Kala Aur Sanskriti
Author:
Vasudev Sharan AgarwalPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 400
₹
500
Available
कला और संस्कृति' समय-समय पर लिखे हुए मेरे कुछ निबन्धों का संग्रह है। 'संस्कृति' मानव जीवन की प्रेरक शक्ति और राष्ट्रीय जीवन की आवश्यकता है। वह मानवी जीवन को अध्यात्म प्रेरणा प्रदान करती है। उसे बुद्धि का कुतूहल मात्र नहीं कहा जा सकता। संस्कृति के विषय में भारतीय दृष्टिकोण की इस विशेषता का प्रस्तुत लेखों में विशद वर्णन किया गया है।</p>
<p>लोक का जो प्रत्यक्ष जीवन है, उसको जाने बिना हम मानव जीवन को पूरी तरह नहीं समझ सकते। कारण भारतीय संस्कृति में सब भूतों में व्याप्त एक अन्तर्यामी अध्यात्म तत्त्व को जानने पर अधिक बल दिया गया है। हमारी संस्कृति उन समस्त रूपों का समुदाय है जिनकी सृष्टि ही मानवीय प्रयत्नों में यहाँ की गई है। उनकी उदात्त प्रेरणाओं को लेकर ही हमें आगे बढ़ना होगा। स्थूल जीवन में संस्कृति की अभिव्यक्ति ‘कला' को जन्म देती है। कला का सम्बन्ध जीवन के मूर्त रूप से है। कला मानवीय जीवन की अनिवार्य आवश्यकता है। वह कुछ व्यक्तियों के विलास साधन के लिए नहीं होती। वह शिक्षण, आनन्द और अध्यात्म साधना के उद्देश्य से आगे बढ़ती है। इसी से जहाँ जो सौन्दर्य की परम्परा बची है, उसे सहानुभूति के साथ समझ कर पुन: विकसित करना होगा। भारतीय कला न केवल रूप विधान की दृष्टि से समृद्ध है, वरन् उसकी शब्दावली भी अत्यन्त विकसित है। समय रहते कला की पारिभाषिक शब्दावली की रक्षा करना भी हमारा आवश्यक कर्त्तव्य है।</p>
<p>अन्त में यह कहा जा सकता है कि पूर्व मानव के जीवन में जो महत्त्व धर्म और अध्यात्म का था, वही अपने वाले युग में कला और संस्कृति को प्राप्त होगा।</p>
<p>—भूमिका से
ISBN: 9789389243321
Pages: 216
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Deh Mann Madhyam Tumhare Yog Ka "देह मन माध्यम तुम्हारे योग का" Book In Hindi
- Author Name:
Praveen Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Pearl Buck Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Pearl Buck
- Book Type:

- Description: कभी-कभी उसे लगता कि वे दोनों एक-दूसरे को थोड़ा कम जान पाते हैं। यदि वह उसके परिवार की पुरानी पीढि़यों के बारे में न जानती। उसके माता-पिता गरिमामय और आनंदित रहनेवाले थे। लियू भी उसके पीछे उसके परिवार को देखता था; हालाँकि उसने कभी ऐसा कहा नहीं था। वह थोड़ा कम औपचारिक था या उसके मुकाबले में कम संवेदनशील भी। वह उसे आसानी से यह बात कह सकता था, अगर वह मँगनी तोड़ना चाहता तो...! नहीं, नहीं, वह उससे बहुत प्यार करता है, उसे इस बारे में कोई संदेह नहीं था। —इसी पुस्तक से पर्ल बक ने लंबे समय तक एक मिशनरी के रूप में समाज-कार्य किया। उस गहन अनुभव को इनकी कहानियों में साफ देखा जा सकता है। जन-समाज की ऊहापोह, पारस्परिक संबंध तथा संबंधों के बीच के प्रेम और टकराव को बड़ी खूबसूरती से उन्होंने अपनी कहानियों में उकेरा है। पठनीयता से भरपूर ये कहानियाँ पाठक के मन को छूनेवाली हैं।
Himalaya Ke Anchal Mein Prakriti Ka Sparsh
- Author Name:
Ramesh Pokhriyal 'Nishank'
- Book Type:

