Savant Aunty Ki Ladkiyan

Savant Aunty Ki Ladkiyan

Authors(s):

Geet Chaturvedi

Language:

Hindi

Pages:

176

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

352 mins

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Book Description

मिथकों और दंतकथाओं का आविष्कार गीत चतुर्वेदी की कहानियों की विशेषता है। हमारी इतिहास चेतना को तथ्यों के घटाटोप में मूँदकर तबाह करने के षड्यंत्र की मुख़ालफ़त करते हुए गीत की कहानियाँ व्यष्टि के बहाने समष्टि का भावात्मक इतिहास बनकर पाठकों के कलात्मक आस्वाद का विस्तार करती हैं। चाहे 'सौ किलो का साँप' हो, 'सावंत आंटी की लड़कियाँ' या फिर 'साहिब है रंगरेज' जैसी कहानी, गीत हमारे समाज के अवचेतन में दबी पड़ी उत्कंठाओं, आशाओं व दुराशाओं को एक गहन अन्‍तर्दृष्टि के साथ रचनात्मक लहज़े में ढालते हैं।...(उनकी कहानियों के) संसारों की बहुलता के मूल में है भाषा की बहुध्वन्यात्मकता। गीत भाषा के साथ बहुत सजग और रचनात्मक खिलवाड़ करते हैं।    </p> <p>—प्रियम अंकित; प्रगतिशील वसुधा।</p> <p> </p> <p>इक्कीसवीं सदी के पहले दशक के मेरे प्रिय कवि व कथाकार हैं गीत चतुर्वेदी।    </p> <p>—नामवर सिंह</p> <p> </p> <p>‘सावंत आंटी की लड़कियाँ’ जीवन को गहरी उथलपुथल में डालती हैं। कठोर इलाकों में प्रवेश करती हुई वे लगभग बेक़ाबू हैं, उनका जोखिम ज़बर्दस्त है, शास्त्रीयता का मुखौटा तोड़नेवाला। यह कहानी फ़तह नहीं, त्रासदी है।    </p> <p>—ज्ञानरंजन</p> <p> </p> <p>गीत चतुर्वेदी ने अपने गल्प व कविताओं में अवां-गार्द भाव दिखाया है। उनका अध्ययन बेहद विस्तृत है जो कि उनकी पीढ़ी के लिए एक दुर्लभ बात है। यह पढ़ाई उनकी रचनाओं में अनायास व सहज रूप से गुँथी दिखती है। उनकी भाषा व शैली अभिनव है। उनके पास सुलझी हुई दृष्टि है जिसमें क्लीशे नहीं और जो कि वर्तमान विचारधारात्मक खेमों के शिकंजे में भी फँसी हुई नहीं है।    </p> <p>—अशोक वाजपेयी</p> <p> </p> <p>गीत चतुर्वेदी समकालीन रचनाशीलता के विरल उदाहरण हैं। कविता, कहानी व अनुवाद में उन्होंने कई यादगार काम किए हैं। ‘साहिब है रंगरेज़’ उनके कथाकार की उपलब्धि है।    </p> <p>—अखिलेश</p> <p> </p> <p>गीत चतुर्वेदी विरल रचनाकारों में से एक हैं। ‘साहिब है रंगरेज़’ निश्चित ही एक बेहतरीन रचना है। हमारे समय की जीवित मन:स्थितियों का एक पाठ।    </p> <p>—जीतेन्द्र गुप्ता

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