Josh, Jazba Aur Junoon "जोश, जज्बा और जुनून" | Hindi Version of Soldiering ON | Ambreen Zaidi
Author:
Ambreen ZaidiPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 320
₹
400
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789355217486
Pages: 216
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Nehru Banam Subhash
- Author Name:
Rudrangshu Mukherjee
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Johannes Kepler
- Author Name:
Manjari Sinha
- Book Type:

- Description: केपलर का जन्म सन् 1571 में दक्षिणी जर्मनी के एक शहर वाइल में हुआ था। अभी वह चार साल के ही थे कि चेचक के शिकार हो गए। इससे उनकी आँखें बहुत कमजोर हो गईं और हाथों से लगभग अपंग ही हो गए। इन सब बाधाओं के बावजूद केपलर बचपन से ही एक प्रतिभाशाली विद्यार्थी थे। चर्चों की व्यवस्थापक संस्था ने उनका भविष्य निर्धारित कर दिया और वे धर्म विज्ञान का अध्ययन करने के लिए ईसाइयों के ‘गुरुकुल’ में दाखिल हो गए। उन्होंने ट्यूविंजेन विश्वविद्यालय की छात्रवृत्ति उपार्जित की। यहाँ वे कोपरनिकस के विचारों के संपर्क में आए, जैसे किस प्रकार ग्रह-नक्षत्र सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हैं। गणित पर आधारित नक्षत्रों की गतिविधि का ‘सूक्ष्म’ अध्ययन जहाँ उनका विषय था, वहाँ उन्होंने मूर्त आकृतियों, धन वर्ग, चतुष्फलक, अष्टफलक, द्वादशफलक तथा विशंतिफलक की पूर्णता के संबंध में भी एक अंतर्सूत्र सा, एक ‘स्थूल’ नियम सा प्रस्तुत करने की कोशिश की। केपलर ने विज्ञान के अन्य क्षेत्रों में भी अन्वेषण किए। मानव दृष्टि तथा दृष्टि विज्ञान के संबंध में जो स्थापनाएँ उन्होंने विकसित कीं, उनका प्रकाश के ‘अपसरण’ के क्षेत्र में बहुत महत्त्व है। इस पुस्तक में जोहैनीज केपलर की जीवनकथा का रोचक एवं प्रेरक वर्णन है।
Share Market Mein Munafe Ke Mantra
- Author Name:
Sudha Shrimali
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BPSC Bihar Public Service Commission General Studies 20 Practice Sets Preliminary Competitive Examination 2024 Including Solved Papers of Previous Year
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BPSC Bihar Public Service Commission General Studies Combined Competitive Preliminary Exam (Solved Papers 1992–2023)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sarvswant
- Author Name:
Saketanand
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Empowering Children With Disabilities
- Author Name:
Sanjay Prasad, Deepa Sonpal +1
- Book Type:

- Description: Contributors — Pgs. 9 Acknowledgments — Pgs. 19 Introduction Sanjay Prasad, Deepa Sonpal and Suman Vaishnav — Pgs. 21 1. Government of India’s Initiatives for Children with Disabilities (CWD) Stuti Narain Kacker — Pgs. 43 2. Rights of Persons with Disabilities Act-2016: A Report of Initiatives by the Government of Gujarat Kamal Kumar Dayani — Pgs. 67 3. Understanding Disability Shabnam Rangwala — Pgs. 83 4. Rights Based Approach to Disability and Development: A Conceptual Frame-work Victor John Cordeiro — Pgs. 109 5. Childhood and Disability: A Forgotten Discourse