Mridula Behari Ki Lokpriya Kahaniyan
Author:
Mridula BehariPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Other0 Reviews
Price: ₹ 280
₹
350
Available
Awating description for this book
ISBN: 9789353223601
Pages: 184
Avg Reading Time: 6 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Dastan-E-Pakistan : Jinnah Se Jihad Tak | The Country Is Writing The Story of Its Own Destruction
- Author Name:
Balbir Dutt
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Anyatra
- Author Name:
Ashok Vajpeyi
- Book Type:

- Description: अपने समय के कुछ मूर्धन्य लेखकों, चित्रकारों और संगीतकारों के साथ बातचीत करने का अवसर मिलना हर तरह से सौभाग्य कहा जाएगा। ऐसी बातचीत में अकसर किसी व्यक्ति की जिन्दगी, दृष्टि, उलझनों और उत्सुकताओं के अनेक अनजाने पहलुओं से साक्षात् हो पाता है। इनमें से अधिकांश साक्षात्कार ‘आलोचना’ (त्रैमासिक) और ‘पूर्वग्रह’ में प्रकाशित हुए थे। उनका शुरू से ही आग्रह अनौपचारिक आलोचना को भी जगह देने का था और ये उसी का हिस्सा थे। तब जानबूझकर बातचीत का स्वाद बनाए रखने के लिए उसे लगभग जस का तस दे दिया जाता था। इतने बरसों बाद अब शायद इसलिए कहीं-कहीं अटपटापन लगे, पर उस समय के स्वाद का भी पता चले, इसलिए उस सामग्री में नोक-पलक सुधारने की कोशिश नहीं के बराबर की गई है। कई बार बातचीत मैंने अकेले नहीं की है। उसमें नामवर सिंह, विजयदेव नारायण साही, रमेशचन्द्र शाह, राहुल बारपुते, भगवत रावत, गीता कपूर, मंगलेश डबराल, उदय प्रकाश, सुदीप बनर्जी, सत्येन कुमार, ज्योत्स्ना मिलन, मदन सोनी, उदयन वाजपेयी भी शामिल थे। जो परिसंवाद शामिल किया गया है उसमें कुँवर नारायण, नेमिचन्द्र जैन, रघुवीर सहाय, कमलेश, जगदीश स्वामीनाथन, विजय मोहन सिंह भी शामिल थे। इन सभी के प्रति कृतज्ञता। उनकी शिरकत से कई बातचीतें अनेक दृष्टियों का समवाय भी बन पाई हैं। जिनसे बातचीत की गई थी उनमें से जैनेन्द्र कुमार, आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी, शमशेर बहादुर सिंह, रघुवीर सहाय, निर्मल वर्मा, पण्डित कुमार गन्धर्व और चेस्लाव मीलोष अब इस संसार में नहीं हैं। पहली बातचीत 1976 की है और आखि़री 2006 की। अगर बातचीत को एक निजी विश्लेषण और आकलन मानें तो यह लगभग 30 वर्षों में फैला ऐसा दस्तावेज़ है जो उसे एकत्र करता है।—भूमिका से
Art & Science Of Balance: Finding Bliss in Life’s 7 Spectrums
- Author Name:
Dr. Pankaj Chugh
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kala Aur Sanskriti
- Author Name:
Dr. Vasudeva Sharan Agrawala
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Apratim
- Author Name:
Dr. Anil Kumar Pathak
- Book Type:

