Alag-Alag Vaitarni
Author:
Shivprasad SinghPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 236
₹
295
Available
प्रेमचन्द के बाद ग्रामीण जीवन का चित्रण करनेवाले सफल कथाकारों में शिवप्रसाद जी अगली पंक्ति में आते हैं। अपने इस वृहद् उपन्यास में उन्होंने उत्तर प्रदेश के करैता गाँव को समस्त भारतीय गावों के प्रतिनिधि के रूप में ग्रहण करके अत्यन्त यथार्थवादी एवं विचारोत्तेजक चित्रण प्रस्तुत किया है। स्वतंत्रतता आई, ज़मींदारी टूटी। करैता के किसानों को लगा कि दिन फिरेंगें। मगर हुआ क्या। अलग-अलग वैतरणी। अलग-अलग नर्क। इसे निर्मित किया है भूतपूर्व ज़मींदारी ने, धर्म तथा समाज के पुराने ठेकेदारों ने, भ्रष्ट सरकारी ओहदेदारों ने जिससे इस वैतरणी में जूझ और छटपटा रही है गाँव की प्रगतिशील नई पीढ़ी। निश्चय ही यह कृति हिन्दी उपन्यास साहित्य की एक उपलब्धि है।</p>
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ISBN: 9788180318733
Pages: 424
Avg Reading Time: 14 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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‘दिल एक सादा काग़ज़’ एक तरह ‘आधा गाँव’ से बिलकुल अलग है। यह ‘आधा गाँव’, ‘टोपी शुक्ला’, ‘हिम्मत जौनपुरी’ और ‘ओस की बूँद’ के सिलसिले की कड़ी है भी और नहीं भी है।
‘दिल एक सादा काग़ज़’ ‘जैदी विला’ के उस भूत की कहानी है जिसके कई नाम थे—रफ़्फ़न, सय्यद अली, रफ़अत ज़ैदी, बाग़ी आज़मी। और यह ज़ैदी विला, ढाका और बम्बई के त्रिकोण की कहानी है।
यह कहानी शुरू हुई तो ढाका हिन्दुस्तान में था। फिर वह पूरबी पाकिस्तान में होने लगा। और कहानी के ख़त्म होते-होते बांग्लादेश में हो गया। एक तरह से यह ढाका की इस यात्रा की कहानी भी है, हालाँकि ढाका इस कहानी में कहीं नहीं है। पहले वहाँ से ख़त आना शुरू होते हैं और फिर रिफ्यूजी, बस।
‘दिल एक सादा काग़ज़’ बम्बई के उस फ़िल्मी माहौल की कहानी भी है जिसकी भूलभुलैया आदमी को भटका देती है। और वह कहीं का नहीं रह जाता। नए अन्दाज़ और नए तेवर के साथ लिखा गया एक बिलकुल अलग उपन्यास।
Bhojan, Poshan Aur Swachchhata
- Author Name:
Dr. Virendra Singh Yadav +1
- Book Type:

- Description: किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ, स्फूर्तिमय और रोगमुक्त रहने के लिए स्वास्थ्यवर्धक भोजन, उत्तम पोषण और स्वच्छता का ध्यान सदैव रखना आवश्यक है। व्यक्ति प्रतिदिन संतुलित और पौष्टिक आहार लेकर, पर्याप्त जल एवं तरल पदार्थों का सेवन करके व्यक्ति कुपोषित होने से बच सकता है और रोगमुक्त होकर स्वस्थ जीवन जी सकता है। समाज में प्रचलित सामान्य गैर-संचारी बीमारियों, जैसे— डायबिटीज, उच्च रक्तचाप या अति तनाव, मोटापा या मेदुरता, कब्ज, अतिसार या डायरिया, टाइफायड या आंत्रज्वार के होने के कारण, बचाव और उपचार का ध्यान रखकर हम स्वयं तथा अपने परिवार और आसपास के इष्ट मित्रों को इन घातक बीमारियों से बचा सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों हेतु पुनर्गठित-एकीकृत सह-पाठ्यक्रम के सभी संकायों के स्नातक अर्थात् बी.ए., बी.एस-सी., बी.कॉम., बी.एस-सी. कृषि आदि के प्रथम सेमेस्टर या अन्य सेमेस्टर हेतु निर्धारित इस पाठ्यपुस्तक में भोजन, पोषण एवं स्वच्छता से संबंधित और पाठ्यक्रम में निर्धारित उपर्युक्त सभी क्षेत्रों के विषय में सरल, सहज व सुबोध भाषा में विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला गया है, ताकि प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित इस सह-पाठ्यक्रम के समस्त बिंदुओं को विद्यार्थी आसानी से समझ सकें।
Katha Viraat
- Author Name:
Sudhakar Adeeb
- Book Type:

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Description:
भारत का स्वाधीनता आन्दोलन जिस प्रकार से लड़ा गया उसमें आए अनेक उतार-चढ़ाव और संघर्ष हमें प्राचीन ‘महाभारत’ की याद दिलाते हैं। ‘कथा विराट’ के 18 अध्यायों में भारतीयों द्वारा अंग्रेज़ों के विरुद्ध लड़े गए आधुनिक महाभारत की वृहद् कथा बेहद दिलचस्प और तथ्यपरक ढंग से शृंखलाबद्ध है। यह सन् 1915 से 1950 तक के 35 वर्षों के स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण का एक सजीव इतिहास है।
महात्मा गांधी तो इस युग की आत्मा थे, किन्तु इस कथाकृति के महानायक हैं राष्ट्र-निर्माता सरदार पटेल। यह उपन्यास सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा वर्तमान के एकीकरण के लिए किए गए भगीरथ प्रयत्नों को समझने की एक दुर्लभ कुंजी भी है।
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