of Inclusion Bubai Bag — Pgs. 137 6. Socialised into (Dis)Ability: Experiences of Disabled Children in India Nandini Ghosh — Pgs. 156 7. Children on the Brink – Emerging Practices for Inclusion of Children with Deafblindness Akhil S.Paul — Pgs. 178 8. Girl Children with Disabilities in India Asha Hans — Pgs. 194 9. Inclusion and Inclusive Education Shabnam Rangwala — Pgs. 213 10. Environmental Design Considerations For Children With Autism Rachna Khare — Pgs. 233 11. Revisiting Child Rights: Explorations of Disability in a Rural Context Manoj Joseph and Srilatha Juvva — Pgs. 266 12. Promoting Education of Children with Mental Retardation at Secondary Level of Education: The Way Ahead Bhushan Punani — Pgs. 294 13. Towards UNCRPD in practice: Learning from Inclusive Practices in Education Deepa Sonpal and Vanmala Sunder Hiranandani — Pgs. 318 14. Challenges and Concerns of Providing Vocational Education to Children with Disabilities in India Priyanka Behrani — Pgs. 341 15. Skill Training for Adolescents with Disabilities: A Study of Industrial Training Institutes in Jharkhand, India Deepa Palaniappan and Praveen Kumar — Pgs. 360 16. Universal Design India Principles; a Contextual Framework for Universal Design Practice in India Rachna Khare — Pgs. 388 17. Adoption of Universal Design for Learning for Meaningful Inclusion Tanmoy Bhattacharya — Pgs. 404 18. Gaps in Inclusive Education for Children with Disabilities In India: Experience of National Platform for the Rights of the Disabled Muralidharan. V — Pgs. 425 19. Rights of Children with Disabilities: Strategic Choices for Inclusive Development Deepa Sonpal — Pgs. 446 20. A Child With Disability Has Equal Right To Free And Compulsory Education Krishna Pal Malik — Pgs. 469 21. Realigning Social Protection and Security Interventions for Persons with Disabilities in India Deepa Sonpal — Pgs. 494 22. A Disability Perspective on Economic Reforms in India Vanmala Sunder Hiranandani and Deepa Sonpal — Pgs. 518
Mauritius Ki Swarnim Smritiyan
- Author Name:
Ramesh Pokhriyal 'Nishank'
- Book Type:

- Description: मॉरीशस भारत से दूर ' एक और भारत ' की अनुभूति करानेवाली यात्रा है । माँ गंगा की एक और धरती का साक्षात् दर्शन- ' गंगोतरी से गंगा सागर ' जैसी । मॉरीशस उन पुरखों की जीवटता की कहानी है, जिन्होंने दासता की दारुण यंत्रणाओं के बीच भी अपनी संस्कृति व संस्कारों को बचाए रखा । नई पीढ़ियों ने इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए अपनी जन्मभूमि मॉरीशस को समृद्ध, सुसंस्कारित ही नहीं बल्कि मातृभूमि भारत का जीवंत प्रतिरूप ही बना दिया । यही नहीं, दास बनाकर लाए गए पुरखों की इन संततियों ने स्वयश से यशस्वी बनकर आज यहाँ की बागडोर भी सँभाल ली है । जो लोग कठिन-से-कठिन स्थितियों में भी हार माननेवाले नहीं होते, स्वयं यश अर्जित करनेवाले, सबके प्रति सरल होते हैं, और मन में जो ठान लिया, उसे कर दिखानेवाले होते हैं ऐसे कर्मठ लोग ही मनुष्यों में शिरोमणि होते हैं । प्रस्तुत पुस्तक में मॉरीशस की सांस्कृतिक झाँकी, पर्व, त्योहार, वेश- भूषा, खान-पान तथा विकसित मॉरीशस की विकास-यात्रा सरसता से सँजोई गई है । मॉरीशस की स्वर्णिम स्मृतियों का झरोखा है यह पुस्तक ।
