An Alternative Perspective On Education
Author:
Atul KothariPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
EnglishCategory:
Other1 Reviews
Price: ₹ 400
₹
500
Available
Education is the foundation of the development of any country. But in our country, the First Education Policy was framed in 1968, 21 years after independence; the second policy was formulated in 1986; 34 years later, India got the National Educational Policy-2020 on 25th July, 2020. Besides these, certain commissions were also constituted for reforms in education, which made some good recommendations, but these could not be implemented for sheer want of political will. For an instance, the Kothari Commission in 1968, recommended 6 per cent of Gross Domestic Product (GDP) for expenditure on education, which was also adopted by the Education Policy-1986, but this is yet to be translated into practice. If we ignore pre-colonial period, the Bharat of post-independence has not yet been able to determine the aim of education. Character building and moulding a human i.e. holistic development of personality should be the aim of education. Essays on related subjects are included in this book. To identify the issues and problems that plague the education, and their solution, we carried out basic but innovative experiments in schools, colleges and universities. The original experiences of these exercises have been penned down as articles and research papers. This book is an anthology of the related writings.
ISBN: 9789390923977
Pages: 264
Avg Reading Time: 9 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Dalit Sahitya : Nai Chunautiyan
- Author Name:
Ramshankar Katheria
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Million Dollar ki Hera-Pheri
- Author Name:
Jeffrey Archer
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Bharat Ke Pratapi Samrat
- Author Name:
Maj (Dr.) Parshuram Gupt
- Book Type:

- Description: पुराणों में दिग्विजयी सम्राटों के अनेक प्रमाण देखे जा सकते हैं। विभिन्न रूपों में आज भी उनके जीवित प्रमाण भारत सहित विश्वभर में बिखरे पड़े हैं। इनकी गौरव गाथाएँ जन-सामान्य की आस्था के केंद्र हैं, जो पग-पग पर उनका मार्गदर्शन भी करती हैं। इस पुस्तक में भगवान बुद्ध के बाद के उन विशिष्ट भारतीय सम्राटों की चर्चा की गई है, जिनकी गौरव-गाथाओं ने काल के कपाल पर अनेक गरिमामय अभिलेख अंकित किए हैं। उनकी दिग्विजयी सेनाओं ने भारत की सीमाओं के बाहर जाकर भी विजय के अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इन विजयों में धम्म विजय महत्त्वपूर्ण है। सम्राट् अशोक और कनिष्क जैसे सम्राटों ने इसमें अग्रणी भूमिका निभाई। विक्रमादित्य, चंद्रगुप्त मौर्य,समुद्रगुप्त, चंद्रगुप्त द्वितीय, हर्षवर्धन, बप्पा रावल, ललितादित्य, मिहिर भोज, महाराणा प्रताप, महाराणा साँगा, परमार भोज, अनंगपाल, राजेंद्र चोल प्रथम, हेमचंद्र विक्रमादित्य व सम्राट् कृष्णदेव राय की अपनी-अपनी गौरव गाथाएँ हैं।इन्होंने जहाँ अपने भुजबल से संपूर्ण भारतवर्ष को एकता के सूत्र में बाँधने काप्रयास किया, वहीं इनके घोड़ों के टापों की धमक पेकिंग से लेकर गांधार तक अनुभव की गई। सम्राट् राजेंद्र चोल प्रथम के नौसैनिक बेड़े श्रीलंका से लेकर दक्षिण पूर्व एशियाके कई भागों तक पहुँचे और वहाँ भारतीय संस्कृति के ध्वजवाहक बने। भारत के प्रतापी सम्राटों के शौर्य, प्रराक्रम, प्रजावत्सलता, सामाजिक-सांस्कृतिक सरोकारों का दिग्दर्शन करवाकर गौरवबोध जाग्रत करनेवाली प्रेरक पुस्तक।
Vyavharik Anuvad
- Author Name:
N.E. Vishwanath Iyer
- Book Type:

- Description: स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद प्रशासन में राजभाषा के रूप में हिंदी के प्रयोग और प्रगामी प्रयोग पर जोर दिया गया। अनुवाद शीघ्र ही एक व्यापक विषय बन गया। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, विधि, वाणिज्य तथा सर्वसुलभ रूप में साहित्य के क्षेत्र में भी अनुवाद का स्थान अत्यंत महत्त्वपूर्ण एवं अनिवार्य लगने लगा। प्रस्तुत ग्रंथ के कुछ अध्यायों में व्यावहारिक अनुवाद के क्षेत्र में उतरनेवालों के लिए आवश्यक मार्ग निर्देश दिए गए हैं। अनुवाद के मूल्यांकन के मानक अभी नहीं बने हैं। साहित्य में सृजनात्मक वाड्मय की रचना के बाद लक्षण ग्रंथ एवं व्याकरण ग्रंथ की जरूरत पड्ती है। अनुवाद के संदर्भ में एक लघु प्रयास ‘अनुवाद की स्तरीयता’ नामक अध्याय में किया गया है। हिंदी क्षेत्र में सिद्धांत एवं विशेषज्ञ ‘तत्काल भाषांतरण’ अथवा ‘इंटरप्रेटेशन’ पर अभी अधिक ध्यान नहीं दे सकते हैं; जबकि यह आज बहुत जरूरी एवं उर्वर क्षेत्र है। इस विशेष अनुवाद विधा की कुछ बारीकियों के विश्लेषण का प्रयास भी इस ग्रंथ में किया गया है। अंग्रेजी-हिंदी अनुवाद आज निरंतर किया जाता है; परंतु उसके व्यावहारिक बिंदु (चेक प्वाइंट) पर सोदाहरण प्रकाश कम ही डाला गया है। इस पुस्तक में दो बड़े अध्यायों में इसीके विभिन्न पहलुओं पर विशद विवेचन प्रस्तुत किया है। विश्वास है, यह पुस्तक अनुवाद कला में कुशलता प्राप्ति में सहायक होने के साथ-साथ आम पाठकों के लिए भी ज्ञानवर्द्धक सिद्ध होगी।
The Life and Times of Acharya Mahaprajna
- Author Name:
U.S. Dugar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Lokpriya Jatak Kathayen
- Author Name:
Mahesh Dutt Sharma
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Sanskriti Ka Pravah
- Author Name:
Rakesh Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Shiksha Ke Dwandwa
- Author Name:
Pawan Sinha
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kashmir Files
- Author Name:
Col Sunil Kotnala
- Book Type:

- Description: कर्नल सुनील कोटनाला के सभी कौशल इस उपन्यास में समाहित हैं। यह एक सामयिक कृति है, जो कश्मीर में होनेवाली घटनाओं के इर्द-गिर्द घूमती है— जो दुनिया के सबसे अस्थिर क्षेत्रों में से एक है और जहाँ विचारधारा, धर्म एवं जातीयता के बीच लगातार टकराव है। अतीत में भारतीय सेना को बिना स्पष्ट जनादेश, खुफिया कवर या राजनीतिक समर्थन के आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में झोंक दिया गया। यह कहना पर्याप्त है कि हम हमेशा गले तक गंदगी में डूबे हुए थे। सबसे बढक़र, हमारे मानवाधिकार कार्यकर्ता उन्हीं भारत-विरोधी अपराधियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे, जो हमारे सैनिकों को प्रताड़ित कर रहे थे, मार रहे थे और अपंग कर रहे थे। पिछले कुछ वर्षों में सिर के ऊपर से बहुत सारा पानी बह गया है और कानून-व्यवस्था की स्थिति के रूप में शुरू हुआ कश्मीर अब जिहाद के लिए युद्ध का मैदान बन गया है। भारतीय सैनिक प्रणम्य हैं जिन्होंने वीरता से लड़ाई लड़ी है। सशस्त्र बलों ने यह सब सरकार या अपने हमवतन—इस देश के लोगों के खिलाफ शिकायत के बिना किया है, जो उनके लिए बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन कभी नहीं किया। वैसे यह एक उपन्यास है—फिर भी, यकीन है कि इसका स्कूल और विश्वविद्यालय की कक्षाओं में पाठन कराया जाएगा। इसमें मनोरंजन है, यह रोमांचित भी करता है। सुनील दैनिक क्रूरताओं का चित्रण करते हैं, जो युद्धक्षेत्रों की विशेषता है।
Sanatan Jeevan Shaili
- Author Name:
Dr. Shyam Sakha 'Shyam'
- Book Type:

- Description: 1967 में मेडिकल कॉलेज में मेरे द्वितीय वर्ष के दौरान सनातन में मेरी रुचि जर्मन सार्शनिक आर्थर शोपेनहावर की एक पंक्ति से शुरू हुई। मैंने शिवमूर्ति को देखा और जन पाया, इसका जिक्र मेरी इसी किताब में है । पश्चिमी विचारों के प्रभाव में मैं भी मूर्तिपूजा को एक रूढ़िवादी मानसिकता मानता था। मुझे लगा कि हजारों साल से चली आ रही ये मान्यताएँ जिन्हें लोगों ने अंधविश्वास कहकर खारिज कर दिया है, निरर्थक तो नहीं हो सकतीं, जैसे मंगलवार को बाल न कटवाना, हनुमान की नाराजगी से डरना या शनिदेव के कोप से बचने के लिए शनिवार को लोहा न खरीदना । मैं यह सब सोचने लगा । ऐसा लगता है कि ये रीति- रिवाज नाइयों और लोहारों को एक दिन की छुट्टी देने के लिए बनाए गए थे। मार्च महीने में जब घर में शीतला माता की पूजा के लिए बासी भोजन की व्यवस्था देखी तो लगा कि समाज को यह संदेश दिया जा रहा था कि गरमियाँ शुरू होते ही बासी भोजन खाना बंद कर दें। फिर तो मैं सनातन की यात्रा पर निकल पड़ा। मैंने अंधविश्वास कहे ही जाने वाली मान्यताओं पर लोगों से अपने विचार साझा किए और चर्चाओं में शामिल हुआ, लोगों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ प्राप्त हुईं। मैं यह दावा नहीं करता कि मेरे विचार सौ प्रतिशत सही हैं, लेकिन मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि चिकित्सा ज्ञान में मेरी वैज्ञानिक पृष्ठभूमि ने निश्चित रूप से मुझे सनातन प्रथाओं को समझने में सक्षम बनाया है।
HAR ROJ KIYE JANEWALE KAAM
- Author Name:
SHEKHAR
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Modi Aur Bharatiya Musalman "मोदी और भारतीय मुसलमान" Book In Hindi | Dr Kaynat Kazi
- Author Name:
Dr. Kaynat Kazi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BPSC TRE 3.0 Bihar Primary School Teacher Recruitment Class 1 to 5 General Studies - 2024 (English)
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
62 Ki Baaten
- Author Name:
Neelum Saran Gour
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dastan Aur Bhi Hain
- Author Name:
Shekh Mujibur Rahman
- Book Type:

-
Description:
शेख मुजीबुर रहमान बांग्लादेश के संस्थापक नेताओं में अग्रणी थे। वे दो बार स्वतंत्र बांग्लादेश के राष्ट्रपति भी रहे।
यह पुस्तक बंगबन्धु के रूप में सम्मानित-स्वीकृत शेख मुजीबुर रहमान की आत्मकथा है, जिसे उन्होंने अपने कारावास के दिनों में लिखी थी। इसमें उन्होंने अपने 1955 तक के निजी और सार्वजनिक जीवन का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया है।
इस पुस्तक से ज़ाहिर होता है कि एक सच्चे जननेता के रूप में उनकी हैसियत कितनी ऊँची थी। अपने देश और अपने लोगों के लिए उन्होंने अपने जीवन को जोखिम में डालकर संघर्ष का एक ऊँचा उदाहरण पेश किया।
प्रथम दृष्ट्या तथ्यों पर आधारित इस आत्मकथा में हमें भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन की कुछ झलकियों के अलावा पाकिस्तान आन्दोलन, भाषा आन्दोलन, बांग्लादेश की स्वाधीनता के आन्दोलन और इसके दौरान पाकिस्तानी शासन द्वारा किए गए षड्यंत्रों और दमन से सम्बन्धित अनेक दुर्लभ ऐतिहासिक तथ्यों और कहानियों की जानकारी मिलेगी।
कई वर्षों तक अनुपलब्ध रही इस आत्मकथा को सामने लाने का श्रेय उनकी पुत्री शेख हसीना और उनके अन्य परिजनों को जाता है जिन्होंने अत्यन्त परिश्रम के साथ जर्जर, खस्ताहाल काग़ज़ों में से इस दस्तावेज़ को सम्भव किया।
Keshav, Kahi Na Jai ka Kahiye
- Author Name:
Sanjeev Buxy
- Book Type:

- Description: Hindi memoirs
Satyavadi Raja Harishchandra
- Author Name:
Gopi Krishna Kunwar
- Book Type:

- Description: सत्य, शाश्वत धर्म और सदाचार ऐसे गुण हैं, जिन्हें सहज भाव से अपनानेवाला मानव भी देवताओं की श्रेणी से उत्तम स्थान प्राप्त कर सकता है। जब राजा हरिश्चंद्र के नाम-यश की चर्चा होती है और उनके साथ यदि ‘सत्यवादी’ शब्द का प्रयोग न किया जाए तो प्रतीत होता है कि इतिहास के किसी अन्य राजा का वर्णन किया जा रहा है। इसके विपरीत यदि केवल ‘सत्यवादी’ राजा का वर्णन हो तो स्पष्ट संकेत सतयुग के राजा सत्यवादी हरिश्चंद्र की ओर ही होता है। यहाँ तक कि सूर्यवंशी राजा हरिश्चंद्र और शब्द ‘सत्यवादी’ एक-दूसरे के पर्याय बन गए हैं। ऐसा हुआ राजा हरिश्चंद्र के द्वारा सत्य, शाश्वत धर्म और सदाचरण जैसे गुणों को अपने जीवन में उतारने से। इस पुस्तक में राजा हरिश्चंद्र के चरित्र के विशिष्ट एवं प्रेरणाप्रद गुणों को सरल एवं सरस भाषा में सहज भाव से प्रस्तुत किया गया है। इसे पढ़कर पाठक सत्य, निष्ठा, कर्तव्यबोध आदि गुण अपने जीवन में उतार सकें, तो पुस्तक का लेखन व प्रकाशन सफल माना जाएगा।
Saral Chitrakala
- Author Name:
Avantika
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
My First Colouring Book
- Author Name:
Manohar Sundaram
- Book Type:

- Description: My First Colouring Book For Kids - Perfect Gift to Children for Painting, Drawing and Coloring Activity, Animal, Flowers, Transport, Alphabet For 3-6 Year Old
Rashtriya Swayamsewak Sangh
- Author Name:
Nana Deshmukh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
5 out of 5
Book
February 26, 2023, 6:46 pm
Richa
The cornerstone of each nation's development is education. Yet in our nation, the National Educational Policy-2020 was adopted on July 25, 2020, 34 years after the First Education Policy was created in 1968, 21 years after independence. In addition to these, various commissions for educational reform were established. These commissions produced some excellent recommendations, but for lack of political will, they were never put into action. The goal of education should be to shape and develop human character. In this collection, essays on similar topics are presented. The author carried out creative experiments in many schools, colleges, and universities to pinpoint the concerns and problems that afflict education and their solution. This book includes articles and research papers that detail the initial experience of these studies. Hence, this book is an anthology of works and articles on relevant topics. Loved the overall quality of the book and the services provided by Rachnaye.
5 Book