Sudha Om Dhingra Ki Kahaniyon Me Aadhi Aabadi Ka Sach
Author:
VishalaPublisher:
Shivna PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Academics-and-references0 Reviews
Price: ₹ 120
₹
150
Available
Book
ISBN: 9788119018031
Pages: 120
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Uttar Pradesh Gram Samaj evem Vikas Complete Book
- Author Name:
Harish Shukla
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Samanya Hindi for Competitive Exams
- Author Name:
Dr. Hemant Kukreti
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Main Madhobhai: Ek Pakistani Hindu
- Author Name:
Sanjay Rai Sherpuria
- Book Type:

- Description: में माधोभाई, एक पाकिस्तानी हिंदू' पुस्तक पाकिस्तान में वर्षों रहकर और विभिन्न प्रकार के दुःख-दर्द सहन करके आए हजारों प्रस्थापितों के एक प्रतिनिधि द्वारा कही गई एक हृदयद्रावक परिचर्चा है। यह दर्द सुनने के बाद, पुस्तक के लेखक संजय शेरपुरिया ने हिंदू प्रस्थापितों की इस बस्ती मजलिस पार्क को पूर्ण गाँव के रूप में स्थापित किया, हर तरह की सुविधाएँ उपलब्ध करवाईं, भूख और बेरोजगारी का इलाज किया। हिंदू भाई-बहनों की इस व्यथा-कथा को अपने शब्दों में समाज के समक्ष पहुँचाने का प्रयास किया। यह सिर्फ उन हिंदुओं की व्यथा ही नहीं जिन्होंने भयंकर उत्पीड़न सहा है, बल्कि सारे हिंदू समाज को व्यथित करनेवाली परिस्थितियाँ हैं । वहाँ बलात धर्म-परिवर्तन करवाया जा रहा है, हमारी श्रद्धा और आस्था के केंद्र मंदिरों-गुरुद्वारों को ध्वस्त किया जा रहा है, हमारी बहन, बहू- बेटियों की अस्मिता पर निरंतर कुदृष्टि पड़ रही है। इन वीभत्स और हृदयविदारक दृश्यों को हर हिंदू को जानना चाहिए, ताकि वे पाकिस्तान में नारकीय जीवन जी रहे हिंदू भाइयों के प्रति सहानुभूति रख सकें और उनके सम्मानजनक भविष्य को सुनिश्चित करने में किंचित् योगदान भी कर सकें |
Comprehensive Guide B.Sc Nursing General Nursing & Midwifery (GNM) Recruitment Exam
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
English Seekhen Aur Safal Banen
- Author Name:
Jagdish Narayan Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Shreshtha Hasya Vyangya Geet
- Author Name:
Ed. : Prem Kishore 'Patakha'
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Agniveer Vayu - Indian Air Force (Other Than Science Subjects) 30 Practice Sets
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
25 Practice Sets For Excise Constable Examination 2022
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vaishwik Prem Kahaniyan
- Author Name:
Sudha Om Dhingra
- Book Type:

- Description: Book
Paryavaran Bachane Ke Liye 31 Achchhi-Achchhi Aadaten
- Author Name:
Rohit Mehra (Irs)
- Book Type:

- Description: This book doesn’t have any description
Devi-Devtaon Ki Alaukik Ghatanayen
- Author Name:
Prof. Ram Gopal Gupt
- Book Type:

- Description: समाज उसी व्यक्ति को महान् मानता है, जो अपने कार्य व ध्येय में सफलता प्राप्त कर ले | असफल व्यक्ति कितना भी ग़ुणवान व सक्षम क्यों न हो, वह न तो महान् माना जाएणा और न उसके बाद उसके साथ कोई अलौकिक व चामत्कारिक घटनाएँ ही जुड़ेंगी | सफल विभूतियों के जीवनकाल में जो महत्त्वपूर्ण घटनाएँ घटी थीं, वे निश्चय ही विशेष या अत्यधिक कठिन तो अवश्य थीं, परंतु असंभव नहीं थीं, बल्कि पूर्णतया विज्ञान-सम्मत एवं तर्क-सम्मत थीं | सूक्ष्म दृष्टि से परीक्षण करने पर उनका सराहनीय लौकिक रूप समझ में आने लगता है | इस पुस्तक में दिए हुए तर्कसंगत मत पूर्णतया लेखक की अपनी कल्पना पर आधारित हैं, जिनमें अलौकिकता न होकर वास्तविकता का दिग्दर्शन मात्र ही है | यह पुस्तक हमारी श्रद्धा और आस्था के केंद्र देवी-देवताओं के अनुकरणीय, वंदनीय एवं पूजनीय जीवन के ऐसे दृष्टांत बताती है, जिन्हें पढ़कर उनके प्रति सम्मान और आदरभाव बढ़ जाता है| भक्ति, समर्पण और श्रद्धा जाग्रत् कर जीवन में संतोष व सार्थकता देनेवाली एक अनुपम कृति।.
