Ye Jo Hai Zindagi
Author:
Oprah WinfreyPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction0 Reviews
Price: ₹ 280
₹
350
Available
मनुष्य के दिल-दिमाग का बारीक अध्ययन कर जीवन जीने के व्यावहारिक सूत्र बताने और सकारात्मक सोच विकसित करने में दक्ष विश्वप्रसिद्ध व्यक्तित्व ओपरा विनफ्रे की यह पुस्तक पठनीयता से भरपूर है। सालों से उन्होंने सर्वाधिक रेटिंग वाले अपने बहुचर्चित टॉक शो के जरिए इतिहास रचा है, अपना स्वयं का टेलीविजन नेटवर्क शुरू किया है, और देश की पहली अफ्रीकी-अमेरिकी अरबपति बनी हैं। उन्हें हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी से मानद उपाधि और प्रेसीडेंशियल मेडल फॉर फ्रीडम से सम्मानित किया जा चुका है। अपने सारे अनुभवों से उन्होंने जीवन के सबक चुने हैं, जो उन्होंने चौदह सालों से ‘ओ-ओपरा मैग्जीन’ के लोकप्रिय स्तंभ ‘वॉट आय नो फॉर श्योर’ में प्रस्तुत किए हैं और जो हर माह पाठक को प्रेरित और आनंदित करते हैं।
अब पहली बार इन वैचारिक रत्नों का पुनर्लेखन, अद्यतन संग्रह करके एक पुस्तक में पेश किया गया है, जिसमें ओपरा विनफे्र ने अपने आंतरिक उद्गार प्रकट किए हैं। प्रसन्नता, लचक, संवाद, आभार, संभावना, विस्मय, स्पष्टता और शक्ति के भावों के रूप में संगठित ये लेख दुनिया की सर्वाधिक असाधारण औरत के दिल और दिमाग की दुर्लभ, सशक्त और आंतरिक झलक प्रस्तुत करते हैं। साथ ही पाठकों को सर्वोत्तम बनने में मार्गदर्शक की भूमिका भी निभाते हैं। ‘ये जो है जिंदगी...’ में ओपरा विनफ्रे निर्भीक, मर्मस्पर्शी, प्रेरक और बार-बार परिहासपूर्ण शब्दों का इस्तेमाल करती हैं, जो सत्य की ऐसी जगमगाहट देते हैं कि पाठक उन्हें बार-बार पढ़ना चाहते हैं।
प्रस्तुत हैं भारत की किसी भी भाषा में जिंदगी का सार बतानेवाले ओपरा विनफ्रे के उद्गार।
ISBN: 9789351868743
Pages: 216
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: जग बदलणारे ग्रंथ माणसाची प्रगती होण्यासाठी अनेक गोष्टी कारणीभूत ठरल्या. चाकाचा शोध लागला आणि त्याच्या जगण्याला गती मिळाली. विज्ञान आणि शोधांनी माणसाला डोळस बनवलं. कलेनं त्याचं आयुष्य सुंदर केलं. औद्योगिक क्रांती झाली आणि त्याच्या आयुष्यानं वेगळी वाट पकडली. तंत्रज्ञानानं त्याच्या आयुष्यात खूप मोठी जागा व्यापली आणि त्याचं आयुष्य सुखकर केलं. माणसाच्या वाटचालीत स्त्रीवर लादलेलं दुय्यमत्व झुगारण्यासाठी तिनं संघर्ष केला आणि आपल्या स्वतंत्र अस्तित्वासाठी ठाम भूमिका घेतली. सृष्टीच्या या अफाट पसाऱ्यात माणसाची मग एक एक गोष्ट नीट समजून घेण्याची धडपड सुरू झाली, कधी त्यानं विज्ञानाची साथ घेतली, तर कधी तंत्रज्ञानाची मदत घेतली. कधी त्यानं स्वत:ला समजून घेण्यासाठी मानसशास्त्राची शाखा निर्माण केली. कधी त्यानं व्यवहार सुरळीत चालण्यासाठी अर्थशास्त्राची सोबत घेतली. कधी त्यानं आपली मूल्यं विकसित करताना त्यांना तत्त्वज्ञानाची जोड दिली. या सगळ्या गोष्टींचा दस्तावेज 'ग्रंथ' रुपात जतन करण्याची प्रक्रिया त्यानं सुरू ठेवली. त्यामुळेच जगभरात आज धर्म, कला, विज्ञान, तंत्रज्ञान, मानसशास्त्र