
Ajay Hum
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
172
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
344 mins
Book Description
हम शेरों जैसे ताक़तवर नहीं हैं,</p> <p>न डॉल्फिन की तरह तैर सकते हैं,</p> <p>और निश्चय ही हमारे पंख भी नहीं हैं!</p> <p> </p> <p>तो फिर हमने इस दुनिया पर राज कैसे किया?</p> <p> </p> <p>इसका जवाब एक ऐसी अजीब कहानी में है, जो शायद ही फिर कभी सुनने को मिले. वह भी एक सच्ची कहानी!</p> <p> </p> <p>कभी आपके दिमाग़ में यह सवाल पैदा हुआ कि हमने यह मुक़ाम कैसे हासिल किया?</p> <p>हाथियों ने शिकार से लेकर स्मार्ट फोन चलाने तक का सफ़र?</p> <p>आखिर कैसे बने हम...अजेय?</p> <p>इसके पीछे की सच्चाई यह है कि हमारे पास एक सुपर पावर है.</p> <p>और वह यह कि - हम कहानियाँ गढ़ सकते हैं.</p> <p>यह ऐसा इतिहास है जिसे आपने पहले कभी अनुभव नहीं किया होगा.</p> <p>जानिए कि कैसे क़िस्सागोई की इस अनोखी ख़ूबी का इस्तेमाल हमने अच्छाई-बुराई को समझने और दुनिया पर</p> <p>राज करने के लिए किया.</p> <p>और जानिए कि दुनिया को बदल देने की यह ताक़त हासिल कैसे हुई?</p> <p>हरारी युवा पाठकों को साथ लेकर मानव जाति के इतिहास की यात्रा पर निकले हैं. रोमांचक तथ्य और जानदार</p> <p>चित्रांकन के ज़रिए विस्तृत और उलझे हुए विषय को ख़ूबसूरती से पेश करते हैं.</p> <p> </p> <p>सबीना रादेवा, ‘ओरिजिन ऑफ़ स्पीशीज़’ की लेखिका