Nand Chaturvedi Rachanawali : Vol. 1-4
- Author Name:
Pallav
- Book Type:

- Description: नंद चतुर्वेदी की काव्य यात्रा लगभग एक शताब्दी की काव्य यात्रा है। औपनिवेशिक-सामंती भारत से भूमंडलीकृत-आधुनिक भारत की इस सुदीर्घ यात्रा में भाषा और रूप में भी पर्याप्त बदलाव देखे जा सकते हैं। ब्रजभाषा के पारम्परिक सवैयों से प्रारम्भ कर नंद चतुर्वेदी अपनी कविताओं को जिस छंदमुक्त लय में आधुनिक भावबोध के साथ रचते हैं वह हिन्दी काव्य भाषा के विकास का भी सुन्दर उदाहरण है। ‘नंद चतुर्वेदी रचनावली’ के पहले खंड में कवि का समूचा काव्य संसार आ गया है जिसमें उनके सभी प्रकाशित संग्रहों में आई कविताओं के साथ-साथ अप्रकाशित रह गई अनेक कविताएँ और गीत-छंद इत्यादि हैं। कवि नंद चतुर्वेदी मनुष्य की स्वाधीनता और गरिमा की रक्षा के संकल्प के साथ उसके लिए तमाम अवसरों की उपलब्धता चाहते हैं। उनकी आकांक्षा है कि ये अवसर मनुष्य के सम्पूर्ण अभ्युदय के हों, उसके जीवन में सम्पूर्ण प्रकाश और तमाम उल्लासों के हों। वे मनुष्य होने की गरिमा के निर्वाह के लिए किसी भी लड़ाई के लिए तैयार हैं और उसके लिए लोकतंत्र को एक जरूरी उपाय मानते हैं। आकस्मिक नहीं कि औपनिवेशिक दासता के दौर से निकलकर भारतीय लोकतंत्र के बनने और उस पर हो रहे आघातों को वे अपनी कविताओं का विषय बनाते हैं। मनुष्य की स्वाधीनता में उन्हें धर्म जहाँ भी बाधक लगता है वे उसका मुँहतोड़ प्रतिकार करते हैं। इस बिन्दु पर वे बड़े सेक्युलर (सांसारिक) हो जाते हैं जो निर्भय होकर किसी भी सत्ता से भिड़ना जानता है। राजनीति वह क्षेत्र है जहाँ से नंद बाबू का कवि ऊर्जा ग्रहण करता है। वे आततायी राजनीति का चेहरा उघाड़ते हैं और मनुष्यधर्मी राजनीति की प्रस्तावना भी करते हैं। उनका स्वाधीन भारत के समाजवादी दलों से सीधा जुड़ाव भी रहा और वे किसी कार्यकर्ता की तरह आन्दोलनों, रैलियों और चुनावों में भागीदारी करते रहे। उनके ये जीवनानुभव जब कविताओं में रूपान्तरित होकर आते हैं तब नॉस्टेल्जिया उनकी कविताओं की रूढ़ि नहीं शक्ति प्रतीत होता है। युवा आलोचक पल्लव ने परिश्रमपूर्वक रचनावली का सम्पादन किया है। उनकी भूमिका कवि के कृतित्व को गहराई से जानने-समझने के लिए आकृष्ट करती है। नंद चतुर्वेदी की काव्य यात्रा केवल कविताएँ लिखने तक सीमित नहीं थी। इस काव्य यात्रा में प्रभूत गद्य भी लिखा गया है। यह गद्य मोटे तौर पर दो प्रकार का है। चिन्तन-आलोचना-समीक्षा का गद्य और स्मृतियों का गद्य। ‘रचनावली’ के दूसरे खंड में चिन्तन-आलोचना-समीक्षा का गद्य संकलित कर लिया गया है। इस गद्य को पढ़ना नंद बाबू के काव्य सरोकारों को समझने का रास्ता देता है। ‘सप्त किरण’ शीर्षक से उन्होंने राजस्थान के कवियों की एक पुस्तक का सम्पादन भी किया था और इसे वे अस्तित्व रक्षा