रभावपूर्ण वर्णन किया है। हो के व्यक्तित्व और कृतित्व का यह लेखा-जोखा समस्त पाठकों को नई ऊर्जा से सम्पन्न करेगा। प्रतिबद्ध राजनीति से जुड़े व्यक्तियों को हो के विचार आज भी सकारात्मक दिशा दिखा सकते हैं।
सहज व पारदर्शी भाषा-शैली में लिखी गई यह पुस्तक आज के वैश्विक परिदृश्य में एक आलोक स्तम्भ की तरह है।
Paigambar Hazrat Muhammad : Jivan Aur Mission
- Author Name:
Iqbal Ahmed
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- Description: अत्यन्त हर्ष का विषय है कि डॉ. इक़बाल अहमद ने ‘पैग़म्बर हजरत मुहम्मद (सल्ल.) : जीवन और मिशन’ शीर्षक से एक संक्षिप्त मगर अत्यन्त रोचक पुस्तक हिन्दी भाषा में लिखकर सराहनीय कार्य किया है। डॉ. इक़बाल ने इस पुस्तक में इस बात का विशेष ध्यान रखा है कि हजरत मुहम्मद (सल्ल.) के जीवन का कोई पहलू छूट न जाए तथा तत्कालीन इस्लाम धर्म की सामाजिक व्यवस्था का चित्रण भली प्रकार हो सके।
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