- Description: This Book Doesn't have Description
BPSC Bihar Shikshak Bahali "Teacher Recruitment" Class 11 To 12 Rajneeti Vigyan "Political Science" 20 Practice Sets- Book in Hindi
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
15 Practice Sets for REET Rajasthan Adhyapak Patrata Pariksha Level 2 (Class6 to 8) Samajik Adhyayan Exam 2022
- Author Name:
Kunwar Kanak Singh Rao
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Benjamin Graham Ki Biography
- Author Name:
Pushkar Kumar
- Book Type:

- Description: सन् 1976 में 82 वर्ष को आयु में जब बेंजामिन ग्राहम की मृत्यु हुई, तब वे बॉल स्ट्रीट पर बहुत प्रसिद्धि और प्रतिष्ठा प्राप्त कर चुके थे। आधुनिक सुरक्षा प्रणाली विश्लेषण की नींव रखनेवाले ग्राहम ने असंख्य शिष्यों को प्रेरित किया था और वॉरेन बफे जैसे होनहार (जो सन् 1954 में ग्राहम के लिए काम करते थे) को व्यक्तिगत रूप से परामर्श दिए थे। ग्राहम को व्यापक रूप से प्रतिभावान, सफल और नैतिक माना जाता था, जो निवेश की उथल-पुथल भरी दुनिया में तीन दुर्लभ विशेषताएँ हैं । अपने बाद के वर्षों में ग्राहम ने एक संस्मरण लिखा, जिसमें उनके रंगीन जीवन के शुरुआती दशकों के विवरण हैं । उनकी मृत्यु के दशकों बाद यह रचना अंततः प्रकाशित हो रही है। निवेशकों और इतिहास-प्रेमियों को समान रूप से आकर्षित करनेवाले विवरणों से भरपूर यह कृति सदी के सबसे समृद्ध और सबसे घटनापूर्ण जीवन में से एक को उद्घाटित करती है। ग्राहम ने न्यूयॉर्क एवं वॉल स्ट्रीट की गतिशील पृष्ठभूमि में प्रतिभा और सौभाग्य की एक अद्भुत कहानी बुनी है।
Nahin Chahiye Moksha
- Author Name:
P. K. Arya
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bahuaayami Kisunji
- Author Name:
Kedar Kanan +1
- Book Type:

- Description: प्रतिगामी सोच आ पतनशील परम्पराक दलदल मे फँसल मैथिल समाज आ ओकर प्राचीन मूल्य-मान्यता वला तथाकथित शाश्वत साहित्य केँ नव दिशा देबाक संगहि एक टा नव जमीन तलाशक जे काज साठि-सत्तरक दशक मे किसुनजी कयलनि, से साइत पछिला सत्तर साल मे केओ नइँ क सकलाह। एक्कैसम शताब्दी मे आइ किसुनजीक नव कविताक सोच भने नव नइँ लागय, मुदा ई वैह जमीन थिक जकरा तोडि़ क एक समय अग्निजीवी पीढ़ी अपना ढंगे लेखनक दिशा तय करक यथासंभव प्रयास कयलक आ आगाँ चलि क 'अंतिकाक दौर मे हमरा सभ व्यापक अर्थ मे प्रगतिशीलताक संग बहुत साहस सँ अस्मितावादी विमर्श—दलित-विमर्श, स्त्री-विमर्श, यौनिकता-विमर्श—केर सेहो बात करैत छी। आइ जखन कि फेर सँ यथास्थितिवादी, वैदिक कर्मकांडी मूल्य-मान्यतावला सोचक आग्रही प्रबल भ उठल अछि; बहुत रास कवि-कथाकार अपना लेखन मे लोक-परम्परा आ 'खाँटी मैथिलपनक नाम पर पुनरुत्थानवादी मूल्य-मान्यता, बिम्ब आ प्रतीक लादने जा रहल अछि। सायास स्त्री केँ अनुगामिनी आ पारंपरिक, कर्मकांड केँ उपयोगी, मुस्लिम केँ सन्देहास्पद, दलित केँ निठल्ला आ कृषि-विरोधी देखेबाक प्रचलन मैथिली मे एम्हर खूबे बढ़ल अछि। एकर प्रतिकार लेल किसुनजीक प्रयास हमरा सभक सोझाँ प्रेरक जकाँ अछि—हम सब नव तरहें, मुदा सामूहिक प्रयास करी। भविष्यक बाट पर सँ काँट-कूस हटेबा लेल जखन फेर सँ संघर्षक बेगरता भ गेल अछि; किसुनजी पर लिखित अनेक लेखकक संस्मरण आ मूल्यांकनपरक लेख सँ भरल ई संपादित किताब पढ़ब साइत बहुत उपयोगी सिद्ध हैत। —गौरीनाथ
Janakalyan Ki Yatra : Shivraj Singh Chouhan (Vidhansabha Mein Diye Mere Bhashan (Set of Volumes 1, 2 & 3)
- Author Name:
Shivraj Singh Chauhan
- Book Type:

- Description: शिवराज सिंह चौहान — 5 अप्रैल, 1959 को मध्यमवर्गीय परिवार में जन्म श्री शिवराज सिंह चौहान अपनी सादगी, सहजता और कर्मठता के लिए राजनीति में अलग पहचान रखते हैं। उन्हें विरासत में राजनीति नहीं मिली। दर्शनशास्त्र में स्वर्ण पदक के साथ स्नातकोत्तर की शिक्षा पानेवाले शिवराज को आपातकाल का विरोध करने के कारण स्कूली जीवन में ही जेलयात्रा करनी पड़ी। अपने आरंभिक राजनीतिक काल में ही वे एक कुशल वक्ता के रूप में स्थापित हो गए थे। उनकी यह विशेषता उनके भाषणों में देखी जा सकती है। विद्यार्थी काल से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहनेवाले शिवराज ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपनी यात्रा आरंभ करते हुए भारतीय जनता युवा मोर्चा में प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व प्रदान किया। 1990 में पहली बार बुधनी विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी से विधायक निर्वाचित हुए और अगले ही वर्ष विदिशा लोकसभा से उपचुनाव लड़कर सांसद चुने गए। उसके बाद 1996, 1998, 1999 व 2004 में लगातार सांसद निर्वाचित हुए। 2005 में पार्टी ने उन्हें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी। वे मध्यप्रदेश में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहनेवाले राजनीतिज्ञ हैं। शुरुआती राजनीतिक जीवन में पैदल यात्रा करने के कारण वे 'पाँव-पाँववाले भैया' कहलाए तो मुख्यमंत्री के रूप में जन कल्याणकारी कार्यक्रमों के चलते प्रदेश की जनता ने उन्हें अपना “मामा' मान लिया सांसद रहते हुए 2003 के विधानसभा चुनाव को छोड़कर कभी भी चुनावी पराजय का सामना नहीं करना पड़ा। मध्य प्रदेश विधानसभा में दिए गए अपने भाषणों में उन्होंने सदन की गरिमा और मर्यादा को हमेशा बनाए रखा। विरोधियों पर कटाक्ष और तर्कपूर्ण हमलों के साथ ही उनके प्रति आदरभाव में कभी कोई कमी नहीं आने दी। उन्होंने प्रदेश के विविध पहलूओं के अलावा समसामयिक विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए, जिनमें विकास की उनकी दृष्टि व अवधारणा समाहित रहती है तो सामाजिक मुद्दों पर उनका दृष्टिकोण व सोच उजागर होती है।
Bharat Mein Praudh Shiksha
- Author Name:
Dr. J.C. Agrawal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Weight Loss Ke 101 Tips
- Author Name:
Dr. Anil Chaturvedi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Blood In The Sea: The Dark History Of Hindu Oppression In Goa
- Author Name:
Vinay Nalwa
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Chanakya Neeti
- Author Name:
R.P. Jain
- Book Type:

- Description: Chanakya was an Indian teacher, philosopher and royal advisor. He managed the first Maurya emperor Chandragupta's rise to power at a young age. He is widely credited for having played an important role in the establishment of the Maurya Empire, which was the first empire in archaeologically recorded history to rule most of the Indian subcontinent.Chanakya is traditionally identified as Kautilya or Vishnu Gupta, who authored the ancient Indian poltical treatise called Arthasastra. As such, he is considered as the pioneer of the field of economics and political science in India, and his work is thought of as an important precursor to Classical Economics.Chanakya Neeti is a treatise on the ideal way of life, and shows Chanakya�s deep study of the Indian way of life. Chanakya also developed Neeti-Sutras (aphorisms�pithy sentences) that tell people how they should behave. Of these well-known 455 sutras, about 216 refer to rajaneeti (the do,s and don�ts of running a kingdom). Apparently, Chanakya used these sutras to groom Chandragupta and other selected disciples in the art of ruling a kingdom.
Nirmal Verma Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Nirmal Verma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kavita Laut Pahi
- Author Name:
Kailash Gautam
- Book Type:

-
Description:
कैलाश गौतम एकदम नए ढंग की भाषा लेकर आए हैं। ऐसी भाषा हिन्दी के इस दौर में कहीं नहीं दिखती। धूमिल के पास भी ऐसी भाषा नहीं थी।
—नामवर सिंह
कैलाश गौतम की कहानियों का प्रशंसक रहा हूँ। इनकी अनेक रचनाओं का लोकधर्मी रंग और ग्राम्य संस्कृति का टटकापन इन्हें एक ऐसी भंगिमा देता है, जो आसानी से इस विधा के दूसरे रचनाकारों में नहीं मिलती?
—श्रीलाल शुक्ल
कैलाश गौतम जैसे प्रथम कोटि के गीतकार निर्भय होकर अपने जीवन परिवेश, पारिवारिकता सबको अपने काव्य में मूर्त करने में लगे हैं। कैलाश गौतम जैसे वास्तविक कवि अपनी संस्कृति से एक क्षण को भी पृथक् नहीं होते। जयदेव, विद्यापति, निराला के बाद ये कविताएँ ऐसी रचनात्मक बयार हैं, जिनका स्वागत किया ही जाना चाहिए।
—श्रीनरेश मेहता
कैलाश गौतम की रचनाओं का रंग बिलकुल अनोखा है, कितनी सादगी से तन-मन की बारीक संवेदनाओं को उकेर देते हैं। इतनी मीठी पारदर्शी संवेदनाएँ ऐसी सौन्दर्य चेतना जाने क्या-क्या लौटा जाती हैं, वह सब जो तीस-पैंतीस बरस से हिन्दी कविता में खोया हुआ था।
—धर्मवीर भारती
कैलाश गौतम जमात से बाहर के कवि हैं। इनकी कविताओं में ताज़गी है, उबाऊपन नहीं। वे लोकमन के कवि हैं।
—दूधनाथ सिंह
BPSC Bihar Secondary School (Special) Teacher Eligibility Test Sakshamta Pariksha | Class 6-8 "गणित एवं विज्ञान" Maths & Science 15 Practice Sets (Hindi)
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kantha
- Author Name:
Shyam Bihari 'Shyamal'
- Book Type:

-
Description:
मूर्धन्य साहित्यकार जयशंकर प्रसाद का साहित्य सर्वसुलभ है लेकिन उनके ‘तुमुल कोलाहल’ भरे जीवन की कहानी से दुनिया अब तक प्रायः अपरिचित रही है। ऐसे में, प्रसाद के महाप्रयाण के आठ दशक बाद उनकी जीवन-कथा को पहली बार पूरे विस्तार से प्रस्तुत करनेवाले उपन्यास ‘कंथा’ का महत्त्व स्वयंसिद्ध है।
सुपरिचित कथाकार श्याम बिहारी श्यामल ने अपनी इस कृति में प्रसाद का जीवन-चित्र तो आँका ही है, बीसवीं सदी के आरम्भिक दौर के उस पूरे परिदृश्य को उसके सम्पूर्ण रूप-गुण, राग-रंग और घात-प्रतिघातों के साथ साकार कर दिया है, जिसमें प्रसाद का कृती-व्यक्तित्व विकसित हुआ था।
श्यामल ने इस उपन्यास में प्रसाद के युग का जो चित्र उकेरा है, उसमें मदन मोहन मालवीय, महावीरप्रसाद द्विवेदी, प्रेमचन्द, सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’, शिवपूजन सहाय, महादेवी वर्मा, रामचन्द्र शुक्ल, केशव प्रसाद मिश्र, रायकृष्ण दास, विनोदशंकर व्यास, कृष्णदेव प्रसाद गौड़ आदि अनेक विभूतियों को कथा-चरित्र के रूप में सक्रिय देखना पाठक के लिए अविस्मरणीय अनुभव होगा।
प्रसाद के युग को रचने के लिए इस उपन्यास में लेखक ने जिस भाषा और दृश्यबद्ध शैली को गढ़ा है, वह न सिर्फ़ उसकी विशिष्ट रचनाशीलता का प्रमाण है, बल्कि पाठकों को भी विरल अनुभव प्रदान करनेवाला है।
RASHTRABHAKT KAVYITRI SUBHADRA KUMARI CHAUHAN
- Author Name:
Ed. Rajasvi
- Book Type:

- Description: """खूब लड़ी मरदानी वो तो झाँसीवाली रानी थी...’ इन पंक्तियों का उद्घोष होते ही इनकी लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान का नाम मन में कौंध जाता है। वीररस से ओत-प्रोत कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म 16 अगस्त, 1904 को इलाहाबाद के निहालपुर गाँव में हुआ। वे बचपन से कविता लिखने लगी थीं। उनकी कविताओं ने उन्हें पूरे स्कूल में लोकप्रिय बना दिया था। महादेवी वर्मा उनकी बचपन की सहेली थीं। दोनों का साथ लंबे समय तक बना रहा। सुभद्रा की पढ़ाई हालाँकि नौवीं कक्षा के बाद ही छूट गई, लेकिन उनके साहित्य की गहराई से यह अभाव जरा भी नहीं खटकता। वे कांग्रेस की कार्यकर्ता रहीं और बापू की लाडली रहीं। जबलपुर में वर्ष 1922 का ‘झंडा सत्याग्रह’ देश का ऐसा पहला सत्याग्रह था, जिसमें सुभद्रा पहली महिला सत्याग्रही थीं। सुभद्रा बचपन से दबंग, विद्रोही और वीरांगना थीं। उनकी रचनाओं में उनकी स्वाभाविक अभिव्यक्ति देखी जा सकती है। उन्होंने लगभग 88 कविताओं और 46 कहानियों की रचना की, जिसमें अशिक्षा, अंधविश्वास, जातिप्रथा आदि रूढि़यों पर प्रहार किया गया है। ‘झाँसी की रानी’ उनकी सदाबहार रचना है, जो आज भी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल है और जल्दी ही बच्चे उससे स्वयं को जोड़ लेते हैं। ‘बिखरे मोती’, ‘उन्मादिनी’ और ‘सीधे-सादे चित्र’ उनके तीन लोकप्रिय कहानी-संग्रह हैं। 44 वर्ष की अल्पायु में 15 फरवरी, 1948 को कार द्वारा नागपुर से जबलपुर लौटते समय एक सड़क दुर्घटना में उनका निधन हो गया।"
Mahila Patrakarita
- Author Name:
Sudha Shukla
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Media Vishwakosh (Encyclopaedia of Media)
- Author Name:
Anish Bhasin
- Book Type:

- Description: "वर्तमान में मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, एडवरटाइजमेंट, पब्लिक रिलेशन एवं ट्रेडिशनल मीडिया जैसे प्रचलित रूपों तक ही सीमित नहीं रहा है। आज उद्योग के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन होती प्रगति के साथ ही कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन तथा ऑनलाइन (इंटरनेट) जर्नलिज्म के साथ-साथ ‘सोशल मीडिया’ भी अस्तित्व में आ गया है। मीडिया से संबंधित विषयों पर पिछले एक-दो दशकों में अनेक ग्रंथ अंग्रेजी में तो प्रकाशित हुए हैं परंतु पत्रकारिता (जर्नलिज्म) के विभिन्न माध्यमों पर विश्वकोश एवं शब्दकोश का अभाव रहा है। इसी अभाव की पूर्ति है यह ‘मीडिया विश्वकोश’। पुस्तक में मीडिया एवं जनसंचार के विविध माध्यमों एवं नए आयामों, जैसे—रेडियो, टेलीविजन, टी.आर.पी, स्टिंग जर्नलिज्म, मल्टीमीडिया, इंटरनेट, सेटैलाइट टी.वी., न्यूज मीडिया, ऑनलाइन एडिटिंग, सोशल मीडिया, फेसबुक, ट्वीटर, ऑरकुट, लिंक्ड-इन, यू-ट्यूब, स्काइप, टेबलेट कंप्यूटर, आइ-पैड, आइ-फोन, विकिपीडिया आदि लगभग छह सौ पारिभाषिक शब्दों का विस्तृत, प्रामाणिक एवं तथ्यात्मक विवेचन किया गया है। यह ‘मीडिया विश्वकोश’ पत्रकारिता के संदर्भ में सामान्य जानकारी की इच्छा रखनेवाले पाठक से लेकर संबंधित क्षेत्र के विद्यार्थियों एवं मीडिया विषयक विभिन्न प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध होगा। इसके अतिरिक्त मीडिया कर्मियों, संपादक, उपसंपादक, रिपोर्टर एवं लेखक आदि के लिए भी समान रूप से उपादेय ग्रंथ।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...