Business Impacted by Various Pandemic (Series-3)
Author:
Dr.Sanjay RoutPublisher:
ISL PUBLICATIONSLanguage:
EnglishCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 170
₹
200
Available
The impact of various pandemics on businesses is well documented. But, what about the ripple effect these events have on other aspects of our daily lives? In this fourth part of a series on how business is affected by international and health issues, In the book Business Impacted by Various Pandemic (Series-3) Dr Sanjay Rout sheds light on the circumstances that lead to business disruptions around the world and in India.
ISBN: 8222664798
Pages: 245
Avg Reading Time: 8 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Khandit Bharat
- Author Name:
Rajendra Prasad
- Book Type:
CHITRAKALA KARNA SEEKHEN
- Author Name:
PUSHPA TETE
- Book Type:
- Description: Awating description for this book
Maaya : A Tryst With Self
- Author Name:
Minal Arora
- Book Type:
- Description: Awating description for this book
Madhya Pradesh Uchch Madhyamik Shikshak Patrata Pariksha Rajniti Shastra Practice MCQs (MPTET Higher Secondary Teacher Political Science Practice Sets in Hindi)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:
- Description: Awating description for this book
Lapata Ladaki
- Author Name:
Arvind jain
- Book Type:
-
Description:
वह निस्संग है, आखेटित है, लापता है। वही यहाँ है। परम्पराएँ उसे लापता करती हैं। बाज़ार उसे निस्संग और उसका आखेट करता है। हर धर्म, हर जाति उसके संग ऐसा ही सलूक करती है।
ये कहानियाँ इसी स्त्री या लिंग संवेदनशीलता से शुरू होती हैं और इस लापता कर दी गई स्त्री की खोज का आवेशमय विमर्श बन जाती हैं। ये औरत को किसी घटना या क़िस्से के ब्योरे में नहीं दिखातीं, उसे खोजती हैं, बनाती हैं और जितना बनाती हैं, पाठक को उतना ही सताती हैं।
स्त्री-लेखन स्त्री ही कर सकती है, यह सच है लेकिन ‘स्त्रीवादी’ लेखन पुरुष भी कर सकता है—यह भी सच है। यह तभी सम्भव है, जब वह लिंग भेद के प्रति आवश्यक संवेदनशील हो, क्योंकि वह पितृसत्ता की नस-नस बेहतर जानता है। मर्दवादी चालें! मर्दों की दुनिया में औरत एक जिस्म, एक योनि, एक कोख भर है और मर्दों के बिछाए बाज़ार में वह बहुत सारे ब्रांडों में बन्द एक विखंडित इकाई है।
अरविन्द, जो बहुत कम कहानी लिखते हैं, इस औरत को हर तरह से, हर जगह पूरी तदाकारिता से खोजते हैं। अरविन्द कहीं पजैसिव हैं, कहीं कारुणिक हैं, लेकिन प्रायः बहुत बेचैन हैं। यहाँ स्त्री के अभिशाप हैं जिनसे हम गुज़रते हैं। मर्दों की दुनिया द्वारा गढ़े गए अभिशाप, आज़ादी चाहकर भी औरत को कहीं आज़ाद होने दिया जाता है?