- Description: डॉ़ अनिल कुमार पाठक का नवीनतम काव्य-संग्रह ‘अप्रतिम’ प्रेम और समर्पण के अन्यतम क्षणों का सृजन है। भारतीय संस्कृति एवं परंपरा में प्रबल आस्था रखनेवाले कवि ने इस कृति में शाश्वत मानवीय मूल्य ‘प्रेम’ को आधार बनाया है। डॉ. पाठक आध्यात्मिक विचारों से परिपूर्ण हैं, जिसका आभास इस संग्रह की रचनाओं में भी होता है। कवि के मानस-पटल पर प्रेम के उदात्त मूल्यों की अमिट छाप है, जो जीवन के झंझावातों में संबल प्रदान करता है और प्रेरणा भी देता है। संग्रह के सभी गीत निरंतर बहनेवाले झरने की तरह स्वतः प्रवाहमान हैं। बाह्य तौर पर इस संग्रह की रचनाएँ वैयक्तिक प्रतीत होती हैं, किंतु इनमें समाहित मूल्य सार्वभौमिक एवं सार्वदेशिक हैं। आज के भौतिकवादी, व्यवहारवादी युग में ‘प्रेम’ अत्यंत संकुचित रूप में ग्रहण किया जा रहा है तथा संकीर्ण रूप में ही समझा भी जा रहा है। परंतु कवि की आस्था प्रेम के उस स्वरूप में है, जो असीमित, अपरिमित, अतुलनीय, अमर व अनंत हैं। उसके लिए प्रेम शाश्वत भाव की व्यापक अनुभूति है। ‘प्रेम’ के प्रति कवि की इसी आस्था के कारण इस कृति के गीत, प्रेम की अतल गहराइयों तथा उसकी भावनात्मक ऊँचाइयों से प्रबुद्ध पाठक का परिचय कराते हैं। इस कृति के सभी गीत एक शीतल, प्राणदायक मलयानिल की तरह हैं, जो प्रेम की पवित्रता व पावनता को प्रदूषित करनेवाले वातावरण में संजीवनी प्रदान करते हैं। प्रेम की उदात्त भावनाओं को समेटे हुए इन गीतों के संग्रह का ‘अप्रतिम’ पूर्णतया चरितार्थ होता है।
Swayam Ki Khoj
- Author Name:
Dr. Sanjay Biyani
- Book Type:

- Description: अक्सर हम यही समझते हैं कि हमारी जिंदगी में परेशानियों का कारण बाहर है, लेकिन जब मैंने बहुत खोज की तो पाया कि ऐसा नहीं है। वास्तव में जिंदगी आशा और निराशा दोनों से मिलकर बनती है | जिंदगी खुशी और गम दोनों से मिलकर बनती है | निराशा व हताशा के समय हम लोग बहुत घबरा जाते हैं और कुछ लोग तो जिंदगी से रुखसत होने की भी सोचने लगते हैं; लेकिन वास्तव में हमारा सही मायने में विकास तो इसी कारण से आरंभ होता है | यह पुस्तक आपके जीवन में निराशा को खत्म कर देगी, आपके जीवन में आशा लेकर आएगी; आपको अधिक ऊर्जा के साथ काम करना सिखाएगी; आपमें प्रेम और त्याग को लाएगी; आपके जीवन में सहजता और सरलता लाएगी; आपके कार्य करने की क्षमता और अधिक बढ़ जाएणी, और आप कहेंगे-वाह! मजा आ गया! वास्तव में जिंदगी तो बहुत खूबसूरत है। आपके जीवन में निराशा, हताशा, कुंठा भले ही रहे, परंतु उन्हें डील करने का आपका तरीका काफी हद तक बदल जाएगा | आप इन सब परिस्थितियों को हँसी-खुशी से लेने लगेंगे | अपने जीवन में झाँककर परिस्थितियों से जूअभकर, सफलता का मार्ण ढूँढ़ने का मार्ग दिखाती है यह पुस्तक “स्वयं की खोज” |
Vishwaguru Bharat: Kal, Aaj Aur Kal "विश्वगुरु भारत: कल, आज और कल" Book in Hindi- Dr. Parshuram Gupt
- Author Name:
Dr. Parshuram Gupt
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
D.H. Lawrence Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
D.H. Lawrence
- Book Type:

