Contemporary Indian Short Stories Series II
Author:
Bhabani BhattacharyaPublisher:
Sahitya AkademiLanguage:
EnglishCategory:
Short-story-collections5 Reviews
Price: ₹ 166
₹
200
Available
This sheaf of twenty-two short stories, written by different authors, mainly during the period 1930-50, represents a cross-section of contemporary Indian short fiction. Twenty stories are translations from fourteen modern languages of India and two are specimens of Indian creative writing in English.
Here is evidence, if such were needed that Indian literature is one though written in many languages - its oneness consusting not of a stale uniformity but of rich variety.
ISBN: 9788126046911
Pages: 229
Avg Reading Time: 8 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
THREE MEN IN A BOAT (CLASS IX)
- Author Name:
Jerome K Jerome
- Book Type:

- Description: Three men in a Boat is generally accepted as a work of humor due to the amusing anecdotes the three men relate during their trip up the Thames. However, author Jerome K. Jerome originally intended the book to be a travel Guide for tourists participating in the then-popular activity of leisure boating. Though the book did serve as a useful travel guideline, in fact, still does, as many of the inns and pubs named in the work are still open—the timeless humor of jerome's writing and the extreme popularity of the book in great Britain transformed it into an important piece of popular culture as well.
Gandhiji Kahaniyo Me
- Author Name:
A.P. Parameswaran Pillai
- Book Type:

- Description: इस पुस्तक में राष्ट्रपिता गांधी जी के जीवन की प्रमुख घटनाओं को छोटी-छोटी कहानियों के रूप में प्रस्तुत किया गया है। उनका जीवन हमें हमेशा प्रेरणा और चेतना प्रदान करनेवाला रहा है। आशा है, नई पीढ़ी के बच्चे व किशोर इससे अधिक से अधिक लाभान्वित होंगे।
Peele Kagaj Ki Ujli Ibarat
- Author Name:
Kailash Banwashi
- Book Type:

- Description: Short Stories
Prawas Men Aaspaas
- Author Name:
Hansa Deep
- Rating:
- Book Type:

- Description: Book
KANTRAKI BAGAN AUR ANY KAHANIYAN
- Author Name:
Pushpita Awasthi
- Book Type:

- Description: Short stories in hindi
Nishachar
- Author Name:
Bhisham Sahni
- Book Type:

-
Description:
भीष्म साहनी ने बतौर कथाकार जो रास्ता चुना, उसके आधार पर अगर उन्हें पथ-प्रवर्तक कहा जाए तो वह ग़लत इसलिए होगा कि उसका अनुकरण हर किसी के लिए सहज नहीं है। बह रास्ता स्वयं सहजता का है, और उस पर चलने की हर सचेत कोशिश अपको न सिर्फ़ असहज, बल्कि अमौलिक भी कर देगी।
वह सहजता जीवन के स्व-भाव से आती है जिसे आप अपने परिवेश के बीचोबीच रहते हुए अर्जित भी नहीं करते, सिर्फ़ स्वीकार करते हैं। यथार्थ के प्रति यह स्वीकृति-भाव ही द्रष्टा को यथार्थ के सम्पूर्ण तक ले जाता है। यह यह आश्चर्यजनक है कि प्रगतिशील विचारधारा में प्रशिक्षित भीष्म जी ने अपने कथाकार को कभी इस स्वीकृति-भाव से वंचित नहीं किया।
अपनी हर कथा-रचना की तरह इस संग्रह की कहानियों में भी भीष्म जी ने दृष्टि की उस विराटता का परिचय दिया है। वर्ष 1983 में प्रकाशित इस संग्रह में उनकी प्रसिद्ध कहानियों में से एक ‘चाचा मंगलसेन’ भी है। साथ ही ‘जहूर बख्श’, ‘सरदारनी’ और 'सलमा आपा’ सहित कुल चौदह कहानियों से सम्पन्न यह पुस्तक सम्बन्धों के बनते-बिगड़ते रूपों और उनके मध्य अकुंठ खड़ी मानवीय जिजीविषा के अनेक आत्मीय और करुण चित्र हमें देती है। ये कहानियाँ गहरे संघर्ष के बाबजूद पलायन नहीं करने की ज़िद को भी रेखांकित करती हैं और वीभत्स के सम्मुख खड़े सौन्दर्य को भी।
Mehfil
- Author Name:
Hariyash Rai
- Book Type:

- Description: Collection of Short Stories
Nai Sadi Ki Pehchan : Shrestha Dalit Kahaniya
- Author Name:
Mudra Rakshas
- Book Type:

- Description: हिन्दी क्षेत्र में दलित लेखन शुरू तो बहुत पहले हो गया था पर उसकी पहचान बनने में देर लगी। पहले हिन्दी में दलित लेखकों और चिन्तकों द्वारा दलित चेतना और संघर्ष को लेकर वैचारिक, ऐतिहासिक और सामाजिक लेखन हुआ। हिन्दी में दलित लेखन का यह एक महत्त्वपूर्ण दौर माना जाएगा। इसके बाद रचनात्मक लेखन का दौर शुरू हुआ। हिन्दी में दलित रचनात्मक लेखन का इतिहास ज़्यादा लम्बा नहीं है। बीसवीं सदी के उत्तरार्ध में दलित लेखक हिन्दी में सामने आए। हिन्दी रचनाजगत में दलित लेखकों की सक्रियता तीन क्षेत्रों में सामने आई। उन्होंने बड़े पैमाने पर रचनात्मक साहित्य लिखा। दलित लेखकों की कविताएँ और कथाकृतियाँ प्रकाशित हुईं। राजेन्द्र यादव लिखते हैं—दलित साहित्यकारों की यह मजबूरी है कि वे सिर्फ़ अपने निजी अनुभवों को ज़मीन पर जीने के संघर्षों और स्थितियों का इन्दराज करें। हाँ, सबसे निचली गहराइयों से उछल-उछलकर आनेवाली ये तस्वीरें इतनी ख़ौफ़नाक हैं कि सारे समाज को दहलाकर रख देती हैं।” दलित कथा रचनाओं को इसी पृष्ठभूमि में देखा जाना चाहिए। उनमें अपने समय और इतिहास का समाजशास्त्र भी है और स्थितियों से ऐसी मुठभेड़ भी जो व्यवस्था में बुनियादी परिवर्तन के लिए प्रयत्नशील है। इन कथा रचनाओं में मात्र यथार्थ नहीं है। उनकी कृतियाँ यथार्थ की शल्यक्रिया भी करती हैं। लेकिन इस सामाजिक शल्यक्रिया के बावजूद दलित रचनाकार की समस्याएँ जीवन में ही नहीं साहित्य की दुनिया में पहले से ज़्यादा जटिल और लगभग हिंसक हो गई हैं।
Ganga-Snan
- Author Name:
Jagdish Prasad Singh
- Book Type:

-
Description:
‘गंगा-स्नान’ डॉ. जगदीश प्रसाद सिंह की महत्त्वपूर्ण पुस्तक है जिसमें उनकी बाईस कहानियाँ संकलित हैं।
संग्रह की सभी कहानियाँ यथार्थवादी परम्परा की हैं और प्रत्येक कहानी में कुछ ऐसे प्रश्न उठाए गए हैं जिनका सम्बन्ध व्यक्ति या समाज या दोनों के वर्तमान और भविष्य से है। लेकिन इनमें प्रश्नों के उत्तर देने का या भविष्य के लिए दिशा-संकेत करने का कोई प्रयास नहीं है। इनका संसार वैश्वीकरण के युग में तेज़ी से बदलते मूल्यों का संसार है, जहाँ उचित और अनुचित के निर्णय का सर्वमान्य मापदंड स्वार्थों की पूर्ति है। ये कहानियाँ पाठक के मस्तिष्क को झकझोरने और इनमें उठे प्रश्नों के उत्तर खोजने के लिए विवश करने का काम करती हैं।
लेखक ने इन कहानियों के माध्यम से मानव-मन की विभिन्न छवियों का जो कोलाज रचा है, वह अनूठा है। शीर्षक कथा ‘गंगा-स्नान’ में एक शहीद की विधवा पत्नी के दु:ख-दर्द और अपने ही परिवार में हो रहे शोषण की मर्मस्पर्शी कथा कही गई है। इस पुस्तक में जातिवाद साम्प्रदायिकता, राजनीतिक विद्रूपता, सामाजिक न्याय, शोषण आदि विषयों के सहारे कहानियों का ताना-बाना बुना गया है।
संग्रह की सभी कहानियाँ रोचक हैं और पाठक का ध्यान अन्त तक बाँधे रहती हैं।
Sardiyon Ka Neela Akash
- Author Name:
Jaishankar
- Book Type:

-
Description:
हमारा जीवन घटनाओं की स्थूल शृंखला भर नहीं होता। क्रियाओं और प्रतिक्रियाओं के मशीनी क्रम के समानांतर मन की भित्ति पर घटित होने वाला एक और जीवन हम जीते रहते हैं। आशा, आकांक्षा, हताशा, पश्चाताप, प्रेम और स्मृतियों का जीवन जिससे हम अपने एकांत में संवाद करते हैं। होने के दायित्व तले दबी हमारे आत्मबोध की एक बाँह जो हमें अपने होने के प्रति सचेत भी रखती है, हमें वापस स्थूल संसार में जाने का हौसला भी देती है, हमें सँभालती भी है।
हिंदी में जिन कुछ कहानीकारों ने मनुष्य के आस्तित्विक यथार्थ के इस पक्ष को प्रकाशित किया है उनमें जयशंकर भी शामिल हैं। जयशंकर की कहानियों में मनःस्थितियों के स्ट्रोक्स एक चित्रकथा की सी बिम्बावली बनाते हैं, जिनके बीच से गुज़रते हुए हमें अपना अतीत, बीते हुए वे क्षण जिन्हें रोज़मर्रा की भागदौड़ में हम अनदेखा किए रहते हैं, स्मृति की कौंध में झिलमिलाते दिखने लगते हैं।
प्रकृति का सजीव, साँस लेता सुदीर्घ लैंडस्केप, हल्की गर्द की तरह धूप में तैरती उदासी, ज़िन्दगी का ठहराव, दिनों का दोहराव, नासूर की तरह दुखता व्यर्थता बोध और एक सूक्ष्म दुख जो आत्मा के ख़ालीपन से, अस्तित्व की अपूर्णता से उपजता है, उनकी इन कहानियों का भूगोल है।
सर्दियों का नीला आकाश जयशंकर का नया कहानी संग्रह है। अपने अलग-अलग परिवेश में अपने-अपने जीवन के अर्थान्वेषण में डूबे इन कहानियों के पात्र हम पाठकों को मनुष्य के रूप में अपनी इयत्ता के प्रति नए सिरे से सजग और संवेदनशील बनाते हैं।
Vimarsh Naqqashidar Cabinet
- Author Name:
Pankaj Subeer
- Book Type:

- Description: Book
Bhatakti Raakh
- Author Name:
Bhisham Sahni
- Book Type:

-
Description:
हिन्दी कथा-साहित्य में भीष्म साहनी का नाम प्रतिमान के रूप में स्थापित हो चुका है। प्रतिमान बन जाने तक की उनकी कथा-यात्रा अनेक पड़ावों व संघर्षों से होकर गुज़री है। उनके कथा-साहित्य में रुचि रखनेवाले पाठक अच्छी तरह परिचित हैं कि उनके पास एक विशिष्ट जीवन-दृष्टि है। अपनी इसी जीवन-दृष्टि के माध्यम से वे सामाजिक यथार्थ के जटिल स्तरों को बहुत ही कलात्मक ढंग से खोलते हैं। उनकी कला गहरे अर्थों में मानवीय सम्बन्धों की त्रासदी और उनके भविष्य से अभिन्न रूप से जुड़ी है।
‘भटकती राख’ भीष्म जी का बहुचर्चित कहानी-संग्रह है। इस संग्रह की कहानियों में उन्होंने वर्तमान जगत की समस्याओं को अतीत के परिप्रेक्ष्य में रखकर देखने की कोशिश की है, इसीलिए ये कहानियाँ काल के किसी द्वीप पर ठहरती नहीं, वरन् निरन्तर प्रवाहित इतिहास-धारा का जीवन्त हिस्सा बन जाती हैं। मनुष्य के इतिहास में उनकी यह रुचि किसी आनन्द-लोक की सृष्टि नहीं करती, बल्कि अभावों व शोषण के अन्धकार में भटकते लोगों से हमारा आत्मीय साक्षात्कार कराती है। ‘यादें’ और ‘गीता सहस्सर नाम’ में बूढ़ी महिलाओं की दयनीय हालत को बहुत ही मार्मिकता के साथ अंकित किया है, तो ‘अपने-अपने बच्चे’ में सामाजिक विषमता से उत्पन्न मानवीय संकट का यथार्थपरक अंकन हुआ है। ‘भटकती राख’ की बुढ़िया मानवीय संघर्षों की जीती-जागती दास्तान है, जिसकी स्मृतियों के गर्भ में हमारा भविष्य रूपायित हो उठा है। लगातार अमानवीय होती जा रही सामाजिक परिस्थितियों के ख़िलाफ़ केवल क्षोभ और ग़ुस्सा प्रकट करने तक सीमित न रहकर ये कहानियाँ नये समाज का स्वप्न भी सँजोती हैं।
Naticharaami
- Author Name:
Santoshkumar Mehandale
- Rating:
- Book Type:

- Description: ಸ್ವತಃ ಲೇಖಕರೇ ಬರೆದು ಸಂಪಾದಿಸಿದ ಶಾಟ್ ಕಥೆಗಳು ಮತ್ತು ವೈಶಿಷ್ಟ್ಯಗಳ ಸಂಗ್ರಹ
Tum Bhi Padhoge Jassoo
- Author Name:
Prakash Manu
- Book Type:

- Description: A collection of short stories for children written by Prakash Manu.
Saheliyaan Aur Anya Kahaniyaan
- Author Name:
Priyadarshan
- Book Type:

-
Description:
सहेलियाँ और अन्य कहानियाँ कवि-कथाकार प्रियदर्शन का नया कहानी-संग्रह है। संग्रह में शामिल ज्यादातर कहानियों का विषय आज की स्त्री है जो बदल रही है। वैसे तो ‘सहेलियाँ’ एक कहानी का शीर्षक है, लेकिन उसे उन तमाम स्त्रियों की सामूहिकता के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है जो समाज के अलग-अलग कोनों में बदलाव की अपनी-अपनी लड़ाइयाँ लड़ रही हैं—कहीं परिवार नामक संस्था से, कहीं पति नामक संस्था से, कहीं समाज नामक संस्था से। परिवर्तन और अपने सम्मान की लड़ाई में वे सब साथ हैं।
बदलाव की प्रक्रियाएँ भारतीय समाज में और भी कई तरह से चल रही हैं। तकनीक है, राजनीति है, हमारे आपसी रिश्ते हैं, आगे बढ़ने की, सफल होने की हड़बड़ियाँ हैं—बदलाव हर जगह है। मध्यवर्गीय ऊब और कुंठाओं की परहन्ता कामनाओं को धर्म का एक नया बहाना अभी दिया ही जा रहा है। इन कहानियों में किसी न किसी तरह यह सब आता है। लेकिन अच्छे पर भरोसा और मनुष्य की सहज सकारात्मकता से कथाकार कहीं भी निराश नहीं है। स्त्रियों की दुनिया में होनेवाले नए प्रस्थान तो उसकी उम्मीद के ठिकाने हैं ही, साधारण जन की जिजीविषा भी उसे हताश नहीं होने देती।
लेकिन ख़ुद की निर्मम आलोचना कथाकार को फिर भी एक ऐसा काम लगती है जिसे किया ही जाना चाहिए। ‘जब कहानी मिलती है’, ‘लाश’ और ‘चीख’, ऐसी कहानियाँ हैं जिनमें तमाम सुख-सुविधाओं, साधनों और सामर्थ्यों से लैस एक आधुनिक व्यक्ति अपना विवेचन करता है, सामाजिक-मानवीय कर्तव्यों से विमुख होने पर ख़ुद को लज्जित महसूस करता है, और इस तरह बताता है कि एक निर्णायक बदलाव जहाँ स्थगित पड़ा है, वह हमारा स्वयं का अन्तस है।
भाषा के अपव्यय से बचते हुए तथ्य और कथ्य से सम्पन्न गद्य प्रियदर्शन को हमेशा पठनीय बनाता है। सामाजिक-राजनीतिक टिप्पणियों में भी, ये तो फिर कहानियाँ हैं; पढ़ना शुरू करेंगे तो पूरा करके ही उठेंगे। बेशक कुछ ज़्यादा मनुष्य होकर।
Pratinidhi Kahaniyan : Mithileshwar
- Author Name:
Mithileshwar
- Book Type:

- Description: मिथिलेश्वर हिन्दी कथा-साहित्य में एक अलग महत्त्व रखते हैं। प्रेमचन्द और रेणु के बाद हिन्दी कहानी से जिस गाँव को निष्कासित कर दिया गया था, अपनी कहानियों में मिथिलेश्वर ने उसी की प्रतिष्ठा की है। दूसरे शब्दों में, वे ग्रामीण यथार्थ के महत्त्वपूर्ण कथाकार हैं और उन्होंने आज की कहानी को संघर्षशील जीवन-दृष्टि तथा रचनात्मक सहजता के साथ पुन: सामाजिक बनाने का कार्य किया है। इस संग्रह में शामिल उनकी प्राय: सभी कहानियाँ बहुचर्चित रही हैं। ये सभी कहानियाँ वर्तमान ग्रामीण जीवन के विभिन्न अन्तर्विरोधों को उद्घाटित करती हैं, जिससे पता चलता है कि आज़ादी के बाद ग्रामीण यथार्थ किस हद तक भयावह और जटिल हुआ है। बदलने के नाम पर ग़रीब के शोषण के तरीक़े बदले हैं और विकास के नाम पर उनमें शहर और उसकी बहुविध विकृतियाँ पहुँची हैं। निस्सन्देह इन कहानियों में लेखक ने जिन जीवन-स्थितियों और पात्रों का चित्रण किया है, वे हमारी जानकारी में कुछ बुनियादी इज़ाफ़ा करते हैं और उनकी निराडम्बर भाषा-शैली इन कहानियों को और अधिक सार्थक बनाती हैं।
Pratinidhi Kahaniyan : Chandrakanta
- Author Name:
Chandrakanta
- Book Type:

- Description: चन्द्रकान्ता कश्मीर केन्द्रित अपने विपुल कथा-लेखन के लिए हिन्दी जगत में ख़ासी लोकप्रिय हैं। अपनी कहानियों में उन्होंने देश-विभाजन के तत्काल बाद कश्मीर संकट से उपजे हालात से लेकर 'जेहाद' के नाम पर जारी आतंकवाद से झुलसते कश्मीर की आबोहवा और अवाम के दुःख-दर्द का अद्यतन चित्र उकेरा है, जहाँ वे यथास्थिति का चित्रण-भर करके नहीं रुक जातीं अपितु प्यार, ईमान और इंसानियत से लबरेज़ पात्रों का सृजन कर कट्टरता एवं हिंसा के विरुद्ध पुरज़ोर आवाज़ उठाती हैं। कश्मीर ही नहीं, देश-दुनिया की हर उस मानवीय त्रासदी को चन्द्रकान्ता अपनी कहानियों में जगह देती हैं जिससे एक संवेदनशील रचनाकार का मन आहत एवं उद्वेलित होता है। वे उस भ्रष्ट व्यवस्था और मनुष्य विरोधी तंत्र को कठघरे में खड़ा करती हैं, जिसने तेज़ी से बदलते समाज में चतुर्दिक संघर्ष से घिरे मनुष्य की आन्तरिक अनुभूतियों को कहीं गहरे दफ़न कर दिया है। व्यक्ति और व्यवस्था की मुठभेड़ में वे पूरी प्रतिबद्धता के साथ प्रत्येक विषम परिस्थिति एवं प्रवृत्ति की समीक्षा करती हैं; तत्पश्चात् उन तथ्यों का अन्वेषण करती हैं जिससे मनुष्य की अन्तरात्मा को मरने से बचाया जा सके और इस प्रकार एक बेहतर कल के लिए मनुष्य के स्वप्नों, संवेदनाओं और स्मृतियों को सिरज लेने की चिन्ता चन्द्रकान्ता की कहानियों का प्रस्थान-बिन्दु बन जाती है।
Maine Chand Tare To Nahin Mange The
- Author Name:
Neelima Singh
- Book Type:

-
Description:
इस संकलन की कहानियाँ नारी के उस मनोजगत को अभिव्यक्त करती हैं जिसमें बदलाव की एक प्रक्रिया निरन्तर चल रही है और अपने निर्णय ख़ुद लेने की दिशा में बढ़ती हुई वह यह भी साबित कर रही है कि स्त्रियाँ केवल भावनाओं और संवेदनाओं की प्रतिमूर्ति ही नहीं होतीं, वे समाज में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाने में समर्थ हैं। लेखिका ने बिना बड़बोले नारी-विमर्श और नारी सशक्तीकरण के शोर-शराबे के इन कहानियों को मानवीय संवेदनाओं के धरातल पर उस सामाजिकता के साथ सम्भव किया है जो हमारे समकालीन समाज की पहचान है। इसी वजह से ये कहानियाँ सहज, स्वाभाविक बनकर सर्वग्राही हो सकी हैं।
पुरुषप्रधान समाज द्वारा स्थापित पूजनीयता और दैवीयता जैसी धारणाओं की लक्ष्मण रेखाओं को उलाँघकर आज की नारी एक व्यावहारिक इकाई के रूप में उभरकर आ रही है। थोपी गई पवित्रता के नाम पर आज वह पुनर्विवाह के लिए भी किसी का मुँह नहीं देखती। इन कहानियों के आईने से अपने समाज को देखें तो पता चलता है कि मैथिलीशरण गुप्त की पंक्ति ‘आँचल में है दूध और आँखों में पानी’ की नारी-मूर्ति अब ज़्यादा अर्थ नहीं रखती। ये स्त्रियाँ अपने पुत्रों के समक्ष अपने द्वारा किए गए त्याग और दी गई ममता का प्रत्युत्तर भी माँगती हैं। नारी जगत को एक नए दृष्टिकोण के साथ अभिव्यक्त करने वाली ये कहानियाँ पाठक को आरम्भ से अन्त तक बाँधे रखने की क्षमता से लैस हैं।
X Y Ka Z
- Author Name:
Prabhat Ranjan
- Book Type:

- Description: कुछ अलग तरह का गद्य पढ़ने की खोज में लगे पाठकों की तलाश जिन लेखकों पर जाकर समाप्त होती है, उनमें एक नाम प्रभात रंजन है। कहानी और संस्मरण के बीच आवाजाही करता यह लेखक अपने पाठक को अपनी शैली के प्रवाह और भाषा की रवानगी के साथ बहाए ले जाता हैं। "जानकी पुल" यह नाम जैसे प्रभात रंजन का ही अब दुसरा नाम हो चुका है -पंकज सुबीर
The Collected Short Stories
- Author Name:
Satyajit Ray
- Book Type:

- Description: The best short stories of Satyajit Ray Best known for his immensely popular Feluda mysteries and the adventures of Professor Shonku, Satyajit Ray was also one of the most skilful short story writers of his generation. Ray’s short stories often explore the macabre and the supernatural, and are marked by the sharp characterization and trademark wit that distinguish his films. This collection brings together Ray’s best short stories—including such timeless gems as ‘Khagam’, ‘Indigo’, ‘Fritz’, ‘Bhuto’, ‘The Pterodactyl’s Egg’, ‘Big Bill’, ‘Patol Babu, Film Star’ and ‘The Hungry Septopus’—which readers of all ages will enjoy. A collection of forty-nine short stories.
Customer Reviews
5 out of 5
Book
Be the first to write a review...