Stri Alakshit

Stri Alakshit

Authors(s):

Shrikant Yadav

Language:

Hindi

Pages:

167

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

334 mins

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Book Description

भारतीय समाज में स्त्री-विमर्श किन जटिल रास्तों और मोड़ों से होकर मौजूद मुक़ाम तक पहुँचा है, यह किताब उसकी एक दिलचस्प झलक पेश करती है। बीसवीं सदी का पूर्वार्द्ध, जो एक तरफ़ औपनिवेशिक दासता से मुक्ति के लिए भारतीय समाज की तड़प का साक्षी बना था, वहीं दूसरी तरफ़ वर्णव्यवस्था की बेड़ियों में जकड़े दलितों और पितृसत्ता से आक्रान्त स्त्रियों के बीच जारी मन्थन और उत्पीड़न का भी सहयात्री बना था। इस दौर के अब लगभग भूले-बिसरे दो दर्जन स्त्री विषयक लेखों को संकलित करके युवा लेखक और शोधार्थी श्रीकान्त यादव ने भारतीय इतिहास के उस महत्त्वपूर्ण कालखंड के एक लगभग अदृश्य पक्ष पर रोशनी डाली है।</p> <p>समकालीन समाज में स्त्री-चिन्तन परम्परा और समकालीनता के किन दबावों को आकार दे रहा था, ‘स्त्री अलक्षित’ में संकलित लेखों से गुज़रते हुए उनकी भी शिनाख़्त होती है। विश्वास है कि स्त्री-विमर्श में रुचि रखनेवाले विद्यार्थियों, शोधार्थियों और विद्वानों के लिए यह पुस्तक अवश्य पठनीय और संग्रहणीय सिद्ध होगी।</p> <p>—कृष्णमोहन

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