अरविन्द की इन वस्तुतः छोटी कहानियों में मर्दों की दुनिया के भीतर, औरत के अनन्त आखेटों के इशारे हैं। यह ‘रसमय’ जगत नहीं, मर्दों की निर्मित स्त्री का ‘विषमय’ जगत है। अरविन्द की कहानी इशारों की नई भाषा है। उनकी संज्ञाएँ, सर्वनाम, विशेषण सब सांकेतिक बनते जाते हैं। वे विवरणों, घटनाओं में न जाकर संकेतों, व्यंजकों में जाते हैं और औरत की ओर से एक ज़बर्दस्त जिरह खड़ी करते हैं। स्त्री को हिन्दी कथा में किसी भी पुरुष लेखक ने इतनी तदाकारिता से नहीं पढ़ा जितना अरविन्द ने।
इन कहानियों को पढ़ने के बाद पुरुष पाठकर्ता सन्तप्त होगा एवं तदाकारिता की ओर बढ़ेगा और स्त्री पाठकर्ता अपने पक्ष में नई क़लम को पाएगी—वहाँ भी, जहाँ स्त्री सीधा विषय नहीं है।
अरविन्द जैन का यह कथा-संग्रह बताता है कि हिन्दी कहानी में निर्णायक ढंग से फिर बहुत कुछ बदल गया है।
—सुधीश पचौरी
Mayaram Surjan, Karpoor Chandra Kulish
- Author Name:
Satish Jaiswal, Adarsh Sharma
- Book Type:
- Description: Awating description for this book
Modi Hai To Mumkin Hai
- Author Name:
Mahesh Dutt Sharma
- Book Type:
- Description: Awating description for this book
28 SHARE MARKET MONEY MAKING SECRETS (PB)
- Author Name:
Sudha Shrimali
- Book Type:
- Description: There are numerous books available in the market on the subject of share market, however, in this book, the author has attempted to elucidate the complicated aspects of financial domain in a clear and simple language. The modus operandi of share market, commodity market, mutual funds and idiomatic language used in the market have all been explained with illustrations. She presents her suggestions for selection of a good broker. Explanations on the factors impacting the market, references to historical crashes of the market, asset allocation and discussions on popular methods of investment for the benefit of readers are the special features of the book. This book would work as a great guide not only for beginner investors but also for students of degree courses, academic certifications and professional examinations.
Samajik Samrasta
- Author Name:
Narendra Modi
- Book Type:
- Description: "अंग्रेजों ने हिंदुत्व को, राष्ट्रीयत्व को क्षीण करने का षड्यंत्र रचा, जिसे डॉ. बाबा साहब अंबेडकरजी ने समझा और समाज में आई बुराइयों को दूर करने का बीड़ा उठाया। वंचित वर्ग में प्रेरणा जगाकर उसमें ऊपर उठने की ललक जगाई। उसी प्रकार गुजरात के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी समाज में व्याप्त दु:ख और अभावों को दूर करने का संकल्प लिया। उन्होंने समरस समाज के विचार को प्रतिष्ठित करने का सत्प्रयास किया। समाज के विविध प्रश्नों को देखने का उनका अपना ही दृष्टिकोण है। नरेंद्र मोदी की समाज के प्रति जो संवेदना है, वंचितों के प्रति जो कर्तव्य-भाव है और सामाजिक समरसता के लिए जो प्रतिबद्धता है, वह उनके भाषणों में, उनके लेखों में तथा उनके कार्य में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। किसी भी राज्य के संपूर्ण विकास का मापन राज्य के वंचितों-पीड़ितों के विकास (कष्ट निवारण) के आधार पर होता है। सच्चा सर्वांगीण विकास वही है, जिसमें अंतिम छोर में निवास करने वाले छोटे-से-छोटे आम आदमी तक विकास का फल पहुँचे। श्री नरेंद्र मोदी के शासन का अधिष्ठान ऐसा ही ‘कल्याणकारी राज्य’ रहा है। उनके जीवन-कार्य का केंद्रबिंदु भी समाज के अंतिम पायदान पर खड़ा सामान्य आदमी ही है। यह पुस्तक श्री नरेंद्र मोदी के विचारशील व चिंतनपरक लेखों का संकलन है। इसमें आमजन के प्रति उनके ममत्व भाव, सुख-दु:ख में सहभागिता तथा विचार-चिंतन की श्रेष्ठता, समाज के प्रति संवेदना एवं सामाजिक समरसता के प्रति वचनबद्धता को साक्षात् अनुभव किया जा सकता है। "
