Krishnadwadashi
Author:
Mahashweta DeviPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 236
₹
295
Available
शीर्षक समेत कथा-संकलन में महाश्वेता देवी की तीन कहानियाँ संगृहीत हैं। सभी कहानियों का अपना ऐतिहासिक महत्त्व है। अथक परिश्रम और शोध के मंथन-निष्कर्षों के बाद यह कहानियाँ वजूद में आई हैं। बंगाल का अतीत, उसकी विडम्बनाएँ और विसंगतियाँ लेखिका के प्रिय विषय रहे हैं। मूलतः वे लोककथाओं तथा किंवदन्तियों की वैज्ञानिक सत्यता की भी पड़ताल करती हैं। संग्रह में शामिल सभी कहानियों के माध्यम से इतिहास की रोशनी में मौजूदा समय की नब्ज़ को टटोलने की कोशिश की गई है।</p>
<p>‘कृष्णद्वादशी’ तथा ‘केवल किंवदन्ती’ कहानियों के कथानक ‘बंगाली जाति का इतिहास’ तथा ‘बृहत् बंग’ ग्रन्थ से लिए गए हैं। नीहार रंजन, दिनेशचन्द्र और सुकुमार सेन जैसे इतिहासविदों ने वणिक-वधू माधवी का उल्लेख किया है। प्राचीन बंगाल में राजा बल्लाल के समय सुवर्ण-वणिकों के साथ क्रूर बर्ताव किया गया था। राजा वर्ग और वर्ण के आधार पर अपनी नीतियों का पालन करता था। महिलाओं की स्थिति सर्वाधिक त्रासद थी। ‘कृष्णद्वादशी’ की माधवी में द्रौपदी की झलक देखने को मिलती है। ‘केवल किंवदन्ती’ की वल्लभा अनन्या है ही। ‘यौवन’ कहानी के केन्द्र में ईस्ट इंडिया कम्पनी का विद्रूप चेहरा है। तब बंगाल से भारत लाए जानेवाले सैनिक बीच में विद्रोह कर देते तो उन्हें जेल में ठूँस दिया जाता था। कई सैनिक इस अमानुषिक माहौल से तंग आकर भाग जाया करते, ऐसे सैनिकों को ‘भागी गोरा’ कहा जाता था। महाश्वेता जी ने इस ऐतिहासिक समय को लगभग 30-32 वर्ष पूर्व ‘नृसिंहदुरावतार’ शीर्षक कहानी में विश्लेषित करने की कोशिश की थी। ‘यौवन’ उसी कथा की सार्थक पुनर्विवेचना है। इस कहानी में लुप्त हो रही ‘मनुष्यता’ का अन्वेषण है।</p>
<p>
ISBN: 9788171196012
Pages: 111
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Tasveer Ka Pher
- Author Name:
Unita Sachchidanand
- Book Type:

-
Description:
जापानी लोककथाओं के प्रस्तुत संग्रह में दो तरह की कथाएँ सम्मिलित हैं—हास्य और पौराणिक मिथक, जिनसे जापान के सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य का पता चलता है।
‘मोमोतारो’ के प्रसंग से जापान का बच्चा–बच्चा वाक़िफ़ है और ‘तानाबाता’ की कहानी सदियों से जापान के सबसे लोकप्रिय उत्सव ‘तानाबाता’ से सम्बन्धित है।
‘टप-टप गुम्बा’, ‘तस्वीर का फेर’ और ‘नदी में देवता’ के हास्य प्रसंग बच्चों और बड़ों को अवश्य ही लोट-पोट कर देंगे।
Dastangoi - 1
- Author Name:
Mohammad Kazim +1
- Book Type:

- Description: दास्तान ज़बानी बयानिया है जिसे पेश करनेवाले दास्तानगो ज़बान, बयान, शायरी और क़िस्त के माहिर होते थे। दास्तानें बहुत-सी सुनाई गईं पर इनमें सबसे मशहूर हुई दास्ताने अमीर हमज़ा जिसमें हजरत मोहम्मद सः के चचा अमीर हमज़ा की ज़िन्दगी और उनके शानदार कारनामों को बयान किया जाता है। 18वीं और 19वीं सदी में जब ये दास्तान उर्दू में मक़बूल हुई तो इससे अदब और पेशकश का बेहतरीन मेल पैदा हुआ और इसमें कई ऐसी बातों का इज़ाफ़ा हुआ जो ख़ालिस हिन्दुस्तानी मिज़ाज की थीं। मसलन, तिलिस्म और अय्यारी जो बाद में दास्तानगोई का सबसे अहम हिस्सा साबित हुईं। बेशुमार क़िस्म के जानदार, सय्यारे सल्तनतें, तिलिस्म, जादूगर, देव, अय्यार, और अय्याराएँ जैसे किरदारों पर ‘मुश्तमिल दास्ताने-अमीर हमज़ा’ आख़िरकार 46 जख़ीम जिल्दों में पूरी होकर छपी और उर्दू अदब और हिन्दुस्तानी फनूने लतीफ़ा का मेराज साबित हुई। दास्तानगोई का फ़न ज़बानी और तहरीरी दोनों शक़्लों में जिस वक़्त अपने उरूज पर पहुँचा तक़रीबन उसी वक़्त नए मिज़ाज और नए मीडिया की आमद के साथ बड़ी तेज़ी से इसका जवाल भी हुआ। आख़िरी दास्तानगो मीर बाक़र अली का इन्तकाल 1928 में हुआ और इसके साथ ही ये अजमी रवायत नापैद हो गई।
Katha Saptak Manisha Kulshreshtha
- Author Name:
Manisha Kulshreshtha
- Rating:
- Book Type:


- Description: स्त्री जीवन के विभिन्न रंगों को उकेरी ७ कहानियाँ, हरेक कहानी अपने आप में भावनाओं के अनूठे अनुभवों को समेटे हुए। - कठपुतलियाँ - स्वाँग - एडोनिस और लिली के फूल - क़सुमल रंग - आर्किड - एक थी लिलन - ज़मीन
Mitti Ki Sugandh
- Author Name:
Gajanan Madhav Muktibodh
- Book Type:

- Description: इस संकलन की लगभग सभी कहानियाँ प्रवासी भारतीयों के जीवन-संघर्ष, अनुभव और ऊहापोह की कहानियाँ हैं; लेकिन भारत की मिट्टी की सुगंध हर कहानी में रची-बसी है, चाहे वह लत हो, तमाशा खत्म हो या काल सुंदरी। घर का ठूँठ की चन्नी विभाजन, टूटन और बिखराव की पीड़ा के चलते तमाम सुख-सुविधाओं के बावजूद ठूँठ होकर रह जाती है। पराया देश का नायक रंग और नस्ल भेद के दमघोंटू वातावरण में जी रहा है। अभिशप्त का नायक प्रवासी जीवन से तालमेल न बिठा पाने के संकट से ग्रस्त है तो सुबह की स्याही लंदन की स्याह और संकीर्ण मानसिकता का परिचय कराती है। पुराना घर, नए वासी में पश्चिमी संस्कृति में अपनी पहचान के गुम हो जाने का दर्द है तो सर्द रात का सन्नाटा में अपनों से छले जाने की पीड़ा। आदमखोर उपभोक्ता संस्कृति की स्वार्थांधता की परतें खोलती है तो फिर कभी सही... भौतिक मूल्यों और मानव-मन की भटकन का विश्लेषण करती है। इस बार कहानी..., बुधवार की छुट्टी, बेघर, एक मुलाकात और चाँदनी भी प्रवासी मन की पीड़ाओं का सघन ब्यौरा देने वाली कहानियाँ हैं। अपने देश से बाहर रहते हुए अपने देश की मिट्टी से जुड़ने की ललक से भरे रचनाकारों की ये कहानियाँ निश्चय ही हिंदी के कथा-जगत् में अपना विशिष्ट स्थान रखती हैं।
Salaam
- Author Name:
Omprakash Valmiki
- Book Type:

-
Description:
‘दलित लेखन दलित ही कर सकता है’ को पारम्परिक सोच के ही नहीं, प्रगतिशील कहे जानेवाले आलोचकों ने भी संकीर्णता से लिया है। दलित-विमर्श साहित्य में व्याप्त छद्म को उघाड़ रहा है। साहित्य में जो भी अनुभव आते हैं वे सार्वभौमिक और शाश्वत नहीं होते।
इन सन्दर्भों में ओमप्रकाश वाल्मीकि की कहानियाँ दलित जीवन की संवेदनशीलता और अनुभवों की कहानियाँ हैं, जो एक ऐसे यथार्थ से साक्षात्कार कराती हैं, जहाँ हज़ारों साल की पीड़ा अँधेरे कोनों में दुबकी पड़ी है।
वाल्मीकि के इस संग्रह की कहानियाँ दलितों के जीवन-संघर्ष और उनकी बेचैनी के जीवन्त दस्तावेज़ हैं, दलित जीवन की व्यथा, छटपटाहट, सरोकार इन कहानियों में साफ़-साफ़ दिखाई पड़ते हैं।
ओमप्रकाश वाल्मीकि ने जहाँ साहित्य में वर्चस्व की सत्ता को चुनौती दी है, वहीं दबे-कुचले, शोषित-पीड़ित जन-समूह को मुखरता देकर उनके इर्द-गिर्द फैली विसंगतियों पर भी चोट की है। जो दलित विमर्श को सार्थक और गुणात्मक बनाती है।
समकालीन हिन्दी कहानी में दलित-चेतना की दस्तक देनेवाले कथाकार ओमप्रकाश वाल्मीकि की ये कहानियाँ अपने आप में विशिष्ट हैं। इन कहानियों में वस्तु जगत का आनन्द नहीं, दारुण दुःख भोगते मनुष्यों की बेचैनी है।
Shreshtha Bal Kahaniyan
- Author Name:
Balshauri Reddi
- Book Type:

-
Description:
विश्व की आबादी में बच्चों की संख्या एक तिहाई के आसपास है। जलवायु, वेशभूषा, रीति-रिवाज, रहन-सहन, खान-पान की दृष्टि से भले ही उनमें भिन्नता दर्शित होती हो, किन्तु उनके विचार और सोच एक समान हैं। बच्चे स्वभावत: परस्पर धर्म, जाति, वर्ण, वर्ग, सम्प्रदाय को लेकर भेदभाव नहीं रखते। उनका दिल स्वच्छ, काग़ज़ की भाँति निर्मल होता है। उनमें हम जैसे संस्कार डालते हैं, उन्हीं के अनुरूप उनका चरित्र बनता है। उनके शारीरिक विकास के लिए जैसे बलवर्धक आहार की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार उनके बौद्धिक विकास के लिए उत्तम साहित्य की नितान्त आवश्यकता है।
बच्चों में कहानी सुनने की प्रवृत्ति जन्मजात है। आयु की वृद्धि के साथ उनमें कहानी पढ़ने की रुचि और प्रवृत्ति भी बढ़ती जाती है। अत: उनकी रुचि के पोषण एवं परिष्कार के लिए स्वस्थ साहित्य एक सबल माध्यम बन सकता है।
भारतीय भाषाओं में सर्वप्रथम संस्कृत में बाल-साहित्य का प्रादुर्भाव हुआ। पंचतंत्र, हितोपदेश इत्यादि विश्व के अमर साहित्य में अपना अनुपम स्थान रखते हैं। कालान्तर में देश की अन्य भाषाओं में बाल-साहित्य का सृजन हुआ। आज भारत की प्राय: समस्त भाषाओं में उत्तम बाल-साहित्य का सृजन एवं प्रकाशन हो रहा है।
प्रस्तुत पुस्तक में 12 भारतीय भाषाओं की 131 बाल-कहानियों का चयन किया गया है। सम्भवत: भारतीय भाषाओं में इस प्रकार का प्रयास प्रथम है। बच्चों के मनोरंजन एवं ज्ञानवर्धन में ये कहानियाँ सफल होंगी तो हम अपने इस प्रयास को सार्थक मानेंगे।
Kohare Mein Kandeel
- Author Name:
Avdhesh Preet
- Book Type:

- Description: Short Stories
Lapata Ladaki
- Author Name:
Arvind jain
- Book Type:

-
Description:
वह निस्संग है, आखेटित है, लापता है। वही यहाँ है। परम्पराएँ उसे लापता करती हैं। बाज़ार उसे निस्संग और उसका आखेट करता है। हर धर्म, हर जाति उसके संग ऐसा ही सलूक करती है।
ये कहानियाँ इसी स्त्री या लिंग संवेदनशीलता से शुरू होती हैं और इस लापता कर दी गई स्त्री की खोज का आवेशमय विमर्श बन जाती हैं। ये औरत को किसी घटना या क़िस्से के ब्योरे में नहीं दिखातीं, उसे खोजती हैं, बनाती हैं और जितना बनाती हैं, पाठक को उतना ही सताती हैं।
स्त्री-लेखन स्त्री ही कर सकती है, यह सच है लेकिन ‘स्त्रीवादी’ लेखन पुरुष भी कर सकता है—यह भी सच है। यह तभी सम्भव है, जब वह लिंग भेद के प्रति आवश्यक संवेदनशील हो, क्योंकि वह पितृसत्ता की नस-नस बेहतर जानता है। मर्दवादी चालें! मर्दों की दुनिया में औरत एक जिस्म, एक योनि, एक कोख भर है और मर्दों के बिछाए बाज़ार में वह बहुत सारे ब्रांडों में बन्द एक विखंडित इकाई है।
अरविन्द, जो बहुत कम कहानी लिखते हैं, इस औरत को हर तरह से, हर जगह पूरी तदाकारिता से खोजते हैं। अरविन्द कहीं पजैसिव हैं, कहीं कारुणिक हैं, लेकिन प्रायः बहुत बेचैन हैं। यहाँ स्त्री के अभिशाप हैं जिनसे हम गुज़रते हैं। मर्दों की दुनिया द्वारा गढ़े गए अभिशाप, आज़ादी चाहकर भी औरत को कहीं आज़ाद होने दिया जाता है?
अरविन्द की इन वस्तुतः छोटी कहानियों में मर्दों की दुनिया के भीतर, औरत के अनन्त आखेटों के इशारे हैं। यह ‘रसमय’ जगत नहीं, मर्दों की निर्मित स्त्री का ‘विषमय’ जगत है। अरविन्द की कहानी इशारों की नई भाषा है। उनकी संज्ञाएँ, सर्वनाम, विशेषण सब सांकेतिक बनते जाते हैं। वे विवरणों, घटनाओं में न जाकर संकेतों, व्यंजकों में जाते हैं और औरत की ओर से एक ज़बर्दस्त जिरह खड़ी करते हैं। स्त्री को हिन्दी कथा में किसी भी पुरुष लेखक ने इतनी तदाकारिता से नहीं पढ़ा जितना अरविन्द ने।
इन कहानियों को पढ़ने के बाद पुरुष पाठकर्ता सन्तप्त होगा एवं तदाकारिता की ओर बढ़ेगा और स्त्री पाठकर्ता अपने पक्ष में नई क़लम को पाएगी—वहाँ भी, जहाँ स्त्री सीधा विषय नहीं है।
अरविन्द जैन का यह कथा-संग्रह बताता है कि हिन्दी कहानी में निर्णायक ढंग से फिर बहुत कुछ बदल गया है।
—सुधीश पचौरी
Aadivasi Prem Kahaniyan
- Author Name:
Ashwini Kumar Pankaj
- Book Type:

-
Description:
‘आदिवासी प्रेम कहानियाँ' में इतिहास के अमर पात्रों के प्रेम और संघर्ष को रोचकता और प्रमाण के साथ प्रस्तुत किया गया है। इन कहानियों में झारखंड का आदिवासी परिवेश, प्रकृति, परिस्थितियाँ, आदिवासियों का जीवन, उनकी सहज प्रवृत्तियाँ और स्वतंत्रता-संग्राम में अंग्रेज़ी सत्ता के साथ उनके द्वारा किया गया संघर्ष उभरकर आया है।
ग़ौरतलब है कि औपनिवेशिक काल में अंग्रेज़ी समाज शोषण और सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध था। अंग्रेज़ों के शोषण और अन्याय से मुक्ति के लिए आदिवासियों ने संघर्ष की ज़मीन रची और विद्रोह किए। आदिवासियों के न्याय-प्रेम और सुन्दरता की ओर अंग्रेज़ी समाज आकर्षित भी हुआ। और यही प्रेम की उत्स-भूमि है। चाहे वह सिदो और जेली हो, चाहे बुन्दी और सन्दु हो, चाहे बीरबन्ता बजल और जेलर को बेटी हो, चाहे मँगरी और रोजवेलगुड हो, चाहे बादल और मैग्नोलिया हो; सबके प्रेम की उत्स-भूमि न्याय-प्रेम और संघर्ष है। इसलिए इन नौ कहानियों में प्रेम के सच्चे स्वरूप के दर्शन होते हैं। जहाँ बहुत सहजता के साथ प्रेम जीवन में प्रवेश करता है और उसी के प्रति पूर्ण समर्पण भाव है। इन प्रेम कहानियों में कुछ का अन्त सुखान्त है तो कुछ का दुखान्त।
पाठक पाएँगे कि इन कहानियों के माध्यम से अपनी जातीय संस्कृति और अपनी भूमि के प्रति मर मिटने के अद्भुत ज़ज्बे से लैस आदिवासियों के प्रेम और संघर्ष का जो चित्रण है, वह हमें नए तरीक़े से देश के इतिहास को समझने के लिए बाध्य करता है।
Shobha Yatra
- Author Name:
Bhisham Sahni
- Book Type:

- Description: सीधी सरल शब्दावली और सहज बिम्बों में सामाजिक यथार्थ की जटिल विडम्बनाओं को अभिव्यक्त करनेवाली भीष्म साहनी की कहानियाँ आज क्लासिक रचनाओं की श्रेणी में आती हैं। 1981 में पहली बार प्रकाशित उनका यह कहानी-संग्रह अपनी मूल्यपरक अर्थवत्ता और वैचारिक निष्ठा के चलते विशेष तौर पर सराहा गया था। ‘शोभायात्रा’ की इन कहानियों में 'फ़ैसला' के जज शुक्ला जी हों या 'रामचन्दानी' के रिटायर्ड अफ़सर रामचन्दानी—सही आदमी इस व्यवस्था में बराबर अव्यावहारिक और उपहास का विषय है। 'निमित्त' में यदि भाग्य और भगवान को ही कारण माननेवाले 'निमित्त मात्रों' की क्रूरता और चालाकी का कलात्मक खुलासा हुआ है तो 'शोभायात्रा' सत्ता के 'अहिंसा परमो धर्म' रूपी ढोंग को उघाड़ती है। दूसरी ओर 'खिलौने' जैसी कहानी है, जिसमें बच्चे और खिलौने के माध्यम से आधुनिक जीवन की भयावह कैरियरिस्ट संवेदनहीनता का मार्मिक चित्रण हुआ है। वस्तुगत यथार्थ और उसका दृष्टि-सम्पन्न चित्रण, यही इस संग्रह की कहानियों की विशेषता है जिसके कारण इन्हें दशकों से एक ही लगाव के साथ पढ़ा जाता रहा है।
Allahabad Bhi !
- Author Name:
Sheshnath Pandey
- Book Type:

-
Description:
शेषनाथ पाण्डेय के कथा-संकलन ‘इलाहाबाद भी!’ की कहानियाँ हमारे समय का साक्ष्य प्रस्तुत करती हैं। पूँजी और बाज़ार के वर्चस्व ने इस समय को इस तरह जकड़ रखा है कि मनुष्य अपनी संवेदनाएँ खोकर निरन्तर हिंसक बनता जा रहा है। यह हिंसा जीवन के उन सारे मूल्यों और भावपक्ष को निगलती जा रही है, जिससे एक सुन्दर और मानवीय गरिमा से पूरित संसार का स्वप्न साकार हो सकता था। इस हिंसा को बिना किसी अतिरेक या अतिनाटकीयता के इन कहानियों में अभिव्यक्त करने के लिए इस युवा कथाकार ने मानव-मन की आन्तरिक उथल-पुथल का सहारा लिया है। जीवन के कई ऐसे पक्ष इन कहानियों में उजागर हुए हैं, जिनके आपसी टकराव से मनुष्य के भीतर अन्तर्द्वन्द्व उपजते हैं और असम्भव घटित हो जाता है।
‘इलाहाबाद भी!’ की कहानियाँ यथार्थ की जटिलता से टकराती हैं और अपने सादगी भरे अन्दाज़ में अपने कहन के कारण हमारे भीतर रच-बस जाती हैं। शेषनाथ पाण्डेय गाँव और महानगर दोनों के यथार्थ से परिचित हैं। गाँव से महानगर तक की यात्रा और महानगर में ज़िन्दगी की डोर को थामे रहने के संघर्षों ने उन्हें, जो जीवनानुभव सौंपा है, वह उनकी कहानियों का मूलाधार है। यह सब उनकी कहानियों में इस तरह विन्यस्त है कि उसे अलग करके देख पाना सम्भव नहीं। यथार्थ को रचनात्मक स्पर्श से पुनर्नवा करने का यह हुनर उनकी विशेषता है। इन कहानियों की भाषा सहज और सम्प्रेषणीय है। हिन्दी कहानी का समकालीन परिदृश्य विविधताओं से भरा हुआ है और मुझे भरोसा है कि शेषनाथ पाण्डेय की ये कहानियाँ पाठकों का ध्यान आकर्षित करेंगी।
—हृषीकेश सुलभ
Aadhi Duniya
- Author Name:
Rashmi Gaur
- Book Type:

- Description: प्रस्तुत कहानी-संग्रह की कहानियों में जीवन के विभिन्न रंग दृष्टिगत होते हैं। ‘आधी दुनिया’ में रत्ना की समाज-सेवा की लगन, एक मजबूर औरत की अरथी उठने का दर्द उन समाज-सेवी संस्थानों पर व्यंग्य है, जो एक विशेष आभिजात्य वर्ग की महिलाओं के लिए केवल फैशन परेड और विदेशों में घूमने का साधन बनी हुई हैं। जहाँ ‘कान खिंचाई’ में बच्चे बहादुरी का मीठा फल चख पाएँगे वहीं ‘लगन’ में विपरीत परिस्थितियों में भी लक्ष्य-प्राप्ति का संकल्प। ‘घोंसला’ में टूटते समाज में एकाकीपन का दर्द है तो ‘औलाद’ में अपने वतन में बसने की हौंस। इस प्रकार, नव रंगों में रची ये कहानियाँ अपनी कारुणिकता, मार्मिकता व रोचकता से पाठकों को एक नई दृष्टि देती हैं।
Cricket Ka Mahabharat
- Author Name:
Sushil Doshi
- Book Type:

-
Description:
सुशील दोषी क्रिकेट की जानी-मानी शख़्सियत हैं। क्रिकेट को भारत में लोकप्रिय बनाने एवं घर-घर में कमेंटरी के ज़रिए पहुँचाने में उनका नाम सर्वोपरि है। सशक्त व दिल छूनेवाली आवाज़ तथा आकर्षक शैली के कारण उनकी हिन्दी कमेंटरी ही नहीं, उनका लेखन भी लुभाता रहा है। इस पुस्तक के ज़रिए वह क्रिकेट कहानियों के नए क्षेत्र में क़दम रख रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है, यह पुस्तक उनकी कमेंटरी की तरह ही यादगार बन जाएगी।
—संजय जगदाले (पूर्व सचिव, बी.सी.सी.आई., पूर्व चयनकर्ता व अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रशिक्षक)
सुशील दोषी की कमेंटरी तो हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। करोड़ों लोगों के साथ मैं भी उनका प्रशंसक हूँ। इस कहानी-संग्रह को आप दिलचस्प पाएँगे। महाभारत व क्रिकेट का मिश्रण अत्यन्त रोचक है। दुनिया में क्रिकेट की पृष्ठभूमि पर कहानियों का अभाव है। इस अभाव को दूर करने की दिशा में किया गया यह रचनात्मक प्रयास प्रशंसा के क़ाबिल है। सुशील सर को मेरी ढेर सारी शुभकामनाएँ।
—नरेन्द्र हिरवानी (क्रिकेट खिलाड़ी, विश्व रिकॉर्ड होल्डर, पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता, ख्यात प्रशिक्षक)
सुशील दोषी ने क्रिकेट क्षेत्र में व्याप्त समस्त ग्राह्य तथा अग्राह्य व्यक्ति व्यवहारों को परिलक्षित करते हुए ‘महाभारत’ के पात्रों को आधार बनाकर कथाओं का सृजन किया है। उन्हें पढ़ते हुए हम बिना किसी प्रयास के कथावस्तु व ‘महाभारत’ में सहज सम्बन्ध खोज लेते हैं। सुशील जी का यह अनूठा प्रयास सराहनीय है। महर्षि वेद व्यास ने ‘महाभारत’ में स्वयं कहा है—‘‘यन्नेहास्ति न कुत्रचित्।’’ यानी जिस विषय की चर्चा इस ग्रन्थ में नहीं है, उसकी चर्चा अन्यत्र कहीं भी उपलब्ध नहीं है। ठीक उसी प्रकार से खेल में अपेक्षित तथा अवांछित कृत्यों का उल्लेख सुशील जी की इस पुस्तक में नहीं है, तो कहीं भी नहीं है। विषय वस्तु की गहरी पकड़ व भाषा की दिल छूनेवाली सरलता उनके स्वभाव को ही प्रदर्शित करती है। शुभकामनाएँ।
—मिलिन्द महाजन
Shreshtha Bal Kahaniyan part 4
- Author Name:
Prakash Manu
- Book Type:

- Description: A Collection of Hindi short stories for children, compiled and edited by Prakash Manu.
Nirale Musafir
- Author Name:
Gabriel Garcia Marquez
- Book Type:

-
Description:
जैसे ही वे अपनी देहरी लाँघकर एक अजनबी दुनिया में कदम रखते हैं, घर की दूरस्थ, व्याकुल यादें, विदेशी धरती पर बेचेहरा हो जाने का अहसास और असुरक्षा-बोध के भयावह दौरे उन्हें आ घेरते हैं।
मार्केस के हास्यबोध, भावनात्मक ऊष्मा और विशिष्ट रंगों के साथ ये अनोखे मुसाफिर जान पाते हैं कि किसी लैटिन अमेरिकी का यूरोप में भटक जाना या किसी का भी अपने घर से दूर जीवन बिताना क्या होता है; और इन मुसाफिरों में शामिल हैं एक वृद्धा जो अपने कुत्ते को इस बात की ट्रेनिंग दे रही है कि उसके मरने के बाद वह उसकी कब्र पर रोया करे, एक पति जो अपनी घायल पत्नी के जीवन को लेकर बेहद परेशान और भयभीत है, और एक बूढ़ा जो अपने मन को पेरिस से एक लम्बी उड़ान पर भटकने को छोड़ देता है....
Katha Saptak Hari Bhatnagar
- Author Name:
Hari Bhatnagar
- Book Type:

- Description: Collection of 7 brilliant stories: - बिल्ली नहीं दीवार - सामूहिक नरसंहार - ज़ाफ़र मियाँ की शहनाई - शिकंजा - माई - शर्म - बजरंग पांडे के पाड़े
Bhutaliya Aur Anya Kahaniyan
- Author Name:
Nisar Ahmed
- Book Type:

- Description: Hindi Short Story by Nisar Ahmed
Encouragement Short Stories (Volume-1)
- Author Name:
Dr.Sanjay Rout
- Book Type:

- Description: Introducing "Encouragement Short Stories (Volume-1)", an uplifting collection of inspiring tales that will motivate and empower readers to overcome life's challenges. Compiled by bestselling author, Dr.Sanjay Rout, this book features a carefully curated selection of heartwarming stories that celebrate the power of resilience and determination. From tales of triumph over adversity to accounts of everyday heroes, these stories will leave readers feeling inspired and empowered to pursue their dreams. In this book, you'll discover: Real-life stories of individuals who overcame obstacles to achieve their goals Encouraging tales of perseverance and hope in the face of adversity Heartwarming stories of ordinary people who made a difference in the world Through these tales of triumph and courage, "Encouragement Short Stories (Volume-1)" is a powerful reminder that anything is possible when we believe in ourselves and our ability to succeed. Whether you are facing a personal challenge or simply in need of a dose of inspiration, this book is the perfect companion to lift your spirits and help you stay motivated on your journey towards success. Get your copy today and discover the transformative power of encouragement!
Ek Stri Ka Vidageet
- Author Name:
Mrinal Pande
- Book Type:

- Description: हमारे समय में, जब अख़बारी ख़बर को ‘स्टोरी’, और रोमांच और सनसनी-भरी वारदातों को 'सत्यकथा' या ‘नाटक‘ कहकर परिभाषित किया जाने लगा है, तो एक ईमानदार कहानीकार के लिए ज़रूरी हो जाता है, कि वह नए सिरे से वह लिखे, जो सत्यकथा नहीं, स्टोरी नहीं, राष्ट्र के नाम सन्देश या रिपोर्ताज भी नहीं, सिर्फ़ एक विशुद्धि गठी हुई कहानी हो, और कहानी के सिवा कुछ न हो। इस संकलन की कहानियाँ हमारे समय, और ख़ुद कलाकार की, रचनात्मक शक्ति को आख़िरी बूँद तक निथारकर, उससे वह अन्तिम आकार छान पाने की कोशिश करती हैं, जो प्रचार-माध्यमों की पकड़ के परे, कहानी-कला का विशुद्ध स्वरूप है। इनमें एकल क़िस्सागोई भी है, और सामूहिक हुंकारा भी। सुनी-सुनाई भी है, और देखि-दिखाई भी, जन्म भी है, और मृत्यु भी, चलायमान समय भी है, और सर्वव्यापी काल भी। और अगर कोई सुधीजन कुनमुना-हिनहिनाकर पूछे, कि इनमें आदि-मध्य-अन्त (और समाज के लिए सन्देश या सूक्तिवचन समान कुछ बातें) क्यों नहीं हैं? तो यह कहानियाँ बड़ी विनम्रता से पूछना चाहेंगी, जीवन में ही वह सब है क्या?
Bhari Dopheree Ke Andhere
- Author Name:
Madhu Kankariya
- Book Type:

-
Description:
मधु कांकरिया की कहानियों को कोई संज्ञा देनी हो तो कहना पड़ेगा–बेबाक। बेबाक विद्रोह! बिना किसी कुंठा और पूर्वाग्रह के खुले दिल से चीजों को देखना, समझना, स्वीकार हो तो स्वीकार, अस्वीकार हो तो अस्वीकार! बोल्ड भी और ब्यूटीफुल भी। अपनी गन्दगी पर परदा डालते व्यक्ति का गमछा खर्र से खींचने में भी उन्हें कोई दुविधा नहीं होती।
गाँव की सड़ती गलियों से लेकर महानगर के रिसते अँधेरे और वेश्यालयों के नरक–मधु के लिए कुछ भी वर्जित और अस्पृश्य नहीं। हर जगह फैली है मधु की कहानियों की दुनिया और मधु की भाषा-शैली! जोगन-जोगन रात...रेशम-रेशम यादें...यह वह कलम है जो पाखंड के लिए किसी को भी नहीं बख्शती लेकिन किसी की जलती हकीकत से आँख नहीं चुराती। मधु मानती हैं कि ‘कोई भी सत्य सार्वकालिक नहीं हो सकता...। कि सागर की विशालता की अपनी सीमा है, वहाँ कभी प्रेम के कमल नहीं खिलते...। कि जिन्दगी का हल खुद जिन्दगी है और प्यार का जवाब खुद प्यार !’
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...