Aurat : Astitva Aur Asmita

Aurat : Astitva Aur Asmita

Authors(s):

Arvind jain

Language:

Hindi

Pages:

216

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

432 mins

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Book Description

महिला लेखन पर साहित्य की यह ऐसी महत्त्वपूर्ण पुस्तक है, जिसे लौन्घकर समकालीन साहित्य-जगत में स्त्री-विमर्श के सन्दर्भ में कुछ कहना असंभव नहीं तो कठिन जरूर साबित होगा । आपकी दृष्टि भविष्य की उस स्त्री पर है, जो संघर्ष करते हुए समग्र पितृसत्तात्मक व्यवस्था के विरुद्ध एक चुनौती बनकर कड़ी हो सके । एक मनोवैज्ञानिक की भांति अप स्त्री के अतीत के लौटकर उसके मानस का विश्लेषण करते हुए, उसके सामाजिक परिवेश को तौलते हैं । शायद यही कारण है कि आपकी विश्लेषण पद्धति, भाषा और वर्णन शैली में मुझे न केवल एक नयापन लगा बल्कि एक गहरी अन्तदृष्टि का भी परिचय मिला । ऐसा लगा मनो इस विमर्श के द्वारा आप आलोचना के कुछ नए प्रतिमानों को भी निर्मित कर पाएँगे । आपके लेखन में इस नई स्त्री=चेतना को देखने-समझने का जितना आग्रह्हाई, उतना ही आपकी आलोच्य अभिव्यकिमे पाठकीय अनुभव का एक ताजा स्पंदन भी । वकील होने की वजह से आप स्थापित सिद्धान्तों के विश्लेषण के दौरान आप जो जिरह करते हैं, वह न केवल पाठक को आंदोलित करती है बल्कि उन्हें भी आलोचना का नया दृष्टिकोण देती है । प्रस्तुत पुस्तक में आपकी बहस का केन्द्रीय मुद्दा उपन्यासों में वर्णित घटनाओं की कानूनी एवं सामाजिक प्रमाणिकता को लेकर है तथा इसके माध्यम से आपने उस व्यापक सांस्कृतिक परिवेश का अध्ययन करना चाह है, जो स्त्री-लेखन का स्रोत रहा है । किसी भी अध्ययन के इस आंतरिक अनुशासन पक्ष पर आपने संतुलन बनाए रखा है । आपके लेखन की सबसे बड़ी विशिष्टता यही है कि आपने स्त्री-संस्कृति तथा उसके संघर्ष के इतिहास को समेटने व् समझने का और उस समझ को साहित्यिक अभिव्यक्ति देने का प्रयास किया है ।

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