Sanatan Dharmakosh Antim Satya

Sanatan Dharmakosh Antim Satya

Language:

Hindi

Category:

Academics-and-references

0 Reviews

Price: ₹ 600

750

Unavailable

Format:
This Book is out of stock
About
Book Details

पुस्तक के आत्म-निवेदन में डॉ. कृष्ण मोहन प्रसाद सिंह लिखते हैं कि इस धार्मिक पुस्तक में भगवान की तीन महाशक्तियाँ—श्रीराधा, श्रीसीता और श्रीशिवा, चारों वेद, अठारहों पुराण, 108 उपनिषदों, वाल्मीकि एवं स्वामी तुलसीदास कृत रामायण के सात कांडों, गीता के 18 अध्यायों, ओंकार-परमात्मा की ध्वनि, धर्म-परमात्मा की आत्मा, पंच देवता उपासना—पदार्थों एवं जीवों की उत्पत्ति का मूल कारण, महामंत्रों की शक्तियाँ एवं आधुनिक</p>
<p>परिवेश में धर्मशास्त्रों पर आधारित कतिपय मूल प्रश्नों के उत्तर अत्यन्त ही सरल, सूक्ष्म एवं व्यावहारिक रूप से चित्रित किए गए हैं। ब्रह्म सनातन है, परब्रह्म सनातन है। परमात्मा ही धर्म है, और सिर्फ़ वही अन्तिम सत्य है।</p>
<p>‘वृहदाकार सम्पूर्ण धर्मशास्त्रों को समेटकर गूढ़ तत्त्वों को जिज्ञासु पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करना बड़ा ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। लेकिन यदि आप इसे थोड़ा-बहुत ही आत्मसात् कर सकें तो मेरे लिए बड़े ही सौभाग्य की बात होगी।’</p>
<p>वस्तुतः यह पुस्तक मनुष्य को एक ऐसी दुनिया में ले जाती है जहाँ जिज्ञासा, आस्था, और विश्वास की विचित्र छवियाँ हैं। भौतिकता से आक्रान्त इस युग में यदि कोई अभौतिक सत्य का साक्षात्कार करना चाहता है तो यह पुस्तक उसे प्रकाश प्रदान कर सकती है। तर्क और तर्कातीत के मध्य विचरण करती यह रचना विराट चेतना की ओर पाठक का ध्यान आकृष्ट करती है।

ISBN: 9789381863213

Pages: 332

Avg Reading Time: 11 hrs

Age : 18+

Country of Origin: India

Customer Reviews

0 out of 5

Book

Hurry! Limited-Time Coupon Code

WORDPOWER
* Terms and Conditions applied.

Offers

Best Deal

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.

whatsapp