Mukhauta
Author:
Mamta KaliyaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 96
₹
120
Unavailable
ममता कालिया की नवीनतम और चर्चित कहानियों का संकलन है ‘मुखौटा’। इन कहानियों में रचनाकार ने अपने समय और समाज को परिभाषित करने का भरपूर सृजनात्मक जोखिम उठाया है। संग्रह की हर कहानी में ममता कालिया की प्रयोगधर्मिता और संघर्ष चेतना बोलती है। शीर्षक कहानी ‘मुखौटा’ में छात्र वर्ग में आरक्षण जैसे मुद्दे का यथार्थ तथा ‘रोशनी की मार’ में दलित चेतना का उभार अपने पूरे तेवर के साथ मौजूद है।</p>
<p>लेखिका कभी समाज के पूरे परिवेश में समकालीन सरोकार ढूँढ़ती है तो कभी नई स्वातंत्र्योत्तर नारी को उसके पूरे वैभव और संघर्ष में चित्रित करती है। इन कहानियों में अनुभव और अनुभूति की दीप्ति, दृष्टिकोण के खुलेपन के साथ मिलकर हिन्दी कहानी के उस स्वरूप को परिभाषित करती है जिसकी पाठक को हरदम तलाश रहती है। समकालीन कथा लेखन में इस प्रकार के सहज, मेधावी, संवेदनशील और प्रफुल्ल व्यक्तित्व दुर्लभ हैं जो व्यापक समाज के प्रति इतनी बेबाक अभिव्यक्ति कर सकें। सम्बन्धों का खुला स्वीकार और चुनौतियों से साक्षात्कार इस सभी कहानियों का प्रमुख स्वर है। इनमें चालू मुहावरे वाला कटखना नारीवाद नहीं वरन् समग्र जीवन और परिवेश के प्रति सजग, सचेत, प्रतिबद्धता है।
ISBN: 9788180310072
Pages: 119
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Pratinidhi Kahaniyan : Phanishwarnath Renu
- Author Name:
Phanishwarnath Renu
- Book Type:

- Description: प्रेमचन्द के बाद हिन्दी कथा-साहित्य में रेणु उन थोड़े-से कथाकारों में अग्रगण्य हैं जिन्होंने भारतीय ग्रामीण जीवन का उसके सम्पूर्ण आन्तरिक यथार्थ के साथ चित्रण किया है। स्वाधीनता के बाद भारतीय गाँव ने जिस शहरी रिश्ते को बनाया और निभाना चाहा है, रेणु की नज़र उससे होनेवाले सांस्कृतिक विघटन पर भी है जिसे उन्होंने गहरी तकलीफ़ के साथ उकेरा है। मूल्य-स्तर पर उससे उनकी आंचलिकता अतिक्रमित हुई है और उसका एक जातीय स्वरूप उभरा है। वस्तुतः ग्रामीण जन-जीवन के सन्दर्भ में रेणु की कहानियाँ अकुंठ मानवीयता, गहन रागात्मकता और अनोखी रसमयता से परिपूर्ण हैं। यही कारण है कि उनमें एक सहज सम्मोहन और पाठकीय संवेदना को परितृप्त करने की अपूर्व क्षमता है। मानव-जीवन की पीड़ा और अवसाद, आनन्द और उल्लास को एक कलात्मक लय-ताल सौंपना किसी रचनाकार के लिए अपने प्राणों का रस उँडेलकर ही सम्भव है और रेणु ऐसे ही रचनाकार हैं। इस संग्रह में उनकी प्रायः सभी महत्वपूर्ण कहानियाँ संकलित हैं।
Pratinidhi Kahaniyan: Alka Saraogi
- Author Name:
Alka Saraogi
- Book Type:

- Description: अलग सरावगी की पहली ही कहानी, ‘आपकी हँसी’ से हिन्दी जगत का ध्यान उनके विशिष्ट शिल्प की ओर चला गया था। उसके बाद आई उनकी कहानियों और उपन्यासों ने न सिर्फ़ अपना वह वैशिष्ट्य बरक़रार रखा, बल्कि उसे और सघन भी किया। इस प्रतिनिधि संचयन में शामिल उनकी कहानियाँ भी इस तथ्य की तस्दीक़ करती हैं कि उनके लिए तथ्य जितना अहम है, उसका ऐसा सम्प्रेषण भी उतनी ही अहमियत रखता है जो पाठक के मन पर एक दीर्घजीवी प्रभाव छोड़े। सामाजिक परिस्थितियों, पारिवारिक और मानवीय रिश्तों, उनके भीतर पलतीं-पनपतीं विडम्बनाओं, आशाओं-हताशाओं को उन्होंने न सिर्फ़ एक कथाकार की तरह, बल्कि मानवीय मूल्यों के प्रतिबद्ध कार्यकर्ता की तरह अपनी कहानियों में अंकित किया है। इस संकलन में प्रस्तुत कहानियाँ उनकी कथा-संवेदना और कथा-विन्यास को समझने में महत्त्वपूर्ण साबित होंगी।
Barsane ki Radha
- Author Name:
Nalin Vilochan Sharma
- Book Type:

- Description: नलिन विलोचन शर्मा की 13 कहानियों का संग्रह
Kala Sona
- Author Name:
Dr. Renu Yadav
- Book Type:

- Description: collection of seven brilliant stories
Anugoonj
- Author Name:
Geetanjali Shree
- Rating:
- Book Type:

-
Description:
‘माई’, ‘हमारा शहर उस बरस’, ‘तिरोहित’, ‘वैराग्य’ एवं ‘ख़ाली जगह’ जैसी विविध व सशक्त कृतियों की मार्फ़त पिछले पन्द्रह सालों में एक विशिष्ट पहचान बनी है गीतांजलि श्री की हिन्दी कथा-जगत में। ‘अनुगूँज’ में संकलित इन दस कहानियों से ही शुरू हुआ था इस पहचान का सिलसिला। एक नई संवेदना जो विद्रोह और प्रतिरोध को उजागर करते वक़्त भी उनको कमज़ोर बनाती हताशा को अनदेखा नहीं करती, इशारों और बिम्बों के सहारे चित्रण करनेवाला शिल्प, और शिक्षित वर्ग की आधुनिक मानसिकता को दिखाती उनकी बोलचाल की भाषा, ऐसे तत्त्वों से बनती है गीतांजलि श्री की लेखकीय पहचान।
यूँ तो इन कहानियों का केन्द्र लगभग हर बार—एक ‘दरार’ को छोड़कर—बनता है शिक्षित मध्यवर्गीय नारियों से, पर इनमें वर्णित होते हैं हमारे आधुनिक नागरिक जीवन के विभिन्न पक्ष। जैसे वैवाहिक तथा विवाहेतर स्त्री-पुरुष सम्बन्ध, पारिवारिक परिस्थितियाँ, सामाजिक रूढ़ियाँ, हिन्दू-मुस्लिम समस्या, स्त्रियों की पारस्परिक मैत्री इत्यादि। यहाँ सीधा, सपाट कुछ भी नहीं है। हर स्थिति, हर सम्बन्ध, हर संघर्ष में व्याप्त रहते हैं परस्पर विरोधी स्वर। यही विरोधी स्वर रचते हैं हरेक कहानी का एक अलग राग।
Refugee Camp
- Author Name:
Ashish Kaul
- Book Type:

- Description: उसने कहा जब मरना ही है तो चलो मेरे साथ। और बस वो पाँच हजार जिंदा लाशें चल पड़ीं मौत की आँखों में आँखें डालने। वो चल पड़े शांति की तलाश में। कहते हैं अपनी जमीन और हक की एक लड़ाई सहस्रों साल पहले पांडवों को लड़नी पड़ी थी। अपनों को युद्ध में सामने खड़ा देख अर्जुन धर्मसंकट में थे और उन्हें इससे उबारने के समाधान के रूप में गीता का जन्म हुआ। पर सवाल यह है कि शांति चाहता कौन है? पैसा, बाजार और ताकत तो अशांति में उत्सव मनाते हैं। सरकार और शांति दोनों ही कश्मीर में हर पल हार रहे हैं। कभी पत्थरबाजों के पत्थरों से, कभी सीमापार की गोलियों से, कभी पढ़ाई से बहुत दूर जाते बस्तों से। अकेली आर्मी या सरकार शांति नहीं ला सकती। न्याय, धर्म, स्वाभिमान और मानवता तो सिर्फ और सिर्फ एक आम आदमी की पहल से ही संभव है। क्योंकि एक वो ही है, जिसे शांति में नफा या नुकसान नहीं, जिंदगी दिखती है। यह कहानी एक ऐसे ही आम आदमी ‘अभिमन्यु’ की कहानी है। वह अभिमन्यु, जिसने ‘अशांति’ के अर्थतंत्र पर सेंधमारी की और शांति के लिए पहला कदम बढ़ाया। और जब वो पहला कदम उठा, उसने एक ऐसी असाधारण परिस्थिति को जन्म दिया, जिसका किसी को भान न था। देखते-ही-देखते पाँच हजार जिंदा लोग एक आम लड़के अभिमन्यु के नेतृत्व में आत्मघाती दस्ते में तब्दील हो गए। शायद वो विश्व का सबसे बड़ा आत्मघाती दस्ता था। जीना तो मुश्किल था ही, पर क्या मरना आसान था? क्या होगा जब इनके आगे भी इनका अतीत खड़ा होगा? क्या इनके आगे भी इनके अपने युद्ध के लिए खड़े होंगे? कुरुक्षेत्र में लड़े गए महाभारत में गीता का जन्म हुआ। क्या यह कहानी ‘रिफ्यूजी कैंप’ वादी में चल रही लड़ाइयों का कोई समाधान खोज पाएगी?
Boski Ka Panchtantra
- Author Name:
Gulzar
- Book Type:

- Description: ‘बोसकी का पंचतंत्र’ की पाँच किताबों में, नीति के पाँच हिसाबों में जो पंचतंत्र आरम्भ हुआ, उसे बच्चों के प्यारे फ़िल्मकार-शायर गुलज़ार ने बोसकी को सुनाया। दुनिया-भर के बच्चों के लिए सुनाया। ‘बोसकी का पंचतंत्र’ उसी की एक कड़ी है। इसकी पठनीयता भी पूर्व की तरह आकर्षित करती है। इसमें क़िस्सागोई की भारतीय परम्परा का ख़ास आकर्षण है। किताब के चित्र और रेखांकन बच्चों के लिए और अधिक रोचकता पैदा करते हैं।
Sampurna Kahaniyan : Bhagwaticharan Verma
- Author Name:
Bhagwaticharan Verma
- Book Type:

-
Description:
लब्धप्रतिष्ठ कथाकार भगवतीचरण वर्मा की कहानियों में हमारे जीवन के सुख-दु:ख, प्रेम-घृणा, अहं, अन्ध-आस्था, राजनीति का छिछोरापन और धार्मिक उन्माद का जीवन्त चित्रण तो मिलता ही है, तरल संवेदनाओं की एक सतत प्रवहमान धारा भी दिखती है। कहानी का विषय चाहे कुछ भी हो, भगवतीचरण वर्मा की क़िस्सागोई का शिल्प ऐसा अनूठा है कि घटनाएँ, स्थितियाँ और पात्रों के हावभाव हमारे सामने साकार हो उठते हैं। ‘दो रातें’, ‘रेल में’, ‘इंस्टालमेंट’, ‘आवारे’ आदि दर्जनों कालजयी कहानियाँ अपने यथार्थबोध और सामाजिक चेतना के कारण आज भी प्रासंगिक हैं। यह उनके कथाकार की सफलता है कि अपनी तरफ़ से बिना कुछ कहे कहानियों के माध्यम से ही वे सब कुछ कह जाते हैं। इसीलिए विचारों की बोझिलता से ये कहानियाँ मुक्त हैं। व्यंग्य का पुट इन कहानियों की अतिरिक्त विशेषता है।
‘प्रायश्चित्त’ जहाँ अन्ध-धार्मिक आस्था पर चोट करती है, वहीं ‘ख़ानदानी हरामजादे’ राजनीतिक छिछोरेपन को पूरी तरह उघाड़कर रख देती है। ‘पराजय और मृत्यु’ जीवन की पक्षधरता की कहानी है तो ‘शस्त्र और चिंगारी’ उत्तरदायित्व के बोझ तले पिसती एक
युवती की दास्तान कहती है। ‘दो बाँके’ और ‘मोर्चाबंदी’ हृदय अहं का जीवन्त चित्रण बन गई हैं।उपन्यासों के लिए विशेष तौर पर जाने जानेवाले भगवती बाबू की कहानियों का यह समग्र संकलन उनके कथाकार का एक नया आयाम खोलता है।
Ujali Aag
- Author Name:
Ramdhari Singh Dinkar
- Book Type:

- Description: अनादि काल से ही बोधकथाओं की अपनी महत्ता रही है। इनका मुख्य उद्देश्य यही रहा है कि प्रेरक और गूढ़ प्रसंगों को रोचक शैली में जनमानस तक पहुँचाया जाए ताकि इनमें निहित नीतियों एवं उपदेशों से वे अपने जीवन में सृजनात्मक चेतना विकसित कर सकें। रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की इस पुस्तक ‘उजली आग’ में इस तथ्य को सहज ही जाना-समझा जा सकता है। ‘उजली आग’ बच्चों और किशोरों से लेकर प्रौढ़ पाठकों तक की जीवन-शैली को कुतूहल, मनोरंजन, शिक्षा, मार्गदर्शन आदि के ज़रिए गहरे प्रभावित करनेवाली पुस्तक है। दिनकर की इस अनुपम कृति में जो भी बोधकथाएँ शामिल हैं, जैसे—आदमी का देवत्व, बीज बनने की राह, धर्म लोगे, धर्म? गुफावासी, अफ़सर और पैग़म्बर, उजला हाथी और गेहूँ के खेत, जीवन का बोझ, नर-नारी, माया की रचना, नारी की रुचि, अर्धनारीश्वर, नदी के पार की आग, कलाकार, बनिया और किसान, संसार का इतिहास, पत्थर के दूसरी ओर, पराजय, फूल की आरी, निर्माता और विजेता, सपनों का सपना, सुकरात का मकान, साहसी माता, घोड़ा और ऊँट, ऊँचाई के गीत, शासन और राजनीति आदि, वे सब पढ़ने वाले की जीवन-दृष्टि को गहरे प्रभावित करती है। राष्ट्रकवि की इस पुस्तक से आशा है कि यह जीवन और समाज में अपनी नवीनता से नए परिवेश के निर्माण में अवश्य सहायक सिद्ध होगी।
Smriti Gandh
- Author Name:
Veena Sinha
- Book Type:

-
Description:
‘ब्लर्ब’ पर छपनेवाली सम्मतियाँ अक्सर खातिरन् लिखी जाती हैं, जिनमें अमूमन तआरुफ़ और तारीफ़ की बातें रहती हैं—कोई मूल्यांकन नहीं। शायद, कहानियों की इस किताब को रस्मी तौर पर लिखी गई ऐसी सम्मति की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि इस संग्रह की कई कहानियों की अपनी औक़ात है।
अधिकतर कहानियों के कथा-कलन में बया के घोंसले जैसी संकुल और कलापूर्ण बुनावट है, जिसमें लेखिका इशारतन एक साथ कई बातें कह देती है। मानो इसकी कहानी उस चाकू या क़लमतराश की तरह है, जिसमें कई छुरियाँ एक साथ रहती हैं। ख़ासकर स्त्री-विमर्श से जुड़ी हुई कहानियाँ पठनीय हैं, जो मुनिया और अंजू जैसे चरित्रों के पक्ष में खुलकर खड़ी हैं और पुंप्रभुत्व से पीड़ित इस अलील समाज को दवा की कड़ी खुराक ही नहीं देना चाहती हैं, बल्कि उसे बेहोश किए बिना नश्तर भी लगा देना चाहती हैं। यह दूसरी बात है कि इस तासीर की कहानियों में भी कहीं-कहीं पुराने समाज के ‘सेंसर-मोरोंस’ के भय के साथ-साथ ‘प्यूडेंडा’—केन्द्रिक शब्दों व क्रियाओं के कथन से परहेज़ की झलक मिल जाती है।
अन्तर्यात्रा की ख़ास बातों को इशारों से कहने में माहिर और बर्फ़ के गाले में ‘आग’ को ढोने-सुलगानेवाली ये कहानियाँ इसलिए भी सराही जाएँगी कि घन की चोट से यथास्थिति को तोड़कर ‘अदल-बदल’ लाने की सूझ-समझ वाली हर कोशिश किसी नए ‘भिनसार’ को क़रीब लाती है।
—डॉ. कुमार विमल।
Katha Saptak - Bhalchandra Joshi
- Author Name:
Bhalchandra Joshi
- Book Type:


- Description: Description Awaited
Kahaniyan Rishton Ki : Pita
- Author Name:
Akhilesh
- Book Type:

- Description: इनसान के जीवन में जितने सम्बन्ध होते हैं उनमें पिता जैसा विविधरूपी, बहुआयामी और बहुस्तरीय रिश्ता कोई दूसरा नहीं होता है। दूरी और नज़दीकी के जाने कितने शेड्स इस एक रिश्ते में होते हैं। इस संकलन में उन सभी बेहतरीन कहानियों का चयन करने की कोशिश की गई है, जिनसे पिता का सम्बन्ध अपने विविध रूपों में सामने आ सके। इस संकलन की कहानियों को पढ़ते हुए भिन्न-भिन्न दौर के पिता की झलक भी साकार होती है।
Hasil Aur Anya Kahaniyan
- Author Name:
Rajendra Yadav
- Book Type:

-
Description:
प्रख्यात कथाकार राजेन्द्र यादव की इन कहानियों के केन्द्र में है, स्त्री-पुरुष सम्बन्ध। सामन्ती मानदंडों और मूल्यों से ग्रस्त लोगों के लिए ये कहानियाँ ‘अश्लील, आपत्तिजनक, फूहड़ और कुंठित व्यक्ति की सेक्स-भड़ास’ हो सकती हैं। लेकिन नए मानवीय विवेक के आधार पर स्त्री-पुरुष सम्बन्धों को देखने-परखने वाले पाठक इन कहानियों में उस स्त्री की करुणा और प्रतिरोध को भी लक्षित कर सकते हैं जो उसी बिस्तर से मुक्ति का नया द्वार ढूँढ़ने की बेचैन कोशिश कर रही है जहाँ वह अब तक पुरुष की हवस और क्रूरता की शिकार होती रही है। कथाकार ने खलनायकत्व का ख़तरा उठाकर भी इन कहानियों के माध्यम से पुरुष वर्ग की हिंस्र लम्पटता को परत-दर-परत उघाड़ कर रख दिया है।
कई दशकों के बाद राजेन्द्र यादव की कहानियों का यह नया संग्रह सामने आ रहा है। अपने शैली लाघव और जीवन की जटिलताओं को भीतर तक उकेरनेवाली ये कहानियाँ परिपक्व कथाभाषा के कारण भी पाठकों का ध्यान खींचेंगी। लेकिन बहुत सम्भव है कि इन कहानियों के विस्फोटक और विवादास्पद कथ्य ही चर्चा में रहे और बाक़ी बातों की ओर सुधी आलोचकों का ध्यान नहीं जाए। ये कहानियाँ मध्यवर्गीय पाठक ही नहीं, हिन्दी कथालोचना के सामने भी एक बड़ी चुनौती पेश करती हैं।
Katha Saptak Lakshmi Sharma
- Author Name:
Lakshmi Sharma
- Book Type:

- Description: इस संग्रह की हर एक कहानी अनूठी है। इस संग्रह में शामिल सात कहानियों में अलग ही तरह का आकर्षण है। इन कहानियों में पात्रों का जो चित्रण किया गया है, वो अनुपम है। पात्र सामने खड़े होकर बात करते हैं। मैंने सबसे पहले लक्ष्मी जी का उपन्यास 'स्वर्ग का अंतिम उतार' पढ़ा था। तब से मैं उनके लेखन का कायल हूँ। उपन्यास की जितनी प्रशंसा की जाए कम है, पर यहाँ तो हमें उनकी सात कहानियों के बारे में ही कहना है। इस संग्रह की दो कहानियाँ जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद आईं, हालाँकि हर एक कहानी पसंद आई, पर बात उन्नीसा-बीसा जितनी ही है। जो ज्यादा पसंद आई बात उनकी पहले। 'पूस की एक और रात' और 'रानियाँ रोती नहीं।' पूस की एक और रात का जो अंत है वो चौंका देता है, अख़बार की एक ख़बर की शहर की ठंडी रात जिसका पूरा विवरण कहानी में बताया है, पर दूसरी ख़बर चौंका देती है, जिसका ज़िक्र यहाँ कर मैं कहानी को यहीं ख़त्म करना नहीं चाहता। वहीं दूसरी कहानी है 'रानियाँ रोती नहीं'। जिसमें दो काल एक साथ चलते हैं। इतिहास और वर्तमान दोनों में बड़ा अंतर है। गहनों से लदी रानियाँ और जीन्स पहने महिला। बस कपड़ों का ही तो अंतर है। महिलाओं की व्यथा तो वही है। वो रो नहीं सकती, मतलब आवाज़ नहीं उठा सकतीं। उन्हें सहने के लिए धरती पर भेजा है।
Ek Mutthi Ret
- Author Name:
Veena Sinha
- Book Type:

- Description: वीणा सिन्हा की कहानियों में स्त्री-लेखन की पहचान बन चुकी सभी विशेषताएँ हैं, फिर भी उनके सरोकारों को सिर्फ़ स्त्री-लेखन के दायरे में रखकर नहीं परखा जा सकता। उनकी लेखनी स्त्री के बहाने समाज के एक बड़े कैनवस पर चलती है। शहरी मध्यवर्ग से लेकर खाँटी ग्रामीण परिवेश तक को उन्होंने समान कौशल के साथ अंकित किया है। इससे भी महत्त्वपूर्ण विशेषता अपने पात्रों के अन्तस में झाँकने की उनकी क्षमता है जिसके चलते छोटे-छोटे कथानक भी बड़े अनुभव-संसार के वाहक बन जाते हैं। इस संग्रह में शामिल सभी कहानियाँ इस बात की गवाह हैं कि वीणा सिन्हा अपने पात्रों को गढ़ती नहीं हैं, वे अपने आसपास की दुनिया में उनकी तलाश करती हैं और फिर उनके मन की गुफाओं को खोलती हैं। इन कहानियों को समकालीन भारतीय स्त्री के जीवन की प्रतिनिधि कहानियों के रूप में भी चिन्हित किया जा सकता है और भारतीय जीवन-दृष्टि को अभिव्यक्ति देनेवाली गाथाओं के रूप में भी।
Belagam
- Author Name:
Alice Munro
- Book Type:

-
Description:
एलिस मनरो को कहानी के पारम्परिक शिल्प में निर्णायक दख़ल देने वाली रचनाकार माना जाता है। अपने सरल दिखने वाले कथानकों में उन्होंने जीवन के जटिलतम प्रश्नों को पकड़ा है और उन्हें अपने ऐसे पात्रों के माध्यम से रेखांकित किया है जिन्हें अखिल मानवता के प्रतिनिधि पात्र कहा जा सकता है। उनकी ज़्यादातर कहानियों का परिवेश उनका अपना क़स्बा रहा है जहाँ वे रहती हैं और इसे उनकी रचनात्मकता का एक विशेष पहलू माना जाता है। यही अहमियत उनकी कहानियों में निहित औपन्यासिक तत्त्वों की भी है जिसके लिए अनेक आलोचकों ने गम्भीरतापूर्वक उनका उल्लेख किया है।
उनकी कहानियों में विडम्बनामूलक व्यंग्य और गम्भीर अवलोकन साथ-साथ चलते हैं। यथार्थ के टटके बिम्ब, स्पष्ट विवरण और इन सबके बीच अपने अस्तित्व का अर्थ खोजते उनके पात्र एक गहरा प्रभाव पाठक के मन पर छोड़ते हैं। कहा जाता है कि एलिस मनरो एक ऐसी कथाकार हैं जिन्होंने जीवन की ऊब का अंकन इतने दिलचस्प ढंग से किया है कि उसे पढ़ते हुए किसी को ऊब नहीं होती।
‘बेलगाम’ में उनके मूल कहानी-संग्रह ‘रनअवे’ की कुछ कहानियों का अनुवाद प्रस्तुत किया जा रहा है। 2004 में प्रकाशित इस पुस्तक को कनाडा के शीर्षस्थ साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
Dharohar Kahaniyaan : Bhuvaneshwar
- Author Name:
Bhuvneshwar
- Book Type:

- Description: कहानी के वस्तु-तत्त्व को इस तरह से झीना और प्रगाढ़ करके उसे पारम्परिक कथालेखन से अलगाने का काम उस तरह से किसी ने नहीं किया जैसे कि भुवनेश्वर ने अपनी पाँच-सात कहानियों में कर दिखाया। उनकी संक्षिप्ति और सांकेतिकता हिन्दी कहानीकारों के लिए एक मिसाल है। भुवनेश्वर को मानवीय चरित्रों की अद्भुत पहचान है, और फिर उन्हें रचते वक्त वे हल्के-हल्के ब्रश-स्ट्रोक्स से जिस तरह से कहानी के वातावरण का सृजन करते हैं, उसमें तो उन्हें कमाल हासिल है। —दूधनाथ सिंह
Jalmurgiyon ka shikar
- Author Name:
Doodhnath Singh
- Book Type:

-
Description:
हिन्दी कथा-साहित्य में दूधनाथ सिंह ने इतिहास और यथार्थ से टकराते हुए समाज, सत्ता और संस्कृति के बीच निम्न व मध्यवर्गीय अन्तर्गुम्फन को तलछट पर देखने और रचने का जो कलम-कार्य किया, उसे आज भी दूर से देखा और पढ़ा जा सकता है—एक सच की तरह, एक सबूत की तरह...और एक विकल्प की तरह।
यह कथा-संग्रह 'जलमुर्गियों का शिकार’ भारतीय पृष्ठभूमि में कथ्य की वह यात्रा है, जहाँ दु:ख अपनी प्रक्रिया में चौंकाने के बजाय उद्वेलित करता है; सुख सँजोने के बजाय भ्रम तोड़ता है; और संघर्ष सदियों के 'अवशेषों’ को देखने की वह दृष्टि देता है, जिससे हो कोई, नि:शब्द नहीं रह जाता। कथा में कला की ऐसी भूमिका दूधनाथ सिंह के यहाँ है और यह विरल है।
इस संग्रह से गुज़रते पाठक यह भी अनुभव करेंगे कि दूधनाथ सिंह अपने भाष्य में उन पात्रों या मनुष्यों का सृजन करते हैं, जिनके बिना कोई कथा तो सम्भव है, कोई मुक्ति सम्भव नहीं। दूधनाथ सिंह के लिए लेखन मुक्ति-सृजन के लिए मनुष्य-सृजन का लेखन है।
उनका यह कथा-संग्रह अपने कथ्य की भाषा में हमारी संवेदनाओं की अभिव्यक्ति का एक दुर्लभ दस्तावेज़ जैसा है।
Common Yet Uncommon
- Author Name:
Smt. Sudha Murty
- Rating:
- Book Type:

- Description: Meet these people: Bundle Bindu, so named because he likes his truth with a little embellishment, Jayant the shopkeeper who doesn’t make any profit, and Lunchbox Nalini, Sudha Murty herself, who brings her empty lunchbox-to be filled with food-wherever she goes! Written in Sudha Murty’s inimitable style, Common Yet Uncommon is a heartwarming picture of everyday life and the foibles and quirks of ordinary people. In the fourteen tales that make up the collection, Sudha Murty delves into memories of childhood, life in her hometown and the people she’s crossed paths with. These and the other characters who populate the pages of this book do not possess wealth or fame. They are unpolished and outspoken, transparent and magnanimous. Their stories are tales of unvarnished humans, with faults and big hearts. Testament to the unique parlance of a small town, Common Yet Uncommon speaks a universal language of what it means to be human.
23 Hindi Kahaniyan
- Author Name:
Jainedra Kumar
- Book Type:

-
Description:
प्रस्तुत पुस्तक '23 हिन्दी कहानियाँ' में हिन्दी जगत के श्रेष्ठतम साहित्यकारों की तेईस श्रेष्ठ कहानियाँ संग्रहीत हैं। कहानीकारों ने अपनी कहानियों के माध्यम से समाज को जगाने की कोशिश की है। कथ्य में कथानक से अधिक मर्मस्थितियों के चित्रण और मानसिक उद्घाटन पर बल दिया गया है। जीवन के आरम्भ से आज तक कहानी का एक ही उद्देश्य रहा है, जीवन के उपकरणों द्वारा अपने को व्यक्त करना। और जहाँ तक रूपों का प्रश्न है, वह कहानी कहनेवाले या लिखनेवाले पर निर्भर है। हर व्यक्ति अपने आपमें अपवाद है। उसके व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति के रूप में उसकी कहानी की विशिष्टताएँ भी होती हैं। न हों, तो कहानी क्या? जो सर्वसामान्य को प्राप्त है; उसे देने का प्रयोजन नहीं रहता। इसीलिए हर कहानीकार का निजी वैशिष्ट्य ही उसकी कहानी के आकर्षण की रचना करता है।
आशा है सामाजिक परिवेश के वातावरण की कहानियाँ पाठकों के लिए संग्रहणीय होंगी।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...