Bhartiya Sanskriti Sabhi Ke Liye
Author:
Shobhita Punja, Poornima DuttPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
History-and-politics0 Reviews
Price: ₹ 319.2
₹
399
Available
सहस्राब्दियों के भारतीय इतिहास, भारतीय संस्कृति के विस्तार, और देश के सार को आकर्षक और पाठकों के लिए बोधगम्य स्वरूप में प्रस्तुत करना कोई मामूली काम नहीं है। इन्टैक ने इस पुस्तक को रचनात्मक और सुंदर स्वरूप में तैयार किया है, और इन्टैक उम्मीद करता है कि भारतीय विरासत पर आशुजानकारी पाने के इच्छुक लोग इसे बहुत पसंद करेंगे। इस पुस्तक में उल्लेखित महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएँ, जिन्होंने उपमहाद्वीप के वर्तमान स्वरूप को आकार दिया है; कलात्मक परंपराओं और धर्मों के अभिन्न पहलुओं की स्पष्ट व्याख्याएँ, जो इस विविध रूपी और आकर्षक भूमि का निर्माण करती हैं, भारत के अध्ययन, समझ और सराहना में रुचि रखने वालों के लिए इसे एक आवश्यक संदर्भ पुस्तक बनाती हैं।
ISBN: 9789354472909
Pages: 96
Avg Reading Time: 3 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Papa Restart Na Hue
- Author Name:
Aalok Puranik
- Book Type:

- Description: ज़िंदगी जीने की तकनीक भले ही सबको समझ न आई हो, पर तकनीक बहुत गहराई से जिंदगी में घुस गई है। मोबाइल फोन जीवनसाथी से भी बड़ा जीवनसाथी हो गया है—24×7 का साथ है। नई पीढ़ी को फ्रेंडशिप के नाम पर फेसबुक याद आने लगता है। बहुत चीजें बदली हैं, पर बहुत चीजें नहीं भी बदली हैं। यह असंभव है कि जिसके फेसबुक पर पाँच हजार फ्रेंड हों, मौकेजरूरत पर उसे चार फ्रेंड का साथ भी उपलब्ध न हो। नई पीढ़ी नए फेसबुक के संदर्भ में नई फ्रेंडशिप के आशय को बखूबी समझने की कोशिश कर रही है। यह व्यंग्यसंग्रह बदलती तकनीक के संदर्भ में बुनियादी मानवीय रिश्तों को जाननेसमझने की कोशिश करता है। बाजार, तकनीक के बदलावों ने इनसान को किस तरह से बदला है और कहाँ से न बदल पाया है, इसका लेखाजोखा इस संग्रह में है। बदलते समाजशास्त्रअर्थशास्त्र को पकड़ने की कोशिश आलोक पुराणिक ने इस व्यंग्यसंग्रह में की है। वे इस काम को बेहतर तरीके से इसलिए कर पाते हैं कि वे एक तरफ कॉमर्स के एसोसिएट प्रोफेसर हैं, तो दूसरी तरफ समाज, तकनीक के महीन बदलावों पर पैनी नजर रखनेवाले व्यंग्यकार। बदलती तकनीक, बदलते बाजार के आईने में बदलते समाज को समझने के लिए यह व्यंग्यसंग्रह पढ़ना जरूरी है। व्यंग्यसंग्रह पूरा पढ़ने के बाद सिर्फ हँसी ही आपके साथ नहीं होगी, बल्कि अपने वक्त के बारे में ज्यादा समझदारी भी आप पैदा कर चुकेंगे।
Anna Kranti
- Author Name:
Ashutosh
- Book Type:

- Description: "अगस्त 2011 में मजबूत लोकपाल विधेयक की माँग को लेकर अन्ना हजारे का आमरण अनशन स्वतंत्र भारत के इतिहास की ऐतिहासिक घटना थी। कई घोटालों के उजागर होने के तुरंत बाद हुआ यह आंदोलन जिस तेजी से मध्यम वर्ग के बीच फैला उसने भारतीय जनमानस को आंदोलित कर दिया। उसमें एक आशा का संचार किया कि भारत से भ्रष्टाचार का खात्मा हो सकता है। मशहूर पत्रकार आशुतोष ने भारत को बदल देनेवाले इन 13 दिनों की कहानी बुनी है। उन्होंने सारी घटनाओं की सीधी जानकारी इसमें दी है, क्योंकि वे स्वयं भी अनशन स्थल, दिल्ली के रामलीला मैदान में उपस्थित थे और दोनों पक्षों—केंद्र की यू.पी.ए. सरकार तथा टीम अन्ना के साथ सीधे संपर्क में थे। अन्ना हजारे के आंदोलन की मानसिकता को समझाने के लिए आशुतोष ने जयप्रकाश नारायण के आंदोलन और महात्मा गांधी के सत्याग्रह को याद करते हुए स्वतंत्रता पूर्व के भारत की राजनीति की भी पड़ताल की है। भारत से भ्रष्टाचार के खिलाफ आम आदमी के आक्रोश के क्रांतिकारी 13 दिनों की सजीव दास्ताँ है यह पुस्तक। "
Shakespeare Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
William Shakespeare
- Book Type:

- Description: "विलियम शेक्सपियर—शेक्सपियर सदी के महान् नाटककार विलियम शेक्सपीयर का जन्म 26 अप्रैल, 1564 को इंग्लैंड में हुआ। कुछ लोग मानते हैं किसान का बेटा किसान होता है, डॉक्टर का डॉक्टर और सैनिक का सैनिक आदि-आदि। लेकिन शेक्सपीयर के खानदान का लेखन से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं था। उनके पिता पेशे से किसान थे, लेकिन शेक्सपीयर को खेती-किसानी नहीं भाई; बल्कि बचपन में उन्होंने एक नाटक देखा और शायद तभी फैसला कर लिया कि वह भी नाटककार बनेंगे। उनका सपना वर्ष 1592 में साकार हुआ, जब वह लंदन में थिएटर से जुड़े और जल्दी ही एक सफल अभिनेता व कलाकार के रूप में लोकप्रिय हो गए। उन्होंने दुखांत, सुखांत, मजाकिया—हर तरह के नाटक किए। उनके प्रसिद्ध नाटकों में ‘द कॉमेडी ऑफ एरर’,‘ रोमियो एंड जूलियट’, ‘द मर्चेंट ऑफ वेनिस’, ‘एज यू लाइक इट’, ‘हैमलेट’, ‘जूलियस सीजर’ इत्यादि शामिल हैं। आज लगभग 400 साल बाद भी उनके नाटकों के प्रति लोगों का जुनून बरकरार है। प्रस्तुत जीवनी उन्हीं महान् नाटककार के जीवन की घटनाओं से हमें परिचित कराती है। "
Bharat Ke Prachin Nagaron Ka Patan
- Author Name:
Ramsharan Sharma
- Book Type:

-
Description:
सुविख्यात इतिहासकार प्रो. रामशरण शर्मा की यह कृति पुरातात्त्विक साक्ष्यों के आधार पर प्राचीन काल के अन्तिम और मध्यकाल के प्रारम्भिक चरण में भारतीय नगरों के पतन और उजड़ते जाने का विवेचन करती है। इसके लिए लेखक ने तत्कालीन शिल्प, वाणिज्य और सिक्कों के अध्ययनार्थ भौतिक अवशेषों का उपयोग किया है तथा 130 से भी ज़्यादा उत्खनित स्थलों के विकास और विनाश के चिह्नों की पहचान की है। इस क्रम में जिन स्तरों पर अत्यन्त साधारण क़िस्म के अवशेष मिले हैं, वे इस बात का संकेत हैं कि भवन-निर्माण, उत्पादन और वाणिज्यिक गतिविधियों में कमी आने लगी थी।
लेखक के अनुसार नगर-जीवन के लोप होने के कारणों में साम्राज्यों का पतन तो है ही, सामाजिक अव्यवस्था और दूरवर्ती व्यापार का सिमट जाना भी है। लेकिन नगर-जीवन के बिखराव को यहाँ सामाजिक प्रतिगामिता के रूप में नहीं, बल्कि सामाजिक रूपान्तरण के एक अंग की तरह देखा गया है, जिसने क्लासिकी सामन्तवाद को जन्म दिया और ग्रामीण जीवन को विस्तारित एवं संवर्धित किया। यह कृति नगर-जीवन के ह्रास और शासकीय अधिकारियों, पुरोहितों, मन्दिरों एवं मठों को मिलनेवाले भूमि-अनुदानों के बीच सम्बन्ध-सूत्रों की भी तलाश करती है। यह भी दिखाया गया है कि भूमि-अनुदान प्राप्त करनेवाले वर्ग किस प्रकार अतिरिक्त उपज और सेवाएँ सीधे किसान से वसूलते थे तथा नौकरीपेशा दस्तकार जातियों को भूमि-अनुदान एवं अनाज की आपूर्ति द्वारा पारिश्रमिक का भुगतान करते थे।
इस सबके अलावा प्रो. शर्मा की यह कृति ई.पू. 1000 के उत्तरार्द्ध और ईसा की छठी शताब्दी के दौरान आबाद उत्खनित स्थलों के नगर-जीवन की बुनियादी जानकारी भी हासिल कराती है। कहना न होगा कि यह पुस्तक उन तमाम पाठकों को उपयोगी और रुचिकर लगेगी, जो कि गुप्त एवं गुप्तोत्तर काल की समाजार्थिक व्यवस्था में परिवर्तन की प्रक्रियाओं का अध्ययन करना चाहते हैं।
Agni Ki Udaan
- Author Name:
Dr. A.P.J. Abdul Kalam +1
- Book Type:

