Rajbhasha Hindi
Author:
Dr. Bholanath TiwariPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
History-and-politics0 Reviews
Price: ₹ 320
₹
400
Unavailable
"भारतीय संविधान में ‘राजभाषा’ के रूप में हिंदी को स्वीकृति मिले काफी समय हो गया है; किंतु अभी तक इससे संबद्ध सारी बातें पुसतक रूप में नहीं आ सकी हैं। प्रसिद्ध भाषा-शास्त्री डॉ. भोलानाथ तिवारी ने इस पुस्तक में पहली बार राजभाषा के रूप में हिंदी के उद्भव, विकास, उसकी वर्तमान स्थिति तथा उसके मानकीकरण, आधुनिकीकरण एवं अन्य समस्याओं को विस्तार से लिया है; साथ ही उन समस्याओं के समाधान के लिए यथास्थान सुझाव भी दिए हैं।
राजभाषा से राष्ट्रलिपि की समस्या भी जुड़ी है। अत: यहाँ नागरी लिपि के ऐसे रूप पर भी विस्तार से विचार किया गया है, जो सभी भारतीय भाषाओं के लेखन में प्रयुक्त हो सके। इसमें परिवर्द्धित देवनागरी के अनेक चार्ट दिए हैं, जिनसे भारत की सभी लिपियों के साथ इसका तुलनात्मक अध्ययन सुगम हो गया है।
पुस्तक का यह दूसरा संस्करण है — पूरी तरह संशोधित और परिवर्द्धित। इसमें अनेक नई चीजें जुड़ने से पहले संस्करण की तुलना में इसकी उपयोगिता और भी बढ़ गई है। "
ISBN: 9789351865438
Pages: 240
Avg Reading Time: 8 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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