EK SATH MILKAR KAAM KAREN
- Author Name:
MANISH VERMA
- Book Type:
- Description: Awating description for this book
Shiksha Ka Arth Evam Auchitya
- Author Name:
Ravindranath Prasad Singh
- Book Type:
- Description: शिक्षा अपने व्यापक अर्थ में नियत समय तक चलने वाली प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह आजीवन चलने वाली प्रक्रिया है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि व्यक्ति शैशवावस्था से मरणासन्न तक जो कुछ सीखता और अनुभव प्राप्त करता है। प्राप्त सीख एवं अनुभव का उपयोग खुद और जग कल्याणार्थ करता है। खुद और दूसरों का मूल्य समझता है तथा इन मूल्यों की महत्ता समझते हुए जीवन का औचित्य साकार करता है। वही वास्तविक शिक्षा है।
Nirala Rachanawali : Vols. 1-8
- Author Name:
Suryakant Tripathi 'Nirala'
- Book Type:
-
Description:
निराला “आरम्भ से ही विद्रोही कवि के रूप में हिन्दी में दिखाई पड़े। गतानुगतिकता के प्रति तीव्र विद्रोह उनकी कविताओं में आदि से अन्त तक बना रहा। व्यक्तित्व की जैसी निर्बाध अभिव्यक्ति इनकी रचनाओं में हुई है, वैसी अन्य छायावादी कवियों में नहीं हुई।...सर्वत्र व्यक्तित्व की अत्यन्त पुरुष अभिव्यक्ति ही निराला की कविताओं का प्रधान आकर्षण है। फिर भी विरोधाभास यह है कि निराला में अपने व्यक्तित्व को सबसे अलग करके अभिव्यक्त करने की चेतना सबसे कम है।...यह ध्यान देने की बात है कि निराला जी के आरम्भिक प्रयोग छन्द के बन्धन से मुक्ति पाने का प्रयास है। छन्द के बन्धनों के प्रति विद्रोह करके उन्होंने उस मध्ययुगीन मनोवृत्ति पर ही पहला आघात किया था जो छन्द और कविता को प्राय: समानार्थक समझने लगी थी।...परन्तु निराला जी ने जब छन्दों के प्रति विद्रोह किया तो उनका उद्देश्य छन्द की अनुपयोगिता बताना नहीं था। वे केवल कविता में भावों की—व्यक्तिगत अनुभूति के भावों की—स्वछन्द अभिव्यक्ति को महत्त्व देना चाहते थे। जिसे वे मुक्तछन्द कहते थे, उसमें भी एक प्रकार की झंकार और एक प्रकार का ताल विद्यमान है। परिमल की जिन रचनाओं में वस्तु-व्यंजना की ओर कवि का ध्यान है, उनमें उनका व्यक्तित्व स्पष्ट नहीं हुआ किन्तु ‘तुम और मैं’, ‘जूही की कली’ जैसी कविताओं में उनकी कल्पना उनके आवेगों के साथ होड़ करती है। यही कारण है कि ये कविताएँ बहुत लोकप्रिय हुई हैं। बड़े कथात्मक प्रयोगों में निराला जी को अधिक सफलता मिली। वे पन्त की तरह अत्यधिक वैयक्तिकतावादी कवि नहीं हैं। बड़े आख्यानों—जैसे काव्य-विषय में उन्हें वस्तु-व्यंजना का भी अवसर मिला है और कल्पना के पंख पसारने का भी मौक़ा मिल जाता है। इसीलिए उनमें निराला अधिक सफल हुए हैं। ‘तुलसीदास’, ‘राम की शक्तिपूजा’ और ‘सरोज-स्मृति’ जैसी कविताएँ उनकी सर्वोत्तम कृतियाँ हैं। इनमें भाषा का
अद्भुत प्रवाह पाठक को निरन्तर व्यस्त बनाए रहता है। कल्पना यहाँ आवेगों के सामने फीकी लगती है।”—हजारी प्रसाद द्विवेदी