BPSC TRE 3.0 Bihar Teacher Recruitment Class 9-10 "Vigyan" Science | 20 Practice Sets (Hindi)
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bharatiya Jnan Parampara Aur Vicharak
- Author Name:
Rajaneesh Kumar Shukla
- Book Type:

- Description: "भारत की सनातन-सांस्कृतिक परंपरा समावेशी, करुणाप्रधान एवं समतामूलक रही है। समय के झंझावातों, विदेशी आक्रांताओं के प्रहारों और तकनीक की चकाचौंध ने इसके बाह्य स्वरूप को प्रभावित अवश्य किया है लेकिन मूल रूप में समस्त चराचर जगत् को स्वयं का रूप मानने की भारतीय-दृष्टि आज भी लोकजीवन में अपना स्थान बनाए हुए है। आचार्य रजनीश शुक्ल की यह पुस्तक भारतीय समाज, इतिहास, संस्कृति, राष्ट्र-निर्माण, आत्मनिर्भरता, पत्रकारिता आदि विषयों को सारगर्भित तरीके से प्रस्तुत करती है और ऐसा करते हुए वह गौतमबुद्ध, कबीर, तुलसीदास, गांधी, विनोबा, आंबेडकर, वीर सावरकर और पं. दीनदयाल उपाध्याय जैसे मनीषियों को उद्धृत करते हैं, जिससे उनके विचार एक सनातन ज्ञानपरंपरा के वाहक के रूप में दिखलाई देते हैं। —रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ (केंद्रीय शिक्षा मंत्री, भारत सरकार ) आचार्य रजनीश कुमार शुक्ल ने इस कृति में भारतीय ज्ञानपरंपरा को उसके वर्तमान व्यापक संदर्भ में देखा है। वे अपनी परिपुष्ट दार्शनिक पृष्ठभूमि के कारण प्राचीन भारतीय चिंतन के विविध आयामों पर अधिकार रखते हैं तथा समकालीन पश्चिमी विचार और दर्शन के साथ-साथ आधुनिक भारतीय दर्शन एवं चिंतन पर भी उनकी वैसी ही पकड़ है। यह पुस्तक एक नई बहस को आरंभ करेगी। —प्रो. कमलेशदत्त त्रिपाठी कुलाधिपति, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा पिछले दो दशकों में पूरे विश्व की सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक संरचना में व्यापक बदलाव आया है। इस परिदृश्य में भारत एक बार फिर से विश्वगुरु बन सकता है—इसमें कोई संदेह नहीं है। हालाँकि कुछ लोग असहमत हो सकते हैं। राष्ट्रीय चिंतक यह मानते हैं कि भारत की सांस्कृतिक विशिष्टता में विश्वगुरु बनने के बीज-तत्त्व विद्यमान हैं। यहाँ का जन अपनी पहचान से भारत को विशिष्ट बनाए हुए है। भारतीय चिंतन और भारतीय दृष्टि मनुष्य को एक संपोष्य जीवन प्रणाली दे सकती है और यही वह कारण है जिससे भारत को विश्वगुरु बनना ही है, इसे कोई रोक नहीं सकता है। इस लघु संग्रह में इसकी पड़ताल करने की कोशिश की गई है। इसमें भारतीय ज्ञानपरंपरा के सनातन प्रवाह की विविध धाराओं के रूप में समझने की कोशिश की गई है। इस धारा को प्रवाहित करने में योगदान करनेवाले कुछ विचारकों की विचार-सरणि का निदर्शन करने का यह एक विनम्र प्रयास भी है। विश्वास है कि अनादि से अनंत तक विस्तृत भारत की ज्ञानयात्रा को समझने में यह लघुतम प्रयास पाठकों को सार्थक लगेगा। "
How to Make Profit in Share Market
- Author Name:
Mahesh Chandra Kaushik
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Teen Din, Do Raten
- Author Name:
Virendra Jain
- Book Type:

- Description: "इतना सुख है जीवन में! इतना कुछ है मेरे मन में! और अब तक मैं इससे वंचित था, अनजान था! भारतीय मध्यवर्ग में बढ़ती बाजारवाद, उपभोक्तावाद और भोगवाद की प्रवृत्तियों के संदर्भ में इससे बेहतर स्वीकारोक्ति नहीं हो सकती। लालसाएँ आदमी को घेरे रहती हैं, कुछ प्रत्यक्ष रूप में सामने आती हैं, तो कुछ अंतस में दबी रहती हैं और अनुकूल अवसर पाते ही पूर्ति हेतु सिर उठाने लगती हैं। लगता है जैसे आधुनिकतम महानगरीय मध्यवर्ग अपनी सभी लालसाओं की पूर्ति के लिए बेताब है। इसमें दो फाड़ की नौबत आ चुकी है। एक जो खुलकर इस खुलेपन को जी रहा है और दूसरे के पास आर्थिक संसाधन कम पड़ रहे हैं। ऐसे में उसे जब मौका मिलता है तो वह इसे जीने के लिए अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ता। बाजार इस वर्ग की मजबूरी और इच्छाओं को समझते हुए हमेशा चारा फेंकने की जुगत में रहता है। वह गैर-जरूरी चीजों के प्रति भी भ्रमपूर्ण लगाव पैदा कर भावनाओं का दोहन करने से नहीं चूकता। एक नई उपभोक्ता संस्कृति साकार ही नहीं हो रही, दिन-ब-दिन विकराल भी होती जा रही है। कुशल व्यवसायी सिर्फ माल नहीं बेच रहे, बड़ी चालाकी से विचार भी प्रत्यारोपित कर रहे हैं। उदारवाद के पीछे की चालाकी और चतुराई को उजागर करना नितांत आवश्यक हो गया है। ‘तीन दिन, दो रातें’ एक इनामी किस्से की कथा के बहाने इसी ज्वलंत समस्या को परत-दर-परत बेनकाब करता है। प्रसिद्ध लेखक वीरेंद्र जैन की यह खासियत है कि वे अपनी चुटीली भाषा-शैली के जरिए कथानक को चरम पर ले जाते वक्त भी यथार्थ को सहेजते हैं। इसीलिए उनका यह उपन्यास भौतिकवाद के विनाशकारी परिणामों का पुख्ता दस्तावेज बन पड़ा है।
Prayojan Mulak Hindi
- Author Name:
Madhav Sontake
- Book Type:

-
Description:
डॉ. माधव सोनटक्के ने अत्यन्त सजगता और परिश्रम से यह पुस्तक लिखी है। राजभाषा होने के तर्क से हिन्दी भाषा का प्रयोग तो बढ़ा ही है, संचार-साधनों और माध्यमों के कारण प्रयोजन भी बदले हैं और तेज़ी से बदल रहे हैं। कम्प्यूटर क्रान्ति ने भाषा की प्रकृति को ही प्राय: बदल डाला है। इस प्रकार सम्प्रेषण तकनीक और प्रयोजनों के आपसी तालमेल से भाषा का चरित्र निरन्तर बदल रहा है। प्रयोजनमूलकता गतिशील है—स्थिर नहीं। इसलिए प्रयोजनों के अनुसार भाषा-प्रयोग की विधियाँ ही नहीं बदलती हैं, वाक्य गठन और शब्द चयन भी बदलता है। बहुभाषी समाज में सर्वमान्यता और मानकीकरण का दबाव बढ़ता है। ऐसे में प्रयोजनमूलक हिन्दी केवल वैयाकरणों और माध्यम विशेषज्ञों की वस्तु नहीं रह जाती।
कार्यालयी आदेशों और पत्र-व्यवहारों आदि के अतिरिक्त उसका क्षेत्र फैलता जाता है। इसलिए आज वही पुस्तक उपयोगी हो सकती है जो छात्रों को भाषा के मानकीकृत रूपों और सही प्रयोगों के अलावा प्रयोजनों के अनुसार भाषा में होनेवाले वांछित परिवर्तनों के बारे में भी बताए। प्रयोजनवती भाषा के इस स्वरूप की आवश्यकता छात्र के लिए ही नहीं, हर उस व्यक्ति के लिए आवश्यक है जो इस बाज़ार प्रबन्धन के युग में रहना चाहता है। डॉ. माधव सोनटक्के लिखित इस पुस्तक में इन समस्याओं का निदान खोजने का प्रयत्न किया गया है। उन्होंने परम्परागत प्रयोजनमूलकता से भिन्न प्रयोजनों में भाषा के प्रयोग और उस माध्यम या क्षेत्र की जानकारी देने का अच्छे ढंग से प्रयत्न किया है। कम्प्यूटर में हिन्दी प्रयोग अध्याय इसका उदाहरण है। प्रत्यक्षत: इसका विषय से सीधा सम्बन्ध नहीं है, परन्तु प्रौद्योगिकी और भाषा के सम्बन्ध और प्रयोग की दृष्टि से यह अत्यन्त आवश्यक है। इस प्रकार की जानकारी से पुस्तक की उपादेयता और समकालीनता दोनों बढ़ी है।