- Description: " त्रिशूल ' के लिए मैं ऐसे व्यक्ति की सुलाश में था जिसे न सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मिसाइल युद्ध की ठोस जानकारी हो बल्कि जो टीम के सदस्यों में आपसी समझ बढ़ाने के लिए पेचीदगियों को भी समझा सके और टीम का समर्थन प्राप्त कर सके । इसके लिए मुझे कमांडर एस.आर. मोहन उपयुक्त लगे, जिनमें काम को लगन के साथ करने की जादुई शक्ति थी । कमांडर मोहन नौसेना से रक्षा शोध एवं विकास में आए थे । ' अग्नि ', जो मेरा सपना थी, के लिए किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत थी जो इस परियोजना में कभी-कभी मेरे दखल को बरदाश्त कर सके । यह बात मुझे आर.एन. अग्रवाल में नजर आई । वह मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेकोलॉजी के विलक्षण छात्रों में से थे । वह डी.आर.डी.एल. में वैमानिकी परीक्षण सुविधाओं का प्रबंधन सँभाल रहे थे । तकनीकी जटिलताओं के कारण ' आकाश ' एवं ' नाग ' को तब भविष्य की मिसाइलों के रूप में तैयार करने पर विचार किया गया । इनकी गतिविधियाँ करीब आधे दशक बाद तेजी पर होने की उम्मीद थी । इसलिए मैंने ' आकाश ' के लिए प्रह्लाद और ' नाग ' के लिए एन. आर. अय्यर को चुना । दो और नौजवानो-वी.के. सारस्वत एवं ए.के. कपूर को क्रमश: सुंदरम तथा मोहन का सहायक नियुक्त किया गया । -इसी पुस्तक से प्रस्तुत पुस्तक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के जीवन की ही कहानी नहीं है बल्कि यह डॉ. कलाम के स्वयं की ऊपर उठने और उनके व्यक्तिगत एवं पेशेवर संघर्षों की कहानी के साथ ' अग्नि ', ' पृथ्वी ', ' आकाश ', ' त्रिशूल ' और ' नाग ' मिसाइलों के विकास की भी कहानी है; जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को मिसाइल-संपन्न देश के रूप में जगह दिलाई । यह टेकोलॉजी एवं रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की आजाद भारत की भी कहानी है । "
Supreme Court Mein Ramlala
- Author Name:
Pawan Kumar
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Patriots and Partisans
- Author Name:
Ramchandra Guha
- Book Type:

- Description: In this wide-ranging collection of essays, Ramachandra Guha defends the liberal centre against the dogmas of left and right, and does so with style, depth, and polemical verve. Among the subjects on which he turns a critical eye are Hindutva, the Communist left and the dynasty-obsessed Congress party. Whether writing about politics, profiling individuals or analysing social trends, Guha displays a masterly touch, confirming his standing as India's most admired historian and public intellectual. Key Features: Written in a wonderfully readable style, will provoke much debate and discussion Covering a wide range of subjects of contemporary relevance, such as: An essay on the threats to the Indian republic from the Right, the Left and the state itself An analysis comparing and contrasting two old men, PM Manmohan Singh and Anna Hazare An examination of the dynasty-obsessed Congress Party and its culture of sycophancy Hindutva hate mail which floods the Internet
Tughluq Kaleen Bharat : Vol. 2
- Author Name:
Saiyad Athar Abbas Rizvi
- Book Type:

-
Description:
यह ग्रन्थ तुगलक़ बादशाहों के महत्त्वपूर्ण कालखंड सन् 1351 से 1398 ई. पर केन्द्रित है। इस दौर में शासन की बागडोर सुल्तान फ़ीरोज़ और उसके उत्तराधिकारियों के हाथों में थी। यह ग्रन्थ उस युग की अत्यन्त महत्त्वपूर्ण और प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध कराता है।
फ़ारसी, अरबी, अंग्रेज़ी और हिन्दी के विद्वान और इतिहासकार डॉ. सैयद अतहर अब्बास रिज़वी ने इस ग्रन्थ का सम्पादन-अनुवाद किया है। उन्होंने इस ग्रन्थ में तत्सम्बन्धी अरबी और फ़ारसी में उपलब्ध तमाम ऐतिहासिक दस्तावेज़ों और सामग्रियों का उपयोग किया है जिनमें ज़ियाउद्दीन बरनी, शम्स सिराज अफ़ीफ़, यहया, मुहम्मद बिहामद ख़ानी, शरफ़ुद्दीन अली यज़दी, सुल्तान फ़ीरोज़ शाह, निज़ामुद्दीन अहमद, मीर मुहम्मद मासूम, हमीद क़लन्दर, ऐनुलमुल्क तथा मुतहर कड़ा जैसे विद्वान लेखकों, इतिहासकारों के ग्रन्थ शामिल हैं।
अनुवाद में फ़ारसी, अरबी के प्रचलित नियमों को, जिनका पालन इतिहासकार करते रहे हैं, ध्यान में रखा गया है। साथ ही आवश्यक टिप्पणियाँ भी जगह-जगह दर्ज कर दी गई हैं ताकि पाठकों को विषय को समझने में सुविधा हो।
इतिहास के छात्रों, शिक्षकों, शोधार्थियों और इतिहासकारों के साथ-साथ इतिहास में रुचि रखनेवाले आम पाठकों के लिए भी ग्रन्थ संग्रहणीय है।
Jatiyon Ka Loktantra : Jati Aur Aarakshan
- Author Name:
Arvind Mohan
- Book Type:

- Description: भारत के सामाजिक पदानुक्रम को आरक्षण ने काफी बदला है, लेकिन उतना शायद नहीं जितने की अपेक्षा थी, और जिसको ध्यान में रखकर हमारे संविधान-निर्माताओं ने सामाजिक न्याय को एक आधारभूत मूल्या माना था। आज भी समाज का एक बड़ा हिस्सा सबसे कमजोर भारतवासियों को मिले आरक्षण को वैरभाव से देखता है, आज भी ऊँचे सरकारी पदों पर दलित-आदिवासी बहुत कम हैं और चतुर्थ श्रेणी या सफाई जैसे कामों में उनकी संख्या ज्यादा दिखाई देती है। ‘जातियों का लोकतंत्र’ शृंखला की यह पुस्तक भारत में आरक्षण की अवधारणा के पैदा होने, उसके लागू किए जाने, उसके विरोध और उसके समर्थन आदि हर पहलू पर विचार करती है। इसमें संकलित एक-एक आलेख को आरक्षण पर केन्द्रित प्रामाणिक अध्ययन माना जा सकता है, जिन्हें इसके सम्पादक, अरविन्द मोहन ने निश्चय ही इस उद्देश्य से जुटाया है कि हम आज, जबकि आरक्षण को बस एक चुनावी औजार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, यह जान सकें कि आरक्षण बतौर एक व्यवस्था और बतौर एक विचार क्या है! यह पुस्तक आरक्षण के पीछे के तर्कों, इसे लेकर हुई बहसों, तथ्यों और विकल्पों, सबसे अवगत कराती है। इसके अध्ययन से एक सामान्य पाठक भी जान सकेगा कि लगातार बहस में रहनेवाले आरक्षण को लेकर हमें एक सामाजिक रूप में कैसे सोचना चाहिए; कि क्या वह महज एक आर्थिक प्रश्न है, या कि उसका कुछ सम्बन्ध मनुष्योचित व्यवहार और सम्मान से भी है!
Vedic Kaal
- Author Name:
Irfan Habib
- Book Type:

-
Description:
‘भारत के लोक इतिहास’ श्रृंखला के इस खंड का विषय 1500 ईसा पूर्व से 700 ईसा पूर्व के बीच का काल-खंड है जिसके तहत ऋग्वेद और उसके बाद के ग्रन्थों को क्रमशः व्यवस्थित किया गया है और उस युग के भूगोल, प्रव्रजन, प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था और समाज के साथ-साथ धर्म और दर्शन आदि पहलुओं का अन्वेषण किया गया है। लेखकों की कोशिश रही है कि उक्त आदिग्रन्थों के माध्यम से तत्कालीन जन-जीवन की पुनर्रचना कर आम पाठकों के लिए उसे बोधगम्य बनाया जाए। इस प्रक्रिया में लैंगिक और वर्ग-आधारित सामाजिक विभाजनों को ख़ास तौर पर देखने की कोशिश की गई है।
पुस्तक के एक अध्याय में पुरातात्त्विक साक्ष्यों के आधार पर प्रमुख क्षेत्रीय संस्कृतियों का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया गया है। इतिहास में लोहे का आगमन एक महत्त्वपूर्ण घटना है जो इसी युग में सम्पन्न हुई थी, सो उसका वर्णन किंचित् विस्तार से हुआ है। साथ ही जाति व्यवस्था के आरम्भ पर भी इस पुस्तक में अपेक्षित प्रकाश डाला गया है।
मूल ग्रन्थों के उद्धरणों, तार्किक व्याख्याओं और विश्लेषणों, अनेक प्रामाणिक चित्रों और नक़्शों से समृद्ध यह पुस्तक न सिर्फ़ रुचिकर, बल्कि पाठकों को विचारोत्तेजक भी लगेगी।
Manjhinama | The True Story Of A Bonded Labourer Becoming A Union Minister | Minister Enterprises of India Jitan Ram Manjhi Book In Hindi
- Author Name:
Amreen Khan
- Book Type:

- Description: जीतन राम मांझी एक राजनीतिज्ञ हैं, जो केंद्र सरकार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री हैं। वर्तमान में वे गया निर्वाचन क्षेत्र से संसद् सदस्य हैं। 20 मई, 2014 से 20 फरवरी, 2015 तक वे बिहार के 23वें मुख्यमंत्री भी रहे। इससे पहले उन्होंने नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री के रूप में कार्य किया। मांझी 1980 से बिहार विधानसभा के सदस्य हैं। मांझी का जन्म 6 अक्तूबर, 1944 को बिहार के गया जिले के खिजरसराय क्षेत्र के महकार गाँव में हुआ था। मगध विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने 13 साल तक गया टेलीफोन एक्सचेंज में काम किया। जीतन राम मांझी ने 1980 में राजनीति में प्रवेश किया। कांग्रेस पार्टी के टिकट पर फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 1990 का चुनाव हारने के तुरंत बाद मांझी जनता दल में चले गए। 1996 से 2005 तक मांझी बिहार में आरजेडी राज्य सरकार में मंत्री थे। 2010 के बिहार चुनावों में वे जहानाबाद जिले के मखदुमपुर से राज्य विधानसभा के लिए चुने गए। 2015 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद मांझी ने पार्टी से अलग होकर हिंदुस्तान आवाम मोर्चा सेक्युलर नाम से अपनी पार्टी बनाई और भाजपा के नेतृत्व वाली एन.डी.ए. में शामिल हो गए।
Communist China : Avaidh Astitva
- Author Name:
Prof. Kusumlata Kedia
- Book Type:

- Description: यह अल्पज्ञात तथ्य है कि चीन का ‘चीन’ नाम भारत का दिया हुआ है। चीन तो स्वयं को झुआंगहुआ कहता है। इससे भी अल्पज्ञात तथ्य यह है कि महाभारत काल में चीन भारत के सैकड़ों जनपदों में से एक था। प्रशांत महासागर के तट पर पीत नदी के पास यह लघु राज्य भारत से हजारों किलोमीटर दूरस्थ था। पाठकों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि अपने इतिहास के अधिकांश में चीन भरतवंशी शासकों के अधीन अर्थात् परतंत्र रहा है। आज के विशाल चीन का निर्माण तत्कालीन सोवियत संघ, ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमरीका आदि के अनुग्रह, हस्तक्षेप और प्रत्यक्ष-परोक्ष सहयोग से ही संभव हुआ है। अन्यथा पुराने चीन को कभी भी बाहरी शक्तियों से ऐसी व्यापक एवं प्रभावकारी सहायता नहीं मिलती। इसलिए यह चीन न होकर, विस्तारवादी और उपनिवेशवादी कम्युनिस्ट चीन है और इस प्रकार यह नैसर्गिक राष्ट्र न होकर कृत्रिम देश है। कम्युनिस्ट चीन के आततायी और दमनकारी साम्राज्यवाद से तिब्बतियों, मंगोलों, मांचुओं, तुर्कों और हानों की मुक्ति आवश्यक है और इसमें भारत की महती भूमिका हो सकती है। यह वैसे भी भारत का कर्तव्य है कि सदा से हमारे अभिन्न तथा आत्मीय रहे तिब्बत पर चीन का बलात् कब्जा कराने में मुख्य भूमिका भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री की ही रही। उन्होंने ही इतिहास में पहली बार चीन को भारत का पड़ोसी बनाया। अत: इस भयंकर भूल को सुधारना भारत का नैतिक दायित्व है। इन सभी दृष्टियों से यह पुस्तक महत्त्वपूर्ण पथ-प्रदर्शक तथा अवश्य पठनीय है।
Amar Shaheed Ashfaq Ulla Khan
- Author Name:
Banarsidas chaturvedi
- Book Type:

-
Description:
‘‘जब तुम दुनिया में आओगे तो मेरी कहानी सुनोगे और मेरी तस्वीर देखोगे। मेरी इस तहरीर को मेरे दिमाग़ का असर न समझना। मैं बिलकुल सही दिमाग़ का हूँ और अक़्ल ठीक काम कर रही है। मेरा मक़सद महज़ बच्चों के लिए लिखना यूँ है कि वह अपने फ़राइज़ महसूस करें और मेरी याद ताज़ा करें।’’
उक्त बातें क्रान्तिकारी शहीद अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ ने अपने भतीजों के लिए, फाँसी से ठीक पूर्व लिखी थीं। उनका मक़सद देश की नौजवान पीढ़ी को उनके दायित्वों और प्रतिबद्धताओं से वाक़िफ़ कराना था। देशभक्ति से सराबोर ऐसे क्रान्तिकारी आज विस्मृत कर दिए गए हैं। क्रान्तिकारियों और स्वतंत्रता-सेनानियों के हमदर्द बनारसीदास चतुर्वेदी द्वारा सम्पादित यह पुस्तक अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ के क्रान्तिकारी जीवन और उनके काव्य-संसार से पाठक का परिचय कराती है। दरअसल उनकी रचनाओं और जीवन के मुक़ाम के रास्ते दो नहीं एक रहे हैं। पुस्तक में अशफ़ाक़ उल्ला का बचपन, सरफ़रोशी की तमन्नावाले जवानी के दिन, अंग्रेज़ों के प्रति मुखर विद्रोह और अन्ततः देश की ख़ातिर फाँसी के तख़्ते पर चढ़ाए जाने तक की सारी बातें सिलसिलेवार दर्ज हैं। किताब का सबसे महत्त्वपूर्ण हिस्सा है—अशफ़ाक़ के पत्र, उनके सन्देश, उनकी ग़ज़लें, शायरी तथा उनके लेख जिनमें वह अपनी ‘ख़ानदानी हालत’, ‘बचपन और तालीमी तरबियत’, ‘स्कूल और मायूस ज़िन्दगी’ और ‘जज़्बाते-इत्तिहादी इस्लामी’ का यथार्थ वर्णन करते हैं। रामप्रसाद बिस्मिल और अशफ़ाक़ उल्ला को जानना देश की गंगा-जमना तहज़ीब की विरासत और उनके रग-रेशे में प्रवाहित देशभक्ति और मित्रभाव को भी जानना है। बनारसीदास चतुर्वेदी के अलावा रामप्रसाद ‘बिस्मिल’, मन्मथनाथ गुप्त, जोगेशचंद्र चटर्जी और रियासत उल्ला ख़ाँ के लेख भी अशफ़ाक़ की वतनपरस्ती और ईमान की सच्ची बानगी पेश करते हैं। निस्सन्देह, यह पुस्तक अशफ़ाक़ को नए सिरे से देखने और समझने में मददगार साबित होती है।
Gathbandhan Ki Rajneeti Speeches By Shri Atal Bihari Vajpayee
- Author Name:
Dr. N.M. Ghatate
- Book Type:

- Description: भारतीय राजनीति गठबंधन के दौर में में न केवल प्रवेश कर चुकी है, गठबंधन की सरकारों का गठन अब भारतीय लोकतंत्र का वर्तमान और आगामी अतीत नजर आ रहा है। राष्ट्रीय दलों ही नहीं, क्षेत्रीय दलों की पैठ मतदाताओं में जितनी गहरी होती जाएगी, यह चलन बढ़ेगा। क्षेत्रीय मुद्दों पर ही नहीं, राष्ट्रीय मुद्दों पर भी अपने क्षेत्रीय दलों पर मतदाता का भरोसा लगातार बढ़ रहा है। यही वजह है कि मतदाता चाहता है कि राष्ट्रीय स्तर पर भी उसका प्रतिनिधित्व उसके क्षेत्रीय दल करें। पिछले लगभग एक दशक से मतदाताओं ने गठबंधन की सरकारों के गठन का जनादेश दिया है। अपने प्रधानमंत्रित्व काल में श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जो उपलब्धियाँ हासिल की हैं, उन्हें सहज शब्दों में कहा जा सकता है-जो कहा, वह कर दिखाया। प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने के बाद भी उनकी कथनी और करनी एक ही बनी रही। अपनी बात को स्पष्ट और दृढ़ शब्दों में कहना अटलजी जैसे निर्भय और सर्वमान्य व्यक्ति के लिए सहज और संभव रहा है। मुद्दा चाहे पड़ोसियों से संबंध सुधारने की दिशा में चीन यात्रा का हो, लाहौर बस यात्रा हो या कारगिल से दुश्मन को खदेड़ना, आगरा वार्ता हो या फिर से खेल संबंधों की बहाली, परमाणु परीक्षण हो या डब्ल्यू.टी.ओ. पर दो टूक राय या अमेरिका की मध्यस्थता को ठुकराने का फैसला। अटलजी के शासनकाल में देश की अर्थव्यवस्था ने नई ऊँचाइयों को छुआ। विदेशी मुद्रा भंडार, सूचना प्रौद्योगिकी, आउट सोर्सिंग, किसान बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, ग्रामीण सड़क योजना, स्वर्ण चतुर्भुज राजमार्ग, नदियों का एकीकरण, सागर माला, दूरसंचार सुविधाओं का विकास, ऊर्जा क्षेत्र का विस्तार जैसी दर्जनों योजनाएँ हैं, जो अटल जी के कार्यकाल में शुरू हुईं और जो आगामी अतीत में भारत को विकसित देशों की पंक्ति में स्थान दिलाने में सफल होंगी। भारतीय राजनीति को अटल जी का योगदान है- समन्वय की राजनीति, सामंजस्य की राजनीति, मिल- जुलकर राष्ट्रहित में आगे बढ़ने की दिशा देना।
Bhrashtachar Bharat Chhodho
- Author Name:
Kiran Bedi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Vidrohi Mahatma
- Author Name:
Nandkishore Acharya
- Rating:
- Book Type:

-
Description:
गाँधी के लिए नैतिक ही आध्यात्मिक है, मनुष्य ईश्वर की साकार प्रतिच्छवि है और जीवन की दैनन्दिनी ही ईश्वर का कार्यकलाप। यही वह चीज है जो गाँधी की आध्यात्मिकता को धार्मिक पाखंड से अलग करके उसे व्यक्ति के नैतिक व आंतरिक उत्तरदायित्व से जोड़ देती है। लौकिक सन्दर्भों में उसे मानवसुलभ और व्यापक बना देती है।
इस पुस्तक में नन्दकिशोर आचार्य गाँधी विषयक उन धारणाओं का उन्मूलन करते हैं जो गाँधी-विरोधियों के लिए लगभग फ़ैशन हो चली है। वे आश्चर्य व्यक्त करते हैं कि कबीर को उनकी आध्यात्मिकता के बावजूद क्रान्तिकारी या विद्रोही मानने वाले विद्वान कबीर के समकक्ष, बल्कि अधिक व्यापक गाँधी की आध्यात्मिकता के चरित्र को क्यों नहीं समझ पाते?
इसी तरह मार्क्स समेत अनेक विचारकों द्वारा हिंसा को स्वीकार्य मान लिए जाने के बावजूद, गाँधी द्वारा अहिंसा को एक अस्त्र के ही रूप में प्रस्तुत करना, उसे साधना खुद में एक क्रांतिकारी घटना थी जिसने मनुष्य के निज विवेक को समूह के अचिंतित आवेगों-उद्वेगों से ऊपर और अपेक्षाकृत ज़्यादा शक्तिशाली बताया, जो मानव के रचनात्मक पक्ष की उत्तरजीविता की ज्यादा भरोसेमंद गारंटी देता है।
साध्य के मुक़ाबले साधन की पवित्रता पर ज़ोर देना, निर्बलतम के कल्याण को सभ्यता की कसौटी मानना और किसी भी विचार की पहली प्रयोग स्थली अपने ही जीवन और देह को बनाना—इन सबको भले ही आज वाचल और अर्थ-क्षरित जुमलेबाजियों ने घिस-घिसकर बेअसर कर दिया हो, लेकिन अपने मस्तिष्क की सफाई करके देखें तो ये सचमुच ही बड़े और क्रान्तिधर्मी विचार हैं जो हमारी जीवन तथा विश्वदृष्टि को आमूल बदल सकते हैं। गाँधी को एक नए सिरे से जानने के लिए इस पुस्तक को अवश्य पढ़ें।
Vaishvik Yug Ka Bharat : Aarthik Sudhar Aur Samaveshi Vikas Ka Aadhar
- Author Name:
Dr. Vandna Dangi
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Ashfakulla Aur Unka Yug
- Author Name:
Sudhir Vidyarthi
- Book Type:

-
Description:
भारतीय क्रन्तिकारी आन्दोलन के इतिहास-लेखकों में सुपरिचित सुधीर विद्यार्थी की यह पुस्तक काकोरी कांड के सर्वाधिक युवा और तेजस्वी शहीद अशफ़ाक़ उल्ला के महान अवदान का दस्तावेज़ी मूल्यांकन है।
काकोरी कांड का समूचे भारतीय स्वाधीनता-संग्राम में एक विशेष महत्त्व है। यह केवल ब्रिटिश सरकार पर ही राजनीतिक हमला नहीं था, बल्कि 1921 के असहयोग आन्दोलन के स्थगन से उपजे राजनीतिक शून्य को भरने का भी प्रयास था। साथ ही इस कांड की एक सकारात्मक भूमिका और भी थी। तत्कालीन साम्प्रदायिक माहौल के ख़िलाफ़ राष्ट्रीयता को बढ़ावा देने में इससे भारी प्रेरणा मिली। राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, ठाकुर रोशनसिंह और रामप्रसाद बिस्मिल के साथ अशफ़ाक़ उल्ला का बलिदान भारतीय जनता के लिए अविस्मरणीय हो उठा। अपनी चिट्ठियों, बयानों और नज़्मों से उन्होंने देश को एक नई राह पकड़ने की प्रेरणा देते हुए क्रान्तिकारी आन्दोलन में पहली बार मार्क्सवादी सिद्धान्तों की हिमायत की।
वस्तुतः अशफ़ाक़ उल्ला के क्रान्तिकारी जीवन-संघर्ष के साथ-साथ यह कृति काकोरी युग के समूचे राजनीतिक वातावरण, वैचारिकता और क्रान्तिकारियों की ज्वलन्त राष्ट्रनिष्ठा को तथ्यात्मक ढंग से प्रस्तुत करती है।
Khandhar Bolte Hai
- Author Name:
Gunakar Muley
- Book Type:

-
Description:
किसी देश के इतिहास और सांस्कृतिक विकास-क्रम को जानने-समझने में अन्य स्रोतों के साथ ऐतिहासिक इमारतों और क़िलों का भी ख़ासा योगदान होता है। वे हमारे लिए अतीत का साक्षात् आईना होते हैं।
इतिहास, पुरातत्त्व, पुरालिपि और मुद्राशास्त्र के उद्भट विद्वान और विज्ञान को सरल भाषा में सामान्य पाठक के लिए सुगम बनानेवाले जनप्रिय लेखक गुणाकर मुळे की यह पुस्तक हमें उन खँडहरों की यात्रा पर ले जाती है, जिनमें हमारे इतिहास की लोमहर्षक गाथाएँ छिपी हैं।
कौन-सा क़िला कब अस्तित्व में आया, उसका निर्माण किसने कराया, वह किन युद्धों का साक्षी रहा, इन सब तथ्यों की प्रामाणिक जानकारी के साथ यह पुस्तक तत्कालीन राजवंशों के चित्रों, उस समय प्रयोग में आनेवाले अस्त्रों, क़िलों की बनावट, निर्माण कला और हवेलियों आदि का भी सम्यक् ब्यौरा उपलब्ध कराती है। बीच-बीच में नक़्शों के द्वारा भी विषय को स्पष्ट किया गया है।
कहना न होगा कि इतिहास के रोमांचक गलियारों का रहस्य खोलती यह पुस्तक न सिर्फ़ इतिहास के विद्यार्थियों के लिए, बल्कि सामान्य पाठकों के लिए भी अत्यन्त उपयोगी है।
Uttar Pradesh Ka Swatantrata Sangram : Balrampur
- Author Name:
Pawan Bakshi
- Book Type:

-
Description:
सन् सत्तावन के स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी करनेवाली रानी तुलसीपुर का उल्लेख कहीं-कहीं ऐश्वर्य राजेश्वरी देवी के रूप में भी मिलता है और ईश्वरी कुमारी के रूप में भी। इस पुस्तक में उनके और अन्य स्वतंत्रता-सेनानियों के संघर्ष को रेखांकित किया गया है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपने-अपने समय पर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले ऐसे अनेक सेनानी हैं जिनके बारे में आज बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। रानी तुलसीपुर भी उनमें से एक हैं। उनके बारे में अभी तक इतना ही ज्ञात था कि विद्रोह के दौरान वे बेगम हजरत महल के साथ नेपाल चली गई थीं। यह पुस्तक उनकी पूरी वीरगाथा को सामने लाती है जिसके लिए लेखक ने लिखित इतिहास के अलावा सैकड़ों गाँवों में घूम-घूमकर बुजुर्गों से कहानियाँ भी सुनीं और फिर वास्तविक तथ्यों के आधार पर यह पुस्तक लिखी।
रानी तुलसीपुर के साथ-साथ इसमें स्वतंत्रता आंदोलन में बलरामपुर जिले की भूमिका भी स्पष्ट होती है।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...