Sampurna Kahaniyan : Bhagwaticharan Verma
Author:
Bhagwaticharan VermaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 796
₹
995
Available
लब्धप्रतिष्ठ कथाकार भगवतीचरण वर्मा की कहानियों में हमारे जीवन के सुख-दु:ख, प्रेम-घृणा, अहं, अन्ध-आस्था, राजनीति का छिछोरापन और धार्मिक उन्माद का जीवन्त चित्रण तो मिलता ही है, तरल संवेदनाओं की एक सतत प्रवहमान धारा भी दिखती है। कहानी का विषय चाहे कुछ भी हो, भगवतीचरण वर्मा की क़िस्सागोई का शिल्प ऐसा अनूठा है कि घटनाएँ, स्थितियाँ और पात्रों के हावभाव हमारे सामने साकार हो उठते हैं। ‘दो रातें’, ‘रेल में’, ‘इंस्टालमेंट’, ‘आवारे’ आदि दर्जनों कालजयी कहानियाँ अपने यथार्थबोध और सामाजिक चेतना के कारण आज भी प्रासंगिक हैं। यह उनके कथाकार की सफलता है कि अपनी तरफ़ से बिना कुछ कहे कहानियों के माध्यम से ही वे सब कुछ कह जाते हैं। इसीलिए विचारों की बोझिलता से ये कहानियाँ मुक्त हैं। व्यंग्य का पुट इन कहानियों की अतिरिक्त विशेषता है।</p>
<p>‘प्रायश्चित्त’ जहाँ अन्ध-धार्मिक आस्था पर चोट करती है, वहीं ‘ख़ानदानी हरामजादे’ राजनीतिक छिछोरेपन को पूरी तरह उघाड़कर रख देती है। ‘पराजय और मृत्यु’ जीवन की पक्षधरता की कहानी है तो ‘शस्त्र और चिंगारी’ उत्तरदायित्व के बोझ तले पिसती एक <br>युवती की दास्तान कहती है। ‘दो बाँके’ और ‘मोर्चाबंदी’ हृदय अहं का जीवन्त चित्रण बन गई हैं।</p>
<p>उपन्यासों के लिए विशेष तौर पर जाने जानेवाले भगवती बाबू की कहानियों का यह समग्र संकलन उनके कथाकार का एक नया आयाम खोलता है।
ISBN: 9788126705979
Pages: 368
Avg Reading Time: 12 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: मनोज रूपड़ा हमारे समय के ऐसे विलक्षण कथाकार हैं जिनकी कहानियाँ अतीत और वर्तमान के घातक टकराव के बीच किसी घटना की तरह सामने आती हैं। यथार्थ की जड़ता को ध्वस्त करने के लिए अमूमन वे अपने चरित्रों को किसी खास क्षण या मनःस्थिति में फ्रीज कर देते हैं और इसके बरक्स यथार्थ की गतिशीलता को बढ़ा देते हैं। कई बार यथार्थ और चरित्र दोनों ही गतिशील होते हैं पर परस्पर भिन्न दिशाओं में। वे अपने कथा-चरित्रों के बाहरी और भीतरी यथार्थ के बीच एक तनाव भरा गुंजलक रचते हैं जहाँ सब कुछ गुँथकर एक विस्फोट की तरह प्रकट होता है और तब ‘दफ़न’, ‘साज़-नासाज़’, ‘टॉवर ऑफ सायलेंस’ या ‘सेकेंड लाइफ’ जैसी कहानियाँ सामने आती हैं। स्मृति, स्वप्न, कल्पना और यथार्थ के सघन और मार्मिक तंतुओं से बुनी हुई उनकी कहानियों में दृश्य इतने चाक्षुस होकर सामने आते हैं कि पाठ के समय ये कहानियाँ कहीं भीतर दृश्यमान होकर अपने लिए एक नई ही अर्थवत्ता की तलाश करने लगती हैं।
The Accidental Anthology
- Author Name:
Bishwadeep Ghosh
- Book Type:

- Description: "The stories compiled in this anthology depict the minds of varied people – from a curious 10-year-old to a confused teenager; from a broken heart to a psychopath; from a dumb creature to ... Well, READ ON to find more."
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