Tum Zindgi Ka Namak Ho
Publisher:
Pustaknama
Language:
Hindi
Pages:
64
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
128 mins
Book Description
तुम्हारी स्मृतियाँ इतनी गहरी हैं, जैसे नये-नकोर मकान पर कोई बच्चा ईंट के टुकडे से गुस्से में अपना नाम लिख दे। जैसे अलभोर ने रचा है धुंधलको को। रात रचती है सुबह की रोशनी। हर प्रेम रचता है अथवा यूँ कहेंं रचेगा आँसू। आज मेरे यार की शादी है, बैंड में नाच रहे होते हैं कुछ लोग। मगर कहीं दूर सूड़क रही होती है कोई नाक को। आँसू, जो दजला-फरात बनकर उसके गले में भर आए हैं। रोती है बाथरूम में जाकर जार-जार। -इसी किताब से