अनुवंशशास्त्र, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, राज्यशास्त्र, चरित्र अशा अनेक शाखांमधलं लिखाण ग्रंथांच्या रुपानं निर्माण झालं. यातल्या अनेक ग्रंथांनी जगावर प्रभाव टाकला. यातले निवडक ५0 ग्रंथ घेऊन त्यांची ओळख करून देण्याचा प्रयत्न 'ग्रंथ' मध्ये करण्यात आला आहे. कुतूहल, ज्ञानाची आस असणाऱ्या प्रत्येकानं आपलं जगणं अर्थपूर्ण आणि समृद्ध करण्यासाठी दीपा देशमुख लिखित 'ग्रंथ' वाचायलाच हवा. Jag Badalnare - Granth -Deepa Deshmukh जग बदलणारे ग्रंथ - दीपा देशमुख
Bharatnama
- Author Name:
Sunil Khilnani
- Book Type:

- Description: आज के भारत की राजनीति का संभवतः सर्वश्रेष्ठ गैरऔपन्यासिक परिचय...-माइकल फुट, इवनिंग स्टैण्डर्ड भारत और उसकी समसामयिक परिस्थितियों पर कोई और किताब ही इससे अधिक गहनता के साथ बेहतर रौशनी डाल सके | - इयान जैक, ऑब्जर्वर इस शानदार किताब का मकसद कोई भविष्यवाणी करने के बजाय यह बताना है कि भारत अपनी मौजूदा हैसियत तक कैसे पहुँचा और उसका अंतर्निहित विचार कैसे विकसित हुआ | यह किताब आजादी के पचास साल बाद भारत की खूबियों और खामियों की तरफ इशारा करती है...उत्कृष्ट बौद्धिकता से समपन्न यह पुस्तक करीब ढाई सौ पृष्ठों में आधुनिक भारत की कई जटिलताओं की शिनाख्त करते हुए उनके उद्घाटन और व्याख्या में सफल होती है...इसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है |-डेविड गिलमूर, इंडिपेंडेंट ऑन सन्डे यह पुस्तक भारतीय राष्ट्र की परिभाषाओं को उजागर करती है...सभी तरह के रोमानी संस्कृतिवादियों और धार्मिक कट्टरपंथियों की दलीलों को कुशलता से परास्त कर देती है |- इयान वरुपा, न्यूयार्क रिव्यु ऑव बुक्स
Shivrayanchi Dharmniti
- Author Name:
Dr. Ismail Pathan
- Book Type:

- Description: सतराव्या शतकातील धर्मश्रद्ध वातावरणात छत्रपती शिवाजी महाराजांनी दख्खनमध्ये स्वबळावर हिंदवी स्वराज्य स्थापन केले. अर्थात शिवरायांचा सर्वधर्मसमभावाचा विचार त्यांच्या या हिंदवी स्वराज्याचा मूलाधार होता. खरं तर छत्रपती शिवाजी महाराजांची हिंदू धर्मावर निष्ठा होती. ते धर्माभिमानीही होते, तरीही ते धार्मिक स्वातंत्र्याचे पुरस्कर्ते होते. त्यांनी नेहमीच सहिष्णुतेचे धोरण अवलंबले आणि आपल्या राज्यात सर्व जातिधर्मांच्या लोकांना आश्रय दिला. इतकंच नाही, तर कोणत्याही स्वरूपात धर्मभेद, जातीभेद न करता महाराजांनी शूर, पराक्रमी आणि एकनिष्ठ लोक आपल्याभोवती गोळा केले. त्यांनी कायमच हिंदू आणि मुस्लीम धर्माबद्दल उदार आणि पुरोगामी दृष्टिकोन बाळगला. स्वराज्यातील सर्व धर्मांच्या बांधवांना सन्मान देत सामाजिक सलोखा निर्माण करत सर्वार्थाने हिंदवी स्वराज्य बळकट केले. जगभरात सर्वांनीच गौरविलेल्या शिवरायांच्या या सहिष्णू धार्मिक धोरणाची प्राचार्य डॉ. इस्माईल पठाण यांनी आपल्या या ग्रंथात साधार, तपशीलवार चर्चा केली असून समाजस्वास्थ्याच्या दृष्टिकोनातून ती मार्गदर्शक ठरणारी अशी आहे. वाचक त्याचं दमदार स्वागत करतील अशी आशा. Shivrayanchi Dharmniti | Dr. Ismail Pathan शिवरायांची धर्मनीती | डॉ. इस्माईल पठाण
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