की संज्ञा देते थे। तो कहना न होगा कि अस्तित्व रक्षा के साथ प्रारम्भ हुआ आलोचना, सम्पादन और समीक्षा का यह सिलसिला पूरी शताब्दी तक नंद बाबू को सक्रिय बनाए रखता है। उन्होंने राजस्थान के हिन्दी कवियों के एक बड़े चयन का सम्पादन भी किया। गद्य लेखन नंद बाबू के लिए जीवनपर्यन्त आपद धर्म बना रहा। वे कवि थे और कविता के सम्बन्ध में निरन्तर विचार करना उन्हें प्रिय था। नंद बाबू कवि होने के साथ सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक विचार के समर्थक भी हैं। वे साहित्य को लोक शिक्षण का सस्ता औजार भले न मानते रहे हों तब भी उन्हें लोक रुचियों के विविध पक्षों पर लिखना जरूरी लगता था। उनके ऐसे ही निबन्धों की किताब ‘यह हमारा समय’ में उनके दो दर्जन से अधिक निबन्ध संकलित हैं जो हमारे जीवन और समय के विविध समकालीन पक्षों पर विचार करते हैं। नंद बाबू के इन निबन्धों में प्रवाह और ताजगी तो है ही भाषा की सुन्दर छवियाँ भी हैं। मनुष्य की मुक्ति उनकी चिन्ताओं का सबसे बड़ा केन्द्र है और उसके लिए वे समता को आवश्यक शर्त मानते हैं। गैर-बराबरी से अधिक मनुष्य विरोधी उन्हें शायद कुछ नहीं लगता और इस विषय पर वे अनेक बार लिखते हैं। नंद बाबू ने ‘धर्मयुग’ जैसी पत्रिका के लिए लिखा तो लघु पत्रिकाओं और लघु समाचार-पत्रों के लिए भी लिखा। उनके इस गद्य लेखन में जहाँ काव्य की सौन्दर्यपक्षीय चिन्ताएँ हैं वहीं काव्य के उपयोगपक्ष की वस्तुनिष्ठ चिन्ताओं पर भी लगातार जिरह भी। कवि का यह गद्य उनके काव्य संसार को बेहतर ढंग से समझने का रास्ता देता है, मनुष्यता के रास्तों का संधान करता है तो इसे पढ़ना प्रसन्न गद्य को पढ़ना भी है। ‘रचनावली’ के तीसरे खंड में नंद चतुर्वेदी के कथेतर लेखन को सहेजा गया है जिसमें संस्मरण, डायरी, पत्रों के साथ व्याख्यान और साक्षात्कार भी हैं। वे इस गद्य लेखन में अपने समय और समाज की छोटी बड़ी तमाम व्याधियों पर नज़र दौड़ाते हैं और राजनीति व राजनेताओं के सम्बन्ध में भी दो-टूक लिखने में संकोच नहीं करते। एक लेखक के रूप में उन्होंने समाजवादी विचारधारा का पक्ष चुना है लेकिन उनकी विचारधारा किसी गिरोहबन्दी से जन्म नहीं लेती। राजस्थान में सक्रिय रहे प्रगतिशील लेखक संघ, जनवादी लेखक संघ और जन संस्कृति मंच के साथ उनका संवाद रहा। वे लघु पत्रिकाओं के लिए लिखते रहे और उन्हें पढ़कर एक सजग पाठक के रूप में अपनी प्रतिक्रिया भी देते रहे। उनके संस्मरण प्राय: राजस्थान के साहित्य से जुड़े उन लोगों पर होते थे जिनके अवदान से नई पीढ़ी अनभिज्ञ है। जिनमें पंडित गिरिधर शर्मा नवरत्न, हाड़ौती के कवि भैरूलाल कालाबादल, कवि प्रकाश आतुर के साथ-साथ जैनेन्द्र, श्यामाचरण दुबे, शिवमंगल सिंह सुमन, अश्क दम्पती, यशपाल, देवीलाल सामर, आलम शाह खान, युगलकिशोर चतुर्वेदी, कवि