‘परिमल’, ‘गीतिका’, ‘अनामिका’ और ‘तुलसीदास’ नामक काव्यकृतियों को सँजोए हुए रचनावली का यह खंड महाकवि की पूर्ववर्ती काव्य-साधना का सजीव साक्ष्य प्रस्तुत करता है। विचार-समृद्ध भावोद्रेक और सहज उदात्त स्वर निराला-काव्य की विशिष्ट पहचान है और अपनी काव्य-साधना के माध्यम से उन्होंने वस्तुओं एवं घटनाओं के भीतर पैठकर असाधारण रूप से भावात्मक सत्य का सन्धान किया है।
Vichar Ka Kapda
- Author Name:
Anupam Mishra
- Book Type:
-
Description:
‘‘क़ायदे से अनुपम मिश्र न लेखक थे, न पत्रकार। वे साफ़ माथे के एक आदमी थे जो हर हालत में माथा ऊँचा और साफ़ रखना चाहते थे। उनकी निराकांक्षा उनकी बुनियादी बेचैनियों को ढाँप नहीं पाती थी। ये बेचैनियाँ ही उन्हें कई बार ऐसे प्रसंगों, व्यक्तियों, घटनाओं, वृत्तियों को खुली नज़र देखने-समझने की ओर ले जाती थीं। उनकी संवेदना में ऐसी ऐन्द्रियता थी कि वे विचार का कपड़ा भी पहचान लेती थीं। कुल मिलाकर अनुपम मिश्र की अकाल मृत्यु के बाद शेष रह गई सामग्री में से किया गया यह संचयन हिन्दी में सहज, निर्मल और पारदर्शी, मानवीय गरमाहट से भरे गद्य का विरल उपहार है। हमें मरणोत्तर अनुपम मिश्र को उनकी भरी-पूरी जीवन्तता में प्रस्तुत करने में प्रसन्नता है।”
—अशोक वाजपेयी
Paradise Towers
- Author Name:
Shweta Bachchan-Nanda
- Book Type:
- Description: Awating description for this book
Aurat : Uttarkatha
- Author Name:
Rajendra Yadav +1
- Book Type:
-
Description:
लगभग सात-आठ वर्ष पहले (1994 हठ ने ‘औरत : उत्तरकथा’ नाम से विशेषांक का आयोजन किया था, बीसवीं सदी के अन्तिम दशक तक लगने लगा था कि समाज और साहित्य में औरत की कथा अब वह नहीं रह गई है जो सौ-डेढ़ सौ सालों से कही जाती रही है, क्योंकि उसे ‘हम' कहते रहे हैं—‘उसकी’ ओर से। हमारे सामने कुछ सवाल थे जो समस्याओं के रूप में रेखांकित किए जा रहे थे, और हम उनके हल उन्हीं बँधे हुए साँचों में थोड़ी फेर-बदल के साथ तलाश रहे थे। लोकतांत्रिक खुलावों ने अब तक अनसुनी आवाज़ों को साहित्य में ‘मित्रो मरजानी’ (कृष्णा सोबती), ‘आपका बंटी’ (मन्नू भण्डारी), ‘रुकोगी नहीं राधिका’ (उषा प्रियंवदा) और ‘बेघर’ (ममता कालिया) के रूप में सबका ध्यान दूसरे पक्षों की ओर खींचना शुरू कर दिया था। लगा कि हमारे सवालों के उत्तर तो यहाँ से आ रहे हैं। इधर मैत्रेयी पुष्पा की ‘चाक’ और ‘कस्तूरी कुंडल बसै’ आदि किताबों को भी इस कड़ी में जोड़ा जा सकता है। पिछली सदी का अन्तिम दशक लगभग स्त्री और दलित-विमर्श के उभार का दशक रहा है। ‘हंस’ उस पर बात न करे, यह साहित्य और समय के साथ विश्वासघात होगा और यह ऋणशोध किया गया ‘औरत : उत्तरकथा’ के रूप में...
इधर यह विशेषांक शुरू से ही अनुपलब्ध हो गया था। आख़िर कब तक इसकी फ़ोटो प्रतिलिपियाँ दी जाती रहें—इसी दबाव में तय किया गया कि अब इसे पुस्तकाकार आना चाहिए...कुछ रचनाएँ छोड़कर अब यह आपके सामने है।
—भूमिका से
AAO AAKRITIYAN PAHACHANEN
- Author Name:
CHITRA
- Book Type:
- Description: Awating description for this book
Magh Mela
- Author Name:
Vincent Van Ross, Sanjay Kumar, Rakesh Kumar Shukla
- Book Type:
- Description: Awating description for this book
ACHCHHI-ACHCHHI AADTEN
- Author Name:
RAKESH
- Book Type:
- Description: Awating description for this book
Rajee Seth ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Rajee Seth
- Book Type:
- Description: Awating description for this book
Shramana Shabari Ke Ram
- Author Name:
Mahakavi Avadhesh
- Book Type:
- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Logout to Rachnaye

Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.