अनुवाद आजकल विषय के रूप में पढ़ाया जाने लगा है। इस पुस्तक में अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए उसका बहुत सावधानी से विचार किया गया है। परम्परागत विषयों पर लिखते समय लेखक ने आवश्यकता, प्रचलन, व्यावसायिकता पर ही ध्यान नहीं रखा है, बल्कि वांछित प्रभाव पर भी बल दिया है, जो भाषा की प्रयोजनमूलकता का अनिवार्य लक्षण है।
‘व्यापार और जन-संचार माध्यम’ अध्याय इस पुस्तक की विशेषता है। विज्ञापन की भाषा पर लेखक ने आकर्षण और प्रभाव की दृष्टि से विचार किया है, जो आज पठन-पाठन के लिए ही नहीं, वाणिज्य व्यवसाय की दृष्टि से भी आवश्यक है। पुस्तक का महत्त्व इससे और बढ़ गया है। एक दृष्टि से यह व्याकरण से अधिक महत्त्वपूर्ण हो गया है।
व्याकरण से सम्बद्ध भाग इस अर्थ में अधिक सटीक और तर्कसंगत है। इसमें भाषा पर विचार वास्तविक कठिनाई के आधार पर भी किया गया है। सामान्य त्रुटियों के अतिरिक्त पुस्तक में ग़लत प्रचलनों पर भी विचार किया गया है। मानकीकरण की दृष्टि से लेखक ने वर्तनी के प्रयोग पर अलग से गम्भीरता से लिखा है।
अनुभागों में विभक्त यह पुस्तक छात्रों के लिए आज की दृष्टि से सर्वाधिक उपयुक्त तो है ही, उन पाठकों को भी इससे लाभ होगा जो सामान्य हिन्दी और विविध प्रयोजनों के अनुसार बदलनेवाली भाषा-प्रयोग-विधियों के बारे में जानना चाहते हैं।
Jamsetji Tata: A Complete Biography
- Author Name:
Prashant Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BPSC Bihar Teacher Recruitment Class 6 to 8 Samanaya Adhyayan (General Studies) 20 Practice Sets Book in Hindi
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Tyagveer Swatantrata Senani : Pt. Lakhanlal Mishra
- Author Name:
Ramesh Nayyar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Chir Parayi
- Author Name:
Kadambari Mehra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BPSC TRE 3.0 Bihar Teacher Recruitment Class 1-12 "Samanya Adhyayan" General Studies Part-2 | Complete Study Guide (Hindi)
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sapanon Bhare Din
- Author Name:
Ramdarash Mishra
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
POSITIVE THINKING (ENG-PB)
- Author Name:
Napoleon Hill
- Book Type:

- Description: Personality Development is not possible without positive thinking. This attitude only has the capacity to open the doors of success for you. This book inspires you to abandon negativity (pessimism) and to think with an open mind. With its aid, you can transform your life. It has a collection of keys to your success – P.M.A (Positive Mental Attitude). By following the practical principles prescribed so lucidly and clearly in this book you can achieve P.MA materialize your dreams. So come, brace yourself for flying high and getting inspired by your indomitable will and determination, touch newer peaks of success in life. A must read book for those who want to succeed in life.
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...