Beetate Huye
Author:
Madhu KankariyaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 396
₹
495
Available
हमारे समाज में प्रचलित रूढ़ मान्यताओं के बरक्स मानवीय स्वतंत्रता का सवाल सदा ही अनदेखा किया जाता रहा है लेकिन मधु कांकरिया की कहानियाँ सिर्फ़ परम्परागत मान्यताओं की ही नहीं, अधुनिकता के आवरण में लिपटे जीवन-मूल्यों की भी पड़ताल करती हैं और हमारे सामने कई सुलगते हुए सवाल खड़ी कर सोच को रचनात्मक आयाम प्रदान करती हैं। चाहे नक्सलवादी आन्दोलन पर आधारित ‘लेकिन कामरेड’ हो, दाम्पत्य जीवन में परस्पर विश्वास को रेखांकित करती ‘चूहे को चूहा ही रहने दो’ हो या बच्चे के स्कूल में दाख़िले के लिए एक स्त्री की व्यथा-कथा हो; मधु काँकरिया कहीं भी विचार और संवेदना के स्तर पर पाठकों को निराश नहीं करतीं, बल्कि कथारस के प्रवाह में बहाए चलती हैं। औपन्यासिक विस्तार की सम्भावना से युक्त ये कहानियाँ भाषा, शिल्प एवं विचार-तत्त्व के अनूठेपन और भाव एवं विचार के अद्भुत सन्तुलन के कारण निश्चय ही उल्लेखनीय बनी रहेंगी, ऐसा हमारा विश्वास है।
ISBN: 9788126708444
Pages: 207
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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