- Description: ‘डी. एच. लॉरेंस की लोकप्रिय कहानियाँ’ साहित्य के विविध रस समेटे हुए हैं। इस कहानी-संकलन में उनके इस वैशिष्ट्य को परखा जा सकता है। भाग्य और वैभव की लोलुपता मनुष्य को किस त्रासदी तक ले जाती है, इसका साक्ष्य ‘काठ का अनाम घोड़ा’ कहानी है। उनकी चर्चित कहानी ‘अंतर्ध्वनि’ स्त्री-पुरुष के मानवीय संबंध के संदर्भ में धार्मिक अवधारणा के सापेक्ष सहज स्वातंत्र्य को वरीयता देती है। ‘वन मानुष’ कहानी आज भी पुरुष के आदिमानव जैसी पाशविकता वाले स्वभाव की ओर संकेत करती है। लॉरेंस की कहानियाँ मनोविज्ञान और दार्शनिकता का कलेवर लिये जिस तरह पाठक तक सहजता से पहुँचती हैं, वह विरल है। पैंतालीस वर्ष से भी छोटे जीवन में उन्होंने साहित्य-जगत् को जो दिया, वह विपुल तो है ही, गुणात्मक स्तर पर भी अद्भुत कहा जाता है।
JSSC Reserve Competitive Exam | Jharkhand Police Constable (सिपाही) Paper-2 | 20 Practice Sets Book (Hindi)
- Author Name:
Team Prabhat
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Kashmir Aur Hyderabad
- Author Name:
Sardar Patel
- Book Type:

- Description: ‘लौह पुरुष’ के नाम से विख्यात सरदार पटेल को भारत के गृह मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कश्मीर के संवेदनशील मामले को सुलझाने में कई गंभीर मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। उनका मानना था कि कश्मीर मामले को संयुक्त राष्ट्र में नहीं ले जाना चाहिए था। वास्तव में संयुक्त राष्ट्र में ले जाने से पहले ही इस मामले को भारत के हित में सुलझाया जा सकता था। हैदराबाद रियासत के संबंध में सरदार पटले समझौते के लिए भी तैयार नहीं थे। बाद में लॉर्ड माउंटबेटन के आग्रह पर ही वह 20 नवंबर, 1947 को निजाम द्वारा बाह्य मामले तथा रक्षा एवं संचार मामले भारत सरकार को सौंपे जाने की बात पर सहमत हुए। हैदराबाद के भारत में विलय के प्रस्ताव को निजाम द्वारा अस्वीकार कर दिए जाने पर अंततः वहाँ सैनिक अभियान का नेतृत्व करने के लिए सरदार पटेल ने जनरल जे.एन. चौधरी को नियुक्त करते हुए शीघ्रातिशीघ्र काररवाई पूरी करने का निर्देश दिया। अंततः 13 सितंबर, 1948 को भारतीय सैनिक हैदराबाद पहुँच गए और सप्ताह भर में ही हैदराबाद का भारत में विधिवत् विलय कर लिया गया। प्रस्तुत पुस्तक में कश्मीर और हैदराबाद के भारत में विलय की राह में आई कठिनाइयों और उन्हें दूर करने में सरदार पटेल की अदम्य इच्छाशक्ति पर प्रामाणिक ढंग से प्रकाश डाला गया है।
15 Practice Sets for REET Rajasthan Adhyapak Patrata Pariksha Level 2 (Class 6 to 8) Ganit Evam Vigyan Exam 2022
- Author Name:
Kunwar Kanak Singh Rao
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Haldighati Yuddha Ke Vijeta Maharana Pratap
- Author Name:
Vijay Nahar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Dharma Aur Vigyan
- Author Name:
Dr. Hariprasad Somani
- Book Type:

- Description: "भारतीय संस्कार, रीति-रिवाज, परंपराएँ, प्रथाएँ एवं धार्मिक कृत्य शास्त्रीय हैं या ऐसा कहें कि अपना धर्म और शास्त्र एक ही सिक्के के दो बाजू हैं तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। अपने ऋषियों और प्राचीन काल के निष्णात गुरुओं ने अपनी अंतरात्मा की अनंत गहराई में उतरकर चेतना का जाग्रत् आनंद लिया था। अपने अंतर्ज्ञान के अनुभव और आध्यात्मिक परंपराओं को संस्कार एवं संस्कृति के रूप में उन्होंने जनमानस में वितरित किया। परंपराएँ तो चलती जा रही हैं, किंतु इनके मूल ज्ञान और मूल आधार से हम अनभिज्ञ होते जा रहे हैं। भारतीयों को गुलामी झेलनी पड़ी। विशेष करके मुगलों के शासन काल में काफी धार्मिक अत्याचार सहने पड़े। हिंदुओं को धर्म-परिवर्तन के लिए बाध्य किया जाने लगा। इसलिए उस समय के धार्मिक गुरुओं ने अपनी संस्कृति बचाने के लिए हर कर्म को धार्मिक रूप दे दिया, जिससे धर्म के नाम पर ही सही, जो संस्कार ऋषि-मुनियों ने दिए थे, उन्हें हमारे पूर्वज अपनाकर, अपनी धरोहर मानकर, सँजोकर रखने में सफल रहे। समय के साथ इन प्रथाओं ने धार्मिक विधि का रूप ले लिया और बिना कुछ सोचे-समझे ही धर्म की आज्ञा मानकर ये रीतियाँ चलती रहीं। किंतु आज की युवा पीढ़ी हर कर्म, विधि या संस्कार को मानने से पूर्व इसके पीछे क्या कारण है, यह जानने को उत्सुक है। हिंदू धर्म की विभिन्न परंपराओं और प्रथाओं को वैज्ञानिकता के आधार पर प्रमाणित करती पठनीय पुस्तक। "
Dharm Aur Gender
- Author Name:
Ilina Sen
- Book Type:

- Description: जेंडरगत मानसिकता से ग्रस्त नागरिकों के निर्माण और पुनर्निर्माण में धर्म की भूमिका से सम्बन्धित अध्ययन की ज़रूरत सिर्फ़ यह मान लेने के चलते ही नहीं है कि धर्म रोज़मर्रा के हमारे जीवन के संरचनात्मक ढाँचे में रची-बसी एक प्रभावशाली संस्था है, बल्कि अब यह ज़रूरत इसलिए और ज़्यादा है क्योंकि वर्तमान राजनीतिक सन्दर्भ में हमारी अस्मिताओं को लामबन्द करने या मज़बूत बनाने में भी यह प्रभावी भूमिका निभा रहा है। यह संचयन दो भागों में विभाजित है। पहले भाग के अन्तर्गत दस आलेखों का संकलन है जो भारत, पाकिस्तान और चीन से सम्बन्धित हैं। इन आलेखों को तीन विषयवस्तुओं के तहत बाँटा गया है। पहली विषयवस्तु में शामिल तीन आलेख जाति और धर्म के बीच अन्तर्संवाद और उसके जेंडरगत परिणामों के बारे में सैद्धान्तिक चर्चा करते हैं। दूसरी विषयवस्तु में वे आलेख समाहित हैं जो भिन्न-भिन्न तरीक़ों से जेंडर का निर्माण करनेवाले सांस्थानिक मानकों और नियमों की श्रेष्ठता के आत्मसातीकरण की चर्चा करते हैं। तीसरी श्रेणी में उन लेखों को शामिल किया गया है जो सीधे तौर पर महिलाओं के आन्दोलन से सम्बन्धित हैं या जहाँ धर्म के साथ नारीवादी सम्बद्धता है। इस अन्तर्सम्बन्ध की अभिव्यक्ति अस्मिता-विमर्श, कट्टरपन्थी सामूहिकता या धार्मिक-राजनीतिक आन्दोलनों के रूप में होती है। संचयन के दूसरे भाग में धार्मिक दृष्टि से महिलाओं के आचरण-सम्बन्धी मानकों को निर्देशित करनेवाली हिन्दी और उर्दू की एक-एक प्रचलित पुस्तक (‘बहिश्ती जेवर' और ‘नारी शिक्षा') के चुनिन्दा हिस्सों को शामिल किया गया है। ये उपदेशात्मक पुस्तकें हिन्दू और मुस्लिम महिलाओं के आचरण और व्यवहार से जुड़ी जेंडरगत परम्पराओं को मज़बूत करती हैं। आशा है, पाठकों के सहयोग से यह शुरुआत एक सफल अंजाम तक पहुँचेगी।
JEENE KI RAAH SHRIMADBHAGVADGITA
- Author Name:
Suhaib Ilyasi
- Book Type:

- Description: आपि यह पुस्तक उठाकर पढ़ रहे हैं तो इसका अर्थ है कि आप कहीं-न-कहीं आर्थिक, सामाजिक और आध्यात्मिक शांति तलाश रहे हैं। बेशक हजारों युगों से मानव का पथ-प्रदर्शन करनेवाली श्रीमद्भगवद्गीता आपके लिए भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी कभी यह महाबली अर्जुन या उन्नत महापुरुषों की प्रतिकूल अवस्थाओं में रही है। ‘जीने की राह’ में मौजूद श्रीमद्भगवद्गीता पर आधारित ‘सफलता के व्यावहारिक नियम’ आपके जीवन को सुखद और मंगलमय बनाने के लिए आज भी प्रासंगिक हैं। इस पुस्तक में वे सनातन रहस्य छिपे हैं, जो आपके विशिष्ट स्वप्नों को साकार करने में आपका मार्गदर्शन और आपकी सहायता करेंगे। यह इस धारणा को पुष्ट करती है कि आर्थिक या आध्यात्मिक सफलता केवल सुनिश्चित योजनाओं, उच्च महत्त्वाकांक्षा और कठिन परिश्रम से ही प्राप्त हो सकती है। प्रख्यात टेलीविजनकर्मी सुहैब इल्यासी ने इस पुस्तक में स्वयं अपने जीवन में श्रीमद्भगवद्गीता की व्यावहारिक उपयोगिता का प्रेरणात्मक उल्लेख किया है। उनका मानना है कि जब हम श्रीमद्भगवद्गीता द्वारा बताए तरीके से जीवन गुजारना शरू करते हैं तो फिर प्रकृति से तादात्म्य सहज ही स्थापित हो उठता है और जीवन में सुख-सौभाग्य, सुस्वास्थ्य, सुमधुर संबंध और भौतिक सुख अनायास ही प्राप्त होने लगते हैं। यह पुस्तक जीवन में आध्यात्मिक उत्थान और स्वयं की पहचान करानेवाली तथा जीवन को जबरदस्त उत्प्रेरणा से भर देनेवाली एक व्याहारिक कृति है।
UPSC Sookti Kosh - Key to Success in IAS Mains and Interview (UPSC Quotes Handbook Hindi Edition)
- Author Name:
Piyush Rohankar +1
- Book Type:

- Description: प्रस्तुत पुस्तक 'UPSC सूक्ति कोश' विशेष रूप से सिविल सेवा अभ्यर्थियों के लिए तैयार की गई है। सिविल सेवा अभ्यर्थी द्वारा किसी प्रश्न का उत्तर देते समय किसी सूक्ति को उद्धृत करना और प्रश्न के परिप्रेक्ष्य में उसकी व्याख्या करना उसके उत्तर को नया आयाम देता है तथा भाषा पर उसके अधिकार और विषय की समझ को प्रकट करता है। सूक्तियाँ विद्वानों, महापुरुषों और नीतिज्ञों के अनुभव और विचारों का सार हैं। आज के समय में UPSC, अभ्यर्थियों से यही अपेक्षा करता है कि वे सही समय पर सही निर्णय या सही विचार जनता तक पहुँचा सकें। विषय का उचित विश्लेषण और तार्किक क्षमता UPSC के अभ्यर्थियों के लिए सर्वोपरि है। ऐसे में सूक्तियाँ उनके लिए सफलता पाने का सशक्त माध्यम बन सकती हैं। प्रस्तुत पुस्तक में धार्मिक, सामाजिक, समकालिक सभी प्रकार की सूक्तियों का समावेश किया गया है ताकि अभ्यर्थी कम समय में अधिक विद्वानों के गूढ़ विचारों से अवगत हो सकें। आशा है यह पुस्तक न केवल UPSC की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के लिए अपितु आम पाठक के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी।
Vinamrata
- Author Name:
Ramesh Pokhriyal 'Nishank'
- Book Type:

- Description: "विनम्रता मानव जीवन में सबसे शक्तिशाली और महत्त्वपूर्ण गुणों में से एक है। विनम्र होना विश्वास बनाने में मदद करता है और सीखने की सुविधा देता है, जो नेतृत्व और व्यक्तिगत विकास के प्रमुख पहलू हैं। नम्रता वस्तुतः वह भावना या दृष्टिकोण है, जहाँ आप स्वयं को विशेष महत्त्व न देकर अभिमान रहित, निस्स्वार्थ भाव से दूसरों की भलाई के विषय में तत्पर रहते हैं। पहली नजर में विनम्रता एक नकारात्मक गुण की तरह लग सकती है—एक ताकत के बजाय कमजोरी के संकेत की तरह, परंतु वास्तव में विनम्रता एक ऐसा गुण है, जो आपको दूसरों की अपेक्षा श्रेष्ठ स्थापित करते हुए आपके जीवन को बहुत आगे ले जाएगी। आइए, इसे दूसरे तरीके से देखें। जिस व्यक्ति में नम्रता का अभाव होता है, वह अपने बारे में सोचता है और खुद को दूसरों से ऊँचा और बेहतर देखता है। ऐसे व्यक्ति से सब बचना चाहते हैं। हम जिस अहंकार के युग में रहते हैं, उसमें विनम्रता की शक्ति छिपी हुई है, उसे व्यक्तित्व का हिस्सा बनाना अत्यंत आवश्यक है। विनम्रता के लिए अत्यधिक आत्मज्ञान, आत्मनियंत्रण और आत्मसम्मान की आवश्यकता होती है। चाहे व्यक्ति हो, संगठन हो या संस्था हो, विनम्रता से ही शिखर तक पहुँचा जा सकता है। इसलिए विनम्रता को सफलता का मूलमंत्र भी कहा गया है। अगर नेतृत्व विनम्र है तो सब लोगों को साथ लेकर चलने की कला का स्वतः ही विकास हो जाता है। जरूरत पड़ने पर सब की सलाह और सहयोग लेने की क्षमता भी विकसित हो जाती है।
Jagadguru Shri Shankaracharya
- Author Name:
Deendayal Upadhyay
- Book Type:

- Description: "हमारे राष्ट्र निर्माताओं में जगद्गुरु श्री शंकराचार्य का स्थान बहुत ऊँचा है। कई विद्वानों ने तो उन्हें आधुनिक हिंदू धर्म का जनक ही कहा है। शंकराचार्य ने समस्त हिंदू-राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने एवं उसे संगठित करने का प्रयास किया। देश के चारों कोनों पर चार धामों के प्रति श्रद्धा केंद्रित करते हुए उन्होंने संपूर्ण भारतवर्ष की, मातृ-भू की मूर्ति जन-जन के हृदय पर अंकित कर दी। पंचायतन का पूजन प्रारंभ कर विभिन्न संप्रदायों को एक-दूसरे के आराध्य देवों के प्रति केवल सहिष्णुता का भाव ही नहीं तो सभी देवताओं के प्रति अपने इष्टदेव के माध्यम से वही श्रद्धा एवं आदर का भाव व्यक्त करने को प्रेरित किया, इसके अनुसार प्रत्येक पाँचों देवताओं—विष्णु, शुक्र, शक्ति, गणपति और सूर्य की पूजा करता है। अपनी श्रद्धा के अनुसार अपने इष्टदेव को बीच में तथा चारों ओर अन्य चार देवताओं को रखकर पूजन करने की उसे छूट है। चार धामों के समान ही उन्होंने समाज को धर्म मार्ग पर नियंत्रित एवं अनुशासित रखने के लिए चार शंकराचार्यों की अध्यक्षता में भारत के चारों कोनों में चार मठ स्थापित किए। —दीनदयाल उपाध्याय
A Prisoner's Scrap-Book
- Author Name:
L.K. Advani
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
BPSC TRE 4.0 Bihar Shikshak Bahali Class 11 To 12 History (Itihas) Higher Secondary School Teacher | 20 Practice Sets with Latest Solved Papers | Based on NCERT & SCERT Syllabus - Book in Hindi
- Author Name:
Dr. Ranjit Kumar Singh, IAS (AIR-49)
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...