चित्रकार रामगोपाल विजयवर्गीय, भागीरथ भार्गव, कल्याणमल लोढ़ा और क़मर मेवाड़ी जैसे लेखक-साहित्यकार शामिल हैं। नंद बाबू राजस्थान में समाजवादी आन्दोलन के जमीनी सिपाहियों में रहे हैं। अपने साथियों पर लिखते हुए सम्बन्धों की ऊष्मा की आँच नंद बाबू पाठकों तक पहुँचाते हैं। हीरालाल जैन और नरेंद्रपाल सिंह जैसे अपने स्थानीय साथियों के अलावा देश में समाजवादी आन्दोलन के अगुआ रहे जयप्रकाश नारायण और डॉ. राममनोहर लोहिया पर भी उन्होंने लिखा। उनकी डायरी और अपने पत्रों में वे अपने निजी दायरे सार्वजनिक करते हैं। दो-टूक टिप्पणियाँ और निर्भीक कथन। इनमें बहुधा आत्मीयता का रस भी है तो बेहद निजी निराशाएँ भी। कथेतर की विभिन्न विधाओं में संकलित इस खंड में नंद चतुर्वेदी की रचनाशीलता के अनेक रूप विद्यमान हैं जो कवि के व्यापक दाय का प्रमाण बन गए हैं। ‘नंद चतुर्वेदी रचनावली’ के चौथे और अन्तिम खंड में मुख्यत: कवि का अनुवाद कर्म है। नंद बाबू ने कविता और गद्य दोनों का अनुवाद किया। माना जाता है कि काव्यानुवाद बहुत मुश्किल साहित्य कर्म है क्योंकि अनुवादक ऐसा ही व्यक्ति होना चाहिए जो दोनों भाषाओं को ठीक से जानता हो। नंद बाबू ने साहित्यिक पत्रिकाओं के आग्रह पर काव्यानुवाद किये। ये काव्यानुवाद बहुत पुरानी प्राकृत की कविताओं के थे जो हाल कवि की गाथा सप्तशती से अंग्रेजी के रास्ते आए थे। ठीक इसी तरह कुछ संथाली कविताओं का अनुवाद भी उन्होंने किया जिन्हें अंग्रेजी में कवि सीताकांत महापात्र ने प्रस्तुत किया था। इन दोनों काव्यानुवादों में नंद बाबू की अपनी मेधा दिखाई देती है जो इन कविताओं की मूल संवदेना तक पाठकों को पहुँचाने में समर्थ है। इससे पहले उन्होंने अपनी पत्रिका बिंदु और उस दौर की अनेक पत्रिकाओं के लिए साहित्य शास्त्र तथा साहित्य के अन्य प्रासंगिक विषयों पर लिखे प्रसिद्ध अंग्रेजी निबंधों का अनुवाद भी किया। इस खंड में नंद बाबू द्वारा अनुवादित दो सम्पूर्ण कृतियाँ भी पढ़ी जा सकती हैं। ए. अप्पादुराई की एक अत्यन्त विचारोत्तेजक और महत्त्वपूर्ण किताब को उन्होंने अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद के लिए चुना। लगभग सवा दो सौ पृष्ठों की इस किताब का नाम था ‘भारतीय राजनीतिक चिन्तन’ जिसका अनुवाद नंद बाबू ने रघुवर दयाल के साथ मिलकर किया। 1990 में आई इस पुस्तक की गम्भीर सामग्री को जिस सहज और प्रभावी हिन्दी में नंद बाबू ने अनुवादित किया वह उनकी अद्भुत भाषिक क्षमता का उदाहरण है। दूसरी पुस्तक ‘दहेज पीड़ित महिलाएँ : एक अध्ययन’ लेखिका रंजना कुमारी की है जो भारत में महिला आन्दोलन में अग्रणी रही हैं। मुजफ्फरपुर, बिहार से 1991 में छपी इस छोटी-सी किताब में उस दौर की दहेज समस्या का गम्भीरता से अध्ययन किया गया था। ये दोनों पुस्तकें हिन्दी अनुवाद के बाद और चर्चित हो गईं। अपने जीवन के उत्तरार्ध में भी वे अनुवाद करते रहे। कभी कला प्रयोजन के सम्पादक हेमन्त शेष के आग्रह पर तो कभी और किसी पत्रिका के कहने पर। असल बात यही है कि साहित्य में जिस जीवन दृष्टि के लिए नंद बाबू संकल्पवान थे उसे बनाए रखने और गति देने के लिए अनुवाद भी एक जरूरी रास्ता लगता था।
