Swayamsiddha
Author:
ShivaniPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 159.2
₹
199
Available
महिला कथाकारों में जितनी ख्याति और लोकप्रियता शिवानी ने प्राप्त की है, वह एक उदाहरण है श्रेष्ठ लेखन के लोकप्रिय होने का। शिवानी लोकप्रियता के शिखर को छू लेनेवाली ऐसी हस्ती हैं, जिनकी लेखनी से उपजी कहानियाँ कलात्मक और मर्मस्पर्शी होती हैं।</p>
<p>अन्तर्मन की गहरी पर्तें उघाड़ने वाली ये मार्मिक कहानियाँ शिवानी की अपनी मौलिक पहचान हैं जिसके कारण उनका अपना एक व्यापक पाठक वर्ग तैयार हुआ।</p>
<p>इनकी कहानियाँ न केवल श्रेष्ठ साहित्यिक उपलब्धियाँ हैं, बल्कि रोचक भी इतनी अधिक हैं कि आप एक बार शुरू करके पूरी पढ़े बिना छोड़ ही न सकेंगे।</p>
<p>प्रस्तुत संग्रह में ‘स्वयंसिद्धा’, ‘अभिनय’, ‘कौन’, ‘गैंडा’, ‘बदला’ एवं ‘दर्पण’ कहानियाँ संकलित हैं। हर कथा अपनी मोहक शैली में अभिभूत कर देने की अपार क्षमता रखती है।</p>
<p>कलात्मक कौशल के साथ रची गईं ये कहानियाँ हमारी धरोहर हैं जिन्हें आज की नई पीढ़ी अवश्य पढ़ना चाहेगी।
ISBN: 9788183611169
Pages: 128
Avg Reading Time: 4 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Butkhana
- Author Name:
Nasera Sharma
- Book Type:

- Description: नासिरा शर्मा की कहानियों का यह संग्रह सामाजिक चेतना, मानवीय संवेदना और इंसानी जटिल प्रवृत्तियों की अभिव्यक्ति का दस्तावेज़ है। यह वर्तमान समय की विषमताओं को कहानियों में इस सहजता से पिरोता है कि इंसानी रिश्तों की ललक पात्रों में बाक़ी ही नहीं रहती, बल्कि टूटते रिश्तों और बदलते मानवीय सरोकारों की कचोट पाठकों को गहरी तपकन का एहसास देती है।
Shreshtha Bal Kahaniyan(part-4)
- Author Name:
Prakash Manu
- Book Type:

- Description: A Collection of Hindi short stories for children, compiled and edited by Prakash Manu.
Parantah
- Author Name:
Ram Badan Ray
- Book Type:

- Description: Stories
Kahaniyan Rishton Ki : Prem
- Author Name:
Akhilesh
- Book Type:

- Description: प्रेम एक बहुआयामी और छलिया शब्द! अपना ही विरोधी! आह्लादकारी और यातनादायी दोनों रहा है संसार के लिए यह शब्द। प्रेम और समाज दो विपरीत ध्रुव हैं और उनके बीच खड़ा है, दोनों को सहेजता मनुष्य। हम सबका जीवन ऐसी प्रेम कहानी/कहानियाँ होता है जिसका/जिनके क्लाइमेक्स अज्ञात या अन्तविहीन होते हैं। यह संकलन उन ख़ास कहानियों को चुनकर तैयार किया गया है, जिनमें प्रेम प्रखरता से उपस्थित है। वही प्रेम जो उबरने में नहीं, डूबने में सार पाता है...अपने प्रिय को खोकर प्रेम को पाने का गुमान रखने वाले साधारण, सिरफेरे चरित्रों की असाधारण कहानियाँ।
Nai Sadi Ki Pehchan : Shrestha Dalit Kahaniya
- Author Name:
Mudra Rakshas
- Book Type:

- Description: हिन्दी क्षेत्र में दलित लेखन शुरू तो बहुत पहले हो गया था पर उसकी पहचान बनने में देर लगी। पहले हिन्दी में दलित लेखकों और चिन्तकों द्वारा दलित चेतना और संघर्ष को लेकर वैचारिक, ऐतिहासिक और सामाजिक लेखन हुआ। हिन्दी में दलित लेखन का यह एक महत्त्वपूर्ण दौर माना जाएगा। इसके बाद रचनात्मक लेखन का दौर शुरू हुआ। हिन्दी में दलित रचनात्मक लेखन का इतिहास ज़्यादा लम्बा नहीं है। बीसवीं सदी के उत्तरार्ध में दलित लेखक हिन्दी में सामने आए। हिन्दी रचनाजगत में दलित लेखकों की सक्रियता तीन क्षेत्रों में सामने आई। उन्होंने बड़े पैमाने पर रचनात्मक साहित्य लिखा। दलित लेखकों की कविताएँ और कथाकृतियाँ प्रकाशित हुईं। राजेन्द्र यादव लिखते हैं—दलित साहित्यकारों की यह मजबूरी है कि वे सिर्फ़ अपने निजी अनुभवों को ज़मीन पर जीने के संघर्षों और स्थितियों का इन्दराज करें। हाँ, सबसे निचली गहराइयों से उछल-उछलकर आनेवाली ये तस्वीरें इतनी ख़ौफ़नाक हैं कि सारे समाज को दहलाकर रख देती हैं।” दलित कथा रचनाओं को इसी पृष्ठभूमि में देखा जाना चाहिए। उनमें अपने समय और इतिहास का समाजशास्त्र भी है और स्थितियों से ऐसी मुठभेड़ भी जो व्यवस्था में बुनियादी परिवर्तन के लिए प्रयत्नशील है। इन कथा रचनाओं में मात्र यथार्थ नहीं है। उनकी कृतियाँ यथार्थ की शल्यक्रिया भी करती हैं। लेकिन इस सामाजिक शल्यक्रिया के बावजूद दलित रचनाकार की समस्याएँ जीवन में ही नहीं साहित्य की दुनिया में पहले से ज़्यादा जटिल और लगभग हिंसक हो गई हैं।
Teen Saheliyan Teen Premi
- Author Name:
Aakanksha Pare Kashiv
- Book Type:

-
Description:
हो सकता है कि इधर कहानी कि परिभाषा बदल गई हो, लेकिन मेरे हिसाब से एक अच्छी कहानी कि अनिवार्य शर्त उसकी पठनीयता होनी चाहिए। आतंक जगानेवाली शुरुआत कहानी में न हो, वह अपनत्व से बाँधती हो तो मुझे अच्छी लगती है। आकांक्षा की कहानी 'तीन सहेलियाँ तीन प्रेमी' पढ़ना शुरू किया तो मैं पढ़ती चली गई। यह कहानी दिलचस्प संवादों में चली है। उबाऊ वर्णन कहीं है ही नहीं। सम्प्रेषणीयता कहानी के लिए ज़रूरी दूसरी शर्त है। लेखक जो कहना चाह रहा है, वह पाठक तक पहुँच रहा है। इस कहानी के पाठक को बात समझाने के लिए जद्दोजहद नहीं करनी पड़ती। संवादों में बात हम तक पहुँचती है। स्पष्ट हो जाता है कि कहानी कहती क्या है। लेखक क्या कहना चाहता है। एक चीज़ यह भी कि रचनाकार ने कोई महत्वपूर्ण मुददा उठाया है, वह है व्यक्ति या समाज का। आख़िर वह मुददा क्या है। सहज ढंग से, तीन अविवाहित लड़कियों कि कहानी है यह जो तीन विवाहित पुरुषों से प्रेम करती हैं। वहाँ हमें मिलना कुछ नहीं है, यह जानते हुए भी वे उस रास्ते पर जाती हैं। अच्छी बात यह है कि आकांक्षा ने न पुरुषों को बहुत धिक्कारा है, न आँसू बहाए हैं। कहानी सहज-सरल ढंग से चलती है। लड़कियाँ अपनी सीमाएँ जानते हुए भी सेलिब्रेट करती हैं और अन्त में अविवाहित जीवन कि त्रासदी होते हुए भी (त्रासदी मैं कह रही हूँ, कहानी में नहीं है), कहीं यह भाव नहीं है, यह जीवन का यथार्थ है। जो नहीं मिला है, उसे भी सेलिब्रेट करो। आकांक्षा से पहली बार मिलने पर मुझे लगा कि यह लड़की सहज है। फिर एक शहर का होने के नाते निकटता और बढ़ी।
—मन्नू भंडारी
Vasant Ka Ujad
- Author Name:
Prakash Kant
- Book Type:

- Description: Collection of Short Stories
jadoo : Ek Hansi, Ek Heroine
- Author Name:
Ravindra Arohi
- Book Type:

-
Description:
जीवन की उदासियों के रंग इतने गाढ़े और प्रबल हैं कि वे असहनीय हैं। अकसर फ़िक्शन जीवन से अधिक दुर्दान्त रूप में उपस्थित होता है। उपस्थित होकर वह क्या करता है? ‘यह क्या’ रवीन्द्र आरोही की कहानियों का मूल सत्त्व है। इन कहानियों में उदासी, पीड़ा, छल और प्रेम यानी जीवन का सब कुछ है। पर वह इन रूपों में है कि सहनीय है और सहने का साहस भी देता है।
रवीन्द्र की कहानियाँ उदासियों से जीवन का सौन्दर्य शिल्प रचती हैं। इनमें एक नदी है जो लोक चेतना की ठसक के साथ क़स्बों, गाँवों और नगरों के बीच डोलती है और पिछले वक़्तों से किन्हीं अनाम बिन्दु तक की कथा यात्रा करती है। जिस प्रकार आँसू वेदना के अणुसूत्र हैं वैसे ही इन कहानियों में स्मृति के अणुसूत्र हैं। स्मृतिविहीन निचाट संसार के समानान्तर स्मृतिलोक रचती इन कहानियों में वैसा कोई पात्र नहीं है जिसके प्रेम में आप न पड़ जाएँ।
—उपासना
Shatabdi Se Shesh
- Author Name:
Pankaj Bisht
- Book Type:

-
Description:
‘शताब्दी से शेष’ विशिष्ट कथाकार पंकज बिष्ट की चर्चित कहानियों का संग्रह है। पंकज बिष्ट व्यापक सामाजिक सरोकारों से सम्पन्न एक ऐसे रचनाकार हैं जो यथार्थ की भीतरी तहों का उत्खनन करते हैं। संग्रह की भूमिका के अनुसार, ‘...इन कहानियों में अपने दौर के विभिन्न बदलावों और उनकी चुनौतियों को लगातार अभिव्यक्त करने की कोशिश है। इस पर भी ये कहानियाँ इतिहास या किसी तरह का दस्तावेज़ नहीं हैं; बल्कि गुज़री सदी का ऐसा कोलाज हैं जिसका निर्माण निजी वृत्तान्त से हुआ है।’
प्रस्तुत कहानियों में घटनाएँ तो हैं, लेकिन वे किसी विस्मृत होते जीवन-मूल्य को रेखांकित करती हुई आती हैं। निजता तो है, लेकिन उसके आयतन में असंख्य जनों का सुख-दु:ख समाहित है। विमर्श तो है, लेकिन वह आवरण नहीं, आत्मा का हिस्सा है।
पंकज बिष्ट की भाषा बेहद रचनात्मक है। जैसे, ‘पर उन दिनों न तो शून्य ही इतना अन्तहीन था, न ही एकरसता इतनी यांत्रिक। अपनी सारी प्रारम्भिक उदासी और अनमनेपन के बावजूद उसकी आँखें एक किशोर कौतुक से जगमगाती रहती थीं।’
प्रस्तुत संग्रह पाठकों को संवेदना और विचार के नए आयामों से परिचित कराता है।
Photo Uncle
- Author Name:
Prem Bhardwaj
- Book Type:

-
Description:
प्रेम भारद्वाज का कहानीकार मूलत: काव्यात्मक संवेदना से समृद्ध है। वे कहानी को न दूर बैठकर देखते हैं और न फ़ासला रखकर सुनाते हैं। महसूस करते हुए वे अपने समूचे वजूद के साथ उसमें डूब जाते हैं, और जब अपने कथ्य को लेकर पाठक के सामने उपस्थित होते हैं तो जैसे अपने पात्रों की पीड़ा को आपादमस्तक ओढ़कर स्वयं को ही प्रस्तुत करते हैं।
इस संग्रह में शामिल लगभग सभी कहानियाँ प्रेम भारद्वाज के बतौर एक संवेदनशील रचनाकार महसूस किए गए दर्द की छटपटाहट-भरी अभिव्यक्ति हैं। वह दर्द जो उन्होंने अपने आसपास, अपने समाज में, अपनी पढ़ी-लिखी और सरोकारों का व्यापार करनेवाली दुनिया में देखे और जाने हैं।
संकलन की शीर्षक कथा ‘फोटो अंकल’ को इस समय के कला-साहित्य और उसके समाज के अन्दरूनी अन्तर्विरोध के पोस्टमार्टम की तरह पढ़ा जा सकता है। कला अपने विषय का उपभोग कर अमर हो जाए, या विषय की विडम्बनाओं का हिस्सा होकर विलुप्त हो जाए, यह सवाल हमेशा से रचनाकार-मन को मथता रहा है। इस कहानी में लेखक ने इसे अपने आपसे एक बहस की तरह उठाया है, और पुन: उस घाव को कुरेद दिया है जो सच्चे कलाकार को अपनी ही निगाह में अपराधी किए रहता है।
संग्रह में शामिल अन्य कहानियाँ भी आज के समाज को कई-कई कोणों से देखने और दिखाने का सफल उद्यम करती हैं।
Pratinidhi Kahaniyan : Qurratul Ain Haider
- Author Name:
Qurratul Ain Haider
- Book Type:

- Description: क़ुर्रतुल ऐन हैदर उर्दू भाषा के सशक्त और चर्चित कथाकारों में हैं। मंटो, कृष्णचन्दर, बेदी और इस्मत चुग़ताई के बाद उभरनेवाली नस्ल में उनका महत्त्वपूर्ण स्थान है। क़ुर्रतुल ऐन हैदर की कहानियाँ प्रचलित प्रगतिशील कहानियों के मुक़ाबले नई शैली, नए माहौल और नई दुनिया को सामने लाती हैं। इनकी कहानियों में उच्च वर्ग, ग्लैमर भरा जीवन, अतीत की स्वप्नीली ख़ूबसूरत यादें, रिश्तों के टूटने, ख़ानदानों के बिखरने और अतीत के उत्कृष्ट मानवीय मूल्यों के चूर-चूर हो जाने की त्रासदी का बेहद सूक्ष्म चित्रण मिलता है। क़ुर्रतुल ऐन हैदर समाज में औरत की कमज़ोरी और बेबसी को उसकी पूरी सच्चाई के साथ स्वीकारने का हौसला रखती हैं। उन्होंने इसी सच्चाई को अपने कथा साहित्य में ईमानदारी से प्रस्तुत करने का भरसक प्रयत्न किया है। यहाँ संकलित ‘कोहरे के पीछे’, ‘जिन बोलो तारा-तारा’, ‘हसब-नसब’, ‘आवारागर्द’ जैसी यथार्थवादी कहानियों के साथ ‘मलफ़ूज़ते हाजी गुलाबाना बेकताशी’ और ‘रौशनी की रफ़्तार’ शीर्षक कहानियाँ भी शामिल हैं जो उनकी सृजनशक्ति के नए आयामों को उद्घाटित करती हैं। क़ुर्रतुल ऐन हैदर की कहानियाँ अपनी विषयवस्तु, चरित्र-सृष्टि, तकनीक, भाषा और शैली हर लिहाज़ से उर्दू कहानी साहित्य में उल्लेखनीय ‘इज़ाफा’ मानी जा सकती हैं। इनसान और इनसानियत पर गहरा विश्वास उनकी कहानी-कला और चिन्तन का केन्द्र बिन्दु है। इनकी कहानियों में प्रेम और घृणा, ख़ुशियाँ और ग़म, सुन्दरता और कुरूपता एक साथ मौजूद हैं।
Manak Hindi Ka Swarup
- Author Name:
Kalanath Shastri
- Book Type:

-
Description:
स्तरीय और मानक हिन्दी का रूप क्या है, हिन्दी की वर्तनी, शब्दावली और वाक्य-गठन में तथा पदनामों और शासकीय प्रारूपों में सही प्रयोग और एकरूपता हेतु उसका मानक स्वरूप किस प्रकार निर्धारित किया गया है, परिनिष्ठित हिन्दी और कार्यसाधक हिन्दी में क्या अन्तर है?—इन सब बिन्दुओं पर अनुभव के आलोक में स्तरीय और अधिकृत मार्गनिर्देश प्रस्तुत करना इस पुस्तक का प्रमुख उद्देश्य है।
शिक्षा के माध्यम के रूप में, पत्र-पत्रिकाओं में, मीडिया में तथा वाग्-व्यवहार में आज प्रयुक्त हो रही हिन्दी में पाई जानेवाली अशुद्धियों, असंगतियों और विद्रूपताओं के सुधार हेतु शुद्ध हिन्दी का सटीक विवरण भी इसमें दिया गया है।
इसके अलावा सम्पर्क भाषा के रूप में, केन्द्र एवं राज्यों की राजभाषा के रूप में, विधायन एवं न्याय-निर्णयन की भाषा के रूप में हिन्दी किस प्रकार उद्विकसित हो रही है, उस पर अधिकार प्राप्त करने, उसका समुचित अभ्यास करने और शब्दों एवं प्रारूपों हेतु सन्दर्भ लेने के लिए किन ग्रन्थों का सहारा लिया जाए, इसकी जानकारी भी इस ग्रन्थ में समाहित है।
साथ ही हिन्दी के उद्गम का इतिहास, उसके विकास में अहिन्दीभाषियों की भूमिका, विधि एवं न्याय की हिन्दी की दुरूहताएँ एवं अपेक्षाएँ, देवनागरी लिपि की विभिन्न बारीकियाँ, राष्ट्रीय आन्दोलनों में हिन्दी की भूमिका, पत्रकारिता की हिन्दी, राजभाषा हिन्दी, सम्पर्क भाषा हिन्दी आदि विभिन्न पक्षों का विवेचन भी इसमें समाविष्ट है।
परिशिष्ट के रूप में मानकीकरण एवं एकरूपता सम्बन्धी भारत सरकार के अनुदेश तथा स्तरीय शब्दकोशों और शब्दावलियों की जानकारी भी संलग्न है जिससे यह पुस्तक हर तरह से मार्गदर्शिका की भूमिका निभा सकेगी।
Katha Saptak Geetashree
- Author Name:
Geetashree
- Rating:
- Book Type:

- Description: "नजरा गईली गुईंयां" एक मौन प्रतिरोध की कहानी है। एक स्त्री जो अपना प्रतिरोध मौन रहकर जताती है, लेकिन वो अपना प्रतिरोध स्थानांतरित कर देती है। अपनी बेटी में जो पितृसत्ता पर वार कर देती है। कहानी में वही बेटी अपनी माँ से सवाल करती है कि माँ क्या तुम्हारा सपना भी मेरी शादी है तो वो जवाब देती हैं। "भक्क... हम ऐसा सपना देखते तो तुम आज वहाँ से हमसे मज़ाक कर रही होती का... दो तीन बच्चा-खच्चा लेकर किचकिचा रही होती... हम वैसी माँ नहीं, हम तो तुमको पैर पर खड़ा होते देखने का सपना देखते रहे, खुदमुख्तार बनने का सपना... मेरी तरह नहीं बनाना चाहती थी कि दिन भर टेटियाती रहो- "ऐ जी... सुनते हैं, हमको सौ रुपया दीजिए... हमको चूड़ी खरीदना है..." इसके साथ ही जो गीताश्री जी की कहानियों की ख़ासियत है कि वे उनकी हर कहानी के माध्यम से संस्कृति से परिचय कराती हैं। रुदाली तो जानते थे, एक विलुप्त परंपरा हंकपड़वा से उन्होंने परिचय कराया। 'ट्राम नंबर 5 और बोहेमियन धुन' को पढ़ते हुए याद आते हैं निर्मल वर्मा। कहानी प्रेम की उदास कहानी है। प्रेम के होते हुए जो उदासी होती है, यह कहानी उसी उदासी को रचती है। यह हिज्र वाली उदासी नहीं है, यह तो प्रेम के होने की उदासी है। इस कहानी की भाषा सप्तक की सारी कहानियों से एकदम अलग है। कहानी अपने पीछे एक गहरा सन्नाटा छोड़ जाती है। मैगनोलिया का फूल हमारी स्मृति बसा रह जाता है। उनकी सभी कहानियाँ पाठक को बांध देती हैं। जिनके ख़त्म होने तक उनके पाश से मुक्त होना संभव नहीं होता। कथा सप्तक में सभी कहानियाँ इसी तरह की हैं। -आकाश माथुर
Andhe Mod Se Aage
- Author Name:
Rajee Seth
- Book Type:

-
Description:
मानवीय सम्बन्धों के द्वन्द्व और अन्तर्द्वन्द्व की आन्तरिक विकलता, मंथर प्रवाह और गहराई; कथ्य-चयन में संकेन्द्रण, शिल्प रचने में धीरज, कृति की सधी हुई काठी—बेहद कमसिन, लचीली मगर भीतर से मज़बूत इरादे की तरह राजी की विशेषताएँ हैं। ऐसे रचना-गुण कुछ अलग संयोजनों में अन्य लेखकों में भी कमोबेश मिल जाएँगे परन्तु इन्हें एक अलग स्पर्श और लावण्य देती है राजी की ‘स्त्री’ जो वहाँ सिर्फ़ संवेदन में ही नहीं, जैविक पदार्थता में भी है। पुरुष-स्पर्द्धी आधुनिक स्त्री की तरह राजी अपने लेखन में न तो स्त्री होने से इनकार करती हैं और न उसे नष्ट करती हैं, बल्कि अपने नैसर्गिक रूप में उसकी शक्ति और सम्भावना, उसके सत्य और अनुभव, उसकी नियति और उत्कटता का वह सृजनात्मक उपयोग करती हैं। स्त्री होने को स्वीकारते हुए, राजी के लेखक ने इस स्वीकार के भीतर जितने इनकार रचे हैं, यथास्थिति में जितने हस्तक्षेप किए हैं, उसे उनकी आधुनिक पहचान के लिए देखना ज़रूरी है। राजी ने स्त्री के भीतर पराजित पुरुष को; बल्कि व्यवस्था को, जितनी भंगिमाओं में उकेरा है और अपनी विंध्यात्मक दृष्टि से जो मूल्यवत्ता अर्जित की है, उससे नए-नए सृष्ट्यर्थ प्रकट हुए हैं। वे ऐसी महिलावादी नहीं हैं जिन्हें पुरुष नकारात्मक उपस्थिति लगता है, वे स्त्री की खोट भी पहचानने की कोशिश करती हैं और भरसक निरपेक्ष बनी रहकर अधिक विश्वसनीय होती हैं। वे बार-बार इस प्रश्न से जूझती हैं कि क्या समाज आधुनिकता के नाम पर जारी विघटनों और विद्रूपों के सहारे ज़िन्दा रह सकेगा। अपने को देखता हुआ लेखक इसका साभिप्राय और सचेष्ट उपयोग कर सके तो वह व्यक्तित्व को विशिष्टता देता है और रचना को विरलता। राजी इसी वास्ते धारा में भी अलग हैं। अपनी पहचान आप। राजी की कहानियाँ हिन्दी जगत में एक अलग जगह की अधिकारी हैं और अलग ढंग से बात करने की ज़रूरत महसूस कराती हैं।
—प्रभाकर क्षोत्रिय
Andhera
- Author Name:
Akhilesh
- Book Type:

- Description: ‘वजूद’, ‘यक्षगान’, ‘ग्रहण’ और ‘अँधेरा’ महज़ चार लम्बी कहानियाँ नहीं हैं—ये हमारे कथा साहित्य की विरल उपलब्धियाँ हैं। इन्हीं चारों कहानियों से तैयार हुआ है अत्यन्त महत्त्वपूर्ण और बहुचर्चित कथाकार अखिलेश का नया कहानी-संग्रह ‘अँधेरा’। अखिलेश हिन्दी की ऐसी विशिष्ट प्रतिभा हैं जिनके लेखन को लेकर साहित्य-जगत उत्सुक और प्रतीक्षारत रहता है। अखिलेश की रचनात्मकता के प्रति गहरे भरोसे का ही नतीजा है कि उनकी रचनाएँ साहित्य की दुनिया में ख़ास मुक़ाम हासिल करती हैं। निश्चय ही इस अनोखे विश्वास के निर्माण में ‘अँधेरा’ की कहानियों की अहम भूमिका है। ‘अँधेरा’ में शामिल चारों कहानियाँ लगातार चर्चा के केन्द्र में रही हैं। इन्हें जो ध्यानाकर्षण—जो शोहरत मिली है, वह कम रचनाओं को नसीब होती है। इनके बारे में अनेक प्रकार की व्याख्याएँ, आलेख, टिप्पणियाँ और विवाद समय-समय पर प्रकट हुए हैं। पर इन सबसे ज़्यादा ज़रूरी बात यह है कि चारों कहानियों पर पाठकों ने भी मुहर लगाई है। हमारे युग की मनुष्य विरोधी शक्तियों से आख्यान की भिड़न्त, भाषा की शक्ति, शिल्प का वैविध्य तथा उत्कर्ष, प्रतिभा की विस्फोटक सामर्थ्य—ये सभी कुछ कोई एक जगह देखना चाहता है तो उसे अखिलेश का कहानी-संग्रह ‘अँधेरा’ अवश्य पढ़ना चाहिए। ‘अँधेरा’ की कहानियों की ताक़त है कि वे अपने कई-कई पाठ के लिए बेचैन करती हैं। यही नहीं, वे प्रत्येक अगले पाठ में नई व्यंजना, नए अर्थ, नए सौन्दर्य से जगमगाने लगती हैं। इसी बिन्दु पर ‘अँधेरा’ की कहानियाँ न केवल पढ़े जाने और एकाधिक बार पढ़े जाने की इच्छा जगाती हैं, बल्कि सहेजकर रखे जाने की ज़रूरत भी पैदा करती हैं।
Bin Shishon Ka Chashma
- Author Name:
Ram Kumar Aatrey
- Book Type:

- Description: Personalty Development
Prem Gali Ati Saankri
- Author Name:
Ramratan Awasthi
- Book Type:

- Description: Book
Adab Mein Baaeen Pasli : Bhartiya Urdu Kahaniyan : Vol. 5
- Author Name:
Nasera Sharma
- Book Type:

-
Description:
साहित्य की दुनिया में उत्कृष्ट रचनाओं की कमी नहीं है। उसमें से अनुवाद के लिए कुछ भी उठाना जितना सरल है, उतना ही कठिन भी! ख़ासकर तब जब योजना किसी एक देश तक सीमित न होकर कई देशों के बीच फैली हो।
उपन्यास 'आधी रात का मुक़दमा’ का अनुवाद मैंने अंग्रेज़ी से किया। कहानी कहने का अन्दाज़ जटिल था। कुछ शब्द मैंने जानबूझकर उस परिवेश के रहने दिए ताकि वहाँ की हल्की महक पाठ में बसी रहे।
उर्दू में उपन्यास का चयन करना मुश्किल था। अपनी पसंद के सारे महत्त्वपूर्ण उपन्यास हिन्दी में आ चुके थे। तब मेरी नज़र से 'निसाई आवाज़’ [ज़नानी आवाज़] गुज़री तो मैं असमंजस में पड़ गई। मेरी इस योजना में यह तय था कि देश तो बार बार दोहराए जाएँगे मगर लेखक नहीं। इसलिए ख़ुद से एक लम्बे संवाद के बाद आग़ा बाबर की कहानी 'गुलाबदीन चिट्ठीरसाँ’ को खंड तीन से हटाकर उनका उपन्यास ले लिया।
मेरा अनुवाद किया उपन्यास 'बुफ़-ए-कूर’ [अंधा उल्लू] है, जो सादिक़ हिदायत की महत्त्वपूर्ण रचना है।
यह तीनों उपन्यास लगभग साढ़े तीन वर्षों में, मैंने अनुवाद किए। लगातार तो काम नहीं किया, क्योंकि एक साथ मैं कई पुस्तकों पर काम कर रही थी। एक में अटकती तो दूसरे पर अपना ध्यान केन्द्रित कर देती। मुझे नहीं पता मेरे पाठकों को यह तीनों उपन्यास पसंद आते हैं या नहीं! मगर मुझे सिर्फ़ इतना पता है कि ये तीनों लेखक और तीनों उपन्यास अपने समय के चर्चित, महत्त्वपूर्ण उपन्यास हैं जिनकी गूँज उनके देश और विदेश में आज भी साहित्य-प्रेमियों के बीच में सुनाई पड़ती है।
Alfa Laila
- Author Name:
Abrar Mohsin
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Apradhi Kaun
- Author Name:
Shivani
- Book Type:

-
Description:
महिला कथाकारों में जितनी ख्याति और लोकप्रियता शिवानी ने प्राप्त की है, वह एक उदाहरण है श्रेष्ठ लेखन के लोकप्रिय होने का। शिवानी लोकप्रियता के शिखर को छू लेनेवाली ऐसी हस्ती हैं, जिनकी लेखनी से उपजी कहानियाँ कलात्मक भी होती हैं और मर्मस्पर्शी भी। अन्तर्मन की गहरी पर्तें उघाड़ने वाली ये मार्मिक कहानियाँ शिवानी की अपनी मौलिक पहचान हैं जिसके कारण उनका अपना एक व्यापक पाठक वर्ग तैयार हुआ। इनकी कहानियाँ न केवल श्रेष्ठ साहित्यिक उपलब्धियाँ हैं, बल्कि रोचक भी इतनी हैं कि आप एक बार शुरू करके पूरी पढ़े बिना छोड़ ही नहीं पाते।
प्रस्तुत संग्रह में ‘अपराधी कौन’, ‘जा रे एकाकी’; ‘छिः, मम्मी, तुम गन्दी हो’; ‘साधो’, ‘ई मुर्दन कै गाँव’; ‘अलख माई’ एवं ‘चाँद’ कहानियाँ संकलित हैं। हर कथा अपनी मोहक शैली में अभिभूत कर देने की अपार क्षमता रखती है। कलात्मक कौशल के साथ रची गई ये कहानियाँ हमारी धरोहर हैं, जिन्हें आज की नई पीढ़ी अवश्य पढ़ना चाहेगी।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Hurry! Limited-Time Coupon Code
Logout to Rachnaye
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.