Jhooth Ka Ped

Jhooth Ka Ped

Author:

Gaur Hari Das

Language:

Hindi

Category:

Short-story-collections

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Book Details

प्रख्यात ओड़िया कथाकार ‘गौरहरि दास’ की कहानियाँ पहली नज़र में ही गाँवों के यथार्थपरक चित्रों और यादगार चरित्रों से पाठक को परिचित करा देती हैं। उनकी कहानियों में एक तरफ़ आम बोलचाल की सहज-सरल भाषा है तो दूसरी तरफ़ ओडिशा के भद्रक अंचल का सुवास, लेकिन वे अंचल विशेष के कथाकार नहीं हैं। संग्रह की नामधर्मा रचना 'झूठ का पेड़' हो या अन्य कहानी ‘घर’, वे गाँव को शहर से और शहर को गाँव से जोड़ देती हैं।</p>
<p>ओडिशा के जनजीवन को समग्रता में पेश करते हुए बिना किसी भाषायी या शिल्पगत चमत्कार के गौरहरि ने सृजन के शिखर छुए हैं, लेकिन इसके लिए उन्होंने न तो किसी देशी-विदेशी दर्शन का सहारा लिया, न ही किसी तरह के बौद्धिक तामझाम खड़े किए। जन-संचार माध्यमों से अपनी सम्पृक्ति के चलते वे जानते हैं कि जनधर्मी सृजन के लिए किसी दर्शन या वाद से जुड़ने के बजाय सामान्यजन से सीधे जुड़ना ज़्यादा उचित है; और हम जानते हैं कि गौरहरि देश के बड़े कथाकार-पत्रकार ही नहीं, आमजन के शुभेच्छु भी हैं।</p>
<p>ओडिशा के गाँवों और शहरों की प्राकृतिक सुषमा के साथ वहाँ की जीती-जागती ज़िन्दगी और अमीरी-ग़रीबी का संघर्ष देखना हो तो किसी समाजशास्त्री की पोथी पढ़ने के बजाय गौरहरि की कहानियाँ पढ़ना ज़्यादा उपयोगी होगा, क्योंकि समाज में व्याप्त ऊँच-नीच को चित्रित करते हुए नए-पुराने सामन्तवाद को भी गौरहरि ने प्रश्नाकुल दृष्टि से देखा है। वे अपने समाज की राई-रत्ती जानने के साथ उसे अभिव्यक्त करने की कला में भी पारंगत हैं। उनकी कहानियों में हम भारतीय चेतना के अन्तरंग चित्रों को साक्षात् देखते ही नहीं, महसूस भी करते हैं।

ISBN: 9788183618519

Pages: 144

Avg Reading Time: 5 hrs

Age : 18+

Country of Origin: India

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