Ranaji Ka Shanadar Balla Aur Any Kahaniyan (Hindi Translation of Ranji'S Wonderful Bat and other Stories)
- Author Name:
Ruskin Bond
- Book Type:

- Description: कोकी के पुरस्कार जीतने से लेकर रणजी के शानदार बल्ले से निकले कैच को लपककर हार को टालने तक, और दो भंँवरों के बीच रोमांचक रेस से लेकर गेंदों को निगलकर भूख मिटानेवाले मगरमच्छ तक, देश के पसंदीदा कहानीकार की लिखी खेलों से जुड़ी कहानियों का यह आकर्षक संग्रह मौज-मस्ती और उल्लास से भरा है। रस्किन बॉण्ड की अनोखी शैली में लिखी और हँसी-मजाक के जबरदस्त डोज से भरी, विजय और खेल- भावना, शरारत और दोस्ती की ये कहानियाँ निश्चित तौर पर पाठकों का मन पूरी तरह मोह लेंगी।
Arthashastra Shabdakosh
- Author Name:
Shri Rajesh Kumar Singh +1
- Book Type:

- Description: देश की हिंदी पट्टी के विद्यार्थियों एवं प्रतियोगी छात्रों के लिए कठिन माने जानेवाले विषय ‘अर्थशास्त्र’ पर हिंदी भाषा में अच्छी पुस्तकों की कमी हमेशा से रही है। अर्थशास्त्र एवं भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़ी शब्दावलियों की एक सामान्य समझ आम पाठक को हो सके, इसी सोच केसाथ यह पुस्तक लिखी गई है। इस पुस्तक में अंग्रेजी वर्णमाला क्रम के अनुसार ‘आर्थिक शब्दावलियों’ की बहुत ही आसान एवं साधारण शब्दों में उदाहरण सहित व्याख्या की गई है, जिसे कोई भी आम पाठक समझ सकता है। यह पुस्तक कॉलेज एवं विश्वविद्यालय के छात्रों से लेकर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करनेवाले छात्रों के लिए भी अत्यंत उपयोगी साबित होगी।
Rigvediya Shrisooktam
- Author Name:
Shrimad wishvaksenacharya tridandiswami virachita
- Book Type:

- Description: "हे भूदेव! जिनकी शुचिता गंगा को विलज्जित करती हो! तत्त्व-बोध में क्षीरसिंधु का गांभीर्य हो! आदेशोपदेश में ब्रह्मरात शुक्र शौनकादि की मधुरता हो! बहुआयामी अर्थबाहुल्य में सत्य वती नंदन की सतर्कता हो! ऐसे समाधिसिंधु अवगाहन विचक्षण क्रियायोग निष्णात् अनंत श्रीसमलंकृत अस्मर्द-दीक्षाचार्य पूज्य श्रीपाद स्वामीजी प्रणीत श्रीसूक्त एवं पुरुषसूक्त की मर्मबोधिनी व्याख्या के पंचम संस्करण को महाभागवतों की समाराधना में प्रस्तुत करते हुए श्रीविजयराघव मंदिर ट्रस्ट (रजि . ४५१०) को अत्यंत आह्लद हो रहा है। पूर्व में ये दोनों सूक्त दो खंडों में छपा था, जो अब एक ही आवरण में प्रस्तुत है। विष्णुपादोदकी