Qafas
Author:
Brahmdeep AlunePublisher:
Shivna PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Poetry0 Reviews
Price: ₹ 120
₹
150
Available
Book
ISBN: 9788194426615
Pages: 120
Avg Reading Time: 4 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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Description:
निराला का दूसरे चरण का काव्य भी दो दौरों से गुज़रा है। उसके पहले दौर में ‘कुकुरमुत्ता’ (प्रथम संस्करण) और ‘अणिमा’ की कविताएँ रची गई हैं और उसके दूसरे दौर में ‘बेला’ और ‘नये पत्ते’ की कविताएँ। निराला के पहले चरण के तीसरे दौर की कविताओं में ही उनका यथार्थवादी रुझान प्रबलतर होता हुआ दिखलाई पड़ता है। उसी का विकास दूसरे चरण के पहले दौर की कविताओं में देखने को मिलता है। निराला बहुत ही संश्लिष्ट भाव-बोध के कवि थे, इसलिए वे इस दौर में भी गीत-रचना करते रहते हैं।
‘अणिमा’ की अनेक रचनाएँ इस बात का प्रमाण प्रस्तुत करती हैं कि निराला का सामाजिक यथार्थ का ज्ञान प्रौढ़तर हुआ है। इससे उनका यथार्थवाद नये उत्कर्ष को प्राप्त करता है, जिसे हम ‘नये पत्ते’ की नई कविताओं में, जिनका सम्बन्ध किसानों से है, स्पष्टता से देखते हैं। यह निराला-काव्य की नई मंजिल है। इसी कारण हमने ‘बेला’, ‘नये पत्ते’ की कविताओं को उनके दूसरे चरण के काव्य के दूसरे दौर की कविताएँ माना है।
निराला का यथार्थवाद ‘नये पत्ते’ की ‘कुत्ता भौंकने लगा’, ‘झींगुर डटकर बोला’, ‘छलाँग मारता चला गया’, ‘डिप्टी साहब आए’ और ‘महगू महगा रहा’ जैसी कविताओं में बुलन्दी पर पहुँचता है।
—नन्दकिशोर नवल (निराला रचनावली की भूमिका से)।
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