Raaj Samaaj Aur Shiksha
Author:
Krishna KumarPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
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Price: ₹ 200
₹
250
Available
शिक्षा की बहसें प्रायः सरकारी नीतिपत्रों में दिए गए वायदों, घिसे-पिटे आदर्श वाक्यों या फिर प्राचीन व्यवस्था के मिथकों के इर्द-गिर्द घूमती हैं। स्कूल और कॉलेजों की दैनिक चर्चा हो या शिक्षाशास्त्र की पाठ्य-पुस्तकें—दोनों ही बच्चे के जीवित संसार और समाज के व्यापक संघर्षों से बहुत दूर जा पड़ी हैं। इस पुस्तक ने शिक्षा की बहसों को एक नई शब्दावली ही नहीं, एक नई अर्थवत्ता भी दी है। कोई आश्चर्य नहीं कि यह पुस्तक उमस के बीच ताज़ा हवा के झोंके का पर्याय बन सकने की क्षमता रखती है।</p>
<p>शिक्षा की सच्चाई को यह कृति राज्य-व्यवस्था और सामाजिक जीवन की जटिल बुनावट के बीच ढूँढ़ती है। इसे पढ़ते हुए हम बच्चों के प्रति अपनी स्वाभाविक चिन्ता को एक राजनैतिक आधार और वैज्ञानिक अभिव्यक्ति पाते हुए देखते हैं। शिक्षा को कृष्ण कुमार ने बहुत व्यापक अर्थ में लिया है, जिसमें बच्चों के लालन-पालन से लेकर उन्हें सामाजिक मूल्यबोध देनेवाली अनेक सूक्ष्म प्रक्रियाएँ शामिल हैं।</p>
<p>ज़ाहिर है, इस पुस्तक का पाठक वर्ग शिक्षा के नीतिकारों, प्रशिक्षकों और छात्रों तक सीमित नहीं है। उसमें ऐसे सभी माता-पिता भी शामिल हैं जो अपनी सन्तान के भविष्य को समाज की संरचना और राजनीति के चरित्र से अलग नहीं मानते।
ISBN: 9788171788002
Pages: 151
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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