सम पावन इस ग्रंथ -ग्रथन के संदर्भ में एक सहज वाणी स्फुटित हो साकांक्ष हो जाती है—" श्रीसूक्त और पुरुषसूक्त ग्रंथ की यह टीका मर्मबोधिनी और फलदायिनी है। इसमें श्रीसूक्त ऋचाओं की मार्मिक व्याख्या के साथ महालक्ष्मी पूजा-विधि, सचित्र श्रीचक्रम् सीतोपनिषद एवं सौभाग्यलक्ष्मी उपनिषद के वर्णन सहित पुरुष सूक्त मंत्र प्रयोगार्थ श्रीचक्राब्जमंडल की रचना एवं पूजा-विधि, विभांडक चरुविधि, ऋष्यशृंगोक्त संतानयाग विधि, उत्तर नारायणानुवाक् तैत्तिरीय पुरुषसूक्त, नारायणोपनिषद एवं मुदलोपनिषद का भी वर्णन है। हे देव! इस पंचम संस्करण का प्रकाशन आप श्रीपादपद्मो की सेवा कर जिन्होंने अन्वर्थ नाम 'श्रीपादसेवक' पाया, ऐसे 'श्री विजयराघव मंदिर ट्रस्ट' अध्यक्ष (डिहरीआनसोन रोहिताश्व, बिहार) वैकुंठवासी श्री सुदर्शनाचार्य ब्रह्मचारजी की पुण्य स्मृति में कराया गया है।
Dhandhe Matram
- Author Name:
Piyush Pandey
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Pariyonwali Pahadi Aur Anya Kahaniyan (Hindi Translation of Collected Short Stories)
- Author Name:
Ruskin Bond
- Book Type:

- Description: कड़क आवाज में मिस मेकेंजी ने उत्तर दिया, “गुड मॉर्निंग, क्या आपको मेरी क्यारी से उठने में आपत्ति है ?'' संकोच से उस बालक ने नॉस्टर्शियम के ऊपर चलते-चलते, गालों में गड्ढा दिखाते हुए मिस मेकेंजी की ओर देखा। उससे गुस्सा रहना असंभव था। मिस मेकेंजी ने कहा, “आप अनधिकार प्रवेश कर रहे हैं ।'' “हाँ, मिस! “और आप जानते हैं कि इस समय आपको स्कूल में होना चाहिए।'' “हाँ, मिस”! “तो आप यहाँ क्या कर रहे हैं ?'' “में फूल तोड़ रहा था, मिस!” और उसने पत्तों एवं फूलों का एक गुच्छा उठा लिया। “अरे!'' मिस मेकेंजी निरस्त्र हो गईं। काफी अरसा हो चुका था, जब उन्होंने किसी लड़के को फूलों की ओर आकर्षित होते देखा था और उन्हें एकत्र करने के लिए स्कूल से गायब होते देखा था। “क्या तुम्हें फूल पसंद हैं ?' उन्होंने पूछा। “जी हाँ, मिस! मैं एक बोतांटिस्ट बनूँगा।“ “तुम्हारा मतलब है बोटानिस्ट ।” “जी हाँ, मिस!“ -“इसी पुस्तक से सुप्रसिद्ध किस्सागो रस्किन बॉण्ड की कहानियों का यह संग्रह बालक-तरुण पाठकों को परियों की हसीन दुनिया की सैर कराता है; ये भी परियों के साथ बिना परों के ही उड़ने लगते हैं । मनोरंजन से भरपूर कहानी-संग्रह |
Swastha Rahen, Mast Rahen
- Author Name:
Dr. Mickey Mehta
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Freedom Struggle Quiz Book
- Author Name:
Sachin Singhal
- Book Type:

- Description: This book doesn’t have description
BPSC Bihar Shikshak Bahali Samanya Adhyayan: Prathamik Vidyalaya Ke Adhyapakon Ke Liye
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...